नई दिल्ली विधानसभा सीट पर कांटे की टक्कर
नई दिल्ली विधानसभा सीट इस बार दिल्ली चुनावों का हॉटस्पॉट बन गई है। आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल इस सीट से लगातार तीन बार जीत चुके हैं। लेकिन इस बार मुकाबला कठिन हो गया है, क्योंकि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और कांग्रेस ने अपने मजबूत उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है। बीजेपी ने प्रवेश वर्मा को और कांग्रेस ने संदीप दीक्षित को टिकट दिया है।
केंद्र सरकार की घोषणा और आठवां वेतन आयोग
बीजेपी ने केंद्रीय कर्मचारियों को लुभाने के लिए आठवें वेतन आयोग की घोषणा की है। दिल्ली में बड़ी संख्या में केंद्रीय कर्मचारी और पेंशनभोगी हैं, जिनके वोटों पर बीजेपी का खास ध्यान है। 2020 में बीजेपी को इन क्षेत्रों में वोट नहीं मिले थे, लेकिन इस बार पार्टी उम्मीद कर रही है कि नई घोषणा से उसे फायदा होगा।
आप का मिडिल क्लास मिशन
नई दिल्ली सीट पर मिडिल क्लास और अपर मिडिल क्लास वोटर निर्णायक भूमिका निभा सकते हैं। अरविंद केजरीवाल ने मिडिल क्लास को लुभाने के लिए 7 डिमांड्स पेश की हैं। इनमें टैक्स टेररिज्म खत्म करने और मिडिल क्लास के लिए राहत देने की बात कही गई है। हालांकि, आलोचकों का कहना है कि इन डिमांड्स को पूरा करने की ताकत राज्य सरकार के पास नहीं है, जिससे मिडिल क्लास में मिश्रित प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है।
झुग्गीवासियों को मकान का वादा
बीजेपी ने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत झुग्गीवासियों को मकान देने का वादा किया है। पिछले चुनावों में आप को झुग्गी बस्तियों से 56% वोट मिले थे। इस बार बीजेपी झुग्गीवासियों को अपने पाले में लाने की कोशिश कर रही है। केजरीवाल ने इस वादे पर सवाल उठाते हुए कहा कि बीजेपी ने कई इलाकों की झुग्गियां तोड़ी हैं और इसे चुनावी वादा मात्र बताया है।
वाल्मीकि और धोबी समुदाय पर फोकस
इस क्षेत्र में वाल्मीकि समुदाय के करीब 20,000 और धोबी समुदाय के 15,000 मतदाता हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता के चलते वाल्मीकि समुदाय का झुकाव बीजेपी की ओर हो सकता है। वहीं, अरविंद केजरीवाल ने धोबी कल्याण बोर्ड बनाने का वादा कर इस समुदाय को लुभाने की कोशिश की है।
कांग्रेस की भूमिका
कांग्रेस ने इस बार संदीप दीक्षित को मैदान में उतारा है। हालांकि, पिछले चुनावों में कांग्रेस को केवल 4% वोट मिले थे। संदीप दीक्षित अपनी मां शीला दीक्षित के विकास कार्यों को याद दिलाकर वोटरों को रिझाने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि कांग्रेस मुख्य मुकाबले से बाहर है।
नई दिल्ली विधानसभा सीट पर मुकाबला दिलचस्प और कांटे का है। अरविंद केजरीवाल का रिकॉर्ड मजबूत है, लेकिन इस बार उन्हें एंटी-इंकंबेंसी और बीजेपी के आक्रामक प्रचार का सामना करना पड़ रहा है। दूसरी तरफ, बीजेपी और कांग्रेस अपने-अपने तरीके से इस सीट पर जीत हासिल करने की कोशिश कर रही हैं। अब देखना यह है कि 2024 के विधानसभा चुनावों में किसका पलड़ा भारी रहता है।
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