आईआईएम बेंगलुरु ने हिंदी में शुरू किया पहला एमओओसी कोर्स
आईआईएम बेंगलुरु (Indian Institute of Management Bengaluru) ने हिंदी भाषी विद्यार्थियों और पेशेवरों के लिए अपना पहला मैसिव ओपन ऑनलाइन कोर्स (एमओओसी) लॉन्च किया है। यह कोर्स “सिद्धांत से व्यवहार तक: व्यवसाय में ईएसजी और सस्टेनेबिलिटी का कार्यान्वयन” के नाम से जाना जाएगा। यह कोर्स विशेष रूप से उन लोगों के लिए डिज़ाइन किया गया है जो सस्टेनेबिलिटी और ईएसजी (Environmental, Social, Governance) के क्षेत्र में गहरी समझ और कौशल प्राप्त करना चाहते हैं।
कोर्स की विशेषताएँ
आईआईएम बेंगलुरु हिंदी एमओओसी कोर्स 12 सप्ताह का एक ऑनलाइन कार्यक्रम है, जो SWAYAM प्लेटफॉर्म पर होस्ट किया जाएगा। इस कोर्स का उद्देश्य छात्रों, कार्यरत पेशेवरों और अधिकारियों को सस्टेनेबल ग्रोथ और होलिस्टिक क्रिएशन के बारे में बेहतर समझ प्रदान करना है। यह कोर्स 24 जनवरी 2025 से शुरू होगा और इच्छुक उम्मीदवार 28 फरवरी 2025 तक इस कार्यक्रम में नामांकन करा सकते हैं।
क्या है इस कोर्स का उद्देश्य?
आईआईएम बेंगलुरु का यह हिंदी में शुरू किया गया एमओओसी कोर्स खासकर उन लोगों के लिए है जो व्यवसाय में ईएसजी और सस्टेनेबिलिटी के कार्यान्वयन में रुचि रखते हैं। इस कोर्स के माध्यम से, छात्रों और पेशेवरों को इस क्षेत्र में नवीनतम सिद्धांतों और व्यावहारिक दृष्टिकोणों का ज्ञान मिलेगा।
कोर्स के प्रमुख प्रशिक्षक
इस कोर्स के प्रमुख प्रशिक्षक डॉ. आदित्य गुप्ता होंगे, जो टीसीआई-आईआईएमबी सप्लाई चेन सस्टेनेबिलिटी लैब के सीओओ हैं। डॉ. गुप्ता के पास टाटा समूह, टीवीएस समूह, जिंदल समूह और अन्य प्रमुख कंपनियों में काम करने का समृद्ध अनुभव है। उन्होंने सस्टेनेबिलिटी और ईएसजी प्रथाओं को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
कोर्स की संरचना और लाभ
यह हिंदी में आईआईएम बेंगलुरु का एमओओसी कोर्स वीडियो व्याख्यान, ई-टेक्स्ट, स्व-मूल्यांकन और चर्चा मंच जैसी सामग्री से समृद्ध होगा। कोर्स के समाप्ति के बाद, 30 अप्रैल 2025 से पहले पूरा करने वाले छात्र मई 2025 में परीक्षा में शामिल हो सकेंगे। इस कोर्स में नामांकन नि:शुल्क है, लेकिन प्रमाणपत्र प्राप्त करने के लिए नाममात्र शुल्क लिया जाएगा।
नामांकन प्रक्रिया और शेड्यूल
इच्छुक छात्र 28 फरवरी 2025 तक इस कोर्स के लिए नामांकन कर सकते हैं। कोर्स 24 जनवरी से शुरू होगा और 12 सप्ताह तक चलेगा, जिसमें छात्र हर हफ्ते कोर्स सामग्री का अध्ययन करेंगे और स्व-मूल्यांकन कर सकेंगे।
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