न्यू टैक्स बिल 2025: जानिए इस नए इनकम टैक्स कानून में क्या-क्या बदलेगा?
भारत सरकार ने न्यू टैक्स बिल 2025 लोकसभा में पेश कर दिया है। यह नया इनकम टैक्स बिल 1961 के पुराने कानून की जगह लेगा। सरकार का दावा है कि यह बिल टैक्सपेयर्स के लिए अधिक सरल, पारदर्शी और सुविधाजनक होगा। आइए जानते हैं न्यू टैक्स बिल 2025 के मुख्य प्रावधान और आम आदमी पर इसके प्रभाव।
न्यू टैक्स बिल 2025 क्यों लाया गया?
पुराने इनकम टैक्स एक्ट 1961 में 880 पेज और कई जटिल धाराएं थीं, जिससे टैक्सपेयर्स को कठिनाई होती थी। न्यू टैक्स बिल 2025 को केवल 622 पेज तक सीमित किया गया है, जिसमें 536 धाराएं और 23 अध्याय होंगे।
न्यू टैक्स बिल 2025 के मुख्य बदलाव
1. टैक्स ईयर का नया कॉन्सेप्ट
अब असेसमेंट ईयर और प्रीवियस ईयर की जगह केवल “टैक्स ईयर” होगा। उदाहरण के लिए, 1 अप्रैल 2025 से 31 मार्च 2026 तक के लिए टैक्स ईयर 2025-26 माना जाएगा।
2. स्टैंडर्ड डिडक्शन में बदलाव
- पुराने टैक्स रिजीम में ₹50,000 का स्टैंडर्ड डिडक्शन जारी रहेगा।
- न्यू टैक्स रिजीम चुनने वालों के लिए यह सीमा ₹75,000 तक होगी।
3. नया टैक्स स्लैब
- ₹4 लाख तक की इनकम – कोई टैक्स नहीं
- ₹4.01 लाख से ₹8 लाख – 5% टैक्स
- ₹8.01 लाख से ₹12 लाख – 10% टैक्स
- ₹12.01 लाख से ₹16 लाख – 15% टैक्स
- ₹16.01 लाख से ₹20 लाख – 20% टैक्स
4. CBDT को नई शक्तियां
अब केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) को नई टैक्स स्कीम्स लागू करने के लिए संसद की अनुमति की जरूरत नहीं होगी।
5. कैपिटल गेन टैक्स में कोई बदलाव नहीं
- शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन टैक्स 20% रहेगा।
- लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स 12.5% रहेगा।
6. पेंशन, NPS और इंश्योरेंस पर राहत
रिटायरमेंट फंड, ग्रेच्युटी, पीएफ और NPS कंट्रीब्यूशन पर टैक्स छूट जारी रहेगी।
7. टैक्स चोरी पर सख्त नियम
अगर कोई व्यक्ति आय छिपाने की कोशिश करता है, तो उसके बैंक अकाउंट सीज किए जा सकते हैं और जुर्माना लगाया जा सकता है।
8. टैक्स पेमेंट को डिजिटल बनाया जाएगा
ई-केवाईसी (e-KYC) और ऑनलाइन टैक्स भुगतान को अनिवार्य किया जाएगा, जिससे टैक्स प्रणाली पारदर्शी बनेगी।
न्यू टैक्स बिल 2025 से आम आदमी को क्या फायदा?
- टैक्स सिस्टम आसान और पारदर्शी होगा।
- कम आय वालों को टैक्स में राहत मिलेगी।
- डिजिटलीकरण से टैक्स फाइलिंग की प्रक्रिया तेज होगी।
न्यू टैक्स बिल 2025 करदाताओं के लिए कई नए बदलाव लेकर आया है, जो टैक्स प्रक्रिया को सरल और सुविधाजनक बनाएंगे। अब देखना यह है कि संसद में इस बिल को मंजूरी मिलती है या नहीं।
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