मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का विपक्ष पर जुबानी हमला
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान विपक्ष पर जमकर हमला बोला। उन्होंने समाजवादी पार्टी (SP) और अन्य विपक्षी दलों को बहराइच और संभल के मुद्दे पर घेरते हुए कई महत्वपूर्ण बयान दिए। इस दौरान, उन्होंने जय श्रीराम और अल्लाह हू अकबर जैसे नारे पर भी अपनी स्पष्ट राय रखी।
जय श्रीराम और अल्लाह हू अकबर: दो अलग-अलग नारे
सीएम योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा में अपने भाषण में स्पष्ट किया कि, “अगर कोई हिंदू अल्लाह हू अकबर कहने पर अपनी असहमति व्यक्त करता है तो क्या यह ठीक होगा?” उन्होंने कहा कि, “अगर कोई जय श्रीराम का नारा लगाता है तो इससे किसी को चिढ़ने का अधिकार नहीं होना चाहिए। यह चिढ़ाने वाला कृत्य नहीं है।”
सीएम ने यह भी बताया कि उत्तर प्रदेश में राम-राम कहने की परंपरा बहुत पुरानी है। “हमारे यहां तो जब भी हम मिलते हैं, तो राम-राम कहते हैं। अंतिम यात्रा में भी हम ‘रामनाम सत्य’ का उद्घोष करते हैं। अगर कोई जय श्रीराम कहता है तो उसे साम्प्रदायिकता से जोड़ना गलत है।”
सीएम ने राम और हनुमान की परंपरा पर जोर दिया
योगी आदित्यनाथ ने कहा, “राम-राम शब्द को साम्प्रदायिक कैसे बना दिया गया?” उन्होंने बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर के संविधान का जिक्र करते हुए कहा कि भारतीय संविधान में राम, हनुमान जैसे सभी प्रतीक शामिल हैं। इसके साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि “भारत की संस्कृति में बाबर और औरंगजेब की परंपरा का कोई स्थान नहीं है। यहां तो राम, कृष्ण और बुद्ध की परंपरा होगी।”
सांप्रदायिक दंगों में आई कमी
सीएम योगी आदित्यनाथ ने यूपी सरकार के कार्यकाल में सांप्रदायिक दंगों की स्थिति पर भी बात की। उन्होंने एनसीआरबी (राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो) के आंकड़ों का हवाला देते हुए बताया कि 2017 से लेकर अब तक प्रदेश में सांप्रदायिक दंगों में 97 से 99 प्रतिशत तक की कमी आई है। उन्होंने कहा, “2017 से अब तक यूपी में एक भी बड़ा सांप्रदायिक दंगा नहीं हुआ, जबकि 2012 से 2017 (सपा सरकार के समय) तक 815 सांप्रदायिक दंगे हुए थे और 192 लोगों की मौत हुई थी।”
संभल में न्यायालय के आदेश पर सर्वे
सीएम ने संभल में न्यायालय के आदेश पर चल रहे सर्वे का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि सत्य को लंबे समय तक छिपाया नहीं जा सकता और जल्द ही सत्य सामने आएगा। सीएम ने यह भी कहा कि सूर्य, चांद और सत्य को कोई भी लंबे समय तक छिपाकर नहीं रख सकता।
विपक्ष को गुमराह करने का आरोप
योगी आदित्यनाथ ने विपक्ष पर आरोप लगाते हुए कहा कि वे तथ्यों को छिपाकर जनता को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने विपक्ष के नेताओं से सवाल किया कि वे कब तक झूठ बोलकर जनता को धोखा देंगे।
सीएम की स्थिति स्पष्ट:
योगी आदित्यनाथ ने यह भी कहा कि राज्य सरकार ने हमेशा प्रदेश की जनता के हित में काम किया है और आगे भी इसी तरह कार्य करती रहेगी। उन्होंने सरकार की उपलब्धियों का हवाला देते हुए विपक्ष से आग्रह किया कि वे राजनीति से ऊपर उठकर जनता के भले के बारे में सोचें।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का बयान न केवल राजनीति के लिहाज से अहम है, बल्कि यह धार्मिक नारों के संदर्भ में भी एक महत्वपूर्ण बयान था। उनका यह स्पष्ट कहना कि जय श्रीराम के नारे को साम्प्रदायिक नहीं माना जाना चाहिए, खासकर उनके पक्ष में और विपक्ष में दोनों ही तरह के नारे लगते हैं, ने एक नया मोड़ लिया है। इसके साथ ही, उन्होंने विपक्षी दलों की निंदा करते हुए सरकार की नीतियों का बचाव किया है।
उत्तर प्रदेश की राजनीति में इस तरह के बयानों से आम जनता की राय प्रभावित हो सकती है। इसके अलावा, उनके द्वारा सांप्रदायिक दंगों में आई कमी के आंकड़ों का प्रस्तुत करना भी उनके शासन की स्थिति को मजबूत करने का एक कदम है।
जानें अगली खबर के लिए जुड़े रहें और हमारे Website Sampurn Hindustan को फॉलो करें।