हेयर लॉस क्यों होता है और इसके कारण क्या हैं?

बालों का झड़ना या हेयर लॉस केवल ब्यूटी प्रॉब्लम नहीं है। यह एक गम्भीर मेडिकल कंडीशन हो सकती है, जो आपकी सेहत से जुड़ी कई समस्याओं का संकेत देती है। बाल झड़ने के कारण अलग-अलग हो सकते हैं, जिनमें हार्मोन्स, पोषण की कमी और तनाव जैसे फैक्टर्स शामिल हैं।
डर्मटॉलजिस्ट डॉ. निवेदिता दादू के अनुसार, हेयर लॉस के कारणों का पता लगाकर सही उपचार किया जाए तो गंजेपन से बचा जा सकता है। आइए जानते हैं हेयर लॉस के पीछे छिपे प्रमुख कारण और इसे रोकने के उपाय।
हेयर लॉस के प्रमुख कारण (Causes of Hair Loss)
1.1 एलोपेसिया एरिटिया और ऑटोइम्यून डिसॉर्डर्स
बालों का झड़ना कई बार एलोपेसिया एरिटिया जैसी ऑटोइम्यून बीमारियों के कारण हो सकता है। इस स्थिति में आपकी इम्यून सिस्टम गलती से बालों के फॉलिकल्स पर अटैक कर देता है, जिससे बाल झड़ने लगते हैं।
1.2 हार्मोनल असंतुलन (Hormonal Imbalances)
हार्मोन्स का असंतुलन पुरुषों और महिलाओं में अलग-अलग पैटर्न में हेयर लॉस का कारण बन सकता है। महिलाओं में यह पॉलिसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम (PCOS) या मेनोपॉज के दौरान देखा जा सकता है, जबकि पुरुषों में यह मेल पैटर्न बॉल्डनेस का रूप ले सकता है।
1.3 पोषक तत्वों की कमी (Nutritional Deficiencies)
आयरन, विटामिन बी12 और प्रोटीन जैसे आवश्यक पोषक तत्वों की कमी बालों की जड़ों को कमजोर कर सकती है, जिससे हेयर फॉल बढ़ सकता है।
1.4 थायरॉइड डिसॉर्डर्स
थायरॉइड ग्रंथि के असंतुलन के कारण भी बाल तेजी से गिर सकते हैं। हाइपोथायरॉइडिज्म और हाइपरथायरॉइडिज्म दोनों ही स्थितियों में बालों की ग्रोथ पर असर पड़ता है।
1.5 तनाव (Stress)
स्ट्रेस से बालों की जड़ें कमजोर हो जाती हैं, जिससे बाल टूटकर गिर सकते हैं। इसे टेलोजेन एफ्लुवियम कहा जाता है, जो अचानक और गम्भीर बाल झड़ने का कारण बनता है।
डॉक्टर की सलाह: हेयर लॉस से बचने के उपाय

2.1 सही डायग्नोसिस जरूरी
हेयर लॉस का इलाज शुरू करने से पहले इसके कारणों का सही तरीके से पता लगाना जरूरी है। डर्मटॉलजिस्ट स्कैल्प और सिर की त्वचा की जांच कर सकते हैं और टेस्ट के आधार पर उपचार की सिफारिश करते हैं।
2.2 मेडिकल ट्रीटमेंट
डॉ. निवेदिता के अनुसार, हेयर लॉस का सही इलाज तभी संभव है जब इसे मेडिकल कंडीशन के रूप में लिया जाए। मिनोक्सिडिल और फिनास्टेराइड जैसे दवाओं का उपयोग बालों की ग्रोथ में मदद कर सकता है।
2.3 पोषण में सुधार
अपने आहार में आयरन, विटामिन बी12, बायोटिन और प्रोटीन से भरपूर खाद्य पदार्थ शामिल करें। इससे बालों की जड़ों को मजबूती मिलती है।
2.4 तनाव कम करना
योग, मेडिटेशन और नियमित व्यायाम के माध्यम से तनाव को नियंत्रित करें। इससे न केवल हेयर लॉस में कमी आएगी, बल्कि आपकी समग्र सेहत भी बेहतर होगी।
बीमारियों के कारण गंजेपन का खतरा कैसे बढ़ता है?
3.1 हार्मोनल डिसऑर्डर्स
महिलाओं में पीसीओएस और पुरुषों में मेल पैटर्न बॉल्डनेस हार्मोनल समस्याओं से जुड़े हुए हैं। इनकी समय पर पहचान और इलाज बेहद जरूरी है।
3.2 इन्फेक्शन
स्कैल्प पर फंगल या बैक्टीरियल संक्रमण भी बालों की ग्रोथ को प्रभावित कर सकता है। इसे रोकने के लिए हाइजीन का ध्यान रखें और डॉक्टर से परामर्श लें।
3.3 आनुवांशिक कारण
अगर आपके परिवार में गंजेपन की समस्या रही है तो आप भी इससे प्रभावित हो सकते हैं। हालांकि, सही उपचार से बालों के झड़ने की गति को धीमा किया जा सकता है।
हेयर लॉस रोकने के घरेलू उपाय
4.1 नारियल तेल और एलोवेरा
नारियल तेल और एलोवेरा जैल को मिलाकर स्कैल्प पर लगाने से बालों की जड़ों को पोषण मिलता है।
4.2 आंवला और शिकाकाई
आंवला और शिकाकाई बालों के लिए प्राकृतिक कंडीशनर का काम करते हैं और बालों को झड़ने से रोकते हैं।
4.3 प्याज का रस
प्याज का रस बालों की ग्रोथ बढ़ाने में मददगार है। इसे स्कैल्प पर लगाएं और कुछ घंटों बाद धो लें।
हेयर लॉस का भावनात्मक प्रभाव
हेयर लॉस केवल शारीरिक समस्या नहीं है, इसका मानसिक और सामाजिक प्रभाव भी होता है। गंजापन आत्मविश्वास को कमजोर कर सकता है और डिप्रेशन का कारण बन सकता है।
हेयर लॉस एक गम्भीर समस्या है, जिसे नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए। डर्मटॉलजिस्ट की सलाह लें, सही कारण का पता लगाएं और उपचार शुरू करें। अपने आहार और जीवनशैली में सुधार लाकर आप इस समस्या को काफी हद तक रोक सकते हैं। बालों की सही देखभाल और समय पर उपचार से न केवल बालों का झड़ना रुकेगा, बल्कि बालों की ग्रोथ भी बेहतर होगी।
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