अब्दुल्ला आजम खान जेल से रिहाई: 17 महीने बाद आज़ाद, समर्थकों ने किया भव्य स्वागत
समाजवादी पार्टी (सपा) के नेता अब्दुल्ला आजम खान 17 महीने जेल में बिताने के बाद मंगलवार को हरदोई जेल से रिहा हुए। उनकी रिहाई के बाद समर्थकों में जबरदस्त जोश देखने को मिला। बड़ी संख्या में सपा कार्यकर्ता और उनके समर्थक जेल के बाहर मौजूद थे।
जेल से बाहर आए अब्दुल्ला आजम खान
अब्दुल्ला आजम खान जेल से रिहाई दोपहर करीब 12 बजे हुई, जब सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें जेल से बाहर निकाला। सफेद कुर्ता-पायजामा और गहरे रंग की वेस्टकोट पहने हुए अब्दुल्ला आज़म खान लंबे बालों में पोनीटेल लुक में नजर आए।
उनकी रिहाई के बाद सपा नेताओं और समर्थकों ने जोरदार स्वागत किया। इस दौरान मुरादाबाद की सांसद रुचि वीरा भी जेल के बाहर मौजूद रहीं।
कौन हैं अब्दुल्ला आजम खान?
अब्दुल्ला आजम खान रामपुर के स्वार विधानसभा क्षेत्र से पूर्व विधायक हैं और वरिष्ठ सपा नेता एवं पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खान के बेटे हैं। उनके खिलाफ विभिन्न मामलों में कुल 45 केस दर्ज किए गए थे, जिनमें से सभी में उन्हें जमानत मिल चुकी है।
अब्दुल्ला आजम खान को किस मामले में मिली जमानत?
हाल ही में एमपी/एमएलए स्पेशल मजिस्ट्रेट ट्रायल कोर्ट के जज शोभित बंसल ने 2020 में दर्ज शत्रु संपत्ति मामले में उन्हें जमानत दे दी थी। हालांकि, जमानत सत्यापन प्रक्रियाओं के कारण उनकी रिहाई में देरी हुई।
सोमवार को एमपी-एमएलए मजिस्ट्रेट ट्रायल कोर्ट से हरदोई जेल प्रशासन को उनके रिहाई के आदेश भेजे गए, जिसके बाद उनकी रिहाई का रास्ता साफ हुआ।
समर्थकों और सपा नेताओं की प्रतिक्रिया
अब्दुल्ला आजम खान जेल से रिहाई के बाद सपा सांसद रुचि वीरा ने न्याय व्यवस्था पर भरोसा जताते हुए कहा:
“हमें न्यायपालिका पर हमेशा भरोसा था और अब भी है। न्याय हुआ है, हालांकि इसमें कुछ समय लगा। लेकिन अंततः सच्चाई की जीत हुई और अब्दुल्ला आज़म खान रिहा हो गए।”
आजम खान अभी भी जेल में बंद
जहां एक ओर अब्दुल्ला आजम खान जेल से रिहाई के बाद अपने घर लौट चुके हैं, वहीं उनके पिता आजम खान अब भी विभिन्न मामलों के चलते सीतापुर जेल में बंद हैं।
सपा समर्थकों को उम्मीद है कि जल्द ही उन्हें भी न्याय मिलेगा और वह भी रिहा होंगे।
अब्दुल्ला आजम खान जेल से रिहाई सपा कार्यकर्ताओं के लिए एक बड़ी राहत लेकर आई है। 17 महीने जेल में रहने के बाद वह अब अपने राजनीतिक करियर को फिर से आगे बढ़ाने की तैयारी कर सकते हैं। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि वह अपनी राजनीतिक रणनीति कैसे तैयार करते हैं और सपा के लिए आगे क्या भूमिका निभाते हैं।
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