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Wednesday, February 5, 2025

संभल में प्राचीन शिव मंदिर के पास कुएं से मिलीं मूर्तियां

संभल में प्राचीन शिव मंदिर के पास कुएं की खुदाई में मिलीं 3 मूर्तियां: मां पार्वती, गणेश और कार्तिकेय

संभल में प्राचीन शिव मंदिर के पास कुएं से मिलीं मूर्तियां

उत्तर प्रदेश के संभल जिले में स्थित एक प्राचीन शिव मंदिर के पास कुएं की खुदाई के दौरान भगवान पार्वती, गणेश और कार्तिकेय की मूर्तियां मिलीं। यह मंदिर 400 साल पुराना है और इसके आस-पास का इलाका कई ऐतिहासिक घटनाओं का गवाह रहा है। इस लेख में हम आपको इस घटना की पूरी जानकारी देंगे और बताएंगे कि इस प्राचीन मंदिर का इतिहास क्या है।

संभल का 400 साल पुराना शिव मंदिर और उसके आसपास की खुदाई

संभल के इस प्राचीन शिव मंदिर की पहचान उसके स्थापत्य और धार्मिक महत्व से की जाती है। इस मंदिर में पहले पूजा-अर्चना होती थी, लेकिन 1978 में हुए सांप्रदायिक दंगों के बाद यह बंद हो गया था। अब प्रशासन ने मंदिर को खोलने का प्रयास किया और मंदिर की सफाई की। इस सफाई के दौरान मंदिर के कुएं से तीन महत्वपूर्ण मूर्तियां प्राप्त हुई हैं।

कुएं की खुदाई में मिली मूर्तियां
संभल के इस प्राचीन मंदिर के पास स्थित कुएं की खुदाई के दौरान मिलीं ये मूर्तियां, जिनमें मां पार्वती, गणेश और कार्तिकेय की मूर्तियां शामिल हैं। डिप्टी एसपी अनुज चौधरी ने बताया कि इन मूर्तियों को कार्बन डेटिंग के लिए भेजा जाएगा, ताकि इनकी उम्र का सही अनुमान लगाया जा सके। एक मूर्ति संगमरमर की बनी हुई है, जो कार्तिकेय जी की प्रतीत होती है, जबकि दो मूर्तियां खंडित हैं।

मंदिर की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि और उससे जुड़ी घटनाएं

संभल में प्राचीन शिव मंदिर के पास कुएं से मिलीं मूर्तियां

यह मंदिर 400 साल पुराना है और इसका नाम “कार्तिक शंकर मंदिर” रखा गया है। मंदिर के इतिहास के बारे में जानकारी देने वाले 82 साल के विष्णु शरण रस्तोगी बताते हैं कि उनका परिवार पहले यहां रहता था। वे बताते हैं कि इस मंदिर में उनके परिवार के सभी धार्मिक कार्यक्रम होते थे और कुएं से जल लेकर पूजा अर्चना की जाती थी।

1978 में दंगों के बाद पलायन
विष्णु शरण रस्तोगी ने बताया कि 1978 में हुए दंगों के बाद उनका परिवार इस इलाके से पलायन कर गया था। दंगों के दौरान उनके घरों और मंदिर को नुकसान हुआ था, जिसके बाद उनका परिवार इस जगह को छोड़कर चला गया। उस समय से लेकर अब तक इस मंदिर में कोई धार्मिक गतिविधि नहीं हुई थी। इसके बाद वहां मुस्लिम परिवारों ने बसना शुरू कर दिया था और रस्तोगी परिवार के घरों को भी मुस्लिम परिवारों ने खरीद लिया था।

कुएं पर अतिक्रमण और उसकी स्थिति

संभल के इस प्राचीन मंदिर के कुएं पर अतिक्रमण भी किया गया था। विष्णु शरण रस्तोगी बताते हैं कि मंदिर के ऊपरी शिखर पर एक छज्जा निकाला गया था, जो पहले नहीं था। इसके अलावा मंदिर के परिक्रमा मार्ग को भी खत्म कर दिया गया था और वहां मकान बना दिए गए थे। यहां तक कि मंदिर के कुएं पर मिट्टी डालकर उसे पाट दिया गया और वहां गाड़ी पार्क करने की जगह बना दी गई थी।

मूर्तियों की बरामदी और प्रशासन की भूमिका

संभल में 46 साल से बंद इस पुराने शिव मंदिर की सफाई के दौरान प्रशासन को कुएं से तीन मूर्तियां मिलीं। इन मूर्तियों में मां पार्वती, गणेश जी और कार्तिकेय जी की मूर्तियां शामिल हैं। इन मूर्तियों की कार्बन डेटिंग कराई जाएगी, ताकि इनकी प्राचीनता का सही पता चल सके। इस दौरान प्रशासन ने मूर्तियों को अपने कब्जे में ले लिया है और अब ASI (आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया) की टीम इनकी जांच करेगी।

मंदिर की पूजा का पुनः आरंभ

संभल में इस प्राचीन शिव मंदिर की सफाई के बाद 15 दिसंबर को विधिपूर्वक पूजा-अर्चना का आयोजन किया गया। इस पूजा में मंत्रोच्चारण के साथ विधिवत रूप से पूजा की गई। पूजा-अर्चना के इस आयोजन ने स्थानीय लोगों में एक नई उम्मीद और धार्मिक उत्साह का संचार किया है।

संभल में ऐतिहासिक घटनाएं और सांप्रदायिक तनाव

संभल में प्राचीन कुएं से मिलीं मूर्तियां

संभल में हाल के दिनों में धार्मिक विवादों और सांप्रदायिक तनाव की घटनाएं सामने आई हैं। सबसे पहले शाही मस्जिद विवाद और अब इस प्राचीन शिव मंदिर के पास कुएं की खुदाई ने इलाके में धार्मिक मुद्दों को फिर से प्रमुख बना दिया है। हालांकि, प्रशासन ने इस स्थिति को नियंत्रित करने की पूरी कोशिश की है, ताकि किसी भी प्रकार का विवाद न हो।

संभल में स्थित इस 400 साल पुराने शिव मंदिर के पास कुएं की खुदाई के दौरान मिली मूर्तियां न केवल इस इलाके के ऐतिहासिक महत्व को उजागर करती हैं, बल्कि यह धार्मिक सहिष्णुता और सांप्रदायिक सौहार्द की भी मिसाल पेश करती हैं। प्रशासन द्वारा इस मंदिर की सफाई और पूजा के आयोजन से यह साबित होता है कि धार्मिक स्थलों का संरक्षण और पुनर्निर्माण किसी भी समाज के लिए महत्वपूर्ण होता है।

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