पहलगाम में हुए अचानक आतंकी हमले ने पूरे देश में तहलका मचा दिया था। घूमने गए मासूम पर्यटकों की जान ले ली गई और कई लोग इसमें घायल हो गए। इस हमले के बाद भारत भी करारा जवाब देने के लिए तैयार रहा और यह बात भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर ‘के माध्यम से साबित भी कर दी। वहीं सोशल मीडिया से लेकर हर तरफ ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर तरह-तरह की बातें की जा रही है। कई लोग इस पर अपनी राय साझा कर रहे हैं तो कई लोग इस पर निगेटिव कमेंट भी कर रहे हैं। आज इस लेख में हम जानेंगे ऑपरेशन सिंदूर से जुड़ी कुछ खास बातें कि आखिर इसे यही नाम क्यों दिया गया? और इसके पीछे की खास वजह क्या है?
युद्ध से पहले की जाती रणनीति!
सबसे पहले हम यह जानते हैं कि आखिर किसी भी युद्ध की तैयारी से पहले उसके ऑपरेशन का नाम कैसे रखा जाता है? दरअसल, किसी भी सैन्य कार्रवाई से पहले जवानों के बीच एक रणनीति बनाई जाती है। इसमें यह बातचीत होती है कि आखिर ऑपरेशन कैसे होगा? कहां होगा और किसको इसमें निशाना बनाया जाएगा? इसके बाद इसका महत्व देखते हुए ही इसका नामकरण किया जाता है। नामकरण करने के पीछे भी गहरी बात होती है। इसमें एक गोपनीयता छुपी होती है। ये एक तरह से कोड नाम होता है जिसमें कई राज होते हैं जिसे केवल जवानों तक ही सिमित रखा जाता है। अब तक हमारे देश में ऐसे कई ऑपरेशन हो चुके हैं।
क्यों दिया गया ऑपरेशन सिंदूर नाम?
यदि बात करते हैं ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बारे में तो इसके पीछे का कारण बताया जाता है कि पिछले दिनों पहलगाम में हुए हमले में कई मासूमों की जान चली गई। इस दौरान कई स्त्रियों का सिंदूर उजड़ गया। यही वजह थी कि दुश्मनों से बदला लेने के लिए इस ऑपरेशन को ‘सिंदूर’ नाम दिया गया। इस ऑपरेशन का सीधा महत्व यह था कि उन निर्दोष महिलाओं को इंसाफ दिलाना जिनका इस हमले में सिंदूर उजड़ गया।
आधीरात को लिया गया बदला
भारतीय सुरक्षा बलों ने ज्वाइंट ऑपरेशन करते हुए 6 मई मंगलवार देर रात करीब 1:30 बजे पाकिस्तान और पीओके में स्थित आतंकी ठिकानों पर हमला किया। रिपोर्ट के माने तो इस कार्यवाही में भारत ने करीब 16 किलोमीटर अंदर चार आतंकी अड्डों को निशाना बनाया और POK स्थित पांच ठिकानों को तहस-नहस कर दिया। इसी पूरी कार्यवाही को जवानों ने ऑपरेशन सिंदूर का नाम दिया था। मीडिया रिपोर्ट के माने तो इस हमले के माध्यम से भारतीय सेना ने जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा को तबाह कर दिया है।
इससे पहले भी हो चुके हैं ऐसे हमले
बता दे इससे पहले भी ऐसे कई हमले हुए जिसमें भारत-पाकिस्तान को धूल चटा चुका है। साल 2016 में उरी हमले के बाद भारतीय सेन ने सर्जिकल स्ट्राइक की थी जिसमें भी इन्होंने मुंहतोड़ जवाब दिया था। इसके बाद साल 2019 में पुलवामा हमले के 12 दिन बाद ही जवानों ने एयर स्ट्राइक की और हमले का बदला ले लिया। अब बात की जाए पहलगाम अटैक के बारे में तो 15 दिन के भीतर ही भारत ने पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब दिया।
क्या था ऑपरेशन सिंदूर का असल महत्व?
भारत की ओर से आतंकियों के खिलाफ एयर स्ट्राइक के बाद खुद रक्षा मंत्रालय की ओर से एक प्रेस विज्ञप्ति जारी की गई जिसमें ऑपरेशन सिंदूर के मकसद का भी खुलासा किया गया। इसमें उन्होंने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर का मकसद सिर्फ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाना था। जी हाँ… इस हमले से पड़ोसी देश के साथ झगड़ा का कोई मकसद नहीं था। मीडिया रिपोर्ट की माने तो इस ऑपरेशन में सिर्फ पाकिस्तान और PoK में स्थित उन आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाया गया, जहां से भारत के खिलाफ आतंकी हमलों की प्लानिंग की जा रही थी और उन्हें अंजाम दिया जा रहा था।
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