दिल्ली-एनसीआर प्रदूषण: GRAP-4 के तहत स्कूल खोलने पर सुप्रीम कोर्ट का आदेश

दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण के कारण स्कूलों को फिर से खोलने पर सुप्रीम कोर्ट का निर्देश

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दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण के खतरनाक स्तर को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) को निर्देश दिया है कि वे स्कूलों और कॉलेजों को फिर से खोलने के मुद्दे पर विचार करें। सुप्रीम कोर्ट का मानना है कि कई छात्रों को ऑनलाइन कक्षाओं में भाग लेने में कठिनाई हो रही है, क्योंकि उनके पास आवश्यक बुनियादी ढांचे और दोपहर के भोजन की सुविधा की कमी है। हालांकि, कोर्ट ने प्रदूषण को लेकर लागू किए गए GRAP-4 (ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान) के प्रतिबंधों में ढील देने से इनकार कर दिया है।

क्या है GRAP-4 और क्यों हो रही हैं सख्त पाबंदियां?

GRAP-4, जो कि प्रदूषण की गंभीरता के अनुसार लागू किया जाता है, दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए विभिन्न प्रतिबंधों को लागू करता है। GRAP-4 के तहत, निर्माण कार्यों पर पाबंदी, ट्रकों के प्रवेश पर रोक, और कई अन्य उपाय किए जाते हैं। यह योजना 2017 में लागू की गई थी और तब से प्रदूषण के गंभीर स्तरों पर इसे संशोधित किया गया है।
सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि जब तक वायु गुणवत्ता में सुधार नहीं होता, तब तक GRAP-4 के तहत लागू प्रतिबंधों में ढील नहीं दी जाएगी।

सुप्रीम कोर्ट के आदेश: स्कूलों को फिर से खोलने की संभावना

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को आदेश जारी करते हुए CAQM को निर्देश दिया कि वे स्कूलों और कॉलेजों को फिर से खोलने पर विचार करें। कोर्ट ने कहा कि स्कूलों के बंद होने से कई छात्र, जिनके पास प्यूरीफायर और बुनियादी ढांचा नहीं है, ऑनलाइन कक्षाओं में भाग लेने में सक्षम नहीं हैं। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि ऐसे बच्चों को स्कूल आकर शारीरिक कक्षाओं में भाग लेने का अवसर मिलना चाहिए, ताकि उनकी पढ़ाई में कोई व्यवधान न आए।

स्कूलों को फिर से खोलने की आवश्यकता

सुप्रीम कोर्ट ने माना कि कई छात्रों के लिए ऑनलाइन कक्षाएं संभव नहीं हैं। छात्रों को दोपहर के भोजन, उपकरण और अन्य आवश्यक सुविधाओं की कमी हो रही है। ऐसे में यह महत्वपूर्ण हो जाता है कि स्कूल फिर से खोले जाएं ताकि छात्र अपनी पढ़ाई जारी रख सकें। अदालत ने यह भी कहा कि स्कूलों के खुले रहने से बच्चों को शारीरिक रूप से कक्षाओं में भाग लेने का मौका मिलेगा, जिससे उनकी शिक्षा में कोई रुकावट नहीं आएगी।

 

सुप्रीम कोर्ट की चिंता: वायु प्रदूषण और छात्र-शिक्षक दोनों प्रभावित

दिल्ली-एनसीआर प्रदूषण
दिल्ली-एनसीआर प्रदूषण

दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण के कारण बड़े पैमाने पर समस्या उत्पन्न हो रही है, जो न केवल बच्चों की शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित कर रहा है, बल्कि शिक्षकों के लिए भी यह एक चुनौती बन चुका है। कोर्ट ने यह भी कहा कि कई बच्चों के पास एयर प्यूरीफायर की सुविधा नहीं है, और इस कारण घर पर रहते हुए बच्चों की सेहत पर बुरा असर पड़ रहा है।
वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि जब तक वायु गुणवत्ता (AQI) में सुधार नहीं होता, तब तक GRAP-4 के तहत लागू प्रतिबंधों में कोई ढील नहीं दी जा सकती।

 

अधिकारियों को कार्रवाई का निर्देश

सुप्रीम कोर्ट ने वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) को निर्देश दिया है कि वे उन अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करें, जो GRAP-4 के तहत ट्रकों के प्रवेश पर रोक लगाने के आदेशों का पालन नहीं कर रहे हैं। कोर्ट ने यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि दिल्ली में केवल आवश्यक सामान लाने वाले ट्रकों को ही अनुमति दी जाए और अन्य सभी ट्रकों का प्रवेश रोक दिया जाए।
सुप्रीम कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया कि जहां निर्माण कार्यों पर प्रतिबंध है, वहां मजदूरों के लिए श्रमिक उपकर का उपयोग किया जाए ताकि उनकी रोजी-रोटी पर कोई असर न पड़े।

 

प्रदूषण में राहत, एक्यूआई में सुधार

हालांकि, पिछले कुछ दिनों में दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण से राहत मिली है। सोमवार को, दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) खतरनाक स्तर से अस्वस्थ स्तर तक गिरा। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार, सोमवार सुबह 8 बजे तक AQI 281 दर्ज किया गया, जो अस्वस्थ श्रेणी में आता है। हालांकि, पिछले सप्ताह दिल्ली में AQI गंभीर प्लस श्रेणी में था, जो अब कुछ हद तक सुधर चुका है।

सुप्रीम कोर्ट का सुझाव: 12वीं तक के स्कूलों को खोलने पर विचार

सुप्रीम कोर्ट ने 18 नवंबर को दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण को लेकर सख्त कदम उठाए थे। उस समय कोर्ट ने आदेश दिया था कि 12वीं तक के सभी स्कूल बंद कर दिए जाएं। इसके बाद, कोर्ट ने यह निर्देश भी दिया कि इस फैसले पर फिर से विचार किया जाए ताकि बच्चों की शिक्षा में कोई विघ्न न आए। कोर्ट का यह कदम इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए लिया गया है कि वायु प्रदूषण के कारण बच्चों के लिए खुले स्थानों में रहना खतरनाक हो सकता है।

GRAP का इतिहास और उसका महत्व

सुप्रीम कोर्ट के आदेश स्कूलों को फिर से खोलने की संभावना
सुप्रीम कोर्ट के आदेश स्कूलों को फिर से खोलने की संभावना

ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) 2017 में दिल्ली और एनसीआर क्षेत्र में वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए लागू किया गया था। इस योजना का उद्देश्य प्रदूषण के विभिन्न स्तरों के आधार पर अलग-अलग उपायों को लागू करना था। GRAP-4 सबसे गंभीर स्थिति में लागू किया जाता है, जिसमें ट्रकों की रोक, निर्माण कार्यों पर पाबंदी और कई अन्य सख्त कदम शामिल हैं।

दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण का स्तर अब भी एक बड़ी चिंता का विषय बना हुआ है। सुप्रीम कोर्ट ने प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए GRAP-4 के तहत लागू किए गए प्रतिबंधों को जारी रखने का निर्णय लिया है, लेकिन साथ ही स्कूलों को फिर से खोलने के लिए CAQM से विचार करने का भी निर्देश दिया है। इसका उद्देश्य बच्चों की शिक्षा में कोई विघ्न न आए और वे सुरक्षित रूप से स्कूल में पढ़ाई कर सकें।

 

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