योग गुरु बाबा रामदेव ने हाल ही में दिए एक इंटरव्यू में महाकुंभ और दिल्ली विधानसभा चुनाव को लेकर अपनी विचारधारा को साझा किया। उन्होंने कहा कि महाकुंभ एक धार्मिक पर्व है, न कि सियासी मंच। बाबा रामदेव ने यह स्पष्ट किया कि इस पवित्र आयोजन को राजनीति से दूर रखना चाहिए और इसे केवल धर्म, चिंतन, और मंथन का स्थल बनाना चाहिए।
महाकुंभ और धर्म की सच्चाई
बाबा रामदेव ने अपने बयान में महाकुंभ की पवित्रता को बनाए रखने की जरूरत पर जोर दिया। उनका कहना था कि महाकुंभ केवल एक धार्मिक आयोजन है, जिसका उद्देश्य समाज को अध्यात्मिक रूप से जागरूक करना है। उन्होंने कहा, “महाकुंभ सियासत का पर्व नहीं है। यह धर्म का पर्व है और हमें इसमें चिंतन और मंथन करना चाहिए।”
बाबा रामदेव ने यह भी कहा कि सनातन धर्म पर कोई भी आघात करने वाले का प्रतिकार किया जाना चाहिए। उन्होंने समाज के सभी वर्गों को एकजुट रहने की अपील की और संतों के बीच विवादों को समाप्त करने की आवश्यकता जताई। उनके मुताबिक, “संत और साधु में विवाद नहीं होना चाहिए, और हमें सभी जातियों को एकजुट करना चाहिए।”
दिल्ली विधानसभा चुनाव और आम आदमी पार्टी
दिल्ली विधानसभा चुनाव के संदर्भ में जब बाबा रामदेव से सवाल किया गया, तो उन्होंने दिल्ली सरकार के कामकाज की तुलना की। खासकर आम आदमी पार्टी द्वारा पुजारियों को 18000 रुपये महीने देने की योजना पर बाबा रामदेव ने कहा कि राजनीति में अब धर्म का तड़का लग रहा है। बाबा ने यह स्पष्ट किया कि ऐसी योजनाएं सभी के लिए होनी चाहिए, न कि केवल एक विशेष वर्ग के लिए।
बाबा रामदेव ने कहा कि सत्ता में रहते हुए जो अपने कर्तव्यों का निर्वहन करता है, वही सही नेता है। “राजनीति का सत्य सत्ता है,” उन्होंने यह भी जोड़ा। उनका मानना है कि हर क्षेत्र में सत्य का एक रूप होता है, जैसे व्यापार में मुनाफा, मीडिया में ब्रेकिंग खबर और किसान के लिए फसल की पैदावार।
योग गुरु बाबा रामदेव और यमुना सफाई
बाबा रामदेव ने यमुना नदी की सफाई को लेकर भी अपनी राय दी। उन्होंने कहा, “यमुना की सफाई होनी चाहिए। मैं तो कहूंगा कि पूरे देश की सफाई होनी चाहिए और वातावरण में शुद्धता होनी चाहिए। यह हमारा संवैधानिक अधिकार है।” उनका मानना था कि समाज को शुद्ध और साफ वातावरण में रहना चाहिए ताकि स्वस्थ जीवन यापन हो सके।
अन्ना हजारे और केजरीवाल पर बाबा रामदेव की राय
इंटरव्यू में अंजना ओम कश्यप ने बाबा रामदेव से अन्ना हजारे के आंदोलन के बारे में पूछा और साथ ही यह भी पूछा कि अब केजरीवाल को लेकर उनकी क्या राय है। बाबा रामदेव ने कहा कि अन्ना हजारे के आंदोलन में एक बगावत की भावना थी, लेकिन अब केजरीवाल एक राजनेता बन चुके हैं और राजनीति में आकर सत्ता की प्राप्ति के लिए संघर्ष कर रहे हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि सत्ता प्राप्त करने के लिए सभी राजनेताओं को प्रयास करना चाहिए, और यही राजनीति का सत्य है।
बाबा रामदेव का सपना: एकजुट और स्वस्थ समाज
बाबा रामदेव ने कहा कि उनका सपना एक ऐसे समाज का है जहाँ लोग एकजुट हों, और बच्चों को अश्लीलता से दूर रखा जाए। उन्होंने यह भी कहा कि वे चाहते हैं कि दिल्ली विधानसभा चुनाव में जनता का सरोकार हो और सरकार के किसी भी रूप में लोगों की भलाई हो।
“मैंने हमेशा से सरोकार को लेकर काम किया है, और यही हमारे देश का मार्गदर्शन करना चाहिए,” बाबा रामदेव ने कहा। उनका मानना था कि जब सरकार सत्ता में आती है, तो उसका उद्देश्य जनता की भलाई और देश के विकास के लिए काम करना चाहिए।
सनातन धर्म का गर्व
बाबा रामदेव ने कहा कि वह सनातन धर्म के पक्षधर हैं और इस पर गर्व महसूस करते हैं। उन्होंने यह कहा कि सनातन धर्म को बढ़ावा देने के लिए हमें लगातार प्रयास करने चाहिए और इसके खिलाफ उठने वाली किसी भी आवाज का मुकाबला करना चाहिए।
“जब वक्फ बोर्ड हो सकता है तो सनातन बोर्ड क्यों नहीं हो सकता?” यह सवाल बाबा रामदेव ने उठाया और इस पर मिलकर काम करने की बात की। उनका मानना था कि सभी को इस दिशा में मिलकर कार्य करना चाहिए, ताकि समाज में धर्म की सही समझ और इसका सम्मान बढ़े।
बाबा रामदेव का यह इंटरव्यू राजनीति, धर्म, और समाज के लिए एक महत्वपूर्ण संदेश लेकर आया है। उन्होंने महाकुंभ को सियासत से दूर रखने, यमुना सफाई, और सत्ता में रहकर कर्तव्यों का निर्वहन करने की आवश्यकता पर जोर दिया। साथ ही उन्होंने सनातन धर्म के प्रचार-प्रसार और समाज में एकता के लिए लगातार प्रयास करने का आह्वान किया।
उनकी यह बातें समाज के विभिन्न वर्गों के लिए एक प्रेरणा का स्रोत बन सकती हैं, जिससे हम एक स्वस्थ और एकजुट समाज की दिशा में आगे बढ़ सकें।
जानें अगली खबर के लिए जुड़े रहें और हमारे Website Sampurn Hindustan को फॉलो करें।