महाकुंभ 2025 मौनी अमावस्या स्नान: आस्था का महासमागम
महाकुंभ 2025 का आयोजन उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में जोरों पर है। अब तक 15 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगा चुके हैं। कहा जा रहा है कि मौनी अमावस्या (29 जनवरी) पर स्नान के सभी पुराने रिकॉर्ड टूट सकते हैं। इस दिन अकेले 10 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं के संगम पर स्नान करने की संभावना है।
मौनी अमावस्या स्नान का शेड्यूल
मौनी अमावस्या के दिन महास्नान के लिए विशेष समय निर्धारित किया गया है। प्रमुख अखाड़ों और श्रद्धालुओं के स्नान का समय इस प्रकार रहेगा:
अखाड़ों के स्नान का समय
- सुबह 5:00 बजे: महानिर्वाणी अखाड़ा और श्री शंभू पंचायती अटल अखाड़ा।
- सुबह 5:50 बजे: निरंजनी अखाड़ा और आनंद अखाड़ा।
- सुबह 6:45 बजे: जूना अखाड़ा, आवाहन अखाड़ा और पंच अग्नि अखाड़ा।
- सुबह 9:25 बजे: बैरागी अखाड़ा।
- सुबह 10:05 बजे: दिगंबर अनी अखाड़ा।
- सुबह 11:05 बजे: निर्मोही अखाड़ा।
- दोपहर 12:00 बजे: उदासीन परंपरा के अखाड़े।
श्रद्धालुओं की सुरक्षा के खास इंतजाम
महाकुंभ 2025 मौनी अमावस्या स्नान के दौरान श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। संगम तट पर अतिरिक्त फोर्स की तैनाती के साथ-साथ सीसीटीवी कैमरों से निगरानी की जाएगी।
क्राउड मैनेजमेंट की व्यवस्था
- स्नान के बाद श्रद्धालुओं को एकत्रित होने से रोका जाएगा।
- ट्रेनों और बसों की अतिरिक्त व्यवस्था की गई है।
- जल पुलिस और गोताखोरों की तैनाती से सुरक्षा पुख्ता की गई है।
अखाड़ों के लिए विशेष सुविधाएं
महाकुंभ 2025 में अखाड़ों के साधु-संतों के लिए विशेष व्यवस्थाएं की गई हैं। अमृत स्नान के दौरान हेलिकॉप्टर से पुष्पवर्षा की जाएगी। 21 क्विंटल गुलाब के फूलों की व्यवस्था की गई है।
श्रद्धालुओं में जबरदस्त उत्साह
महाकुंभ 2025 मौनी अमावस्या स्नान के लिए श्रद्धालुओं का उत्साह चरम पर है। प्रयागराज रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड पर भारी भीड़ देखी जा रही है। प्रशासन और सुरक्षा एजेंसियों ने सुगम व्यवस्था के लिए कमर कस ली है।
महाकुंभ 2025 मौनी अमावस्या स्नान: आस्था और उत्सव का संगम
महाकुंभ का यह पर्व न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति और समर्पण का भी अद्भुत उदाहरण है। मौनी अमावस्या पर स्नान करना पवित्र और मोक्ष प्राप्ति का अवसर माना जाता है।
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