डायबिटीज़ न केवल ब्लड शुगर को प्रभावित करता है, बल्कि आंखों की रोशनी के लिए भी खतरा बन सकता है। अगर समय रहते इस बीमारी को नहीं रोका गया, तो यह स्थायी अंधेपन का कारण बन सकती है। इस लेख में हम डायबिटिक रेटिनोपैथी का इलाज, इसके लक्षण और बचाव के तरीकों के बारे में विस्तार से जानेंगे।
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डायबिटिक रेटिनोपैथी क्या है?
डायबिटिक रेटिनोपैथी एक गंभीर आंखों की बीमारी है, जो लंबे समय तक अनियंत्रित डायबिटीज़ रहने के कारण होती है। जब शरीर में शुगर का स्तर अधिक बढ़ जाता है, तो यह आंखों की रेटिना में मौजूद ब्लड वेसल्स को नुकसान पहुंचाता है। इससे आंखों में सूजन, ब्लीडिंग और धीरे-धीरे दृष्टिहीनता का खतरा बढ़ जाता है।
डायबिटिक रेटिनोपैथी के लक्षण
अगर आपको डायबिटीज़ है, तो निम्नलिखित लक्षण दिखने पर सतर्क हो जाएं:
1. धुंधला दिखाई देना
उच्च शुगर स्तर के कारण रेटिना पर असर पड़ता है, जिससे चीजें साफ़ नहीं दिखती हैं।
2. रात में देखने में परेशानी
डायबिटिक रेटिनोपैथी के मरीजों को रात में देखने में दिक्कत हो सकती है।
3. आंखों के सामने धब्बे दिखना
आंखों में ब्लीडिंग होने से छोटे-छोटे काले धब्बे या धागे दिखने लगते हैं।
4. आंखों में सूजन और दर्द
ब्लड वेसल्स पर दबाव बढ़ने से आंखों में सूजन और हल्का दर्द महसूस हो सकता है।
डायबिटिक रेटिनोपैथी का इलाज
1. ब्लड शुगर को कंट्रोल में रखें
सबसे पहला और महत्वपूर्ण इलाज यही है कि ब्लड शुगर लेवल को स्थिर बनाए रखें। नियमित व्यायाम, हेल्दी डाइट और सही दवाओं का सेवन करके डायबिटीज़ को नियंत्रित किया जा सकता है।
2. लेजर थेरेपी
अगर डायबिटिक रेटिनोपैथी गंभीर हो जाती है, तो लेजर ट्रीटमेंट से ब्लड वेसल्स को ठीक किया जाता है, ताकि आगे और नुकसान न हो।
3. आई इंजेक्शन
आंखों में सूजन और ब्लीडिंग को रोकने के लिए डॉक्टर एंटी-VEGF इंजेक्शन का सुझाव दे सकते हैं।
4. सर्जरी (विट्रेक्टोमी)
अगर स्थिति ज्यादा गंभीर हो जाए, तो सर्जरी के जरिए आंखों से ब्लड को हटाया जाता है और दृष्टि सुधारने की कोशिश की जाती है।
डायबिटिक रेटिनोपैथी से बचाव के उपाय
1. नियमित आंखों की जांच कराएं
अगर आपको डायबिटीज़ है, तो हर 6 महीने में आंखों की जांच जरूर कराएं।
2. हेल्दी डाइट अपनाएं
हरी सब्जियां, फल और कम कार्बोहाइड्रेट वाला भोजन करें, जिससे ब्लड शुगर नियंत्रण में रहे।
3. धूम्रपान और शराब से बचें
सिगरेट और शराब का सेवन आंखों की नसों को नुकसान पहुंचा सकता है।
4. रोजाना व्यायाम करें
नियमित योग और हल्की एक्सरसाइज़ करने से ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है, जिससे आंखों की नसों को फायदा मिलता है।
डायबिटिक रेटिनोपैथी का इलाज समय पर कराना बेहद जरूरी है, वरना यह स्थायी दृष्टिहीनता का कारण बन सकती है। अगर आपको डायबिटीज़ है, तो नियमित आंखों की जांच कराएं, हेल्दी डाइट लें और ब्लड शुगर को नियंत्रित रखें। किसी भी समस्या के संकेत मिलने पर तुरंत आई स्पेशलिस्ट से संपर्क करें।
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