दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में अब तक कई राजनैतिक समीकरण बदल चुके हैं। कांग्रेस, जो पिछले कुछ वर्षों में दिल्ली की राजनीति में कमजोर पड़ी थी, अब अपनी खोई हुई जमीन को फिर से हासिल करने के लिए हर कदम उठा रही है। कांग्रेस ने मजबूत प्रत्याशियों को चुनावी मैदान में उतारने के साथ ही आम आदमी पार्टी (AAP) और उसके नेताओं के खिलाफ आक्रामक रुख अपनाया है। इसके परिणामस्वरूप दिल्ली के चुनावी दंगल में नया मोड़ आया है। कांग्रेस की यह रणनीति आम आदमी पार्टी के लिए एक नई चुनौती पैदा कर रही है।

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Toggleकांग्रेस का दिल्ली चुनाव में त्रिकोणीय मुकाबला बनाने का प्रयास
कांग्रेस, अपनी खोई हुई शक्ति को फिर से पाकर दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी और भाजपा के खिलाफ अपनी स्थिति को मजबूत करने की दिशा में काम कर रही है। पार्टी के रणनीतिकार इस बार दिल्ली चुनाव को त्रिकोणीय मुकाबला बनाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं। यह मुकाबला कांग्रेस के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि वह दिल्ली में फिर से राजनीतिक प्रभाव स्थापित करना चाहती है।
कांग्रेस की चुनावी रणनीति और चुनौतीकांग्रेस ने 2025 के दिल्ली चुनावों के लिए अपनी रणनीति में बदलाव किया है। पार्टी ने इस बार न केवल अपने पुराने कद्दावर नेताओं को मैदान में उतारा है, बल्कि मजबूत प्रत्याशियों को भी टिकट दिए हैं। इसने चुनावी मुकाबले को त्रिकोणीय बनाने के लिए हर मुमकिन प्रयास किया है। कांग्रेस के नेताओं ने आम आदमी पार्टी पर हमला बोलते हुए भाजपा के खिलाफ मतों का विभाजन रोकने का आरोप लगाया है।
कांग्रेस और आम आदमी पार्टी का मुकाबला
दिल्ली चुनावों में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच की टकराव की कहानी लंबे समय से चल रही है। जब से आम आदमी पार्टी का गठन हुआ है, तब से कांग्रेस की सीटों में लगातार गिरावट आई है। 2013 और 2020 में पार्टी का प्रदर्शन और भी खराब रहा, और उसे एक भी सीट नहीं मिली।
कांग्रेस की मुख्य रणनीति अब अपने पुराने वोट बैंक को फिर से हासिल करने की है। कांग्रेस के लिए यह जरूरी है कि वह दिल्ली के मुस्लिम और अनुसूचित जाति बहुल क्षेत्रों में अपनी स्थिति को फिर से मजबूत करें। इस समय यह वोट बैंक आम आदमी पार्टी के पक्ष में जा चुका है, और कांग्रेस इस बदलाव को पलटने की कोशिश कर रही है।
दिल्ली में कांग्रेस की बदलती स्थिति और चुनावी गणित
कांग्रेस की सीटों में गिरावट का सिलसिला 1998 के बाद से लगातार जारी रहा है। 1998 के चुनाव में कांग्रेस ने 52 सीटें जीती थीं, जबकि 2015 और 2020 में उसे एक भी सीट नहीं मिली। इस प्रकार, पार्टी का मत प्रतिशत भी घटते-घटते 4.26 प्रतिशत तक पहुंच चुका है। इस वजह से कांग्रेस को इस बार प्रदर्शन सुधारने की बड़ी चुनौती है। पार्टी ने अपनी चुनावी तैयारी में इन बातों को ध्यान में रखते हुए 47 प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है।
कांग्रेस के प्रमुख प्रत्याशी और उनकी चुनौती
कांग्रेस ने इस बार कुछ मजबूत नेताओं को मैदान में उतारा है। पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के बेटे संदीप दीक्षित को आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल के खिलाफ मैदान में उतारा गया है। इसके अलावा, मनीष सिसोदिया के खिलाफ जंगपुरा से पूर्व महापौर फरहाद सूरी को टिकट दिया गया है। इसी तरह, कालकाजी से भी एक मजबूत प्रत्याशी उतारने की तैयारी की जा रही है।
कांग्रेस के इन प्रत्याशियों को देखकर यह साफ हो जाता है कि पार्टी चुनाव में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के लिए पूरी तरह से तैयार है।
कांग्रेस की आलोचना और आम आदमी पार्टी की बेचैनी
कांग्रेस ने चुनावी मैदान में अपनी ताकत बढ़ाते हुए आम आदमी पार्टी के खिलाफ कई आरोप लगाए हैं। कांग्रेस के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष अजय माकन ने केजरीवाल को भ्रष्टाचारी बताते हुए 2013 में उनके द्वारा समर्थन देने की गलती मानी है।
इसके अलावा, संदीप दीक्षित ने एलजी से मुलाकात करके केजरीवाल और आतिशी के खिलाफ कई शिकायतें कीं। इससे आम आदमी पार्टी की बेचैनी बढ़ गई है। पार्टी के नेता कांग्रेस पर भाजपा का समर्थन करने का आरोप लगा रहे हैं।
कांग्रेस के हमलों का जवाब
कांग्रेस के हमलों का जवाब देने के लिए आम आदमी पार्टी भी सतर्क हो गई है। पार्टी के नेता कांग्रेस को बीजेपी का मददगार बताकर उसे आलोचना का निशाना बना रहे हैं। इस दौरान, आप ने सपा प्रमुख अखिलेश यादव का समर्थन भी प्राप्त किया है। इससे पार्टी को उम्मीद है कि दिल्ली चुनाव में कांग्रेस के आक्रामक तेवरों को कम किया जा सकेगा और मुकाबला फिर से दो-राहिया हो सकता है।
कांग्रेस के आक्रामक तेवर और आम आदमी पार्टी का पलटवार
कांग्रेस के आक्रामक तेवर से आम आदमी पार्टी के नेताओं में घबराहट है। उन्होंने कांग्रेस के इस कदम को बीजेपी के लिए सहायक मानते हुए पलटवार किया है। आम आदमी पार्टी का कहना है कि कांग्रेस, बीजेपी के साथ मिलकर दिल्ली के चुनाव को त्रिकोणीय बनाने की कोशिश कर रही है।
कांग्रेस के श्वेत पत्र और भ्रष्टाचार के आरोप
कांग्रेस ने अपने आरोपों को और मजबूत करने के लिए श्वेत पत्र जारी किया है, जिसमें आम आदमी पार्टी पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए गए हैं। पार्टी के नेता लगातार इस बात को उठाते हुए दिल्ली की राजनीति में आम आदमी पार्टी को कठघरे में खड़ा कर रहे हैं।
दिल्ली चुनाव 2025 का भविष्य

कांग्रेस के आक्रामक रुख और मजबूत प्रत्याशियों के साथ, दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 दिलचस्प मोड़ पर पहुंच गया है। कांग्रेस की रणनीति आम आदमी पार्टी के लिए एक बड़ी चुनौती बन गई है। हालांकि, यह देखना बाकी है कि कांग्रेस अपने पुराने वोट बैंक को वापस कैसे हासिल करती है और आम आदमी पार्टी अपनी स्थिति को बनाए रखने में कितनी सफल रहती है।
दिल्ली चुनाव 2025 का परिणाम दिल्ली की राजनीति के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकता है।
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