शेयर बाजार की गिरावट के कारण: बड़ी खबरों के बावजूद बाजार क्यों सुस्त?
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देश में हाल ही में कई बड़ी आर्थिक घोषणाएं हुईं, जिनमें बजट 2025, आरबीआई की रेपो रेट कटौती, और दिल्ली चुनावों में बीजेपी की जीत शामिल हैं। इसके बावजूद शेयर बाजार की गिरावट के कारण निवेशकों को चिंता में डाल रहे हैं। आखिर क्या वजह है कि ये पॉजिटिव खबरें भी बाजार को उछाल नहीं दे पाईं? आइए विस्तार से समझते हैं।
शेयर बाजार की गिरावट के कारण क्या हैं?
1. अमेरिकी टैरिफ वॉर का असर
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में स्टील और एल्युमिनियम आयात पर 25% अतिरिक्त शुल्क लगाया है। इससे भारतीय कंपनियों पर दबाव बढ़ा है, जिससे शेयर बाजार प्रभावित हुआ है।
2. रुपये में गिरावट जारी
भारतीय रुपया लगातार कमजोर हो रहा है और हाल ही में 87.94 के ऑल-टाइम लो पर पहुंच गया। मुद्रा के अवमूल्यन से निवेशकों का भरोसा डगमगा रहा है और यह भी शेयर बाजार की गिरावट के कारण में से एक है।
3. विदेशी निवेशकों की बिकवाली
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (FPI) भारतीय बाजारों से लगातार पैसे निकाल रहे हैं। इस बिकवाली का असर सेंसेक्स और निफ्टी पर साफ देखा जा सकता है।
4. कंपनियों के खराब तिमाही नतीजे
ITC, Tata Chemicals, Adani Enterprises जैसी बड़ी कंपनियों के तिमाही नतीजे उम्मीद के अनुरूप नहीं रहे। इससे बाजार में मंदी का माहौल बन गया है।
बड़ी आर्थिक घोषणाएं भी नहीं बचा सकीं बाजार को
बजट 2025 का असर नहीं दिखा
इस साल के बजट में 12 लाख रुपये तक की इनकम टैक्स फ्री की गई, लेकिन इसका बाजार पर कोई सकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ा।
आरबीआई की रेपो रेट कटौती भी बेअसर
पांच साल बाद RBI ने रेपो रेट में 25 बेसिस पॉइंट की कटौती की, लेकिन इससे भी बाजार में कोई तेजी नहीं आई।
दिल्ली चुनावों में बीजेपी की जीत भी बेअसर
दिल्ली विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की, लेकिन शेयर बाजार में इस जीत का कोई सकारात्मक संकेत नहीं दिखा।
निवेशकों को क्या करना चाहिए?
अगर आप शेयर बाजार में निवेश कर रहे हैं, तो मौजूदा शेयर बाजार की गिरावट के कारण को ध्यान में रखते हुए सतर्कता बरतें। लॉन्ग टर्म निवेशक घबराएं नहीं, लेकिन शॉर्ट टर्म में बाजार की चाल को समझकर निर्णय लें।
बड़ी आर्थिक घोषणाओं के बावजूद शेयर बाजार में उछाल नहीं दिख रहा है। अमेरिकी टैरिफ वॉर, रुपये की कमजोरी, विदेशी निवेशकों की बिकवाली और कमजोर तिमाही नतीजों ने बाजार को दबाव में डाल दिया है। निवेशकों को इस समय सोच-समझकर निवेश करने की जरूरत है।
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