राजस्थान के जयपुर में शुक्रवार सुबह एक भयानक सड़क हादसा हुआ, जिसमें 11 लोगों की जान चली गई और 35 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। यह हादसा इतना भीषण था कि 40 से ज्यादा वाहन जल गए और आसपास के क्षेत्र में भीषण आग ने तांडव मचाया। यह हादसा जयपुर के भांकरोटा इलाके में हुआ, जब एक एलपीजी गैस टैंकर एक ट्रक से टकरा गया। हादसे के बाद आग ने आस-पास के इलाकों को अपनी चपेट में ले लिया और कई लोगों के लिए राहत की कोशिशों में प्रशासन जुटा हुआ है।

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Toggleकैसे हुआ हादसा?
जयपुर के भांकरोटा इलाके में स्थित एक पेट्रोल पंप के पास शुक्रवार सुबह करीब 5:44 बजे एक भयानक हादसा हुआ। एक एलपीजी गैस टैंकर अजमेर से जयपुर की ओर जा रहा था। जब टैंकर अजमेर की ओर यू-टर्न ले रहा था, तभी एक ट्रक ने टक्कर मार दी। टक्कर के बाद गैस लीक होने लगी, और देखते ही देखते आग की लपटें फैल गईं। हादसा इतना भीषण था कि आग ने 200 मीटर के दायरे को अपनी चपेट में ले लिया।
हादसे के बाद की स्थिति और नुकसान
इस हादसे में अब तक 11 लोगों की मौत हो चुकी है और 35 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। हादसा इतना भीषण था कि 40 से ज्यादा वाहन जलकर राख हो गए, जिनमें एक स्लीपर बस भी शामिल है। इसके अलावा घटनास्थल के आसपास एक घर भी आग की चपेट में आ गया। यह आग इतनी विकराल थी कि करीब एक किलोमीटर दूर से इसे देखा जा सकता था।
घायलों को इलाज के लिए पास के अस्पतालों में भेजा गया है। इस घटना के कारण हाईवे का करीब 300 मीटर लंबा हिस्सा प्रभावित हुआ, जिसके बाद हाईवे को बंद कर दिया गया है। हादसे के तुरंत बाद 30 से ज्यादा एंबुलेंस और दमकल के दर्जनों वाहन घटनास्थल पर पहुंच गए और राहत एवं बचाव कार्य शुरू किया गया।
मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री का बयान
राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने इस दर्दनाक हादसे पर गहरा दुख व्यक्त किया है। उन्होंने मृतकों के परिवारों को पांच लाख रुपये और घायलों को एक लाख रुपये की सहायता राशि देने का एलान किया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस हादसे पर संवेदना व्यक्त करते हुए मृतकों के परिवारों को दो लाख रुपये और घायलों के लिए 50,000 रुपये के मुआवजे की घोषणा की है। उन्होंने ट्विटर पर कहा, “जयपुर के अजमेर हाईवे पर हुए हादसे में लोगों की मौत से बहुत दुखी हूं। घायलों के जल्द ठीक होने की कामना करता हूं।”
घटनास्थल पर चल रहे राहत कार्य

हादसे के बाद राज्य सरकार ने मौके पर तैनात अधिकारियों की निगरानी में राहत कार्य शुरू किया। भजनलाल शर्मा ने घटनास्थल का दौरा किया और घायलों के इलाज के लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित की। इसके अलावा हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए गए हैं, ताकि लोग किसी भी प्रकार की जानकारी प्राप्त कर सकें।
जयपुर पुलिस ने हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया है, जिन पर लोग कॉल करके पीड़ितों के बारे में जानकारी हासिल कर सकते हैं:
- 9166347551
- 8764868431
- 7300363636
राज्य सरकार और प्रशासन की तैयारी
घटना के तुरंत बाद राज्य के स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्र सिंह खिमसर और मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने एसएमएस अस्पताल का दौरा किया। अस्पताल में भर्ती किए गए घायलों में से कई की हालत गंभीर बताई जा रही है। दुर्घटनास्थल से अस्पताल तक ग्रीन कॉरिडोर बनाए गए हैं, ताकि घायलों को जल्दी से जल्दी इलाज मिल सके।
जयपुर पुलिस और प्रशासन ने पूरी कोशिश की है कि पीड़ितों को जल्द से जल्द सहायता मिले। हादसे के बाद कई प्रमुख नेताओं और अधिकारियों ने घटनास्थल का दौरा किया और राहत कार्यों में प्रशासन की मदद की।
आग की विकरालता और उसके बाद के दृश्य
घटनास्थल पर बर्बादी का मंजर पूरी तरह से स्पष्ट था। आग ने पूरे इलाके को अपनी चपेट में ले लिया था। घटनास्थल के पास जलने के कारण पक्षी भी मारे गए। आग की चपेट में आए कई लोग अपनी जलती हुई वस्त्रों को भी उतारने का समय नहीं पा सके और भागते हुए नजर आए। पूरे इलाके में बर्बादी का दृश्य था, जो यह दर्शाता था कि हादसा कितना भयंकर था।
राहत और बचाव कार्यों में जुटे अधिकारी
घटना के बाद राजस्थान सरकार ने मेडिकल टीम और पुलिस अधिकारियों को घटनास्थल पर तैनात किया। हादसे के कारण प्रभावित लोगों को तत्काल चिकित्सा सहायता दी गई है। स्थानीय प्रशासन की तरफ से राहत कार्य जारी है और घायलों को सभी आवश्यक सुविधाएं मुहैया कराई जा रही हैं।
राजस्थान के लोगों के लिए संदेश

इस हादसे ने राजस्थान के लोगों को एक बड़े खतरे के प्रति जागरूक किया है। ऐसे हादसों से बचने के लिए सुरक्षा मानकों का पालन करना बहुत जरूरी है। जयपुर में हुई यह घटना यह साबित करती है कि हमें ऐसी आपदाओं के लिए पहले से तैयारी करनी चाहिए, ताकि किसी भी स्थिति में अधिक से अधिक जानमाल का नुकसान न हो।
जयपुर में हुए इस गैस टैंकर हादसे ने पूरे राजस्थान को झकझोर कर रख दिया है। इस दुर्घटना में कई लोग अपनी जान गंवा चुके हैं और कई अन्य घायल हो गए हैं। प्रशासन ने तुरंत राहत और बचाव कार्य शुरू किया और स्थिति को नियंत्रण में लाने की कोशिश की। इस हादसे से यह भी पता चलता है कि हमें ऐसे हादसों से बचने के लिए सुरक्षा मानकों का पालन करना बहुत जरूरी है।
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