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Wednesday, February 5, 2025

“तेंदुआ हमला: खेत में काम कर रही मासूम बालिका को तेंदुए ने किया शिकार, हुई मौत”

तेंदुआ हमला: खेत में गई मासूम बालिका की तेंदुए से मौत

मिहींपुरवा, बहराइच: बहराइच जिले के कतर्नियाघाट वन्य जीव प्रभाग के ककरहा ककरहा वन रेंज के अंतर्गत ग्राम पंचायत उर्रा के मजरा तमोलिनपुरवा में बुधवार शाम को एक दिल दहला देने वाली घटना घटी। खेत में काम कर रही मासूम बालिका पर तेंदुए ने हमला कर उसे अपनी चपेट में ले लिया, जिसके परिणामस्वरूप उसकी मौत हो गई।

तेंदुआ हमला: खेत में गई मासूम बालिका की तेंदुए से मौत
तेंदुआ हमला: खेत में गई मासूम बालिका की तेंदुए से मौत

तेंदुआ हमला: किस तरह हुआ हादसा?

मिहींपुरवा क्षेत्र के ग्राम पंचायत उर्रा के निवासी बैजनाथ अपनी पत्नी और आठ वर्षीय बेटी शालिनी के साथ खेत में काम करने गए थे। परिवार के सदस्य खेत में काम कर रहे थे, और शालिनी अपने परिवार से कुछ दूरी पर स्थित गन्ने के खेत में खेल रही थी। तभी, वहां पहले से मौजूद तेंदुए ने मासूम बालिका को अपना शिकार बना लिया। तेंदुआ ने शालिनी के गले को अपनी जबड़े में दबोच लिया और उसे गन्ने के खेत में खींच लिया।

तेंदुआ के हमले के बाद क्या हुआ?

बालिका के शोर मचाने पर परिवार के अन्य सदस्य दौड़कर पहुंचे। शोर सुनकर तेंदुआ बालिका को गन्ने के खेत में छोड़कर जंगल की ओर भाग गया। हालांकि, तब तक बालिका की मौत हो चुकी थी। परिवार के सदस्य उस दुखद घटना को देखकर आक्रांत और दुखित हो गए। गांव में कोहराम मच गया और सैकड़ों ग्रामीण घटनास्थल पर पहुंच गए।

वन विभाग और प्रशासन की कार्यवाही

घटना की सूचना मिलने पर वन विभाग के कर्मी मौके पर पहुंचे और घटना की जांच शुरू की। डीएफओ बी शिव शंकर ने भी घटना की पुष्टि की। उन्होंने बताया कि तेंदुआ हमला करने के बाद वापस जंगल की ओर चला गया, जिससे यह स्थिति और गंभीर हो गई। मृतक बालिका के शव को पुलिस ने पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।

उपजिलाधिकारी और पुलिस अधिकारियों का घटनास्थल पर दौरा

घटना के बाद, उपजिलाधिकारी मिहींपुरवा, संजय कुमार और पुलिस क्षेत्राधिकारी मिहींपुरवा, हीरालाल कनौजिया ने घटनास्थल का निरीक्षण किया और पीड़ित परिवार से मुलाकात की। प्रशासन ने इस घटना को गंभीरता से लिया और तेंदुए के हमले के बाद त्वरित कार्रवाई करने का आश्वासन दिया।

तेंदुए को पकड़ने के लिए पिंजरा लगाया गया

स्थानीय ग्रामीणों की मांग पर वन विभाग ने घटनास्थल पर तेंदुए को पकड़ने के लिए पिंजरा लगाया। वन विभाग का प्रयास है कि तेंदुए को जल्दी पकड़कर ग्रामीणों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए और ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति से बचा जा सके।

तेंदुआ हमला और ग्रामीण सुरक्षा: क्या किया जा सकता है?

तेंदुए के हमले के बाद, यह सवाल उठता है कि ग्रामीण इलाकों में ऐसी घटनाओं को कैसे रोका जा सकता है। वन विभाग को तेंदुए की बढ़ती सक्रियता के बारे में गंभीर कदम उठाने की आवश्यकता है, ताकि भविष्य में ऐसे हमलों से बचा जा सके। साथ ही, स्थानीय प्रशासन को ग्रामीणों को तेंदुए के खतरे के बारे में जागरूक करना चाहिए और तेंदुए के शिकार को कम करने के लिए उपायों पर काम करना चाहिए।

बहराइच में तेंदुए के हमले ने एक मासूम की जान ले ली, और इस घटना ने जंगलों में रहने वाले जानवरों और ग्रामीणों के बीच बढ़ते टकराव को उजागर किया। वन विभाग और प्रशासन को ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए जल्दी और प्रभावी कदम उठाने होंगे। ग्रामीणों की सुरक्षा के लिए तेंदुए की बढ़ती गतिविधियों पर निगरानी रखना जरूरी है।

 

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