EC ने अरविंद केजरीवाल को भेजा नोटिस
चुनाव आयोग ने आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल पानी विवाद को लेकर नोटिस जारी किया है। आयोग ने उनके उस दावे पर स्पष्टीकरण मांगा है जिसमें उन्होंने हरियाणा सरकार पर यमुना के पानी में जहर मिलाने का आरोप लगाया था। आयोग ने केजरीवाल से सबूत पेश करने को कहा है, अन्यथा उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई हो सकती है।
क्या है अरविंद केजरीवाल का दावा?
अरविंद केजरीवाल पानी विवाद की शुरुआत तब हुई जब उन्होंने आरोप लगाया कि हरियाणा सरकार ने जानबूझकर यमुना के पानी को जहरीला बना दिया है, जिससे दिल्ली में जल संकट उत्पन्न हो गया है। उनका कहना है कि इस जहरीले पानी को दिल्ली जल बोर्ड ने रोक लिया, लेकिन इससे दिल्ली के एक बड़े हिस्से में पानी की आपूर्ति बाधित हुई है।
भाजपा का पलटवार, केजरीवाल के प्रचार पर रोक की मांग
भाजपा ने अरविंद केजरीवाल के आरोपों को खारिज करते हुए चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज कराई है। केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण और भूपेंद्र यादव सहित भाजपा नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने आयोग से अरविंद केजरीवाल पानी विवाद के तहत उन पर प्रचार से रोक लगाने की मांग की। भाजपा प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने इसे “गंभीर झूठ” करार दिया और कहा कि इससे जनता में भ्रम और भय पैदा हो सकता है।
दिल्ली की जल समस्या पर आतिशी का बयान
दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने कहा कि अरविंद केजरीवाल पानी विवाद में हरियाणा से आने वाले यमुना जल में अमोनिया की मात्रा खतरनाक स्तर तक बढ़ गई है। उन्होंने दावा किया कि अगर ऐसा ही चलता रहा तो 30% दिल्ली को पानी की आपूर्ति नहीं मिल पाएगी।
LG ने केजरीवाल पर साधा निशाना
दिल्ली के उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना ने केजरीवाल के बयान को “गंभीर और दुर्भाग्यपूर्ण” बताया। उन्होंने कहा कि इस तरह के निराधार आरोप राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए खतरा बन सकते हैं।
क्या होगी आगे की कार्रवाई?
अरविंद केजरीवाल पानी विवाद पर चुनाव आयोग ने उन्हें 29 जनवरी, 2025 तक जवाब देने का समय दिया है। यदि वे अपने दावों को साबित नहीं कर पाए, तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई हो सकती है। वहीं, भाजपा इस मामले में और सख्त कार्रवाई की मांग कर रही है।
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