कौशांबी में धर्म परिवर्तन मामले का खुलासा: युवक का इलाज के बहाने धर्म परिवर्तन कराया
कौशांबी में धर्म परिवर्तन की चौंकाने वाली घटना
उत्तर प्रदेश के कौशांबी जिले से एक सनसनीखेज खबर सामने आई है, जिसमें एक युवक को इलाज के बहाने धर्म परिवर्तन कराया गया। इस मामले को लेकर पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। आइए जानते हैं पूरी घटना के बारे में और क्या है धर्म परिवर्तन का सच।
कौशांबी के युवक को इलाज के बहाने धर्म परिवर्तन के लिए पंजाब ले जाया गया
कौशांबी जिले के जाफरपुर महावां निवासी वीरेंद्र कुमार दिवाकर को सर्वाइकल की समस्या थी और वह कई सालों से इसके इलाज के लिए डॉक्टर के पास जा रहे थे। इसी बीच उसकी मुलाकात मंझनपुर कोतवाली के शंकरलाल चौरसिया से हुई, जिसने वीरेंद्र को अपनी बीमारी का इलाज कराने के लिए झांसा दिया। शंकरलाल ने वीरेंद्र को पंजाब के जालंधर ले जाने का प्रस्ताव दिया और यह बताया कि वह उसकी बीमारी ठीक करने में मदद कर सकता है।
धर्म परिवर्तन की घटना और जालंधर की चर्च में घटना का खुलासा
वीरेंद्र कुमार दिवाकर के अनुसार, शंकरलाल उसे जालंधर के खांबड़ा नकोदर रोड स्थित चर्च में लेकर गया, जहां उसे धर्म परिवर्तन करने के लिए मजबूर किया गया। यहां ईसाई धर्म के कुछ लोग भी शामिल थे जिन्होंने इस प्रक्रिया को अंजाम दिया। इसके बाद आरोपी ने वीरेंद्र के साथ मारपीट और गाली-गलौज भी की, जिसके बाद वीरेंद्र ने पुलिस से मदद मांगी।
पुलिस की कार्रवाई और आरोपी की गिरफ्तारी
वीरेंद्र ने अपनी शिकायत में बताया कि शंकरलाल चौरसिया ने उसे इलाज के बहाने धर्म परिवर्तन कराया। इसके बाद मंझनपुर थाने में मामला दर्ज किया गया। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है और उसे जेल भेज दिया है। एडिशनल एसपी राजेश सिंह ने इस मामले की पुष्टि की और कहा कि आरोपी के खिलाफ उचित कार्रवाई की जा रही है।
धर्म परिवर्तन से संबंधित घटनाओं की बढ़ती चिंता
कौशांबी जिले में यह घटना धर्म परिवर्तन से संबंधित एक और विवाद को उजागर करती है। हालांकि, पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तुरंत कार्रवाई की है, लेकिन इस प्रकार की घटनाओं से समाज में विवाद और तनाव की स्थिति पैदा हो सकती है।
कौशांबी में धर्म परिवर्तन का मामला
धर्म परिवर्तन के इस मामले ने कौशांबी जिले में हलचल मचा दी है। आरोपी की गिरफ्तारी के बाद पुलिस अब इस मामले की गहनता से जांच कर रही है। इस प्रकार के मामलों में समाज में नफरत और असहमति की भावना फैल सकती है, जो कि समाज के लिए हानिकारक हो सकता है।
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