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Sunday, February 23, 2025

हाथरस भगदड़ जांच रिपोर्ट: न्यायिक आयोग ने भोले बाबा को दी क्लीन चिट, लेकिन कौन है जिम्मेदार?

हाथरस, उत्तर प्रदेश। हाथरस भगदड़ जांच रिपोर्ट का इंतजार खत्म हो गया है। न्यायिक आयोग ने अपनी विस्तृत रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंप दी है, जिसमें भोले बाबा सत्संग हादसा में बाबा को क्लीन चिट दी गई है। हालांकि, इस हादसे में 121 लोगों की मौत हो गई थी, जिससे यह सवाल उठता है कि आखिर इसके लिए जिम्मेदार कौन है? आइए जानते हैं इस पूरी जांच रिपोर्ट का सार।

हाथरस भगदड़ जांच रिपोर्ट
हाथरस भगदड़ जांच रिपोर्ट

हाथरस भगदड़ हादसे की पृष्ठभूमि

हाथरस जिले के फुलरई मुगलगढ़ी गांव में 2 जुलाई 2024 को साकार नारायण विश्व हरि उर्फ भोले बाबा के सत्संग के दौरान भारी भीड़ उमड़ी। जब सत्संग समाप्त हुआ और बाबा का काफिला निकलने लगा, तो श्रद्धालुओं को रोक दिया गया, जिससे भगदड़ मच गई। इस घटना में 121 लोगों की मौत हो गई और दो दर्जन से ज्यादा घायल हो गए।

हाथरस न्यायिक आयोग का गठन

उत्तर प्रदेश सरकार ने 3 जुलाई 2024 को इस घटना की जांच के लिए तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग का गठन किया। इसकी अध्यक्षता इलाहाबाद हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश बृजेश कुमार श्रीवास्तव (द्वितीय) ने की, जबकि इसमें पूर्व IAS अधिकारी हेमंत राव और पूर्व IPS भवेश कुमार सिंह सदस्य थे।

जांच रिपोर्ट के प्रमुख बिंदु

1. भोले बाबा को मिली क्लीन चिट

न्यायिक जांच रिपोर्ट में बाबा साकार नारायण विश्व हरि को किसी भी प्रकार की लापरवाही का दोषी नहीं ठहराया गया है। रिपोर्ट के अनुसार, भगदड़ में बाबा की कोई सीधी भूमिका नहीं थी।

2. प्रशासन और आयोजकों की भूमिका पर सवाल

रिपोर्ट में जिला प्रशासन और आयोजकों की भूमिका पर सवाल उठाए गए हैं। यह देखा गया कि प्रशासन ने भीड़ नियंत्रण के लिए उचित प्रबंध नहीं किए थे। आयोजक भी श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को संभालने में असफल रहे।

3. क्या हादसे के पीछे था कोई षड्यंत्र?

जांच रिपोर्ट में षड्यंत्र की संभावना को स्पष्ट नहीं किया गया है। हालांकि, यह सुझाव दिया गया है कि इस दिशा में और गहन जांच की जरूरत है।

घटना के लिए कौन है जिम्मेदार?

1. जिला प्रशासन की लापरवाही

रिपोर्ट में स्पष्ट रूप से कहा गया कि जिला प्रशासन ने भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पर्याप्त पुलिस बल और सुरक्षा प्रबंध नहीं किए थे।

2. आयोजकों की नाकामी

सत्संग स्थल पर भीड़ प्रबंधन की कोई पुख्ता व्यवस्था नहीं थी। जब बाबा का काफिला निकला, तो श्रद्धालुओं को रोकने के कारण भगदड़ मच गई।

1500 से अधिक लोगों के दर्ज हुए बयान

न्यायिक आयोग ने 1500 से अधिक लोगों के बयान दर्ज किए। इसमें पीड़ित परिवारों, प्रत्यक्षदर्शियों और अधिकारियों के बयान शामिल थे। 10 अक्टूबर 2024 को खुद बाबा नारायण साकार विश्व हरि ने भी अपना बयान दर्ज कराया था।

भविष्य में ऐसे हादसे रोकने के लिए सुझाव

न्यायिक आयोग ने सुझाव दिया है कि:

  • भीड़ नियंत्रण के सख्त नियम बनाए जाएं
  • धार्मिक आयोजनों के लिए पूर्व अनुमति और सुरक्षा मानकों का पालन अनिवार्य किया जाए।
  • आपातकालीन निकासी योजना सुनिश्चित की जाए।

हाथरस भगदड़ जांच रिपोर्ट में भोले बाबा को क्लीन चिट दी गई है, लेकिन प्रशासन और आयोजकों की लापरवाही उजागर हुई है। हालांकि, पीड़ित परिवार अब भी न्याय की उम्मीद कर रहे हैं। इस मामले में सरकार आगे क्या कदम उठाएगी, यह देखना दिलचस्प होगा।

 

 

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