शेयर बाजार गिरावट: सेंसेक्स 1414 अंक टूटा, निफ्टी में ऐतिहासिक गिरावट

शेयर बाजार में शुक्रवार को जबरदस्त गिरावट देखने को मिली। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा चीनी उत्पादों पर 10% अतिरिक्त टैरिफ लगाने की घोषणा के बाद वैश्विक बाजारों में बिकवाली का दौर शुरू हो गया। इसका सीधा असर भारतीय शेयर बाजार पर भी पड़ा, जिससे सेंसेक्स 1414 अंक और निफ्टी 420 अंक तक लुढ़क गया। यह शेयर बाजार गिरावट 1996 के बाद निफ्टी की सबसे लंबी मासिक गिरावट साबित हुई।
शेयर बाजार गिरावट के मुख्य कारण
- अमेरिकी टैरिफ नीति – अमेरिका द्वारा चीन, कनाडा और मैक्सिको से आयातित उत्पादों पर टैरिफ बढ़ाने की घोषणा।
- ग्लोबल मार्केट में कमजोरी – दुनिया भर के बाजारों में भारी गिरावट, जिससे निवेशकों में डर का माहौल।
- कमजोर कॉर्पोरेट आय – कंपनियों की कमाई उम्मीद के अनुसार नहीं रही, जिससे निवेशकों का भरोसा घटा।
- बिकवाली का दबाव – बड़े निवेशकों द्वारा भारी बिकवाली से बाजार में नकारात्मक माहौल बन गया।
सेंसेक्स और निफ्टी में भारी गिरावट
सेंसेक्स में 1414 अंक की गिरावट
बीएसई सेंसेक्स 1,414.33 अंक यानी 1.90% की गिरावट के साथ 73,198.10 पर बंद हुआ। दिनभर के दौरान यह 1,471.16 अंक यानी 1.97% तक गिरकर 73,141.27 के स्तर तक पहुंच गया।
निफ्टी 1996 के बाद सबसे लंबी गिरावट में
एनएसई का निफ्टी लगातार आठवें दिन नुकसान में रहा और 420.35 अंक यानी 1.86% टूटकर 22,124.70 पर बंद हुआ। सितंबर 2023 में अपने उच्चतम स्तर 26,277.35 से अब तक निफ्टी में 15.80% की गिरावट दर्ज की जा चुकी है।
मिडकैप और स्मॉलकैप इंडेक्स पर भारी दबाव
मिडकैप इंडेक्स में 20% की गिरावट
घरेलू बाजार पर अधिक केंद्रित मिडकैप इंडेक्स आधिकारिक रूप से बेयर मार्केट में प्रवेश कर चुका है, क्योंकि यह अपने उच्चतम स्तर से 20% से अधिक गिर चुका है।
स्मॉलकैप इंडेक्स भी दबाव में
स्मॉल-कैप इंडेक्स पहले ही 14 फरवरी को बेयर मार्केट में प्रवेश कर चुका था। फरवरी में ही मिड-कैप इंडेक्स में 11% और स्मॉल-कैप इंडेक्स में 13% गिरावट दर्ज की गई, जो मार्च 2020 के कोविड-19 संकट के बाद की सबसे बड़ी गिरावट रही।
आईटी और रियल एस्टेट सेक्टर को सबसे ज्यादा नुकसान
आईटी सेक्टर में भारी गिरावट
आईटी इंडेक्स 4.2% तक लुढ़क गया, जिससे संपूर्ण बाजार पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा। अमेरिका में आईटी कंपनियों के लिए कमजोर बाजार स्थिति ने इस सेक्टर को अधिक प्रभावित किया।
रियल एस्टेट सेक्टर पर भी असर
रियल एस्टेट सेक्टर भी भारी गिरावट की चपेट में आया, जिससे कई बड़ी कंपनियों के शेयरों में 3-5% की गिरावट दर्ज की गई।
विशेषज्ञों की राय: आगे क्या होगा?
आदित्य बिड़ला सन लाइफ एएमसी के चीफ इन्वेस्टमेंट ऑफिसर महेश पाटिल के अनुसार, “बाजार में अभी अस्थिरता बनी रहेगी और निवेशक कुछ समय तक बाजार से दूर रह सकते हैं। जब तक कॉर्पोरेट आय और आर्थिक विकास में सुधार नहीं होता, तब तक मजबूत खरीदारी संभव नहीं होगी।”
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के रिसर्च हेड विनोद नायर का कहना है कि “ग्लोबल मार्केट्स में कमजोर संकेतों और अमेरिकी टैरिफ नीतियों के कारण शेयर बाजार गिरावट का यह दौर फिलहाल जारी रह सकता है।”
निवेशकों को क्या करना चाहिए?
- घबराने की जरूरत नहीं – बाजार में अस्थिरता सामान्य प्रक्रिया का हिस्सा है।
- लंबी अवधि के निवेश पर ध्यान दें – बाजार में गिरावट के बाद अवसर भी आते हैं, इसलिए लॉन्ग-टर्म निवेश बनाए रखें।
- बाजार की निगरानी करें – ग्लोबल मार्केट और भारतीय अर्थव्यवस्था के संकेतकों पर नजर रखें।
- विशेषज्ञों की राय लें – निवेश से पहले वित्तीय विशेषज्ञों की सलाह लेना फायदेमंद रहेगा।
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