बिहार सरकार ने स्कूली बच्चों की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए ऑटो और टोटो जैसे तिपहिया वाहनों पर प्रतिबंध लगाने का बड़ा कदम उठाया है। यह आदेश अप्रैल से पूरे राज्य में लागू किया जाएगा। सरकार का यह निर्णय बच्चों को सुरक्षित और संरक्षित परिवहन सुविधा प्रदान करने के उद्देश्य से लिया गया है।

बच्चों की सुरक्षा को लेकर सरकार सख्त
राज्य सरकार ने इस आदेश का मुख्य उद्देश्य स्कूली बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करना बताया है। अक्सर देखा गया है कि ऑटो और टोटो में क्षमता से अधिक बच्चों को बैठाया जाता है, जिससे दुर्घटनाओं की संभावना बढ़ जाती है। इन वाहनों में सुरक्षा फीचर्स की कमी और यातायात नियमों का उल्लंघन आम समस्याएं हैं।
प्रमुख कारण:
- क्षमता से अधिक भार।
- सुरक्षा फीचर्स की कमी।
- यातायात नियमों का उल्लंघन।
आदेश के प्रभाव
अप्रैल से होगा लागू
यह आदेश अप्रैल से राज्य के सभी जिलों में लागू होगा। सरकार ने स्कूलों को निर्देश दिया है कि वे बच्चों को लाने-ले जाने के लिए लाइसेंस प्राप्त और सुरक्षित वाहनों का उपयोग करें।
लाइसेंसधारी वाहनों की अनिवार्यता
परिवहन विभाग ने स्पष्ट किया है कि स्कूल संचालकों को केवल लाइसेंस प्राप्त वाहनों का ही उपयोग करना होगा। यदि कोई स्कूल इस आदेश का उल्लंघन करता है, तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
ट्रैफिक पुलिस और परिवहन विभाग की सख्त निगरानी
पटना ट्रैफिक एसपी ने घोषणा की है कि परिवहन विभाग और ट्रैफिक पुलिस संयुक्त रूप से इस आदेश के पालन को सुनिश्चित करेंगे। नया सत्र शुरू होते ही आदेश का उल्लंघन करने वाले चालकों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसके तहत चालकों के लाइसेंस रद्द किए जा सकते हैं और उन पर जुर्माना लगाया जा सकता है।

ऑटो और टोटो चालकों के लिए चेतावनी
- गैरकानूनी परिवहन पर पूर्ण प्रतिबंध।
- नियम तोड़ने पर दंडात्मक कार्रवाई।
- चालकों के लाइसेंस और वाहन जब्त किए जा सकते हैं।
यूनियनों ने फैसले का किया स्वागत
बच्चों की सुरक्षा को लेकर इस कदम को ऑटो यूनियनों ने भी सराहा है। ऑल इंडिया रोड ट्रांसपोर्ट वर्कर्स फेडरेशन के महासचिव राज कुमार झा और ऑटो रिक्शा चालक संघ के अध्यक्ष पप्पू यादव ने इसे बच्चों और सड़क सुरक्षा के लिए जरूरी कदम बताया है।
यूनियन की प्रतिक्रिया
- बच्चों की सुरक्षा सर्वोपरि।
- सड़क हादसों में कमी लाने की उम्मीद।
- निर्णय को प्रभावी ढंग से लागू करने की मांग।
बच्चों की सुरक्षा के लिए सुझाव
सरकार और स्कूल प्रबंधन दोनों को यह सुनिश्चित करना होगा कि बच्चों के परिवहन में केवल सुरक्षित और लाइसेंस प्राप्त वाहन ही इस्तेमाल हों।
बच्चों की सुरक्षा के लिए आवश्यक कदम
- वाहनों का नियमित निरीक्षण: स्कूल प्रबंधन को सुनिश्चित करना चाहिए कि इस्तेमाल किए जाने वाले वाहनों की नियमित रूप से जांच हो।
- प्रशिक्षित चालक: बच्चों को ले जाने वाले चालकों का ट्रैफिक नियमों का पालन करने में प्रशिक्षित होना अनिवार्य है।
- सीसीटीवी निगरानी: बच्चों की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने चाहिए।
बिहार सरकार का यह कदम बच्चों की सुरक्षा और सड़क पर होने वाले हादसों को कम करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। ऑटो और टोटो पर प्रतिबंध लगाना बच्चों के सुरक्षित भविष्य की ओर एक सही कदम है। सरकार, स्कूल प्रशासन, और परिवहन विभाग को मिलकर इस आदेश का पालन सुनिश्चित करना चाहिए ताकि राज्य में स्कूली बच्चों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा सके।
जानें अगली खबर के लिए जुड़े रहें और हमारे Website Sampurn Hindustan को फॉलो करें।