दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025: आप ने गठबंधन से किया इनकार
आम आदमी पार्टी (AAP) ने दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर बड़ा निर्णय लिया है। पार्टी प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने घोषणा की है कि उनकी पार्टी दिल्ली में अकेले चुनाव लड़ेगी और किसी भी पार्टी, खासकर कांग्रेस, के साथ गठबंधन नहीं करेगी।
केजरीवाल का बयान: अकेले लड़ेंगे चुनाव
दिल्ली के मुख्यमंत्री और AAP प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को अपने आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट पर स्पष्ट किया कि उनकी पार्टी अकेले ही दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में मैदान में उतरेगी। उन्होंने कहा, “दिल्ली के लोगों पर हमें पूरा भरोसा है, और हम उनके लिए ईमानदारी से काम करते रहेंगे।”
गठबंधन की अफवाहें और सच्चाई
इससे पहले यह चर्चा थी कि आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच गठबंधन फाइनल हो गया है। खबरों के अनुसार, कांग्रेस को 15 सीटें और अन्य I.N.D.I.A गठबंधन सदस्यों को 1-2 सीटें मिलने की बात हो रही थी। हालांकि, केजरीवाल के इस बयान के बाद सभी अटकलों पर विराम लग गया।
आप की तैयारी: प्रत्याशियों की सूची जारी
दिल्ली चुनाव के लिए आम आदमी पार्टी ने अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं। 9 दिसंबर को पार्टी ने 20 उम्मीदवारों की दूसरी सूची जारी की थी। इससे पहले 11 प्रत्याशियों की पहली सूची जारी की गई थी। यह दिखाता है कि पार्टी अपने संगठन और चुनावी रणनीति पर पूरा ध्यान दे रही है।
पिछले चुनावों में AAP का प्रदर्शन
2015 का ऐतिहासिक प्रदर्शन
2015 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने इतिहास रचते हुए 70 में से 67 सीटों पर जीत दर्ज की थी। यह नतीजा पार्टी के लिए एक बड़ी सफलता थी और दिल्ली की राजनीति में AAP की मजबूत स्थिति को साबित करता है।
2020 का चुनाव और बीजेपी की चुनौती
2020 में हुए चुनाव में आम आदमी पार्टी ने 62 सीटें जीती थीं, जबकि भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने 8 सीटों पर कब्जा किया था। कांग्रेस का प्रदर्शन तब भी बेहद कमजोर रहा और वह एक भी सीट नहीं जीत पाई।
दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 का दांव
आम आदमी पार्टी ने इस बार 50 से अधिक सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है। पार्टी के मुताबिक, उनका फोकस जनता की बुनियादी जरूरतों को पूरा करने और उनके भरोसे को बनाए रखने पर रहेगा। वहीं, यह देखना दिलचस्प होगा कि बीजेपी और कांग्रेस इस बार किस तरह से रणनीति बनाती हैं।
गठबंधन की असफलता: AAP की रणनीति पर असर
कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच गठबंधन की असफलता I.N.D.I.A गठबंधन पर भी सवाल खड़े करती है। यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि गठबंधन न करने का निर्णय AAP को फायदा पहुंचाएगा या नुकसान।
चुनाव के मुख्य मुद्दे
AAP का एजेंडा
आम आदमी पार्टी ने दिल्ली में शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली और पानी के मुद्दों पर लगातार काम किया है। पार्टी का कहना है कि वह इन्हीं मुद्दों पर चुनाव लड़ेगी और जनता का विश्वास जीतने की कोशिश करेगी।
बीजेपी और कांग्रेस की चुनौती
बीजेपी ने 2020 के चुनाव में 8 सीटें जीती थीं। इस बार पार्टी अपनी संख्या बढ़ाने की कोशिश करेगी। कांग्रेस के लिए यह चुनाव अस्तित्व बचाने की लड़ाई बन गया है, क्योंकि पिछले दो विधानसभा चुनावों में उसे कोई सफलता नहीं मिली है।
चुनाव प्रचार: क्या है AAP की योजना
अरविंद केजरीवाल ने अपनी पार्टी के प्रचार अभियान की शुरुआत कर दी है। पार्टी का ध्यान अपने पिछले कामों को जनता के सामने पेश करने पर है। इसके अलावा, पार्टी ने दिल्ली की जनता से सीधे जुड़ने के लिए डिजिटल और ग्राउंड कैंपेन की योजना बनाई है।
AAP की राह आसान या मुश्किल?
दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में आम आदमी पार्टी अकेले लड़ने का फैसला कर चुकी है। अब यह देखना होगा कि यह निर्णय पार्टी को किस हद तक फायदा पहुंचाता है। पिछले प्रदर्शन को देखते हुए AAP मजबूत स्थिति में है, लेकिन बीजेपी और कांग्रेस की रणनीतियों पर भी काफी कुछ निर्भर करेगा।
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