भारत-नेपाल मैत्री महोत्सव में दिखी सांस्कृतिक झलक
बहराइच। भारत और नेपाल के बीच सदियों से चली आ रही दोस्ती और सांस्कृतिक संबंधों को और मजबूती देने के उद्देश्य से भारत-नेपाल मैत्री महोत्सव 2025 का भव्य आयोजन किया गया। इस महोत्सव में दोनों देशों के कलाकारों ने भाग लिया और सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के माध्यम से भारत-नेपाल की मित्रता को उजागर किया।
भारत-नेपाल सांस्कृतिक संबंधों की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
भारत और नेपाल के संबंध सिर्फ भौगोलिक सीमाओं तक सीमित नहीं हैं, बल्कि इनका आपसी जुड़ाव रोटी-बेटी के रिश्ते से भी गहरा है। दोनों देशों की सीमाएँ खुली हैं, जिससे सांस्कृतिक और पारिवारिक संबंध पीढ़ियों से चले आ रहे हैं। इस महोत्सव का उद्देश्य भी इन ऐतिहासिक संबंधों को और मजबूत करना था।
भारत-नेपाल मैत्री महोत्सव 2025 का शुभारंभ
भारत-नेपाल मैत्री महोत्सव की शुरुआत पारंपरिक रीति-रिवाजों के साथ हुई। इस दौरान गणमान्य अतिथियों ने दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम का उद्घाटन किया। कार्यक्रम में रूपईडीहा नगर पंचायत अध्यक्ष डॉ. उमाशंकर वैश्य सहित कई वरिष्ठ अधिकारी और सांस्कृतिक विशेषज्ञ उपस्थित रहे।
लोकगीत और नृत्य प्रस्तुतियों ने मोहा मन
महोत्सव में भारतीय और नेपाली कलाकारों ने अपने पारंपरिक लोकगीत और नृत्य प्रस्तुत कर समां बांध दिया। लोकगीतों के माध्यम से भारत-नेपाल दोस्ती की अनूठी झलक देखने को मिली। पारंपरिक परिधानों में सजे कलाकारों ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
भारत-नेपाल मैत्री महोत्सव के मुख्य आकर्षण
1. सांस्कृतिक प्रस्तुतियां
- भारतीय और नेपाली लोकगीत एवं नृत्य
- पारंपरिक वेशभूषा की प्रदर्शनी
- चित्रकला और हस्तशिल्प प्रदर्शनी
2. ऐतिहासिक और सांस्कृतिक चर्चा
- 1950 की भारत-नेपाल शांति और मैत्री संधि पर चर्चा
- आपसी व्यापार और सांस्कृतिक संबंधों को बढ़ाने पर विचार-विमर्श
3. प्रमुख हस्तियों की उपस्थिति
- संदीप जायसवाल (जिला पंचायत सदस्य)
- डॉ. हरीश चंद्र
- सीडीओ बहराइच
- एसडीएम नानपारा और सीओ नानपारा
- बीडीओ नवाबगंज
- डॉ. अमर सिंह, रमेश गुप्ता, नंदलाल गुप्ता
भारत-नेपाल दोस्ती को और मजबूत करने की दिशा में कदम
भारत-नेपाल मैत्री महोत्सव केवल एक सांस्कृतिक आयोजन नहीं, बल्कि दोनों देशों के मैत्रीपूर्ण संबंधों को और प्रगाढ़ बनाने का एक महत्वपूर्ण कदम है। भविष्य में इस प्रकार के आयोजनों से दोनों देशों के नागरिकों के बीच आपसी विश्वास और सद्भावना को बढ़ावा मिलेगा।
आने वाले मैत्री महोत्सव कार्यक्रम
इस आयोजन की सफलता को देखते हुए, आगामी दिनों में कुशीनगर, बलरामपुर, श्रावस्ती, बहराइच, लखीमपुर-खीरी और पीलीभीत में भी इस तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
भारत-नेपाल मैत्री महोत्सव 2025 ने एक बार फिर साबित कर दिया कि भारत और नेपाल के बीच संबंध सिर्फ कूटनीतिक ही नहीं, बल्कि भावनात्मक और सांस्कृतिक रूप से भी गहरे हैं। इस आयोजन ने दोनों देशों के नागरिकों को एक मंच पर लाने का कार्य किया, जिससे भारत-नेपाल सांस्कृतिक संबंध और अधिक प्रगाढ़ होंगे।
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