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Friday, February 21, 2025

फैलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम: तेजवापुर सीएचसी पर एमएमडीपी किट का वितरण और जागरूकता अभियान

फैलेरिया उन्मूलन के लिए तेजवापुर सीएचसी पर एमएमडीपी किट का वितरण

फैलेरिया उन्मूलन
फैलेरिया उन्मूलन

बहराइच, तेजवापुर: सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) तेजवापुर में फैलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत 35 एमएमडीपी किट का वितरण किया गया। इस कार्यक्रम का आयोजन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के अधीक्षक डॉ. अभिषेक अग्निहोत्री की अध्यक्षता में किया गया। इस अवसर पर लोगों को फैलेरिया के बारे में जागरूक किया गया और बताया गया कि यह बीमारी क्यूलेक्स मच्छर के काटने से होती है।

फैलेरिया के बारे में जानें

फैलेरिया एक गंभीर बीमारी है, जो मच्छरों के माध्यम से फैलती है। हालांकि इसके लक्षणों का पता कई वर्षों बाद चलता है, लेकिन यदि इसे समय पर इलाज न किया जाए तो यह जीवनभर के लिए परेशानी का कारण बन सकती है। डॉ. अभिषेक अग्निहोत्री ने बताया कि इस बीमारी का इलाज संभव नहीं है, लेकिन इसके प्रभाव को कम करने और फैलने से रोकने के उपाय किए जा सकते हैं। उन्होंने बताया कि हर साल एक बार फैलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत एलबेंडाजोल और डीईसी की खुराक लेनी चाहिए, ताकि इस बीमारी से बचा जा सके।

फैलेरिया से बचाव के उपाय

फैलेरिया से बचाव के लिए कुछ महत्वपूर्ण कदम उठाए जा सकते हैं:

  1. मच्छरदानी का उपयोग: रात के समय मच्छरदानी का उपयोग करना चाहिए।
  2. पानी का जमाव न होने दें: घरों के अंदर और आसपास पानी जमा न होने दें, क्योंकि मच्छरों के प्रजनन के लिए पानी आवश्यक है।
  3. वर्ष में एक बार दवाइयाँ लें: साल में एक बार एलबेंडाजोल और डीईसी की खुराक से इस बीमारी से बचाव किया जा सकता है।

एमएमडीपी किट का वितरण

इस कार्यक्रम के अंतर्गत 35 एमएमडीपी किट का वितरण किया गया। यह किट प्रभावित अंगों की सफाई और देखभाल में उपयोगी होती है। किट में आवश्यक दवाइयाँ और अन्य सामग्री दी जाती हैं, जो फैलेरिया से ग्रसित व्यक्तियों को राहत प्रदान करती हैं। इस अवसर पर फैलेरिया निरीक्षक रत्नेश रत्नाकर, बीसीपीएम रोहित वर्मा, बीपीएम अनुराधा कुशवाहा, गिरजेश कुमार, संजीव कुमार, आकाश कुमार और आगा खान फाउंडेशन से अवनीश मिश्रा भी उपस्थित रहे।

फैलेरिया उन्मूलन के लिए जारी जागरूकता

इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य फैलेरिया के प्रति लोगों में जागरूकता फैलाना था। डॉ. अभिषेक अग्निहोत्री ने बताया कि इस बीमारी से बचने के लिए नियमित रूप से स्वास्थ्य केंद्रों पर जाकर जांच करानी चाहिए और फैलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम में भाग लेना चाहिए। इससे न केवल व्यक्ति सुरक्षित रहेगा, बल्कि समाज में फैलेरिया के प्रसार को भी रोका जा सकेगा।

फैलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत की गई यह पहल निश्चित रूप से जिले में फैलेरिया को नियंत्रित करने और इसके प्रसार को रोकने में मदद करेगी। प्रशासन का प्रयास है कि इस तरह के कार्यक्रमों को और अधिक प्रभावी बनाकर पूरे बहराइच जिले में फैलेरिया की समस्या को समाप्त किया जा सके।

और पढ़ें : आयुष कार्यशाला में शिरा-वेध, विद्य-कर्म और कपिंग थेरेपी पर विशेष सत्र आयोजित

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