महाकुंभ भगदड़ घटना ने एक बार फिर सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। 1 फरवरी को प्रयागराज में होने वाली महाकुंभ के दौरान मौनी अमावस्या के अवसर पर भगदड़ मच गई, जिसमें 10 से अधिक श्रद्धालुओं की मौत हो गई और कई लोग घायल हो गए। यह घटना उस समय हुई जब लाखों श्रद्धालु पवित्र स्नान के लिए संगम की ओर जा रहे थे।
महाकुंभ भगदड़ घटना: क्या थी वजह?
महाकुंभ भगदड़ घटना की वजह अत्यधिक भीड़ और असमर्थ प्रबंधन को माना जा रहा है। हर साल महाकुंभ में लाखों श्रद्धालु जुटते हैं, लेकिन इस बार भगदड़ के कारण कई जीवन खो गए। यूपी सरकार ने इस घटना को लेकर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है, हालांकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घटना पर शोक व्यक्त किया और मृतकों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की।
यूपी सरकार का विवादित बयान
महाकुंभ भगदड़ घटना के बाद यूपी के मंत्री संजय निषाद का विवादित बयान सामने आया, जिसमें उन्होंने कहा कि “छोटी-मोटी घटनाएं होती रहती हैं।” इस बयान के बाद राजनीति गरमा गई, और विपक्षी नेताओं ने उत्तर प्रदेश सरकार की आलोचना की। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने महाकुंभ की व्यवस्था पर ध्यान नहीं दिया और सुरक्षा के मुद्दे को नजरअंदाज किया।
विपक्षी नेताओं की प्रतिक्रिया
विपक्षी नेताओं ने यूपी सरकार के ऊपर गंभीर आरोप लगाए हैं। समाजवादी पार्टी के अखिलेश यादव ने इस घटना के लिए उत्तर प्रदेश सरकार को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि महाकुंभ की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाए जाने चाहिए। कांग्रेस नेता अजय राय ने भी घटना को यूपी सरकार की असंवेदनशीलता करार दिया और कहा कि सरकार ने श्रद्धालुओं के लिए उचित प्रबंध नहीं किए।
महाकुंभ में सुरक्षा व्यवस्था की चुनौती
महाकुंभ भगदड़ घटना यह बताती है कि इतने बड़े धार्मिक आयोजन में सुरक्षा व्यवस्था की चुनौती कितनी बड़ी होती है। लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ में सही प्रबंधन और निगरानी की आवश्यकता है, ताकि ऐसी घटनाएं फिर से न हों।
क्या कहती है ममता बनर्जी?
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी इस घटना पर दुख व्यक्त किया और कहा कि इस भगदड़ में 15 से अधिक श्रद्धालुओं की मौत हो गई है। उन्होंने इस घटना में शामिल परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की और कहा कि श्रद्धालुओं के जीवन की सुरक्षा के लिए अधिक योजनाबद्ध प्रबंधन जरूरी है।
महाकुंभ भगदड़ घटना ने न केवल उत्तर प्रदेश सरकार की सुरक्षा व्यवस्था की खामियों को उजागर किया बल्कि इसे लेकर राजनीति भी तेज हो गई। इस घटना के बाद यूपी सरकार के मंत्री और विपक्षी दलों के बीच तीखी नोक-झोंक देखने को मिली। महाकुंभ जैसे विशाल धार्मिक आयोजन में सुरक्षा इंतजामों की सख्त जरूरत है ताकि भविष्य में ऐसी दुखद घटनाओं से बचा जा सके।
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