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Monday, July 7, 2025
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हल्दी का पानी: 7 अद्भुत और शक्तिशाली लाभ

हल्दी का पानी: मजबूत बनाए इम्यून सिस्टम

हल्दी का पानी पीने की सलाह अनेक स्वास्थ्य लाभों के लिए दी जाती है। यह एक सरल और प्राकृतिक उपाय है, जो आपकी सेहत में सुधार कर सकता है। हल्दी में मौजूद विभिन्न पोषक तत्व, जैसे करक्यूमिन, एंटीऑक्सीडेंट, और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण, शरीर को कई तरीकों से लाभ पहुंचाते हैं। यदि आप अपनी डाइट में हल्दी को शामिल करना चाहते हैं, तो हल्दी वाला पानी एक बेहतरीन विकल्प है। आइए जानते हैं कि हल्दी वाला पानी पीने से आपकी सेहत पर क्या सकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।

हल्दी का पानी: मजबूत बनाए इम्यून सिस्टम
मजबूत बनाए इम्यून सिस्टम

इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाना

हल्दी का पानी आपके इम्यून सिस्टम को मजबूत करने में मददगार साबित हो सकता है। इसमें एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-वायरल गुण होते हैं, जो शरीर को विभिन्न रोगों से लड़ने में सक्षम बनाते हैं। नियमित रूप से हल्दी वाला पानी पीने से आप मौसमी बीमारियों से दूर रह सकते हैं। इसके अलावा, यह प्राकृतिक ड्रिंक आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है, जिससे आप अधिक स्वस्थ और सक्रिय महसूस करते हैं। इस प्रकार, अगर आप बार-बार बीमार पड़ने से बचना चाहते हैं, तो हल्दी वाला पानी आपकी डाइट में होना चाहिए।


पाचन तंत्र के लिए फायदेमंद

हल्दी वाला पानी न केवल इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है, बल्कि यह आपके पाचन तंत्र के लिए भी अत्यंत फायदेमंद है। यह गैस, अपच, और कब्ज जैसी समस्याओं को कम करने में मदद करता है। हल्दी में पाए जाने वाले तत्व गट हेल्थ को सुधारने में सहायक होते हैं, जिससे आपके पाचन क्रिया में सुधार होता है। एक स्वस्थ पाचन तंत्र आपके संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है, और हल्दी का पानी इसे बनाए रखने में मदद करता है। इसलिए, यदि आपको पाचन से जुड़ी समस्याएं हैं, तो हल्दी वाला पानी एक प्रभावी उपाय हो सकता है।

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वजन घटाने में सहायक

वजन कम करने की चाह रखने वालों के लिए हल्दी वाला पानी एक प्रभावशाली साधन है। सुबह खाली पेट हल्दी का पानी पीने से मेटाबॉलिज्म में सुधार होता है, जिससे वेट लॉस प्रक्रिया को तेज किया जा सकता है। नियमित सेवन से शरीर में वसा की मात्रा कम होती है और यह कोलेस्ट्रॉल लेवल को नियंत्रित करने में भी मदद करता है। इसके साथ ही, यह हार्ट हेल्थ को मजबूत बनाता है। इसलिए, यदि आप अपनी वजन घटाने की यात्रा को आसान बनाना चाहते हैं, तो हल्दी वाला पानी आपके लिए एक आदर्श विकल्प हो सकता है।

त्वचा की सेहत में सुधार

हल्दी वाला पानी केवल स्वास्थ्य के लिए नहीं, बल्कि त्वचा के लिए भी बेहद फायदेमंद है। इसकी एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुण त्वचा की समस्याओं को कम करने में मदद करते हैं। यदि आप अपनी त्वचा में चमक और स्वास्थ्य लाना चाहते हैं, तो हल्दी का पानी आपके लिए एक उत्कृष्ट विकल्प है। सही मात्रा में इस प्राकृतिक ड्रिंक का सेवन करने से आप अपनी स्किन हेल्थ में सुधार महसूस कर सकते हैं, जिससे आपकी त्वचा अधिक स्वस्थ और चमकदार बनती है।

हृदय स्वास्थ्य को बनाए रखना

हल्दी वाला पानी हृदय स्वास्थ्य को बनाए रखने में भी मदद करता है। यह कोलेस्ट्रॉल लेवल को नियंत्रित करने में सहायक होता है, जिससे दिल की बीमारियों का जोखिम कम होता है। यदि आप हृदय स्वास्थ्य के प्रति जागरूक हैं, तो हल्दी का पानी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। इसके नियमित सेवन से आप अपने हृदय को स्वस्थ रखने के साथ-साथ अन्य स्वास्थ्य समस्याओं से भी दूर रह सकते हैं।

अंतिम सलाह

हल्दी वाला पानी पीने के अद्भुत स्वास्थ्य लाभों के बावजूद, यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि किसी भी स्वास्थ्य उपाय को अपनाने से पहले डॉक्टर से परामर्श करना आवश्यक है। यह लेख सामान्य जानकारी प्रदान करता है और व्यक्तिगत स्वास्थ्य स्थिति के अनुसार सलाह लेना हमेशा बेहतर होता है। हल्दी का पानी आपकी सेहत को बेहतर बनाने में सहायक हो सकता है, लेकिन इसे संतुलित आहार और नियमित व्यायाम के साथ मिलाकर लेना सबसे प्रभावी होगा। इसलिए, अपने दिन की शुरुआत हल्दी वाले पानी से करें और एक स्वस्थ जीवनशैली की ओर कदम बढ़ाएं।


(ये आर्टिकल सामान्य जानकारी के लिए है, किसी भी उपाय को अपनाने से पहले डॉक्टर से परामर्श अवश्य लें)

 

 

World Contraception Day 2024: गर्भनिरोधकों से जुड़ी भ्रांतियों का सच

World Contraception

World Contraception Day 2024

World Contraction सेक्स एजुकेशन की कमी के कारण भारत में प्रजनन स्वास्थ्य के विषय में जागरूकता की कमी है। इस कमी का नतीजा यह है कि गर्भनिरोधक विधियों के बारे में कई गलत धारणाएँ फैली हुई हैं, विशेषकर महिलाओं में। फोर्टिस हीरानंदानी अस्पताल की कंसलटेंट गाइनैकॉलजिस्ट, डॉ. नेहा बतरा का कहना है कि ये भ्रांतियाँ लोगों को गर्भनिरोधक उपायों का उपयोग करने से रोकती हैं, जिसके परिणामस्वरूप अनचाहे गर्भ और महिलाओं के शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।

World Contraception
World Contraception Day 2024: गर्भनिरोधकों से जुड़ी भ्रांतियों का सच

गर्भनिरोधक गोलियों का उपयोग क्यों करें?

गर्भनिरोधक गोलियों का एक मुख्य लाभ यह है कि ये अत्यधिक प्रभावी होती हैं। इन्हें सही तरीके से उपयोग करने पर ये बेहद फायदेमंद साबित हो सकती हैं। महिलाओं को इन गोलियों को नियमित रूप से लेना चाहिए, क्योंकि अगर कोई खुराक मिस हो जाती है, तो इसका प्रभाव कम हो सकता है। हेल्थ एक्सपर्ट्स सलाह देते हैं कि गर्भनिरोधक गोलियों का सेवन करते समय सावधानी बरतना आवश्यक है, ताकि इनके लाभ पूरी तरह से मिल सकें।

गर्भनिरोधक गोलियों से जुड़े भ्रम

  1. सभी गर्भनिरोधक गोलियां वजन बढ़ाने का कारण बनती हैं: पहले की गर्भनिरोधक गोलियों में वजन बढ़ने का खतरा था, लेकिन अब नई फार्मूला वाली गोलियों में यह समस्या नहीं है। वास्तव में, कुछ गोलियां, जैसे कि जो पीसीओएस (पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम) वाले मरीजों के लिए बनाई गई हैं, वजन घटाने में मदद कर सकती हैं।
  2. गर्भनिरोधक गोलियां मुंहासे और असामान्य बालों के बढ़ने का कारण बनती हैं: नए गर्भनिरोधक गोलियों में प्रोजेस्टेरोन को विभिन्न मात्राओं में शामिल किया जाता है, जिससे शरीर में टेस्टोस्टेरोन की मात्रा कम होती है। इससे पीसीओएस के मरीजों में मुंहासों की समस्या कम हो सकती है।
  3. साइकिल के दौरान एक या दो गोली मिस करना सही है: साइकिल के दौरान गोलियां लेना न केवल अनचाहे गर्भ का कारण बन सकता है, बल्कि मिड साइकिल में ब्लीडिंग का भी कारण हो सकता है। अगर कोई गोली मिस हो जाती है, तो डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए।
  4. गर्भनिरोधक गोलियां प्रजनन क्षमता को प्रभावित करती हैं: यह बात सच नहीं है कि गर्भनिरोधक गोलियां प्रजनन क्षमता को प्रभावित करती हैं। इनका मुख्य कार्य ओव्यूलेशन और गर्भधारण को रोकना होता है, न कि प्रजनन क्षमता को कम करना।

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डेंगू और अन्य मच्छर जनित बीमारियों का बढ़ता खतरा


गर्भनिरोधक गोलियों से जुड़ी भ्रांतियों को समाप्त करने के लिए शिक्षा और जागरूकता का बढ़ावा देना आवश्यक है। सही जानकारी के माध्यम से महिलाएं अपने स्वास्थ्य को बेहतर तरीके से समझ सकती हैं और सुरक्षित प्रजनन स्वास्थ्य विकल्पों का चयन कर सकती हैं।

इस World Contraception Day पर, यह महत्वपूर्ण है कि हम गर्भनिरोधक विधियों के लाभों को समझें और भ्रांतियों को दूर करें। सही जानकारी के साथ, हम अनचाहे गर्भ को रोक सकते हैं और महिलाओं के स्वास्थ्य में सुधार कर सकते हैं। अगर आपके पास गर्भनिरोधक गोलियों के बारे में कोई सवाल या चिंता है, तो हमेशा अपने डॉक्टर से परामर्श करें।


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डेंगू और अन्य मच्छर जनित बीमारियों का बढ़ता खतरा

दिल्ली-एनसीआर में मच्छर जनित बीमारियों, विशेषकर डेंगू, के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं, जिससे अस्पतालों में भीड़ बढ़ने लगी है। हर साल सितंबर और अक्तूबर के महीनों में इस रोग के कारण बड़ी संख्या में लोगों को अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता होती है। हाल की रिपोर्टें यह स्पष्ट कर रही हैं कि स्थिति गंभीर होती जा रही है, और लोगों को अधिक सतर्क रहने की आवश्यकता है। मच्छरों द्वारा फैलने वाली बीमारियों से बचाव के उपायों पर ध्यान देना अत्यंत आवश्यक है, क्योंकि ये स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरे पैदा कर सकती हैं।

वर्तमान स्थिति और बढ़ते मामले

हालिया आंकड़ों के अनुसार, पिछले एक सप्ताह में दिल्ली-एनसीआर में 300 से अधिक लोगों में डेंगू संक्रमण की पुष्टि हुई है। यह संख्या पिछले सप्ताह में 250 थी, जो एक स्पष्ट संकेत है कि संक्रमण तेजी से फैल रहा है। डॉक्टरों का कहना है कि इस वर्ष केवल डेंगू ही नहीं, बल्कि चिकनगुनिया और मलेरिया के मामलों में भी वृद्धि हो रही है। तेज बुखार के साथ अस्पताल में आने वाले मरीजों में इन तीनों बीमारियों का निदान किया जा रहा है, जिससे स्वास्थ्य सेवाओं पर अतिरिक्त दबाव बढ़ रहा है। इन रोगों के साथ-साथ, गंभीर स्वास्थ्य जटिलताओं का खतरा भी बना हुआ है, जो कि स्थिति को और चिंताजनक बनाता है।

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डेंगू के खतरे का विश्लेषण

20 सितंबर तक दिल्ली में डेंगू के कुल 1229 मामले दर्ज किए गए हैं, जिनमें से दो लोगों की मौतें भी हुई हैं। डॉक्टरों का मानना है कि इस बार मानसून का असर अधिक होने के कारण डेंगू का खतरा बढ़ गया है। भारी वर्षा के बाद जल-जमाव की स्थिति ने मच्छरों के प्रजनन के लिए अनुकूल वातावरण बना दिया है। हालांकि, राहत की बात यह है कि अधिकांश रोगियों में लक्षण गंभीर नहीं हैं, और उन्हें सामान्य उपचार के माध्यम से राहत मिल रही है। फिर भी, जिन मरीजों को अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता पड़ रही है, उनकी संख्या भी बढ़ रही है, जिससे स्वास्थ्य विभाग की चिंताएँ बढ़ गई हैं।

डेंगू और अन्य मच्छर जनित बीमारियों का बढ़ता खतरा
                                           डेंगू और अन्य मच्छर जनित बीमारियों का बढ़ता खतरा

संक्रामक रोगों का विस्तार

इस महीने दिल्ली में 651 नए डेंगू मामले सामने आए हैं, जबकि पिछले सप्ताह में यह संख्या 256 थी। अन्य राज्यों जैसे कर्नाटक और असम में भी डेंगू की स्थिति बिगड़ रही है। स्वास्थ्य विभाग ने गुवाहाटी जैसे प्रभावित क्षेत्रों में जांच अभियान तेज कर दिए हैं। मच्छर जनित बीमारियों का प्रभाव केवल दिल्ली तक सीमित नहीं है; यह पूरे देश में फैल रहा है। मलेरिया और चिकनगुनिया के मामलों में भी उल्लेखनीय वृद्धि देखी जा रही है। दिल्ली में इस महीने मलेरिया के 363 मामले सामने आए हैं, जो पिछले साल के इसी अवधि में 294 मामलों से अधिक हैं। चिकनगुनिया के 43 मामले भी दर्ज किए गए हैं, जो पिछले साल के मुकाबले लगभग दोगुना हैं।

बचाव के उपाय और सावधानियाँ

विशेषज्ञों का कहना है कि जलजमाव और स्थिर पानी डेंगू मच्छरों के प्रजनन के लिए अनुकूल होते हैं। इसलिए, मच्छरों के प्रजनन के स्रोतों को खत्म करने के लिए आवश्यक है कि हम प्लास्टिक के कंटेनर, एयर कूलर, फूलों के गमले, और अन्य स्थानों को साफ रखें जहां पानी जमा हो सकता है। घर के आस-पास के इलाकों में सफाई रखना भी महत्वपूर्ण है। इसके साथ ही, मच्छरों से बचने के लिए व्यक्तिगत सुरक्षा उपायों का पालन करना चाहिए, जैसे मच्छरदानी का उपयोग करना, उचित कपड़े पहनना, और मच्छर रोधी स्प्रे का इस्तेमाल करना।

डेंगू और अन्य मच्छर जनित बीमारियों से बचने के लिए निरंतर सावधान रहना आवश्यक है। उचित स्वच्छता, जल संचय से बचाव, और मच्छरों से सुरक्षा के उपायों का पालन करना बेहद महत्वपूर्ण है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा उठाए गए कदमों के साथ-साथ, समुदाय के स्तर पर जागरूकता फैलाना भी आवश्यक है। यह सुनिश्चित करना कि हर व्यक्ति इन उपायों का पालन कर रहा है, ही इन बीमारियों के प्रसार को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है। यदि कोई व्यक्ति स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का अनुभव करता है, तो उसे तुरंत अपने डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए।

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‘कंट्रोल’ का पहला गाना ‘मेरा बॉयफ्रेंड’ जारी, अनन्या पांडे और यशराज मुखाटे का नया वायरल सॉन्ग

बॉलीवुड अभिनेत्री अनन्या पांडे इन दिनों अपनी आगामी फिल्म ‘कंट्रोल’ को लेकर चर्चा में हैं। इस फिल्म का निर्देशन विक्रमादित्य मोटवानी ने किया है। हाल ही में फिल्म का ट्रेलर रिलीज हुआ, जिसे दर्शकों ने बेहद पसंद किया। अब, निर्माताओं ने फैंस के उत्साह को और बढ़ाने के लिए इसका पहला गाना ‘मेरा बॉयफ्रेंड’ पेश किया है।

CTRL ट्रेलर में अनन्या पांडे, विहान समत (क्रेडिट: यूट्यूब/नेटफ्लिक्स)

गाना तेजी से वायरल हो रहा है और इसे यशराज मुखाटे ने कंपोज और गाया है। यशराज ने महामारी के दौरान एक लोकप्रिय शो के दृश्य से ट्रैक बनाकर काफी प्रसिद्धि हासिल की थी। इस नए गाने में अनन्या पांडे अपने बॉयफ्रेंड से दूर होने की भावनाओं का इज़हार करती हैं।

गाने का वीडियो साझा करते हुए निर्माताओं ने लिखा, “कट कट कट… ड्रामा ‘मेरा बॉयफ्रेंड’ गाना रिलीज हो गया है।” वीडियो में अनन्या को विहान सामत को दूसरी लड़की के साथ डेट पर जाते हुए देखना दर्शाया गया है, जिससे वह निराश हो जाती हैं। गाना अनोखा और आकर्षक है, और कमेंट सेक्शन में इसे लेकर सकारात्मक प्रतिक्रियाएं आ रही हैं।

अनन्या पांडे ने अपने किरदार नेला के बारे में कहा, “नेला हम में से किसी की तरह है, जो तकनीक और सोशल मीडिया की दुनिया में फंसी हुई है। ‘कंट्रोल’ यह दर्शाता है कि हम अपनी ऑनलाइन मौजूदगी और असल जिंदगी के बीच की बारीक रेखा कैसे पार करते हैं। विक्रम सर और निखिल सर के साथ काम करना एक अद्भुत अनुभव रहा है, और मैं नेटफ्लिक्स पर इसे देखने के लिए उत्सुक हूं।”

फिल्म का ट्रेलर यह दर्शाता है कि कैसे लोग अपनी निजी जिंदगी के फैसले या जीवन का नियंत्रण इंटरनेट और सोशल मीडिया को सौंप रहे हैं। ‘कंट्रोल’, जो अनन्या पांडे और विहान सामत के साथ एक साइबर-थ्रिलर है, 4 अक्टूबर, 2024 को नेटफ्लिक्स पर रिलीज होगी।

 

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पर्यटन : मानचित्र पर बिखरे हैं प्रकृति, वन्य जीवन, धरोहर और अध्यात्म के चटख रंग

पर्यटन
  • मध्यप्रदेश भारत का इकलौता राज्य है जहाँ सर्वाधिक 12 राष्ट्रीय उद्यान।

  • मध्यप्रदेश का कोई कोना ऐसा नहीं है, जो पर्यटन की दृष्टि से मरुस्थल हो

  • यूनेस्को की ‘विश्व विरासत’ की सूची में मध्यप्रदेश के चार स्थल है।

भारत का ह्रदय ‘मध्यप्रदेश’ पर्यटन के क्षेत्र में अपनी नैसर्गिक सुन्दरता, आध्यात्मिक ऊर्जा और समृद्ध विरासत के चलते सदियों से यात्रियों को आकर्षित करता रहा है। आत्मा को सुख देनेवाली प्रकृति, गौरव की अनुभूति करानेवाली धरोहर, रोमांच बढ़ानेवाला वन्य जीवन और विश्वास जगानेवाला अध्यात्म, इन सबका मेल मध्यप्रदेश को भारत के अन्य राज्यों से अलग पहचान देता है।

इस प्रदेश में प्रत्येक श्रेणी के पर्यटकों के लिए कई चुम्बकीय स्थल हैं, जो उन्हें बरबस ही अपनी ओर खींच लेते हैं। यह प्रदेश उस बड़े ह्रदय के मेजबान की तरह है, जो किसी भी अतिथि को निराश नहीं करता है।

वैभव की इस भूमि पर पराक्रम की गाथाएं सुनाते और आसमान का मुख चूमते दुर्ग हैं। भारत का जिब्राल्टर ‘ग्वालियर का किला’, महेश्वर में लोकमाता देवी अहिल्याबाई होल्कर का राजमहल, मांडू का जहाज महल, दतिया में सतखंडा महल, रायसेन का दुर्ग, दुर्गावती का मदन महल, जलमग्न रहनेवाला रानी कमलापति का महल और गिन्नौरगढ़ सहित अनेक किले हैं, जो मध्यप्रदेश के स्थापत्य की विविधता का बखान करते हैं। देवों के चरण भी इस धरा पर पड़े हैं। उज्जैन, जहाँ योगेश्वर भगवान श्रीकृष्ण पढ़े।


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चित्रकूट, जहाँ प्रभु श्रीराम माता सीता और भ्राता लखन सहित वनवास में रहे। ओंकारेश्वर, जहाँ आदि जगद्गुरु शंकराचार्य ने आचार्य गोविन्द भगवत्पाद से दीक्षा ली। मध्यप्रदेश में दो ज्योतिर्लिंग- महाकाल और ओंकारेश्वर हैं। इसके साथ ही भगवान शिव ने कैलाश और काशी के बाद अमरकंटक को परिवार सहित रहने के लिए चुना है। एक ओर जहाँ द्वारिकाधीश श्रीकृष्ण प्रतिवर्ष मुरैना में आकर ढ़ाई दिन रहते हैं तो वहीं ओरछा में राजा राम का शासन है। महारानी कुंवर गणेश के पीछे-पीछे श्रीराम अयोध्या से ओरछा तक चले आये थे। ओरछा राजाराम के मंदिर के लिए ही नहीं, अपितु अपने प्राकृतिक सौंदर्य के लिए भी प्रसिद्ध है।

पर्यटन

मध्यप्रदेश अपने वनों के लिए भी प्रसिद्ध है। सतपुड़ा के घने जंगल का तो अद्भुत वर्णन कवि भवानी प्रसाद मिश्र की कविता में आता ही है। चम्बल के भरकों से लेकर कटनी, उमरिया और जबलपुर से लगा शाहडार का जंगल भी रोमांचक यात्राओं का ठिकाना है। मेकल पर्वत पर सदानीरा माँ नर्मदा का उद्गम स्थल ही नहीं, अपितु वहां का सघन वन भी पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र है।

पर्यटन

मध्यप्रदेश भारत का इकलौता राज्य है जहाँ सर्वाधिक 12 राष्ट्रीय उद्यान हैं। कान्हा, बांधवगढ़, पेंच, शिवपुरी, पन्ना और कई अन्य राष्ट्रीय उद्यान लोगों को वन्य जीवन को देखने का दुर्लभ, रोमांचपूर्ण अवसर प्रदान करते हैं। मध्यप्रदेश सफ़ेद बाघ ‘मोहन’ का ही घर नहीं है, अपितु यह रहस्य और कौतुहल बढ़ानेवाले बालक ‘मोगली’ का भी जन्मस्थान है। सर विलियम हेनरी स्लीमन ने ‘एन एकाउंट ऑफ वाल्वस नरचरिंग चिल्ड्रन इन देयर डेन्स’ शीर्षक से लिखे अपने एक दस्तावेज में उल्लेख किया है कि मध्यप्रदेश के सिवनी जिले के जंगल (पेंच टाइगर रिजर्व) में मोगली का घर था। वाइल्डलाइफ पर्यटन मध्यप्रदेश को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विशेष पहचान दिलाता है।

पर्यटन

वन्य जीवों के संरक्षण के कारण मध्यप्रदेश के पास ‘टाइगर स्टेट’ के साथ ही ‘द लेपर्ड स्टेट’ और ‘घड़ियाल स्टेट’ का दर्जा भी है। बाघ देखने के लिए न केवल देशभर से बल्कि दुनिया के अलग-अलग हिस्सों से भी लोग मध्यप्रदेश में आते हैं। भिंड और मुरैना के समीप स्थित चम्बल सफारी तो घडियाल संरक्षण का बड़ा केंद्र बन गई है। कभी डाकुओं के लिए कुख्यात रहे चम्बल के बीहड़ अब डोल्फिन के लिए प्रसिद्ध हैं। भारत में गंगा के बाद सबसे अधिक डोल्फिन चम्बल सफारी में पाए जाते हैं।

जनजातीय संस्कृति से साक्षात्कार करने का अवसर भी मध्यप्रदेश देता है। मंडला, उमरिया, छिंदवाडा, बालाघाट, झाबुआ और अनूपपुर में कई स्थान हैं, जो पर्यटन के तौर पर विकसित किये गए हैं। कुछ समय के लिए दुनिया की भागम-भाग से दूर प्रकृति की गोद में सुख की अनुभूति करने के लिए तामिया और पातालकोट जैसे स्थान भी हैं, जो आम पर्यटकों से छिपे हुए हैं।

वहीं, मढ़ई, तवा, परसिली, हनुमंतिया जैसे अनेक स्थल भी हैं, जिन्हें पर्यटन गतिविधियों का केंद्र बनाया जा रहा है। पर्यटकों द्वारा खोजे जा रहे नये पर्यटन स्थलों को भी व्यवस्थित करने में मध्यप्रदेश की सरकार अग्रणी है। इंदौर के समीप महू से पातालपानी-कालाकुंड तक चलनेवाली हेरिटेज ट्रेन भी सीटी बजाकर उन पर्यटकों को बुलाती है, जो प्रकृति के नजारों में खोना चाहते हैं।

सब प्रकार के पर्यटन की दृष्टि से समृद्ध मध्यप्रदेश के ऐसे अनेक स्थान हैं, जो अभी भी पर्यटन के वैश्विक मानचित्र पर आने की प्रतीक्षा कर रहे हैं। वर्तमान में यूनेस्को की ‘विश्व विरासत’ की सूची में मध्यप्रदेश के चार स्थल है- बुद्ध का सन्देश देते साँची के स्तूप, प्रागैतिहासिक सभ्यता के चिन्ह भीमबेटिका, सौंदर्य के साक्षी खजुराहो के साथ त्यागमय संस्कृति का प्रतीक ओरछा। ये चारों ही स्थान विदेशी पर्यटकों को लुभाते हैं।

मध्यप्रदेश का कोई कोना ऐसा नहीं है, जो पर्यटन की दृष्टि से मरुस्थल हो। ग्वालियर के आसपास ककनमठ, मितावली, पड़ावली, दतिया, सोनागिर, ओरछा, चंदेरी और शिवपुरी का एक ट्रेवल रूट बनता है। भोपाल के आसपास साँची, विदिशा, ग्यारसपुर, उदयगिरी की गुफाएं, भोजपुर, भीमबेटका, देलावाडी और रायसेन एक पर्यटन स्थल समूह बनता है।

इंदौर को केंद्र मानकर उज्जैन, हनुमंतिया, ओंकारेश्वर, ब्रह्मपुर (बुरहानपुर), महेश्वर और मांडू का एक पर्यटन स्थल का समूह बनता है। वहीं, जबलपुर से भेड़ाघाट, बरगी, बांधवगढ़, अमरकंटक, कान्हा और पेंच जा सकते हैं। खजुराहो के साथ ओरछा, अजयगढ़, चित्रकूट, मुकुंदपुर वाइल्डलाइफ सेंक्चुरी, संजय राष्ट्रीय उद्यान, मैहर और हीरों के साथ अपने जंगलों के लिए प्रसिद्ध पन्ना के पर्यटन स्थल घुमे जा सकते हैं। उधर, सतपुड़ा की रानी ‘पचमढ़ी’ के साथ मढ़ई, तवा, तामिया और पातालकोट का एक पर्यटन समूह बनता है।

मध्यप्रदेश के पर्यटन, उसकी समृद्ध विरासत और गौरव का दर्शन करना है तो एक बार मध्यप्रदेश गान पढ़/सुन लेना चाहिए। वरिष्ठ साहित्यकार और पत्रकार महेश श्रीवास्तव ने इस गीत में मध्यप्रदेश की एक खूबसूरत और गौरवपूर्ण तस्वीर उतार दी है।

मध्यप्रदेश घूमने का सबसे अच्छा समय

वैसे तो मध्यप्रदेश राज्य का वर्ष के किसी भी समय दौरा किया जा सकता है। मध्य भारत में स्थित होने के कारण, मध्य प्रदेश की जलवायु आमतौर पर गर्म और शुष्क होती है। परन्तु अच्छा होगा कि अक्टूबर से मार्च के बीच मध्यप्रदेश घूमने की योजना बनायी जाए। इस दौरान यहाँ का तापमान अनुकूल होता है और बारिश के बाद कई पर्यटन स्थल अपने पूर्ण सौंदर्य के साथ उपस्थित होते हैं। प्रदेश में सर्दियों का मौसम वन्यजीव अभयारण्यों, ऐतिहासिक स्थलों, नदी घाटियों और प्राचीन मंदिरों में जाने के लिए एकदम सही है।

 


लोकेन्द्र सिंह
लेखक माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय में सहायक प्राध्यापक हैं और पर्यटन में विशेष रुचि रखते हैं।

रोजगार देने में उत्तराखंड अव्वल

रोजगार
  • श्रम बल में बढ़ी युवाओं की भागीदारी

  • सीएम धामी का संकल्प ले रहा आकार

  • 15-29 के आयु वर्ग में बेरोजगारी में आई 4.4 फीसदी की कमी

  • श्रमिक जनसंख्या अनुपात में हुआ उल्लेखनीय सुधार

  • पीएलएफएस की रिपोर्ट में हुआ खुलासा

देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का संकल्प आकार ले रहा है। रोजगार देने में भी उत्तराखंड कीर्तिमान बना रहा है। पीरियोडिक लेबर फोर्स सर्वे (पीएलएफएस) रिपोर्ट में भी उत्तराखंड ने राष्ट्रीय औसत को भी पछाड़ दिया है।

उत्तराखंड में बीते एक वर्ष में रोजगार के अवसर बढ़ने से बेरोजगारी घटी है। सभी आयु वर्गो पर नजर डालें तो इसकी दर 4.5 फीसदी से घटकर 4.3 प्रतिशत पर आ गई है। जबकि 15-29 वर्ष के आयु वर्ग में 14.2 से घटकर 9.8 प्रतिशत पर आ गई है।

रोजगार

राज्य में वर्ष 2022-23 की तुलना में 2023-24 में सभी आयु वर्गों में श्रमिक जनसंख्या अनुपात में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। 15-29 वर्ष के आयु वर्ग में श्रमिक जनसंख्या अनुपात 27.5℅ से बढ़कर 44.2℅ हो गया है। युवाओं को रोजगार के अधिक अवसर मिले हैं।

इसी प्रकार 15-59 वर्ष के आयु वर्ग में श्रमिक जनसंख्या अनुपात अनुपात 57.2 प्रतिशत से बढ़कर 61.2 प्रतिशत पहुंच गया है। जबकि 15 साल और उससे ऊपर की श्रेणी के लिए यह 53.5 प्रतिशत से बढ़कर 58.1 फीसदी हो गया है।

श्रम बल में युवाओं की भागीदारी बढ़ी
श्रम बल में भी वर्ष 2022-23 के मुकाबले में वर्ष 2023-24 में युवाओं की भागीदारी बढ़ी है। 15-29 वर्ष के आयु वर्ग में श्रम बल भागीदारी दर 43.7 से बढ़कर 49 प्रतिशत पहुंच गई है। इसी प्रकार 15-59 के आयु वर्ग में 60.1 प्रतिशत से बढकर 64.4 प्रतिशत और 15 वर्ष और उससे अधिक की श्रेणी में 56 प्रतिशत से बढ़कर 60.7 प्रतिशत पहुंच गई है।


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राष्ट्रीय औसत को भी पछाड़ा
श्रमिक जनसंख्या औसत में उत्तराखंड ने राष्ट्रीय औसत को भी पीछे छोड़ दिया है। उत्तराखंड में 15-29 के आयु वर्ग में यह औसत 49 प्रतिशत रहा है वहीं राष्ट्रीय औसत 46.5 प्रतिशत है। इसी प्रकार 15-59 के आयु वर्ग में उत्तराखंड का 64.4 तो राष्ट्रीय औसत 64.3 और 15 वर्ष और उससे अधिक वर्ष की श्रेणी में उत्तराखंड का 60.7 तो राष्ट्रीय औसत 60.1 रहा है।

उत्तराखंड को देश के अग्रणी राज्यों के साथ खड़ा करना हमारा संकल्प है। देवतुल्य जनता के आशीर्वाद से हम इस संकल्प को पूरा करने लिए दिन-रात काम कर रहे हैं। हम रोजगार के अधिकाधिक अवसर सृजित कर रहे हैं। सरकारी क्षेत्र में ही 16 हजार से अधिक युवाओं को हमने नियुक्ति दी है। निजी क्षेत्र में भी यह सिलसिला शुरू हो चुका है। आने वाले वर्षों में निवेश के अधिकांश करारों के धरातल पर उतरने से लाखों युवाओं को रोजगार मिलेगा। उत्तराखंड युवाओं को सिर्फ रोजगार ही नहीं देगा, बल्कि उन्हें दूसरों को भी रोजगार देने वाला बनाएगा।
-पुष्कर सिंह धामी
मुख्यमंत्री, उत्तराखंड

लोकसभा अध्यक्ष आइजोल में CPA INDIA क्षेत्र जोन III के 21वें वार्षिक सम्मेलन का करेंगे उद्घाटन

CPA INDIA
  • CPA INDIA के प्रतिभागियों को संबोधित करेंगे लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला

  • मिजोरम विधानसभा के ग्रंथालय में अभिलेखागार प्रकोष्ठ का करेंगे उद्घाटन

आइजोल/नई दिल्ली। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला 27 सितंबर 2024 को आइजोल में सीपीए इंडिया (CPA INDIA) क्षेत्र जोन III के 21वें वार्षिक सम्मेलन का उद्घाटन करेंगे। इस अवसर पर लोकसभा अध्यक्ष प्रतिभागियों को संबोधित करेंगे।

मिजोरम के मुख्यमंत्री लालदुहोमा, राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश, नागालैंड विधानसभा के अध्यक्ष और सीपीए इंडिया (CPA INDIA) क्षेत्र जोन – III के अध्यक्ष शेरिंगेन लोंगकुमेर, मिजोरम विधानसभा के अध्यक्ष लालबियाकजामा और मिजोरम विधानसभा के उपाध्यक्ष लालफामकिमा इस अवसर पर उपस्थित रहेंगे।

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लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला करेंगे CPA INDIA के 21वें वार्षिक सम्मेलन का उद्घाटन

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मिजोरम विधानसभा के सदस्य और अन्य गणमान्य व्यक्ति इस सम्मेलन में शामिल होंगे।

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राष्ट्रमंडल संसदीय संघ-भारत क्षेत्र ज़ोन-III के 21वें वार्षिक सम्मेलन के लिए आइजोल पहुंचे लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला

पूर्ण सत्र में चर्चा के विषय इस प्रकार हैं-

  • व्यापार और सहयोग के भारत-आसियान विजन में पूर्वोत्तर क्षेत्र को शामिल करना।
  • क्षेत्र में विभिन्न परियोजनाओं की बेहतर रणनीतिक योजना तैयार करने और समन्वय के लिए उत्तर पूर्वी क्षेत्र विकास मंत्रालय का विलय उत्तर पूर्वी परिषद के साथ करना।
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लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला करेंगे CPA INDIA के 21वें वार्षिक सम्मेलन का उद्घाटन

इस अवसर पर लोकसभा अध्यक्ष मिजोरम विधानसभा के ग्रंथालय में अभिलेखागार प्रकोष्ठ का उद्घाटन करेंगे। यह दो दिवसीय सम्मेलन 28 सितंबर 2024 को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के विदाई भाषण के साथ सम्पन्न होगा।

महिलाओं में Vitamin B12 की कमी: थकान और डिप्रेशन के संकेत

Vitamin B12, जिसे कोबालामिन भी कहा जाता है, शरीर के लिए एक आवश्यक पोषक तत्व है। यह न केवल लाल रक्त कोशिकाओं के उत्पादन में मदद करता है, बल्कि यह तंत्रिका तंत्र के स्वास्थ्य को बनाए रखने में भी महत्वपूर्ण है। महिलाएं अक्सर अपने आहार में विटामिन B12 की कमी का सामना करती हैं, जिससे कई स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। यह कमी खासकर शाकाहारी और शाकाहारी महिलाओं में अधिक देखी जाती है, क्योंकि यह विटामिन मुख्य रूप से पशु उत्पादों में पाया जाता है।

थकान का संकेत

विटामिन B12 की कमी का एक प्रमुख लक्षण थकान है। यदि आप हमेशा थकान महसूस कर रही हैं, तो यह विटामिन की कमी का संकेत हो सकता है। थकान का कारण यह है कि विटामिन B12 लाल रक्त कोशिकाओं के निर्माण में मदद करता है, और यदि रक्त कोशिकाएं पर्याप्त नहीं हैं, तो शरीर में ऑक्सीजन का संचार कम होता है, जिससे थकान महसूस होती है। इसके अलावा, मांसपेशियों की कमजोरी और ऊर्जा की कमी भी इसके अन्य लक्षण हो सकते हैं।

डिप्रेशन के संकेत

इसके अलावा, विटामिन B12 की कमी डिप्रेशन और मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं से भी जुड़ी हो सकती है। यह विटामिन तंत्रिका तंतुओं के स्वास्थ्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, और इसकी कमी से मस्तिष्क की कार्यक्षमता प्रभावित हो सकती है। कुछ अध्ययनों से पता चला है कि जो महिलाएं विटामिन B12 की कमी का सामना कर रही हैं, उनमें डिप्रेशन और चिंता के लक्षण अधिक देखने को मिलते हैं। यदि आप बिना किसी स्पष्ट कारण के उदास महसूस कर रही हैं या आपको चिंता का अनुभव हो रहा है, तो यह विटामिन की कमी का संकेत हो सकता है।

अन्य लक्षण

विटामिन B12 की कमी के अन्य लक्षणों में शामिल हैं:

  • मस्तिष्क की धुंधलापन या ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई
  • हृदय की धड़कन बढ़ना
  • त्वचा का पीला होना
  • हाथों और पैरों में झुनझुनी या सुन्न होना
  • संतुलन बनाने में कठिनाई

इन लक्षणों का अनुभव होने पर तुरंत चिकित्सा सहायता लेना आवश्यक है, क्योंकि विटामिन B12 की कमी से अन्य गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं भी हो सकती हैं।

समय पर पहचान और उपचार

विटामिन B12 की कमी की पहचान करने के लिए, डॉक्टर रक्त परीक्षण कर सकते हैं। यदि कमी की पुष्टि होती है, तो आपके आहार में कुछ बदलाव किए जा सकते हैं। विटामिन B12 युक्त खाद्य पदार्थों जैसे मांस, मछली, दूध, अंडे और कुछ अनाजों को अपने भोजन में शामिल करना महत्वपूर्ण है। यदि आप शाकाहारी हैं, तो बी12 का समृद्ध सप्लीमेंट लेना भी एक विकल्प हो सकता है।

महिलाओं में विटामिन B12 की कमी के संकेतों को पहचानना और समय पर उपचार करना महत्वपूर्ण है। थकान और डिप्रेशन जैसे लक्षणों को नजरअंदाज न करें, क्योंकि ये गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का संकेत हो सकते हैं। सही आहार और डॉक्टर की सलाह के माध्यम से, आप विटामिन B12 की कमी को रोक सकते हैं और अपने मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को बेहतर बना सकते हैं। अगर आपको इनमें से कोई भी लक्षण महसूस हो रहा है, तो तुरंत चिकित्सा सहायता लें और अपनी स्वास्थ्य जांच कराएं।

 

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Bhool Bhulaiyaa 3: सेंसर बोर्ड से इस सर्टिफिकेट के साथ पास हुआ ‘भूल भुलैया 3’ का टीजर, इस दिन होगा रिलीज!

 

Bhool Bhulaiyaa 3: सेंसर बोर्ड से इस सर्टिफिकेट के साथ पास हुआ ‘भूल भुलैया 3’ का टीजर, इस दिन होगा रिलीज!

कार्तिक आर्यन की ‘भूल भुलैया 3’ इस साल की सबसे बहुप्रतीक्षित रिलीज है। इसके रिलीज को लेकर कई अटकलों के बीच यह पुष्टि हो गई है कि यह फिल्म दिवाली 2024 पर बड़े पर्दे पर आएगी। आज फिल्म का पहला पोस्टर भी जारी किया गया है, जिसमें आधिकारिक रूप से यह घोषणा की गई है कि यह फिल्म इस दिवाली सिनेमाघरों में दस्तक देगी। इसके साथ ही, अब फिल्म से जुड़ी नई जानकारियां भी सामने आ रही हैं।

 

फिल्म के टीजर की रिलीज डेट के बारे में जानकारी मिली है। रिपोर्ट्स के अनुसार, ‘भूल भुलैया 3’ का टीजर 27 सितंबर, 2024 को जारी किया जाएगा। बताया गया है कि यह एक छोटा सा टीजर होगा, जिसमें फिल्म के तीसरे भाग की दुनिया की झलक दिखाई जाएगी। इस टीजर के माध्यम से निर्माता दर्शकों का ध्यान फिल्म की कहानी की ओर आकर्षित करना चाहते हैं और उनकी उत्सुकता बढ़ाना चाहते हैं।

 

टीजर के बाद इसके गाने और ट्रेलर भी रिलीज होने की संभावना है। आज, 25 सितंबर को ‘भूल भुलैया 3’ का टीजर पोस्टर जारी किया गया। सूत्रों के अनुसार, कल, यानी 26 सितंबर को एक और पोस्टर का अनावरण किया जाएगा, और इसके बाद शुक्रवार, 27 सितंबर को टीजर जारी किया जाएगा। रिपोर्ट्स के मुताबिक, फिल्म का टीजर 1 मिनट 27 सेकंड लंबा है और इसे सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन (सीबीएफसी) द्वारा यूए सर्टिफिकेट दिया गया है।

 

कार्तिक आर्यन द्वारा जारी किए गए पहले पोस्टर में एक बंद दरवाजा नजर आ रहा है, जिस पर एक बड़ा और पुराना ताला लटका हुआ है। ताले पर मंत्र के धागे, रुद्राक्ष की माला, और कलावा बंधा हुआ है। पोस्टर के साथ लिखा है, “दरवाजा खुलेगा इस दिवाली”। दिलचस्प बात यह है कि दिवाली पर यह फिल्म रोहित शेट्टी के निर्देशन में बनी अजय देवगन, दीपिका पादुकोण, करीना कपूर, अर्जुन कपूर, रणवीर सिंह, अक्षय कुमार और टाइगर श्रॉफ अभिनीत ‘सिंघम अगेन’ से टकराएगी।

फिल्म का निर्देशन अनीस बज्मी ने किया है, जिन्होंने फ्रेंचाइज़ी के दूसरे भाग का भी निर्देशन किया था। कार्तिक आर्यन इस फिल्म में भूत भगाने वाले रूह बाबा की भूमिका निभाएंगे। ‘भूल भुलैया 2’ एक ब्लॉकबस्टर साबित हुई थी, जिसने दुनियाभर में लगभग 300 करोड़ रुपये की कमाई की थी। अब तीसरे भाग के लिए भी बहुत उम्मीदें हैं।

इस फिल्म में विद्या बालन, माधुरी दीक्षित और तृप्ति डिमरी जैसे कलाकार भी शामिल हैं। विद्या बालन इस फिल्म में अपनी मशहूर मंजुलिका की भूमिका को फिर से निभाएंगी। ‘भूल भुलैया 3’ इस साल दिवाली पर सिनेमाघरों में रिलीज होगी, और इसके प्रति दर्शकों का उत्साह देखने लायक होगा।

राज्यपाल एवं कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल की अध्यक्षता में महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ, वाराणसी का 46वां दीक्षान्त समारोह संपन्न

राज्यपाल एवं कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल
दीक्षान्त समारोह को संबोधित करती हुई राज्यपाल आनंदीबेन पटेल
  • प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल सार्थक दिशा में होना चाहिए – राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ।

  • शिक्षा एवं कौशल विकास की योजनाओं का समुचित लाभ लें विद्यार्थी।

  • राष्ट्र निर्माण में चाणक्य के प्रयासों को आत्मसात करें शिक्षक – उच्च शिक्षा मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय


सचिन मलिक /लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राज्यपाल एवं कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल की अध्यक्षता में आज महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ, वाराणसी का 46 वां दीक्षान्त समारोह संपन्न हुआ। समारोह में राज्यपाल ने विशेष योग्यता वाले एवं मेधावी विद्यार्थियों को पदक वितरित किये। गोल्ड मेडल पाने वाले 18 विद्यार्थियों में सात स्नातक, नौ स्नातकोत्तर और दो उत्कृष्ट खिलाड़ी भी शामिल रहे।

राज्यपाल एवं कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल
राज्यपाल एवं कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल की अध्यक्षता मेंमहात्मा गांधी काशी विद्यापीठ, वाराणसी का 46वां दीक्षान्त समारोह संपन्न

आज आयोजित दीक्षांत समारोह में कुल 97,252 डिग्रियां और उपाधियां वितरित हुईं। राज्यपाल एवं कुलाधिपति द्वारा बटन दबाकर सभी उपाधियों को डिजिलॉकर पर अपलोड किया गया। समारोह में स्नातक स्तर पर कुल 78,196 डिग्रियां प्रदान की गयीं। जिसमें 41,474 छात्र और 36,722 छात्राएं हैं। स्नातकोत्तर स्तर पर कुल 19056 डिग्रियां प्रदान की गयीं। इनमें 13,479 छात्र और 5577 छात्राएं शामिल हैं। 53 छात्रों और 45 छात्राओं को पीएचडी की उपाधि प्रदान की गयी।


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इस अवसर पर संबोधित करते हुए राज्यपाल ने सभी पदक तथा उपाधि प्राप्त विद्यार्थियों को बधाई दी और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। उन्होंने कहा की छात्राएं लगातार आगे बढ़ रही हैं। आज गोल्ड मेडल प्राप्त करने वालों में भी छात्राओं की संख्या छात्रों से अधिक है। अपने सम्बोधन में उन्होंने इस वर्ष के बजट में शिक्षा के लिए रखे गए अब तक के सर्वाधिक बजट की भी चर्चा की।

उन्होंने बताया की इस वर्ष शिक्षा का बजट 1.48 लाख करोड़ दिया गया है जिसका लाभ सभी विद्यार्थियों को लेना चाहिए। अगले पांच वर्षों में भारत के एक करोड़ विद्यार्थियों को देश की शीर्ष कंपनियों में इंटर्नशिप करने के मौके का जिक्र भी उन्होंने अपने सम्बोधन में किया और बताया कि विद्यार्थियों को कौशल विकास हेतु 7.5 लाख के ऋण की सुविधा भी दी जा रही है। उन्होंने सभी विद्यार्थियों को योजना का समुचित लाभ लेने के लिए प्रेरित किया गया।

इसी क्रम में राज्यपाल ने विद्यार्थियों को आने वाले वर्षों में होने वाले बदलाव हेतु तैयार रहने को कहा। उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल सार्थक दिशा में होना चाहिये। उन्होंने ऊर्जा और पानी बचत के लिए भी प्रेरित किया। विश्वविद्यालयों में लागू समर्थ पोर्टल के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के 33 विश्वविद्यालयों को समर्थ पोर्टल से जोड़ते हुए 200 करोड़ की बचत की गयी है।

राज्यपाल ने अपने सम्बोधन में गर्भस्थ संस्कार की शिक्षा, संस्थागत प्रसव को शत-प्रतिशत करने की प्रतिबद्धता रखने, नवजात शिशु की सही देखभाल जैसे विषयों पर भी चर्चा की। उन्होंने विद्यापीठ के अध्यापकों से 07 से 09 अक्टूबर को होने वाले नैक टीम के दौरे के दौरान पूरी तैयारी करने को कहा ताकि विश्वविद्यालय उच्च ग्रेड प्राप्त कर सके।

समारोह के मुख्य अतिथि आर के तिवारी ने सभी उपाधि तथा पदक प्राप्तकर्ता विद्यार्थियों से अपने अनुभव साझा किये। उन्होंने भारत के विकसित होने के लक्ष्यों में शिक्षा को सबसे महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि शिक्षा का उद्देश्य केवल डिग्री प्राप्त करना नहीं बल्कि अपनी जड़ों को मजबूत करना ही शिक्षा का असली उद्देश्य है।

उच्च शिक्षा मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय ने पदक प्राप्तकर्ता विद्यार्थियों को बधाई देते हुए सभी को इन ऊंचाइयों तक पहुंचाने में उनके माता-पिता तथा गुरुजनों के योगदान को सराहा। उन्होंने राष्ट्र निर्माण में चाणक्य के प्रयासों को आत्मसात करने हेतु सभी शिक्षकों को सोचने को कहा।

उन्होंने विश्वविद्यालयों को आगे ले जाने हेतु राज्यपाल द्वारा किये जा रहे प्रयासों को सराहते हुए कहा कि आज उत्तर प्रदेश शिक्षा का हब बन चुका है तथा सर्वाधिक नैक ग्रेड प्राप्तकर्ता विश्वविद्यालय उत्तर प्रदेश में हैं। उच्च शिक्षा राज्यमंत्री द्वारा समारोह में बोलते हुए सभी उपाधि प्राप्तकर्ताओं को बधाई दी और उनके उज्जवल भविष्य की कामना की। इस अवसर पर विद्यापीठ के कुलपति प्रो. आनंद त्यागी ने विद्यापीठ की प्रगति आख्या राज्यपाल के समक्ष प्रस्तुत की।

आज के दीक्षांत समारोह में राज्यपाल द्वारा सोनभद्र जिले की 10 विशिष्ट आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को सम्मानित भी किया गया। जिसमें जिलाधिकारी सोनभद्र बद्रीनाथ सिंह तथा मुख्य विकास अधिकारी जागृति अवस्थी भी उपस्थित रहीं। रेखा देवी को सर्वाेत्कृष्ट आँगनवाड़ी कार्यकत्री के लिए पुरस्कृत किया गया। उल्लेखनीय है कि होप वेलफेयर ट्रस्ट द्वारा गावों को नशा मुक्त कराने हेतु लगातार प्रयास किया जा रहा है।

जिसमें उनके द्वारा तैयार ग्रीन आर्मी से जुड़ी उत्कृष्ट कार्य करने वाली महिलाओं तथा बच्चियों को साड़ी तथा पुरस्कार देकर पुरस्कृत किया गया। राज्यपाल की प्रेरणा से विश्वविद्यालय द्वारा सोनभद्र की विभिन्न आंगनबाड़ी केंद्रों को सुविधा संपन्न बनाने हेतु विविध सामान की 100 किट भी प्रदान की गयी।

कुलाधिपति द्वारा काशी विद्यापीठ के गोद लिये गये विद्यालयों में विभिन्न प्रतियोगिताओं में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले विद्यार्थी ऋषभ, अंजनी, विनायक, सायमा, आराध्या, अमृता पांडेय, अवंतिका, सुमित पाल, कविता, कुमकुम, मोहम्मद इरफान समेत कुल 36 विद्यालयों के विद्यार्थियों को पुरस्कृत किया गया तथा विभिन्न प्राथमिक तथा कंपोजिट विद्यालयों के प्रधानाध्यापक तथा अध्यापकों को 100 किताबें वितरित की गयीं। सोनभद्र में संचालित विभिन्न कंपनियों जिनमें एनसीएल, अल्ट्राटेक सीमेंट, हिंडाल्को को सीएसआर के तहत कराये गये कार्यों हेतु सम्मानित किया।

समारोह में राज्यपाल द्वारा आज 25 सितंबर जो की पं. दीनदयाल उपाध्याय की जयंती के अवसर पर महात्मा गांधी, पं. दीनदयाल और डॉ. आंबेडकर के विचारों पर आधारित एक ‘स्मारिका‘ तथा ‘गांधी, अंबेडकर और दीनदयाल‘ पुस्तक का विमोचन किया गया।

इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आनद कुमार त्यागी, कुलसचिव डॉ. सुनीता पांडेय, समस्त संकायाध्यक्ष, शिक्षक, अधिकारी एवं कर्मचारीगण, विद्यार्थी, स्थानीय जनप्रतिनिधि तथा अन्य उपस्थित रहे।