खेल हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, लेकिन मोबाइल की इस दुनिया ने बच्चों से उनका खेलना कूदना ही नहीं छीना बल्कि उनकी मानसिक बुद्धि भी कमजोर होती जा रही है। जी हां.. एक ऐसा भी दौर था जब बच्चे खेलने के लिए घर से कई दूर निकल जाते थे, लेकिन अब बच्चे अपने एक कमरे से बाहर निकालना पसंद नहीं करते और इसका सबसे बड़ा कारण है सोशल मीडिया की दुनिया। अब इसी बीच पीएम मोदी ने खेलों की जीवंत ऊर्जा को बनाए रखने के लिए एक नया अध्याय शुरू किया है। तो चलिए जानते हैं इसकी पूरी जानकारी…
बीच गेम्स को मिलेगा बढ़ावा
दरअसल, देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को खेलों की ‘परिवर्तनकारी शक्ति’ की सराहना की और ‘खेलो इंडिया बीच गेम्स’ यानी की तटीय खेल को देश के खेल इतिहास में एक महत्वपूर्ण हिस्सा बताया। इसकी घोषणा खेल मंत्री मनसुख मांडवीया ने ‘घोघला बीच’ पर एक रंगारंग समारोह में की। इस दौरान पीएम मोदी ने इन खेलों की भर्ती खेल कैलेंडर में अहम जगह बनाने की उम्मीद जताई, साथ ही खेलों के आयोजन को शुभकामनाएं दी।
उन्होंने अपने शब्दों में कहा कि, “हमारे जैसे विविधतापूर्ण देश में खेलों में हमेशा एक अनूठी शक्ति रही है जो संस्कृतियों, क्षेत्रों और भाषाओं को जोड़ती है। खेलों की जीवंत ऊर्जा मनोरंजन से परे है और यह एक परिवर्तनकारी शक्ति बन गई है, जो राष्ट्रीय गौरव और हमारे युवाओं की आकांक्षाओं का प्रतीक है। इस संदर्भ में खेलो इंडिया बीच गेम्स का अधिक महत्व है।”
30 से अधिक राज्य होंगे शामिल
आपकी जानकारी के लिए बता दे कि, केईबीजी में 30 से अधिक राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के 1350 से अधिक एथलीट शामिल होने वाले हैं। एथलीट 6 पदक खेलों में प्रतिस्पर्धा करेंगे जिसमें सेपकटकरा, कबड्डी, वॉलीबॉल, फुटबॉल खुले पानी में तेराकी जैसे खेल शामिल है। इसके अलावा इन खेलों में रस्साकशी और मलखंब प्रदर्शन भी देखने को मिलने वाला है।
क्या बोले खेल मंत्री मांडवीया?
बता दे इस समारोह में दमन एवं दीव और लक्षद्वीप के प्रशासक प्रफुल्ल पटेल, पुडुचेरी के उपराज्यपाल के कैलाश नाथ और अंडमान एवं निकोबार दीप समूह के उपराज्यपाल एडमिरल डी के जोशी समेत कई लोग शामिल हुए थे। इस दौरान मांडवीया ने 2047 तक भारत को खेल महाशक्ति बनाने की प्रतियोगिता पर बात की।
उन्होंने अपने बयान में कहा कि, “आज हम न केवल एक खेल आयोजन का उद्घाटन कर रहे हैं, बल्कि हम भारत की पहली समुद्र तटीय खेल क्रांति की शुरुआत कर रहे हैं। मेरा मानना है कि जहां लहरें हैं, वहां जुनून होना चाहिए; जहां रेत है, वहां उत्साह और जोश होना चाहिये। ‘खेलो इंडिया बीच गेम्स’ ने आज हम सभी के दिलों में वही उत्साह जगा दी है।”
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