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Tuesday, July 8, 2025
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“Ratan Tata का निधन , एक युग का अंत और टाटा समूह की अद्वितीय विरासत”।

रतन टाटा

भारत के प्रमुख उद्योगपति और टाटा संस के मानद चेयरमैन, Ratan Tata, 86 वर्ष की आयु में 10 अक्टूबर 2024 को मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में अंतिम सांस ले गए। उनके निधन की खबर ने देशभर में शोक की लहर दौड़ा दी है। Ratan Tata के नेतृत्व में, टाटा समूह ने 2023-24 में 13.85 लाख करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित किया, जिससे यह विश्व के सबसे बड़े उद्योग समूहों में से एक बन गया।

Ratan Tata

Ratan Tata का जीवन और करियर

Ratan Tata का जन्म 28 दिसंबर 1937 को हुआ। उन्होंने अमेरिका के कॉर्नेल विश्वविद्यालय से वास्तुकला में स्नातक की डिग्री प्राप्त की और 1962 में टाटा समूह में अपने करियर की शुरुआत की। रतन टाटा ने समूह की विभिन्न कंपनियों में काम किया, जिसमें टाटा मोटर्स और टाटा स्टील शामिल हैं।

1991 में, जब जेआरडी टाटा ने अपने पद से इस्तीफा दिया, तब रतन टाटा को टाटा समूह की कमान सौंपी गई। उन्होंने टाटा संस के अध्यक्ष के रूप में 1991 से 2012 तक काम किया। उनके कार्यकाल में, टाटा समूह ने कई बड़ी अधिग्रहणों के माध्यम से वैश्विक स्तर पर अपनी पहचान बनाई।

Ratan Tata

Ratan Tata के योगदान
रतन टाटा ने टाटा समूह के अंतर्गत विभिन्न क्षेत्रों में विविधता लाने के लिए कई कदम उठाए। उन्होंने टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS), टाटा टेलीसर्विसेज, और टाटा मोटर्स जैसी कंपनियों का निर्माण और विस्तार किया।

उनकी प्रमुख उपलब्धियों में शामिल है:

2000 में ब्रिटिश चाय कंपनी टेटली का अधिग्रहण।
2007 में एंग्लो-डच स्टील निर्माता कोरस का अधिग्रहण।
2008 में जगुआर और लैंड रोवर का अधिग्रहण।
Ratan Tata की मानवीयता और परोपकारिता
Ratan Tata को उनकी सादगी और दयालुता के लिए भी जाना जाता था। उन्होंने कई बार जरूरतमंदों की मदद की और भारतीय समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास किया। टाटा समूह की अधिकांश शेयर पूंजी परोपकारी ट्रस्टों के पास है, जो शिक्षा, स्वास्थ्य और कला के क्षेत्र में काम करते हैं।

Ratan Tata

विवाद और उत्तराधिकार
Ratan Tata का नेतृत्व विवादों से मुक्त नहीं रहा। 2016 में, उन्होंने साइरस मिस्त्री को अपना उत्तराधिकारी चुना, लेकिन उनके साथ विवाद उत्पन्न हुआ, जिससे टाटा समूह की आंतरिक राजनीति में हलचल मची।

टाटा समूह की वर्तमान स्थिति
आज, टाटा समूह में 30 कंपनियाँ शामिल हैं, जो नमक से लेकर सेमीकंडक्टर जैसे विभिन्न क्षेत्रों में कार्यरत हैं। समूह के पास एयर इंडिया, टीसीएस, टाटा मोटर्स, टाटा नमक, और जगुआर लैंड रोवर जैसी प्रमुख कंपनियाँ हैं।

टाटा समूह की 26 कंपनियाँ शेयर बाजार में सूचीबद्ध हैं, और यह पाकिस्तान की जीडीपी से भी अधिक का मार्केट कैप रखता है। समूह ने हाल ही में सेमीकंडक्टर निर्माण में भी कदम रखा है, जो भारत की तकनीकी क्षमता को और बढ़ाएगा।

Ratan Tata

Ratan Tata के निधन से एक युग का अंत हुआ है। उन्होंने न केवल अपने उद्योग का विस्तार किया बल्कि समाज में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया। उनकी विरासत और कार्यों को हमेशा याद रखा जाएगा।

 

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मंत्री नन्दी ने उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ से मुलाकात कर प्राप्त किया मार्गदर्शन

मंत्री नन्दी ने उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ से मुलाकात कर प्राप्त किया मार्गदर्शन।

लखनऊ/दिल्ली। उत्तर प्रदेश सरकार के औद्योगिक विकास मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता नन्दी ने राजधानी दिल्ली में नवनिर्मित उपराष्ट्रपति भवन में देश के उपराष्ट्रपति जगदीप धनकड़ से आत्मीय भेंट कर आशीर्वाद एवं मार्गदर्शन प्राप्त किया। वहीं विश्व के सबसे बड़े आयोजनों में एक महाकुंभ 2025 में आगमन के लिए आमंत्रित करने के साथ ही नव्य, भव्य एवं दिव्य महाकुंभ की तैयारियों से अवगत कराया।

उपराष्ट्रपति ने कहा कि मोदी और योगी के नेतृत्व में जिस तरह से सांस्कृतिक विरासत बढ़ रही है वह आने वाले समय में भारत को विश्व गुरु बनाने का मार्ग प्रशस्त करेगा। मंत्री नन्दी के साथ मुलाकात के दौरान कश्मीर फाइल्स एवं कार्तिकेय-2 जैसी सफल फिल्मों के निर्माता अभिषेक अग्रवाल भी मौजूद रहे।

उपराष्ट्रपति से मुलाकात के बाद जारी विज्ञप्ति में मंत्री नन्दी ने कहा कि एक विधिवेत्ता, एक संविधान विशेषज्ञ, पश्चिम बंगाल के राज्यपाल एवं देश के उच्च सदन राज्यसभा के सभापति के रूप में उपराष्ट्रपति जगदीप धनकड़ की भूमिका, सेवायें एवं उपलब्धियां उत्कृष्ट हैं। इतने शीर्ष संवैधानिक दायित्व पर होते हुये भी इतनी सहजता और विनम्रता अत्यन्त दुर्लभ है। जब भी मुलाकात का सौभाग्य मिलता है उपराष्ट्रपति का जमीन से जुड़ाव व व्यवाहरिक सोच सदैव प्रेरणा देती है।

हर बार बेहद स्नेहपूर्ण पारिवारिक माहौल में बातचीत एवं चर्चा एक अलग ही अनुभूति है। मुलाकात के दौरान उपराष्ट्रपति की धर्म पत्नी भी मौजूद रहीं। मंत्री नन्दी के साथ मुलाकात के दौरान कश्मीर फाइल्स एवं कार्तिकेय-2 जैसी सफल फिल्मों के निर्माता अभिषेक अग्रवाल भी मौजूद रहे। उन्हें उनकी फिल्म कार्तिकेय-2 के लिए राष्ट्रपति द्वारा राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार समारोह में बेस्ट तेलुगु फिल्म का अवॉर्ड प्राप्त हुआ है।

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12 ड्राइविंग टेनिंग सेटरों के लिए परिवहन विभाग एवं मारूति सुजकी इंडिया लि0 के मध्य आज हुआ एमओयू

12 ड्राइविंग टेनिंग सेटरों के लिए परिवहन विभाग एवं मारूति सुजकी इंडिया लि0 के मध्य आज हुआ एमओयू।

लखनऊ। परिवहन विभाग एवं मारूति सुजकी इंडिया लि. के मध्य कुल 10 डीटीटीआई (ड्राइविंग टेनिंग एवं टेस्टिंग इंस्टीट्यूट) एवं 02 एडीटीटी कुल 12 जगहों पर सीएसआर फण्ड से निःशुल्क आटोमेशन किये जाने हेतु एमओयू हस्ताक्षरित हुआ। इस अवसर पर परिवहन राज्यमंत्री दयाशंकर सिंह ने कहा कि सड़क सुरक्षा के क्षेत्र में यह मील का पत्थर साबित होगा।

परिवहन मंत्री ने कहा कि उप्र जनसंख्या की दृष्टि से देश में प्रथम स्थान पर है। साथ ही सबसे ज्यादा हाईवे वाला प्रदेश भी है। मुख्यमंत्री के कुशल निर्देशन में उ0प्र0 हर क्षेत्र में लगातार प्रगति कर रहा है। पहले जहां प्रदेश में यात्रा करने में 20-20 घंटे लग जाते थे वहीं अब केवल यात्रा करने में 07 से 08 घंटे ही लगते हैं। कुछ समय पूर्व बलिया से लखनऊ आने में उन्हें खुद 14 से 15 घंटे लगते थे। अब एक्सप्रेसवे के बनने से यह दूरी 04 से 05 घंटे में तय हो जा रही है। साथ ही सड़क सुरक्षा भी महत्वपूर्ण है इसी के दृष्टिगत आज 12 जगहों पर ड्राइविंग के लिए इस्टीट्यूट हेतु मारूती सुजकी के साथ बड़ा एमओयू हुआ। इससे प्रदेश में अब कुशल ड्राइवर उपलब्ध होंगे।


परिवहन मंत्री ने कहा कि सड़क सुरक्षा को विभाग ने एक चुनौती के रूप में स्वीकार किया और सड़क सुरक्षा की बाधाओं को दूर करने के लिए विभाग निरन्तर प्रयास भी कर रहा है। प्रदेश में कुल 10 जगहों मुरादाबाद, मेरठ, बस्ती, मिर्जापुर, बरेली, झांसी, अलीगढ़, देवीपाटन-गोण्डा, आजमगढ़ एवं मुजफ्फरनगर में डीटीटीआई एवं आजमगढ़ एवं प्रतापगढ़ में एडीटीटी के संचालन हेतु उक्त एमओयू हुआ है।

परिवहन मंत्री ने कहा है कि बहुत जल्द ही मारूति सुजकी 12 ड्राइविंग टेनिंग इस्टीट्यट प्रदेश को उपलब्ध करायेगा। उन्होंने कहा कि आज परिवहन विभाग स्क्रैप पालिसी, फिटनेस एवं ड्राइविंग स्कूल से लेकर हर क्षेत्र में अव्वल है। आज उ0प्र0 परिवहन विभाग एवं परिवहन निगम के कार्यप्रणाली की प्रशंसा देश के अन्य राज्यों में भी हो रही है। उन्होंने कहा कि पहले ड्राइविंग की ड्राइविंग टेनिंग की व्यवस्था जहाजों के उड़ाने वाले पायलटों को थी परन्तु डीटीटीआई के संचालन से यह व्यवस्था अब आमजन को भी मुहैया होगी।

उन्होंने कहा कि गाड़ी चलाना महत्वपूर्ण नहीं है बल्कि सड़क सुरक्षा के सभी नियमों की जानकारी होना बेहद जरूरी है। उन्होंने समाजहित में इस नेक कार्य के लिए मुख्यमंत्री के साथ मारूति सुजकी के तरफ से आये अधिकारियों का भी धन्यवाद किया। इन सेंटरों पर कुल 08 प्रकार के टेस्ट की व्यवस्था है।

उन्होंने कहा कि इसके पूर्व मुख्यमंत्री के कर कमलों द्वारा 05 जगहों यथा अयोध्या, गोरखपुर, वाराणसी, प्रयागरा एवं मथुरा में मारूति सुजकी के साथ परिवहन निगम का एमओयू हो चुका है। इस प्रकार कुल 17 ड्राइविंग टेनिंग टेस्टिंग इंस्टीट्यूट प्रदेश में संचालित होगे।

अपर मुख्य सचिव परिवहन एल. वेंकटेश्वर लू ने कहा कि मुख्यमंत्री एवं परिवहन मंत्री के निर्देशन में परिवहन विभाग बेहतर कार्य कर रहा है। दुर्घटनाओं के पश्चात दुर्घटना स्थल पर अधिकारियों के भेजने एवं बेहतर इलाज की व्यवस्था भी सुनिश्चित करने के निर्देशों का पालन भी सुनिश्चित किया जाता है। उक्त एमओयू के पश्चात कुशल ड्राइवरों की उपलब्धता सुनिश्चित होगी।

जिससे कि सड़क दुर्घटनाओं में भी उल्लेखनीय कमी आयेगी। साथ ही विभाग वाहनों के फिटनेस एवं ओवर स्पीडिंग व ओवर लोडिंग के दिशा में भी निरन्तर अभियान चलाता है। उन्होंने आश्वस्त किया कि मुख्यमंत्री के एवं परिवहन मंत्री के निर्देशों का शत-प्रतिशत अनुपालन सुनिश्चित किया जायेगा।

इस अवसर पर मारूति सुजकी इंडिया लि. के एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर राहुल भारती ने कहा कि सड़क सुरक्षा जैसे इस महत्वपूर्ण परियोजना में हमारे ऊपर भरोसा करने के लिए हम मुख्यमंत्री एवं परिवहन मंत्री का आभार व्यक्त करते हैं। हम साथ मिलकर ड्राइविंग लाइसेंस जारी करने की मूल्यांकन प्रक्रिया को सुव्यवस्थित और स्वचालित बनाने का कार्य करेंगे।

ड्राइविंग लाइसेंस टेस्टिंग का आटोमेशन एक सकारात्मक बदलाव के दौर का शुरूआत करेगा। जो केवल सक्षम उम्मीदवारों को ही ड्राइविंग लाइसेंस हासिल करना सुनिश्चित करके सड़क दुर्घटनाओं को कम से कम करने की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभायेगा।
इस अवसर पर परिवहन आयुक्त चंद्रशेखर सिंह, एमडी परिवहन निगम मासूम अली सरवर, विशेष सचिव केपी सिंह, मि. तरून अग्रवाल, सीनियर वाइस प्रेसीडेंड सीएसआर हेड मारूति सुजकी सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।

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रामनगरी अयोध्या में 25 लाख से अधिक दीए जलाने की तैयारी, बनेगा विश्व रिकार्ड।

रामनगरी अयोध्या में 25 लाख से अधिक दीए जलाने की तैयारी, बनेगा विश्व रिकार्ड।

अयोध्या। अयोध्या में प्रभु रामलला के नव मंदिर में विराजित होने के बाद पहली दीपावली बेहद भव्य और दिव्य होने जा रही है। सीएम योगी के कुशल मार्गदर्शन में में सकल विश्व में एक यूनीक इवेंट के तौर पर अपनी पहचान बना चुके अयोध्या के दीपोत्सव कार्यक्रम में इस बार भी नया विश्व रिकॉर्ड कायम करने की तैयारी है।

रामनगरी में छोटी दीपावली पर 55 घाटों पर 25 लाख से अधिक दीए प्रज्ज्वलित होंगे जिसकी अगुआई खुद डाॅ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. प्रतिभा गोयल कर रही हैं। उनके अतिरिक्त, विश्वविद्यालय प्रशासन ने 30 हजार स्वयंसेवकों को लगाने की तैयारी की है जिनकी मदद से सातवीं बार गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में अयोध्या धाम का नाम दर्ज होगा।

खास बात ये है कि 25 लाख दीए जलाने का लक्ष्य हासिल करने के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा 28 लाख दीए बिछाये जाएंगे।

दीपोत्सव की तैयारियों को अंतिम रूप देना शुरू
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुरूप प्रभु श्रीराम की प्राण प्रतिष्ठा के बाद का पहला दीपोत्सव ऐतिहासिक बनाया जायेगा। आठवें दीपोत्सव को भव्य बनाने के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन ने कमर कस ली है। दीपोत्सव की तैयारियों को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया है।

दीपोत्सव में सहभागिता के लिए पंजीकरण की तिथि विस्तारित कर दी है। अब 15 अक्टूबर तक सहभागिता हेतु पंजीकरण कर सकेंगे। इसके अतिरिक्त स्वयंसेवकों के दीपोत्सव आईकार्ड को भी अंतिम रूप दिया जा रहा है। 20 अक्टूबर से स्वयंसेवकों को आईकार्ड का वितरण शुरू कर दिया जायेगा।

जल्द ही शुरू होगा घाटों की मार्किंग का कार्य
दीपोत्सव की तैयारियों को लेकर नोडल समन्वयक प्रो. एसएस मिश्र ने बताया कि राम पैड़ी के 55 घाटों पर उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा दिए गए 25 लाख दीए प्रज्ज्वलित किए जाने के लक्ष्य को लेकर 28 लाख दीए बिछाये जायेंगे जिसके लिए 30 हजार स्वयंसेवक तैनात किए जायेंगे। विवि परिसर सहित 14 महाविद्यालय, 37 इण्टर कालेज, 40 एनजीओ शामिल है। विश्वविद्यालय द्वारा मैपिंग का कार्य शुरू कर दिया गया है। 17 या 18 अक्टूबर से घाटों पर कर्मियों द्वारा मार्किंग का कार्य होगा।

90 हजार लीटर तेल का होगा इस्तेमाल
योजना के अनुसार, राम की पैड़ी के सभी घाटों पर 16 गुणे 16 ब्लॉक में 30 एमएल दीए में 30 एमएल सरसों का तेल पड़ेगा। सभी दीयों में कुल मिलाकर 90 हजार लीटर सरसों के तेल लगेगा जिसके इंतेजाम के लिए जिला प्रशासन के सहयोग से पूरा किया जा रहा है।

दीपोत्सव में सहभागिता के लिए पंजीकरण का कार्य 15 अक्टूबर तक पूरा कर लिया जायेगा। 20 अक्टूबर से स्वयंसेवकों का आईकार्ड का वितरण शुरू कर दिया जायेगा। 26 अक्टूबर से घाटों पर दीए की खेप पहुंचनी शुरू हो जायेगी। 27 अक्टूबर से स्वयंसेवकों द्वारा घाटों पर दीए बिछाने के साथ 30 अक्टूबर को दीए प्रज्ज्वलित करके विश्व रिकार्ड बनायेंगे।

मीडिया प्रभारी डाॅ. विजयेन्दु चतुर्वेदी ने बताया कि जिला प्रशासन व विवि के सहयोग से दीपोत्सव को एतिहासिक बनाने के लिए कार्यो को अंतिम रूप दिया जा रहा है।

महिला आयोग की अध्यक्ष द्वारा वन स्टाप सेन्टर एवं लोकबन्धु चिकित्सालय लखनऊ का निरीक्षण।

लखनऊ। महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. बबीता सिंह चौहान द्वारा वन स्टॉप सेंटर लखनऊ एवं लोकबन्धु राज नारायण संयुक्त चिकित्सालय लखनऊ का निरीक्षण किया गया। वन स्टॉप सेंटर लखनऊ के निरीक्षण के समय हिंसा ग्रसित महिलाओं को दी जाने वाली सुविधाएं एवं कार्यप्रणाली को देखा गया एवं एक ही छत के नीचे कार्यरत अलग-अलग यूनिट के कर्मचारियों से उनके कार्य को लेकर बातचीत की गयी।

निरीक्षण की शुरूआत केन्द्र के रिसेप्शन एरिया से की गयी। तत्पश्चात् केस वर्कर यूनिट, फील्ड फैसिलिटेर यूनिट, महिला पुलिस रिपोर्टिंग चौकी, काउंसलिंग कक्ष, मेडिकल कक्ष, कैन्टीन, स्टोर रूम, अल्पावास गृह एवं केन्द्र में संचालित कौशल विकास प्रशिक्षण कक्ष को देखा गया। इसके साथ ही कौशल विकास प्रशिक्षण से जुड़ी हुई घरेलू हिंसा से पीड़ित महिलाओं से भी बातचीत की गयी।

महिलाओं के द्वारा बनाये गये टाई एण्ड डाई एवं छपाई के कपड़े के साथ ही साथ चल रहे ब्यूटी एण्ड वेलनेस के प्रशिक्षण से जुडी़ हुई महिलाओं के कार्य का निरीक्षण किया गया जिसकी अध्यक्ष द्वारा सराहना की गयी।


लोकबन्धु राज नारायण संयुक्त चिकित्सालय लखनऊ के निरीक्षण में महिलाओं की चिकित्सीय स्थिति की जानकारी शासन द्वारा प्रदत्त सुविधाओं की स्थिति का अवलोकन गर्भवती महिलाओं व अन्य गंभीर रोगों से पीड़ित महिलाओं को उपलब्ध करायी जा रही है

उपचार व्यवस्था तथा टीकाकरण की वस्तुस्थिति की जानकारी की गयी निरीक्षण के दौरान गायनी ओ.पी.डी., ए.एन.सी. वार्ड, लेबर रूम, ओ.टी., पोस्ट नेटल वार्ड, बाल चिकित्सा वार्ड, पीडिया वार्ड, आई.सी.यू. वार्ड व मरीजों को दिये जान वाले दवाईयां एवं अन्य सुविधाओं का अवलोकन किया गया तथा एन.आई.सी. यूनिट में गम्भीर नवजात शिशुओं हेतु वेन्टीलेटर की सुविधा बढ़ाये जाने के निर्देश दिये गयें साथ ही समस्त वार्डा में भर्ती महिलाओं, शिशुओं का हाल चाल भी लिया गया।

निरीक्षण के दौरान चिकित्सालय के प्रमुख वार्डा किचन, स्नानागार एवं शौचालय की सफाई तथा मरीजों को मिलने वाले खाने व उपचार की व्यवस्था संतोषजनक पायी गयी।


मुख्य चिकित्सा अधीक्षक, डा. राजीव कुमार दीक्षित ने बताया कि चिकित्सालय में आन्तरिक परिवाद कमेटी का गठन किया हुआ है। जिसमें महिलाओं की सुरक्षा एवं आन्तरिक शिकायतों का त्वरित निस्तारण पर जोर दिया जाता है।

इसके लिए मैट्रन कार्यालय के पास पिंक बॉक्स भी बनाया गया है जिसका दैनिक अवलोकन किया जाता है और समय-समय पर प्रशिक्षण के माध्यम से अवगत भी कराया जाता है। किचन में उपस्थित रसोईयों से बनाये जा रहे भोजन के संबंध में जानकारी ली गयी एवं साफ-सफाई को परखा गया जिसमें समस्त व्यवस्थायें सही पायी गयी तथा यह भी पाया गया कि चिकित्सालय में कार्यरत रसोई कर्मचारियों को मेडिकल हेल्थ चेकअप एवं टीकाकरण कराया जा रहा है। निरीक्षण के दौरान आयोग की सदस्य डॉ. प्रियंका मौर्या उपस्थित रहीं।

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मुख्यमंत्री ने निर्माणाधीन विश्वविद्यालय का किया निरीक्षण।

मुख्यमंत्री ने निर्माणाधीन विश्वविद्यालय का किया निरीक्षण।

मां पाटेश्वरी के नाम पर कराया जा रहा विश्वविद्यालय का निर्माण, समयबद्ध ढंग से गुणवत्तापूर्ण हो कार्यः मुख्यमंत्री

 

बलरामपुर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दो दिवसीय दौरे के दौरान बुधवार को निर्माणाधीन मां पाटेश्वरी विश्वविद्यालय का निरीक्षण किया। उन्होंने प्रशासनिक अधिकारियों को निर्देश दिया कि यह विश्वविद्यालय मां पाटेश्वरी के नाम पर बनाया जा रहा है। कार्य में तेजी लाते हुए समयबद्ध ढंग से इसे पूरा किया जाए। मुख्यमंत्री ने कार्य की गुणवत्ता पर भी जोर दिया।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अटल बिहारी वाजपेयी मेडिकल कॉलेज पहुंचकर वहां की स्थितियों का भी जायजा लिया। उन्होंने इसे जल्द प्रारंभ करने को लेकर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। सीएम ने सैटेलाइट सेंटर का भी हाल जाना।

इस दौरान कैबिनेट/प्रभारी मंत्री राकेश सचान, बलरामपुर सदर विधायक पल्टूराम, विधायक तुलसीपुर कैलाश नाथ शुक्ला, विधायक उतरौला राम प्रताप वर्मा, विधान परिषद सदस्य अवधेश कुमार सिंह ‘ मंजू सिंह, जिला पंचायत अध्यक्ष आरती तिवारी समेत अनेक जनप्रतिनिधि व प्रशासनिक अधिकारी मौजूद रहे।

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सीएम योगी ने चकबंदी लेखपालों को दिया दिवाली तोहफा, 728 बने कानूनगो

सीएम योगी ने चकबंदी लेखपालों को दिया दिवाली तोहफा, 728 बने कानूनगो।

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने चकबंदी लेखपालों को दीपावली का बड़ा तोहफा दिया है। उन्होंने 8 साल बाद प्रदेश के प्रतिक्षारत चकबंदी लेखपालों को पदोन्नति दी है। प्रदेश के 68 जिलों के 728 चकबंदी लेखपालों को चकबंदीकर्ता (कानूनगो) के पद पर प्रोमोट किया गया है।

सीएम योगी का यह महत्वपूर्ण कदम न सिर्फ अधिकारियों के करियर में एक नया अध्याय जोड़ेगा, बल्कि प्रदेश के किसानों के भूमि संबंधी विवादों के निपटारे में भी तेजी आएगी। इससे राज्य का कृषि क्षेत्र समृद्ध होगा और किसानों के जीवन में खुशहाली आएगी।

चकबंदी आयुक्त भानु चन्द्र गोस्वामी ने बताया कि प्रदेश में भूमि विवाद और चकबंदी की समस्या के त्वरित निपटारे के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गंभीर प्रयास कर रहे हैं। 2016 से प्रदेश के विभिन्न जिलों में कानूनगो के कई पद रिक्त चल रहे थे जिसके कारण भूमि पुनर्संयोजन और चकबंदी प्रक्रिया में बाधाएं उत्पन्न हो रही थीं।

इससे किसानों की भूमि से जुड़े विवादों के समाधान में देरी हो रही थी और भूमि सुधार के प्रयासों को भी नुकसान पहुंच रहा था। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस समस्या को गंभीरता से लेते हुए रिक्त पदों को भरने के निर्देश दिए थे। उनके निर्देश पर विभागीय पदोन्नति समिति का गठन किया गया, जिसके माध्यम से 728 योग्य चकबंदी लेखपालों को पदोन्नति दी गई है।

बरेली, गोरखपुर में सर्वाधिक पदोन्नति

इस पदोन्नति प्रक्रिया में बरेली जिले के 60 चकबंदी लेखपालों को कानूनगो बनाया गया है जो प्रदेश में सबसे अधिक संख्या है। इसके बाद कन्नौज में 41, मुरादाबाद में 35, गोरखपुर में 32 और ललितपुर में 25 चकबंदी लेखपालों को पदोन्नति मिली है। यह निर्णय इन जिलों में चकबंदी प्रक्रिया को नई ऊर्जा देगा और किसानों की भूमि संबंधी समस्याओं का तेजी से निपटारा किया जा सकेगा।

कृषि भूमि सुधार प्रक्रिया को मिलेगी गति

चकबंदीकर्ता के पदों पर नियुक्ति से प्रदेश में भूमि सुधार और चकबंदी की प्रक्रिया को सुचारू रूप से लागू करने में सहायता मिलेगी। भूमि का पुनर्संयोजन यानी चकबंदी, किसानों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि यह उनके खेतों को एकत्रित कर उन्हें बेहतर तरीके से उपयोग करने की सुविधा प्रदान करती है।

भूमि का सही ढंग से पुनर्संयोजन होने से किसानों की उत्पादकता में वृद्धि होगी और कृषि की दिशा में राज्य का विकास होगा।

मुख्यमंत्री योगी का यह कदम न केवल किसानों के हित में है बल्कि प्रदेश में राजस्व प्रशासन और भूमि सुधार की दिशा में भी एक बड़ी सफलता के रूप में देखा जा रहा है। इससे भूमि विवादों के निपटारे में तेजी आएगी और राज्य के कृषि क्षेत्र में समृद्धि आएगी।

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रेलवे भर्ती परीक्षा की तारीखें जारी , आरआरबी टेक्नीशियन, एसआई, और जूनियर इंजीनियर के लिए एग्जाम शेड्यूल

रेलवे भर्ती परीक्षा की तारीखें जारी , आरआरबी टेक्नीशियन, एसआई, और जूनियर इंजीनियर के लिए एग्जाम शेड्यूल

भारतीय रेलवे ने भर्ती परीक्षाओं का इंतज़ार कर रहे लाखों उम्मीदवारों के लिए एक महत्वपूर्ण अपडेट जारी किया है। रेलवे भर्ती बोर्ड (RRB) ने विभिन्न पदों के लिए परीक्षा की तारीखें घोषित कर दी हैं, जिसमें आरआरबी एएलपी (असिस्टेंट लोको पायलट), आरआरबी जेई (जूनियर इंजीनियर), आरपीएफ (रेलवे पुलिस बल) एसआई (सब-इंस्पेक्टर), और आरआरबी टेक्नीशियन शामिल हैं। यह परीक्षाएं अगले महीने, यानी नवंबर और दिसंबर में आयोजित की जाएंगी।

परीक्षा शेड्यूल
रेलवे द्वारा जारी की गई तारीखों के अनुसार, निम्नलिखित परीक्षाएं निर्धारित की गई हैं:
1. आरआरबी एएलपी परीक्षा: 25 से 29 नवंबर 2024
2. आरपीएफ एसआई परीक्षा: 02 से 05 दिसंबर 2024
3. आरआरबी टेक्नीशियन परीक्षा: 16 से 26 दिसंबर 2024
4. आरआरबी जेई और अन्य परीक्षाएं: 06 से 13 दिसंबर 2024
इस भर्ती अभियान का मुख्य उद्देश्य कुल 7,934 रिक्तियों को भरना है, जिसमें जूनियर इंजीनियर, आरपीएफ एसआई, टेक्नीशियन और अन्य पद शामिल हैं।

परीक्षा की तैयारी
उम्मीदवारों को सलाह दी जाती है कि वे अपनी तैयारी को और अधिक प्रभावी बनाएं। परीक्षा के पैटर्न और सिलेबस को ध्यान में रखते हुए, अध्ययन सामग्री और पिछले वर्षों के प्रश्न पत्रों का अभ्यास करना अत्यंत आवश्यक है।

परीक्षा शहर और तिथि की जानकारी
परीक्षा शहर और तिथि की जानकारी सभी आरआरबी की आधिकारिक वेबसाइटों पर संबंधित सीईएन (केंद्रीय रोजगार समाचार) के लिए परीक्षा तिथि से 10 दिन पहले उपलब्ध कराई जाएगी। इससे उम्मीदवारों को अपनी यात्रा की योजना बनाने में मदद मिलेगी।

ई-कॉल लेटर
परीक्षा की तारीख से 4 दिन पहले, उम्मीदवार ई-कॉल लेटर डाउनलोड कर सकेंगे। ई-कॉल लेटर परीक्षा में प्रवेश के लिए आवश्यक है और इसमें परीक्षा की तारीख, समय और स्थान की जानकारी होगी।

बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण
परीक्षा केंद्र में प्रवेश से पहले, उम्मीदवारों का आधार से जुड़ा बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण किया जाएगा। सभी उम्मीदवारों के लिए अपने मूल आधार कार्ड का लाना अनिवार्य है। यह प्रमाणीकरण परीक्षा केंद्र पर उम्मीदवार की पहचान सुनिश्चित करने के लिए किया जाता है।
उम्मीदवारों को यह सलाह दी जाती है कि यदि उन्होंने पहले से आधार सत्यापन नहीं किया है, तो परीक्षा केंद्र पर आसानी से प्रवेश पाने के लिए www.rrbapply.gov.in पर अपने क्रेडेंशियल के साथ लॉग इन करके अपनी पहचान प्रमाणित करें।

क्या करें परीक्षा से पहले?
1. अध्ययन सामग्री तैयार करें: अपने अध्ययन के लिए किताबें, नोट्स और पिछले प्रश्न पत्रों को एकत्र करें।
2. समय प्रबंधन: प्रत्येक विषय के लिए समय निर्धारित करें और नियमित रूप से अध्ययन करें।
3. स्वास्थ्य का ध्यान रखें: परीक्षा के समय अपनी सेहत का ध्यान रखना आवश्यक है। संतुलित आहार लें और पर्याप्त नींद लें।
4. परीक्षा केंद्र पर समय से पहुंचें: परीक्षा के दिन समय से पहले परीक्षा केंद्र पर पहुंचें, ताकि किसी भी प्रकार की समस्या से बच सकें।

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अधिक अपडेट्स और जानकारी के लिए हमारे व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें। इससे आपको परीक्षा से संबंधित सभी महत्वपूर्ण सूचनाएं तत्काल प्राप्त होंगी।
रेलवे भर्ती परीक्षा एक महत्वपूर्ण अवसर है, और सही तैयारी और योजना के साथ, उम्मीदवार अपने लक्ष्य को हासिल कर सकते हैं। सभी उम्मीदवारों को शुभकामनाएँ, और यह सुनिश्चित करें कि आप सभी आवश्यक दस्तावेज लेकर जाएं। इस भर्ती प्रक्रिया में सफलता प्राप्त करने के लिए मेहनत और समर्पण की आवश्यकता है।
आखिरकार, रेलवे में नौकरी पाना एक सम्मान और अवसर है, जिससे न केवल व्यक्तिगत विकास होता है, बल्कि समाज में भी एक सकारात्मक योगदान दिया जा सकता है। तैयारियों को जारी रखें और सफलता की ओर बढ़ें!

चिया सीड्स: क्या सच में वजन घटाने में मदद करते हैं? जानें इसके लाभ और सावधानियाँ

चिया सीड्स, जो कि साल्विया हस्पेनिका नामक पौधे के बीज हैं, पिछले कुछ वर्षों में स्वास्थ्यवर्धक खाद्य पदार्थों की सूची में शामिल हो गए हैं। इन्हें सुपरफूड का दर्जा दिया गया है, और लोग इन्हें वजन घटाने के लिए एक प्रभावी उपाय मानते हैं। लेकिन क्या ये सच में वजन कम करने में मदद करते हैं? आइए इस विषय पर विस्तार से चर्चा करते हैं।

चिया सीड्स

चिया सीड्स के पोषक तत्व

चिया सीड्स में कई महत्वपूर्ण पोषक तत्व होते हैं, जो इन्हें एक स्वास्थ्यवर्धक विकल्प बनाते हैं:
1. फाइबर: चिया सीड्स में फाइबर की उच्च मात्रा होती है, जो पेट को भरा हुआ महसूस कराता है और भूख को नियंत्रित करने में मदद करता है।
2. प्रोटीन: ये बीज प्रोटीन का एक अच्छा स्रोत हैं, जो मांसपेशियों के विकास और स्वस्थ वजन प्रबंधन में सहायक होता है।
3. ओमेगा-3 फैटी एसिड: चिया सीड्स में ओमेगा-3 फैटी एसिड पाया जाता है, जो हृदय स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है।
4. विटामिन्स और मिनरल्स: इनमें कैल्शियम, फास्फोरस, मैग्नीशियम, और अन्य महत्वपूर्ण विटामिन्स और मिनरल्स भी होते हैं।

वजन घटाने में चिया सीड्स का योगदान

चिया सीड्स का वजन घटाने में योगदान कई तरीकों से होता है:
1. फाइबर की मात्रा: चिया सीड्स में लगभग 34% फाइबर होता है, जो उन्हें एक पाचन संबंधी सहायक बनाता है। फाइबर आपको लंबे समय तक भरा हुआ महसूस कराता है, जिससे आपको अधिक खाने की आवश्यकता नहीं होती।
2. जल अवशोषण: चिया सीड्स पानी में भिगोने पर 10-12 गुना तक अपने आकार में बढ़ जाते हैं। इससे वे पेट में अधिक जगह घेरते हैं, जिससे आप जल्दी संतुष्ट महसूस करते हैं।
3. ऊर्जा का स्तर: चिया सीड्स धीरे-धीरे ऊर्जा छोड़ते हैं, जिससे आपको लंबे समय तक ऊर्जा मिलती है और भूख में कमी आती है।
4. इंसुलिन के स्तर को नियंत्रित करना: कुछ अध्ययन बताते हैं कि चिया सीड्स इंसुलिन के स्तर को नियंत्रित करने में मदद कर सकते हैं, जो वजन कम करने में सहायक हो सकता है।


चिया सीड्स का सही सेवन

अगर आप चिया सीड्स को अपने आहार में शामिल करना चाहते हैं, तो इसे सही तरीके से करना आवश्यक है:
• भिगोकर खाना: चिया सीड्स को कम से कम 30 मिनट तक पानी या दूध में भिगोकर खाएं। यह उन्हें नरम और पचाने में आसान बनाता है।
• स्मूदी में डालें: आप इन्हें स्मूदी या जूस में भी मिला सकते हैं। इससे आपको एक पौष्टिक पेय मिलेगा।
• सलाद में मिलाएं: चिया सीड्स को सलाद में मिलाकर इसका स्वाद बढ़ा सकते हैं और पोषण भी बढ़ा सकते हैं।
• पकवानों में शामिल करें: इनका उपयोग पैनकेक, ओटमील, और अन्य व्यंजनों में भी किया जा सकता है।

संभावित हानियाँ और सावधानियाँ

चिया सीड्स के फायदों के साथ-साथ कुछ सावधानियाँ भी बरतनी चाहिए:
1. जल की मात्रा: चिया सीड्स को अधिक मात्रा में खाने से पहले सुनिश्चित करें कि आप पर्याप्त पानी पी रहे हैं, क्योंकि ये पानी में भिगोने पर फैलते हैं और अधिक मात्रा में लेने से पाचन संबंधी समस्याएँ हो सकती हैं।
2. सर्वाधिक सेवन: दिन में 1-2 चम्मच चिया सीड्स लेना पर्याप्त होता है। अधिक सेवन से पेट में गैस, सूजन, या अन्य पाचन समस्याएँ हो सकती हैं।
3. एलर्जी: यदि आपको किसी भी प्रकार की खाद्य एलर्जी है, तो चिया सीड्स का सेवन करने से पहले डॉक्टर से सलाह लें।

चिया सीड्स का अन्य लाभ

वजन घटाने के अलावा, चिया सीड्स के अन्य लाभ भी हैं:
• हृदय स्वास्थ्य: ओमेगा-3 फैटी एसिड्स हृदय की सेहत को बनाए रखने में मदद करते हैं।
• पाचन स्वास्थ्य: फाइबर पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने में मदद करता है।
• ऊर्जा का स्थायी स्रोत: ये शरीर को ऊर्जा प्रदान करते हैं, जो दिन भर सक्रिय रहने में मदद करता है।

क्या यह वजन घटाने का जादू है?

हालांकि चिया सीड्स में वजन घटाने के लिए लाभकारी गुण हैं, लेकिन यह महत्वपूर्ण है कि आप इसे एक संतुलित आहार और स्वस्थ जीवनशैली के साथ जोड़ें। अकेले चिया सीड्स का सेवन करके वजन कम करना संभव नहीं है।
वजन घटाने के लिए आपको कैलोरी की खपत को नियंत्रित करना, नियमित व्यायाम करना, और अन्य स्वास्थ्यवर्धक खाद्य पदार्थों का सेवन करना आवश्यक है।

चिया सीड्स एक पौष्टिक और स्वास्थ्यवर्धक खाद्य पदार्थ हैं जो वजन घटाने में मदद कर सकते हैं, लेकिन इन्हें सही तरीके से और संयमित मात्रा में खाना चाहिए। यदि आप इन्हें अपने आहार में शामिल करना चाहते हैं, तो सुनिश्चित करें कि आप अन्य स्वस्थ आदतों को भी अपनाएं।
इस प्रकार, चिया सीड्स एक महत्वपूर्ण सहायक हो सकते हैं, लेकिन उन्हें जादुई समाधान समझना उचित नहीं है। सही खान-पान और सक्रिय जीवनशैली के साथ, आप निश्चित रूप से अपने वजन को नियंत्रित कर सकते हैं और एक स्वस्थ जीवन जी सकते हैं।

 

विश्व सेरेब्रल पाल्सी दिवस 2024: क्या है सेरेब्रल पाल्सी और इसकी पहचान कैसे करें

विश्व सेरेब्रल पाल्सी दिवस हर साल 6 अक्टूबर को मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य सेरेब्रल पाल्सी (Cerebral Palsy) के प्रति जागरूकता बढ़ाना, इसके लक्षणों को समझना और प्रभावित व्यक्तियों के लिए सहायता प्रदान करना है। यह एक स्थायी शारीरिक विकार है जो मस्तिष्क के विकास को प्रभावित करता है और आमतौर पर बचपन में ही प्रकट होता है। इस लेख में, हम सेरेब्रल पाल्सी के बारे में विस्तार से जानेंगे, इसके कारण, लक्षण, पहचान के तरीके, और प्रभावी प्रबंधन के उपायों पर चर्चा करेंगे।

विश्व सेरेब्रल पाल्सी

सेरेब्रल पाल्सी क्या है?

सेरेब्रल पाल्सी एक न्यूरोलॉजिकल विकार है जो मस्तिष्क की चोट या विकास में असामान्यताओं के कारण होता है। यह विकार मस्तिष्क के उन हिस्सों को प्रभावित करता है जो मांसपेशियों के नियंत्रण और शारीरिक गतिविधियों को संभालते हैं। सेरेब्रल पाल्सी से प्रभावित व्यक्ति में मोटर कौशल, संतुलन, और समन्वय में समस्याएँ हो सकती हैं।

सेरेब्रल पाल्सी के प्रकार

सेरेब्रल पाल्सी को आमतौर पर तीन मुख्य प्रकारों में वर्गीकृत किया जाता है:
1. स्पास्टिक सेरेब्रल पाल्सी: यह सबसे आम प्रकार है, जिसमें मांसपेशियाँ कठोर और तंग होती हैं। इसके कारण चलने में कठिनाई होती है और मांसपेशियों की प्रतिक्रिया असामान्य होती है।
2. अटैक्सिक सेरेब्रल पाल्सी: इस प्रकार में व्यक्ति का संतुलन और समन्वय प्रभावित होता है। उन्हें चलने या खड़े होने में कठिनाई होती है।
3. अम्लियस सेरेब्रल पाल्सी: इसमें मांसपेशियों की ताकत कमजोर होती है, जिससे व्यक्ति को हिलने-डुलने में कठिनाई होती है।
सेरेब्रल पाल्सी के कारण
सेरेब्रल पाल्सी के कई संभावित कारण हो सकते हैं, जिनमें शामिल हैं:
• गर्भावस्था के दौरान संक्रमण: जैसे कि ज़िका या रूबेला।
• प्रसव के दौरान चोट: जैसे कि जन्म में ऑक्सीजन की कमी।
• नवजात शिशु में हेमरेज: मस्तिष्क में रक्तस्राव।
• न्यूरोलॉजिकल विकार: मस्तिष्क में विकासात्मक समस्याएँ।

सेरेब्रल पाल्सी के लक्षण

सेरेब्रल पाल्सी के लक्षण व्यक्ति से व्यक्ति में भिन्न हो सकते हैं। कुछ सामान्य लक्षणों में शामिल हैं:
• चलने में कठिनाई: व्यक्ति ठीक से चल नहीं पाता।
• मांसपेशियों की कठोरता: मांसपेशियाँ तंग होती हैं।
• समन्वय की समस्या: हाथों और पैरों का समुचित नियंत्रण नहीं हो पाता।
• उल्टी या चक्कर आना: संतुलन बनाए रखने में कठिनाई।
• भाषा और संवाद में कठिनाई: बातचीत करने में समस्याएँ।

सेरेब्रल पाल्सी की पहचान कैसे करें?

सेरेब्रल पाल्सी की पहचान के लिए डॉक्टर निम्नलिखित तरीकों का उपयोग कर सकते हैं:
1. चिकित्सा इतिहास: बच्चे के जन्म के समय की घटनाओं का पता लगाना।
2. शारीरिक परीक्षा: मांसपेशियों की ताकत, समन्वय, और संतुलन की जांच।
3. न्यूरोलॉजिकल परीक्षा: मस्तिष्क और तंत्रिका तंत्र की कार्यप्रणाली का मूल्यांकन।
4. विकासात्मक परीक्षण: बच्चे के विकासात्मक मील के पत्थरों की जांच करना।
5. इमेजिंग तकनीक: MRI या CT स्कैन द्वारा मस्तिष्क की संरचना की जाँच।

उपचार और प्रबंधन

सेरेब्रल पाल्सी का कोई निश्चित इलाज नहीं है, लेकिन इसके लक्षणों का प्रबंधन किया जा सकता है। यहाँ कुछ उपचार विधियाँ हैं:
1. फिजियोथेरेपी: मांसपेशियों की ताकत और संतुलन को सुधारने के लिए।
2. ऑक्यूपेशनल थेरेपी: दैनिक कार्यों में सहायता प्रदान करने के लिए।
3. स्पीच थेरेपी: भाषा और संवाद कौशल में सुधार के लिए।
4. दवाएं: मांसपेशियों की कठोरता को कम करने और ऐंठन को नियंत्रित करने के लिए।
5. सर्जरी: गंभीर मामलों में, मांसपेशियों की स्थिति सुधारने के लिए सर्जिकल हस्तक्षेप।

जीवनशैली में सुधार

• समर्थन समूह: परिवार और समुदाय से सहयोग प्राप्त करना।
• विशेष शिक्षा: बच्चों को उनके शारीरिक और मानसिक विकास के लिए उचित शिक्षा और संसाधन प्रदान करना।
• सकारात्मक माहौल: एक ऐसा वातावरण बनाना जो बच्चे के विकास को प्रोत्साहित करे।
विश्व सेरेब्रल पाल्सी दिवस का उद्देश्य इस विकार के प्रति जागरूकता बढ़ाना है। यह न केवल प्रभावित व्यक्तियों के लिए बल्कि उनके परिवारों और समाज के लिए भी महत्वपूर्ण है। सही पहचान और उपचार के माध्यम से, सेरेब्रल पाल्सी से प्रभावित व्यक्ति एक पूर्ण और समृद्ध जीवन जी सकते हैं। इसलिए, इस दिन को मनाने का अर्थ है शिक्षा, जागरूकता, और समर्थन। सभी को चाहिए कि वे इस दिशा में सक्रिय रूप से काम करें और जरूरतमंदों की सहायता करें।