Adani समूह के खिलाफ एकजुट हुआ US कोर्ट

न्यूयॉर्क की एक कोर्ट ने उद्योगपति गौतम अडानी और अन्य के खिलाफ 265 मिलियन अमरीकी डालर की रिश्वतखोरी के आरोप में चल रहे तीन मामलों को एक साथ सुनने का आदेश दिया है। कोर्ट ने यह फैसला दिया है कि इन तीनों मामलों की सुनवाई एक संयुक्त मुकदमे में होगी। इस आदेश से यह साफ हो गया है कि अडानी पर लगे आरोपों में एक समानता है और उन्हें अलग-अलग सुनवाई में बांटने की बजाय एक ही प्रक्रिया में निपटाया जाएगा।
तीन महत्वपूर्ण मामले जिन पर होगा फैसला
इन मामलों में शामिल तीन प्रमुख केस निम्नलिखित हैं:
- US बनाम अडानी और अन्य (अपराधिक मामला): यह केस अडानी और उनके समूह के खिलाफ आपराधिक आरोपों से जुड़ा है।
- प्रतिभूति और विनिमय आयोग (SEC) बनाम अडानी और अन्य (दीवानी मामला): इसमें अडानी समूह पर अमेरिकी निवेशकों के साथ धोखाधड़ी का आरोप है।
- SEC बनाम कैबनेस (अन्य आरोपियों का मामला): इसमें अडानी समूह से जुड़े अन्य लोगों के खिलाफ दीवानी मामले शामिल हैं।
क्यों लिया गया यह फैसला?
कोर्ट ने पाया कि ये तीनों मामले एक जैसे आरोपों और लेन-देन से संबंधित हैं। इसके अलावा, न्यायिक दक्षता को बढ़ावा देने और परस्पर विरोधी अनुसूचियों से बचने के लिए इन मामलों को एक साथ जोड़ने का निर्णय लिया गया। इस फैसले के अनुसार, सभी मामलों की निगरानी जिला जज निकोलस जी गरौफिस करेंगे, जो पहले से ही अडानी के खिलाफ आपराधिक मामलों की देखरेख कर रहे हैं। कोर्ट के कर्मचारियों को भी इन मामलों का पुनः आवंटन करने का निर्देश दिया गया है।
Adani शेयरों पर पड़ा असर
इस फैसले का सीधा प्रभाव अडानी समूह की कंपनियों के शेयरों पर भी देखा गया।

- अडानी एंटरप्राइजेज: मामूली गिरावट के साथ 2590 रुपये पर बंद हुआ।
- अडानी ग्रीन एनर्जी: 0.53% की तेजी के साथ 1053 रुपये पर रहा।
- अडानी पावर: 1% उछलकर 525 रुपये पर पहुंचा।
- अडानी एनर्जी सॉल्यूशन: 2.27% की बढ़त के साथ मजबूत स्थिति में रहा।
- अडानी पोर्ट्स: 0.73% की गिरावट दर्ज की गई।
- अडानी विलमर: 1% की गिरावट देखी गई।
- अडानी टोटल गैस: 1% तक चढ़ा।
रिश्वतखोरी का पूरा मामला
अडानी समूह और अन्य पर आरोप है कि उन्होंने सोलर एनर्जी कॉन्ट्रैक्ट्स हासिल करने के लिए राज्य पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनियों को 265 मिलियन अमरीकी डालर (करीब 2,029 करोड़ रुपये) की रिश्वत दी। इसके अतिरिक्त, आरोप लगाया गया है कि यह तथ्य अमेरिकी बैंकों और निवेशकों से छिपाया गया, जिनसे अडानी समूह ने सोलर एनर्जी प्रोजेक्ट्स के लिए फंड जुटाया था।
अडानी समूह का पक्ष
अडानी समूह ने इन आरोपों को सिरे से खारिज किया है। उन्होंने कहा कि ये आरोप “निराधार” हैं और उनके संगठन ने हमेशा सभी कानूनों का पालन किया है। अडानी समूह के प्रवक्ता ने कहा, “हम एक कानून का पालन करने वाला संगठन हैं और दोषी साबित होने तक किसी को भी निर्दोष माना जाना चाहिए।” उन्होंने यह भी जोड़ा कि यह मामला केवल आरोपों पर आधारित है, जिनकी जांच अभी चल रही है।
कोर्ट का फैसला: न्यायिक दक्षता और निष्पक्षता
कोर्ट ने स्पष्ट किया कि इन मामलों को एक साथ सुनने का उद्देश्य न्यायिक दक्षता को बढ़ावा देना है। इसके साथ ही, परस्पर विरोधी अनुसूचियों और संभावित देरी से बचने का प्रयास किया गया है। यह कदम अमेरिकी न्याय प्रणाली के भीतर एक सकारात्मक प्रयास के रूप में देखा जा रहा है।
निवेशकों पर प्रभाव
अडानी समूह के खिलाफ इन मामलों का प्रभाव न केवल भारतीय बाजारों पर बल्कि अंतरराष्ट्रीय निवेशकों पर भी पड़ा है। अडानी समूह के शेयरों में मामूली गिरावट और कुछ में उछाल ने निवेशकों के लिए अस्थिरता की स्थिति पैदा की है।
क्या होगा आगे?
अडानी समूह के खिलाफ इस संयुक्त मुकदमे से कई महत्वपूर्ण सवाल खड़े हो रहे हैं। क्या इन आरोपों का असर समूह के अन्य प्रोजेक्ट्स पर पड़ेगा? क्या यह मामला अडानी समूह की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचा सकता है? इन सवालों के जवाब आने वाले समय में अदालत की कार्यवाही और फैसले से मिलेंगे।
न्यूयॉर्क कोर्ट का यह फैसला अडानी समूह के लिए एक बड़ी चुनौती है। हालांकि, अडानी समूह ने अपनी बेगुनाही का दावा किया है, लेकिन इन आरोपों के चलते समूह को कानूनी और वित्तीय मोर्चे पर कड़ी परीक्षा का सामना करना पड़ सकता है। आने वाले समय में इस मामले के परिणाम न केवल अडानी समूह बल्कि अंतरराष्ट्रीय व्यापारिक जगत के लिए भी अहम साबित होंगे।
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