किसानों के लिए योगी सरकार आगरा में बना रही हाईटेक नर्सरी।

किसानों के लिए योगी सरकार आगरा में बना रही हाईटेक नर्सरी।

हाईटेक नर्सरियों से किसान को मिलेंगे एक रुपए में पौधे।

इजराइली तकनीक से किसानों के लिए किये जाएंगे पौध तैयार उत्तर प्रदेश के हर जनपद में तैयार की जाएगी दो- दो हाईटेक नर्सरी।

Sachin Chaudhary आगरा। उत्तर प्रदेश में योगी सरकार किसानों की आमदनी में इजाफा करने के लिए बागवानी फसलों की खेती को बढ़ावा दे रही है। इसी श्रृंखला में किसानों को उन्नत किस्म के पौधे आराम से प्राप्त हो सके इसके लिए सरकार प्रदेश के हर जनपद में हाईटेक नर्सरियां स्थापित कर रही है। आगरा में भी किसानों को उच्च क्वालिटी के पौधे उपलब्ध कराने के लिए इजरायली तकनीक पर आधारित हाइटेक नर्सरी बना रही है। इस नर्सरी से किसानों को 12 महीने सब्जियों के पौधे मिलेंगे। उद्यान विभाग और मनरेगा के सहयोग से तैयार हो रही नर्सरी में 5 लाख पौध तैयार कर किसानों को दिये जाएंगे। पॉली हाउस बनाए जा रहे हैं। किसान नर्सरी से एक रुपए में पौधे ले सकेंगे। उद्यान विभाग के उप निदेशक धर्मपाल यादव ने बताया कि किसानों को विभिन्न प्रजातियों के उच्च क्वालिटी के पौधे उपलब्ध कराने के उद्देश्य से सरकार द्वारा इजरायली तकनीक पर आधारित हाइटेक नर्सरी तैयार की जा रही है। यह कार्य उद्यान विभाग के द्वारा और मनरेगा के सहयोग से कराया जा रहा है। इसके तहत हर जनपद में दो- दो हाईटेक नर्सरियां तैयार की जा रही हैं। आगरा में डौकी में एक हेक्टेयर क्षेत्र में नर्सरी तैयार हो चुकी है। अब खेरागढ़ के अटा गांव में तैयार की जा रही है। डौकी गांव वाली नर्सरी में पौध तैयार हो चुकी हैं और किसान ले भी चुके हैं। यहां से ट्रायल के रूप में टमाटर, बंद गोभी, खीरा, तरबूज आदि की पौध किसानों को दी गई है। अटा गांव में नर्सरी बन रही है। इन नर्सरियों में इजराइली तकनीक से पौधे तैयार किये जाएंगे। किसान जिन महंगी सब्जियों के बीज खरीद कर लाते हैं वो कई बार मौसम या अन्य कारणों से पौधे के रूप में विकसित नहीं हो पाते हैं। इन नर्सरियों में विशेष देखभाल में उन्हें तैयार किया जाएगा। उन्होंने बताया कि कई सब्जियां ऐसी हैं जिनका एक बीज पांच रुपए का आता है। ऐसे में कई बार किसानों को लाखों रुपये का नुकसान हो जाता है। इन नर्सरियों में किसान अपने ही बीज देंगे लेकिन पौधे के रूप में विभाग के एक्सपर्ट उन्हें तैयार करेंगे। इन नर्सरियों को मिनी सेंटर ऑफ एक्सीलेंस भी कह सकते हैं। पहले थर्माकोल की बड़ी ट्रे को एल्युमिनियम के फ्रेम में लगाया जाता है। इसमें कोको पीट, वर्मीकुलाइट और पर्लाइट का मिक्सचर भरा जाता है। इस ट्रे में छेद होते हैं। इसमें बीज डाले जाते हैं। इसमें जब बीज जम जाता है और पौधे का आकार लेता है। तब इस पौधे को निकालकर खेतों में रोपा जाता है। उन्होंने कहा कि सरकार की योजना है कि किसानों को ज्यादा से ज्यादा लाभ मिले। इसके साथ ही राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत गठित स्वयं सहायता समूहों की दीदियां भी इसमें हाथ बंटा रही हैं। इससे स्वयं सहायता समूहों को काम मिल रहा है। प्रदेश में आलू की पैदावार में आगरा प्रथम स्थान पर है। आलू के साथ ही किसान सब्जियों की तरफ भी प्रेरित हों। इन नर्सरियों में टमाटर, शिमला मिर्च, हरी मिर्च, लाल पत्ता गोभी, बीज रहित खीरा, लाल और पीली शिमला मिर्च आदि सब्जियों की पौध 12 महीने तैयार की जाएंगी।बता दें कि योगी सरकार पौधरोपण को बढ़ावा देने के साथ बागबानी से जुड़े किसानों को भी आर्थिक रूप से मजबूत बनाने का काम कर रही है। मनरेगा योजना और उद्यान विभाग के सहयोग से प्रदेश में 150 हाईटेक नर्सरी बनाने के लक्ष्य के साथ तेजी से कार्य किया जा रहा है। प्रदेश भर में 150 हाईटेक नर्सरी बनाने का लक्ष्य रखा गया है। सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर वेजिटेबल की तर्ज पर प्रदेश के सभी जनपदों में दो- दो मिनी सेंटर स्थापित करने की कार्यवाही जारी है।

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