29.8 C
New Delhi
Monday, July 7, 2025
Home Blog Page 17

आपके शरीर की दुश्मन है Cold Drinks, हर रोज पीने से होते हैं ये भारी नुकसान!

गर्मी का सीजन है और गर्मी से राहत पाने के लिए हम सभी ठंडी चीजों की तरफ भागते हैं। कई लोग तो ऐसे हैं जो गर्मी के दिनों में हर रोज कोल्ड ड्रिंक पीते हैं। हालांकि तपती गर्मी में खुद को ठंडा रखने के लिए कोल्ड ड्रिंक पीना लाजमी है, इसका सहारा हर कोई लेता है लेकिन यदि आप हर रोज कोल्ड ड्रिंक पीते हैं तो यह आपके शरीर के लिए बहुत नुकसानदायक है। या यूं कहे कि धीरे-धीरे यह आपके शरीर में ऐसी बीमारियां पैदा करता है जिससे आप पूरी तरीके से अपनी सेहत को बर्बाद कर लेते हैं। जी हां.. आज हम इस लेख में जानेंगे कोल्ड ड्रिंक पीने से जुड़े ऐसे नुकसान जिनके बारे में आपने शायद ही सुना होगा। तो चलिए जानते हैं आखिर कोल्ड ड्रिंक हमारे शरीर या हमारे स्वास्थ्य पर कैसे असर डालती है..?

मोटापा बढ़ना
दोस्तों, कोल्ड ड्रिंक पीने से वजन बढ़ता है। दरअसल कोल्ड ड्रिंक में अधिक मात्रा में शुगर होती है जो आपका वजन बढ़ाने में मददगार होती है लेकिन वे लोग जो पहले से ही मोटापे से घिरे हुए हैं उन लोगों को हर रोज कोल्ड ड्रिंक नहीं पीना चाहिए। कुछ देर के लिए खुद को ठंडा महसूस करने के चक्कर में आप अपने शरीर को बर्बाद कर सकते हैं। कोल्ड ड्रिंक की जगह पना, आम जूस या फिर गन्ने का जूस पी सकते हैं।

दांतों के लिए नुकसानदायक
दोस्तों, कोल्ड ड्रिंक आपके दांतों के लिए भी काफी हानिकारक होती है। दरअसल, कोल्ड ड्रिंक पीने से दांतों में सड़न पैदा हो जाती है। रिपोर्ट की माने तो सोडा में फास्फोरस एसिड और कार्बनिक एसिड होता है जो आपके दांतों के इनेमल को धीरे-धीरे खराब करने लगता है। इतना ही नहीं बल्कि चीनी के साथ मिलकर एसिड भी आपके मुंह में बैक्टीरिया पैदा करता है जो आपके दांतों पर कैविटी जमा करता है और इससे आपके दांत खराब होने की स्थिति में आ जाते हैं।

cold drinks

लिवर पर गहरा असर
इसके अलावा कोल्ड ड्रिंक लीवर को भी भारी नुकसान पहुंचाती है। दरअसल, बहुत ज्यादा मात्रा में कोल्ड ड्रिंक पीने से आपके लिवर पर इसका नकारात्मक असर देखने को मिलता है। इसकी वजह से आपको फैटी लीवर की भी समस्या का सामना करना पड़ सकता है। यदि आपको कोल्ड ड्रिंक की आदत है तो आप धीरे-धीरे इसे कम करें ताकि आप लीवर जैसी बड़ी समस्याओं से घिरे ना।

डायबिटीज का भी रहता है खतरा
इसके अलावा कोल्ड ड्रिंक पीने से डायबिटीज का भी खतरा रहता है। दरअसल, कोल्ड ड्रिंक पीने से चीनी का सेवन बहुत अधिक मात्रा में बढ़ जाता है जिससे ब्लड शुगर लेवल भी बढ़ सकता है। ऐसे में यदि आप हर रोज कोल्ड ड्रिंक पीते हैं तो आपको टाइप टू डायबिटीज जैसी गंभीर बीमारियों का सामना करना पड़ सकता है।

cold drinks

डिहाइड्रेशन
दोस्तों, कोल्ड ड्रिंक्स में कैफीन और शुगर की अधिक मात्रा होती है, जो शरीर में पानी को तेजी से खत्म कर सकती है, जिससे डिहाइड्रेशन होने का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में आप बेहतर होगा कि, फल के जूस, और नारियल पानी जैसे प्राकृतिक चीजें चुने जो आपके शरीर के लिए लाभदायक हो। ऐसा करने से आप स्वस्थ्य रहेंगे।

नोट: यहां पर बताई गई बातें आम जानकारियों पर आधारित है। यह किसी भी तरह से योग्य राय का विकल्प नहीं है। अधिक से अधिक जानकारी के लिए अपने विशेषज्ञ से परामर्श करें। ‘सम्पूर्ण न्यूज’ इस जानकारी के लिए जिम्मेदारी का दावा नहीं करता है।

ये भी पढ़ें: Women Health Tips: 30 पार कर चुकी महिलाओं के लिए जरूरी 5 मेडिकल टेस्ट 

‘असली फैंस केवल धोनी के, बाकी तो खरीदते हैं…’ कोहली के सन्यास के बीच हरभजन के बयान से विवाद!

harbhajan virat

पिछले 10 दिनों की रुकावट के बाद आईपीएल 2025 की एक बार फिर से शुरुआत हो चुकी है और फैंस के बीच एक अलग ही जुनून देखने को मिल रहा है। शनिवार को रॉयल चैलेंज बेंगलुरु और कोलकाता नाइट राइडर्स के बीच मुकाबला होने को था लेकिन बारिश की वजह से यह धूल गया। चिन्नास्वामी स्टेडियम में विराट कोहली के भी कई फैंस शामिल थे। इसी बीच भारत के पूर्व क्रिकेटर हरभजन सिंह ने एक ऐसा बयान दिया है जिसे सुनने के बाद हर कोई उनकी आलोचना कर रहा है, तो वही सोशल मीडिया पर फैंस के बीच-बीच जंग छिड़ चुकी है। तो चलिए जानते हैं आखिर क्या है पूरा मामला…?

भज्जी के बयान से नाराज विराट के फैंस
दरअसल, विराट कोहली जल्द ही टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने वाले हैं, ऐसे में उनके फैंस काफी दुखी है। इसी बीच हरभजन सिंह ने ऑफिशियल ब्रॉडकास्ट के एक शो पर यह कह दिया कि केवल धोनी के ही असली प्रशंसक हैं जबकि कई खिलाड़ी पैसे देकर फैंस बना लेते हैं।

हरभजन सिंह ने अपने बयान में कहा कि, “अगर किसी क्रिकेटर के असली प्रशंसक हैं तो वह धोनी के हैं। बाकी को भुगतान किया जाता है। उनके अंदर कितनी क्रिकेट बची है और जब तक दम है खेलो भाई। (सीएसके) मेरी टीम होती तो शायद मैं कुछ और फैसला लेता। और सीधी सी बात है फैन तो चाहेंगे कि वह खेलें क्योंकि वह उनके फैन जो हैं। मुझे लगता है कि सबसे ज्यादा फैन, असली वाले फैन जो हैं वो उनके ही हैं। बाकी तो बने बनाएं हैं, जो आजकल सोशल मीडिया पर चलता है कि पेड फैन हैं। पर ये इनके फैन जो हैं वो असली हैं। इनके जो फन है वो सही में फैन हैं। बाकी यहां वहां जो आप नंबर देखते हो, वो छोड़िए नंबर, उनके उपर कभी और बैठेंगे तो चर्चा करेंगे।”

इस दौरान हरभजन सिंह के साथ इस डिबेट पर चर्चा कर रहे हैं पूर्व भारतीय ओपनर और वर्तमान में स्टार हिंदी कमेंटेटर आकाश चोपड़ा ने भी इस पर कह दिया कि, “इतना भी सच नहीं बोलना था…” फिर क्या था सोशल मीडिया पर यह वीडियो वायरल हो गया और कोहली के फैंस इससे नाराज हो गए। ऐसे में जहां हरभजन सिंह को ट्रोल किया जा रहा है तो वहीं धोनी और कोहली के फैंस के बीच भी जंग देखने को मिल रही है।

भज्जी ने की विराट की तारीफ
खैर यह तो सोशल मीडिया की बात हुई लेकिन बता दे कि हरभजन सिंह अक्सर विराट कोहली की तारीफ करते रहते हैं। पिछले दिनों ही उन्होंने विराट कोहली की जमकर तारीफ की थी। उन्होंने टीम इंडिया के खिलाड़ियों में फिटनेस में बदलाव लाने का क्रेडिट विराट कोहली को ही दिया था। इतना ही नहीं बल्कि भज्जी ने यह तक कहा था कि वह विराट कोहली के रिटायरमेंट से हैरान है। क्योंकि विराट अभी 20 साल और खिलाड़ियों को हराने का दम रखते हैं।

harbhajan virat

कोहली का करियर
बात की जाए विराट कोहली के अंतरराष्ट्रीय करियर के बारे में तो वह अब तक कुल मिलाकर 123 टेस्ट खेल चुके हैं और 210 पारियों में 46।85 की औसत से उन्होंने 9230 रन बनाएं। इसमें 30 शतक और 31 अर्ध शतक शामिल है। इतना ही नहीं बल्कि टेस्ट करियर में कोहली ने करीब 1027 चौके और 30 छक्के लगाए हैं। इसके अलावा भी विराट कोहली ने अपने नाम कई खिताब किए हैं।

ये भी पढ़ें: ICC Women’s Cricketer of the Year: एमेलिया केर ने रचा इतिहास, बनीं न्यूजीलैंड की पहली विजेता

डेलिगेशन विवाद: कांग्रेस के पास कई चेहरे! फिर BJP ने शशि थरुर को ही क्यों चुना? जानें इसके पीछे का राज!

पहलगाम आतंकी हमले के बाद ऑपरेशन सिंदूर के माध्यम से भारत ने पाकिस्तान को अच्छी खासी पटकनी दी। भारत के जवानों ने ऐसा मुंह तोड़ जवाब दिया है कि उनकी आने वाली नस्ल भी अब हमला करने से पहले 10 बार सोचेगी। खैर अब मामला काफी आगे बढ़ चुका है। ऑपरेशन सिंदूर के बाद अब ऑपरेशन डिप्लोमेटिक वार भी शुरू हो चुका है। दरअसल, मोदी सरकार ने 7 सदस्य प्रतिनिधिमंडल को पूरे विश्व में भेजने का फैसला किया जिसमें एक शशि थरूर का नाम भी सामने आया है, लेकिन शशि थरूर के नाम पर कांग्रेस और बीजेपी के बीच विवाद देखने को मिल रहा है। तो चलिए जानते हैं आखिर बीजेपी ने कांग्रेस की तरफ से शशि थरुर को ही क्यों चुना?

शशि के नाम से कांग्रेस में बेचैनी
दरअसल, पहलगाम में 26 लोगों की हत्या और ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान और भारत के बीच तनातनी का माहौल है। भारत का दृष्टिकोण विश्व के सामने रखने और आतंकवाद के खिलाफ नो टॉलरेंस की नीति को स्पष्ट करने के लिए ही भारत सरकार प्रमुख साझेदार देशों में प्रतिनिधिमंडल भेज रही है। इसका मुख्य उद्देश्य यह है कि भारत की स्थिति को पूर्ण रूप से स्पष्ट किया जाए। ऐसे में सरकार ने विपक्षी पार्टियों से प्रतिनिधि मंडल के लिए नेताओं के नाम मांगे थे।

कांग्रेस की तरफ से गौरव गोगोई, आनंद शर्मा, डॉक्टर सैयद नासिर हुसैन का नाम भेजा था लेकिन सरकार ने इनमें से किसी का भी नाम शामिल नहीं किया जबकि उन्होंने इसके उलट कांग्रेस सांसद शशि थरूर का नाम शामिल कर लिया। इसको लेकर कांग्रेस पार्टी नाराजगी जाहिर कर रही है। इतना ही नहीं बल्कि कांग्रेस नेता जय राम रमेश ने तो इसे बेईमानी भी बता दिया है।

shashi tharoor

क्यों चुने गए शशि थरुर?
सवाल उठ रहे हैं कि आखिर प्रधानमंत्री की तरफ से इस तरह का फैसला क्यों लिया गया? दरअसल, संयुक्त राष्ट्र में काम करने का लंबा अनुभव रखने वाले शशि थरूर का नाम अक्सर सुर्खियों में रहा है। शशि थरूर कूटनीति के बड़े जानकार कहे जाते हैं। ऐसे में पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बेनकाब करने में उनका एक अहम रोल हो सकता है। इसके अलावा भी शशि थरुर को इसमें शामिल करने के कई कारण है।

शशि थरूर 1981 से 1984 तक सिंगापुर में यूएनएचसीआर कार्यालय के प्रमुख रहे। इसके अलावा वह 1989 में विशेष राजनीतिक मामलों के लिए अवर महासचिव के विशेष सहायक बने, जिसमें यूगोस्लाविया में शांति अभियानों की जिम्मेदारी भी शामिल थी। 2001 में उन्हें संचार और जन सूचना विभाग (डीपीआई) के अंतरिम प्रमुख के रूप में नियुक्त किया गया, इसके बाद 2002 में उन्हें संचार और जन सूचना के लिए अवर महासचिव बनाया गया।

कूटनीति के अच्छे जानकार
शशि थरूर को लेकर अक्सर ये कहा जाता है कि वह कूटनीति के अच्छे जानकार है, वह भलीभांति इस बात को जानते हैं कि किस देश की क्या फितरत है और उसे कैसे जवाब दिया जा सकता है। शशि रूस यूक्रेन युद्ध के मुद्दे पर मोदी सरकार की कूटनीति की भी तारीफ कर चुके हैं। इतना ही नहीं बल्कि शशि थरूर शुरुआत से ही ऑपरेशन सिंदूर के समर्थक रहे हैं। कहा जा रहा है कि यही वजह है कि पीएम मोदी ने उन्हें अब बहुदलीय प्रतिनिधिमंडल के लिए चुना है। वही शशि थरूर भारत पाक तनाव के बीच विभिन्न चैनल के माध्यम से भारत का पक्ष दुनिया के सामने रख चुके हैं।

shashi tharoor

मुसीबत के दौरान एकजुटता 
वैसे यह कोई पहली बार नहीं हुआ है जब राजनीतिक दल आपस में एकजुट हुए हैं। इससे पहले भी ऐसे कई मौके आए जब देश पर विपदा आई तो लोग एकजुट हुए। इससे पहले साल 1994 में तत्कालीन प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव ने राजनीतिक मतभेदों से ऊपर उठते हुए भाजपा नेता अटल बिहारी वाजपेई को जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र मानव अधिकार आयोग में भारत का नेतृत्व करने के लिए चुना था। जी हां.. इस दौरान अटल बिहारी वाजपेई पहुंचे थे तो पाकिस्तान भी हैरान रह गया था। अब ऐसे में एक बार फिर ऐसा ही नजारा देखने को मिलने वाला है जब अंतरराष्ट्रीय मंच पर राजनीतिक पार्टी एकजुट होकर भारत का नेतृत्व करने वाली है।

ये भी पढ़ें: क्या है ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की असल सच्चाई? आखिर क्यों दिया गया था यही नाम…

क्या है ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की असल सच्चाई? आखिर क्यों दिया गया था यही नाम…

operation sindoor details

पहलगाम में हुए अचानक आतंकी हमले ने पूरे देश में तहलका मचा दिया था। घूमने गए मासूम पर्यटकों की जान ले ली गई और कई लोग इसमें घायल हो गए। इस हमले के बाद भारत भी करारा जवाब देने के लिए तैयार रहा और यह बात भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर ‘के माध्यम से साबित भी कर दी। वहीं सोशल मीडिया से लेकर हर तरफ ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर तरह-तरह की बातें की जा रही है। कई लोग इस पर अपनी राय साझा कर रहे हैं तो कई लोग इस पर निगेटिव कमेंट भी कर रहे हैं। आज इस लेख में हम जानेंगे ऑपरेशन सिंदूर से जुड़ी कुछ खास बातें कि आखिर इसे यही नाम क्यों दिया गया? और इसके पीछे की खास वजह क्या है?

युद्ध से पहले की जाती रणनीति!
सबसे पहले हम यह जानते हैं कि आखिर किसी भी युद्ध की तैयारी से पहले उसके ऑपरेशन का नाम कैसे रखा जाता है? दरअसल, किसी भी सैन्य कार्रवाई से पहले जवानों के बीच एक रणनीति बनाई जाती है। इसमें यह बातचीत होती है कि आखिर ऑपरेशन कैसे होगा? कहां होगा और किसको इसमें निशाना बनाया जाएगा? इसके बाद इसका महत्व देखते हुए ही इसका नामकरण किया जाता है। नामकरण करने के पीछे भी गहरी बात होती है। इसमें एक गोपनीयता छुपी होती है। ये एक तरह से कोड नाम होता है जिसमें कई राज होते हैं जिसे केवल जवानों तक ही सिमित रखा जाता है। अब तक हमारे देश में ऐसे कई ऑपरेशन हो चुके हैं।

pahalgam

क्यों दिया गया ऑपरेशन सिंदूर नाम?
यदि बात करते हैं ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बारे में तो इसके पीछे का कारण बताया जाता है कि पिछले दिनों पहलगाम में हुए हमले में कई मासूमों की जान चली गई। इस दौरान कई स्त्रियों का सिंदूर उजड़ गया। यही वजह थी कि दुश्मनों से बदला लेने के लिए इस ऑपरेशन को ‘सिंदूर’ नाम दिया गया। इस ऑपरेशन का सीधा महत्व यह था कि उन निर्दोष महिलाओं को इंसाफ दिलाना जिनका इस हमले में सिंदूर उजड़ गया।

आधीरात को लिया गया बदला 
भारतीय सुरक्षा बलों ने ज्वाइंट ऑपरेशन करते हुए 6 मई मंगलवार देर रात करीब 1:30 बजे पाकिस्तान और पीओके में स्थित आतंकी ठिकानों पर हमला किया। रिपोर्ट के माने तो इस कार्यवाही में भारत ने करीब 16 किलोमीटर अंदर चार आतंकी अड्डों को निशाना बनाया और POK स्थित पांच ठिकानों को तहस-नहस कर दिया। इसी पूरी कार्यवाही को जवानों ने ऑपरेशन सिंदूर का नाम दिया था। मीडिया रिपोर्ट के माने तो इस हमले के माध्यम से भारतीय सेना ने जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा को तबाह कर दिया है।

operation sindoor details

इससे पहले भी हो चुके हैं ऐसे हमले 
बता दे इससे पहले भी ऐसे कई हमले हुए जिसमें भारत-पाकिस्तान को धूल चटा चुका है। साल 2016 में उरी हमले के बाद भारतीय सेन  ने सर्जिकल स्ट्राइक की थी जिसमें भी इन्होंने मुंहतोड़ जवाब दिया था। इसके बाद साल 2019 में पुलवामा हमले के 12 दिन बाद ही जवानों ने एयर स्ट्राइक की और हमले का बदला ले लिया। अब बात की जाए पहलगाम अटैक के बारे में तो 15 दिन के भीतर ही भारत ने पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब दिया।

क्या था ऑपरेशन सिंदूर का असल महत्व?
भारत की ओर से आतंकियों के खिलाफ एयर स्ट्राइक के बाद खुद रक्षा मंत्रालय की ओर से एक प्रेस विज्ञप्ति जारी की गई जिसमें ऑपरेशन सिंदूर के मकसद का भी खुलासा किया गया। इसमें उन्होंने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर का मकसद सिर्फ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाना था। जी हाँ… इस हमले से पड़ोसी देश के साथ झगड़ा का कोई मकसद नहीं था। मीडिया रिपोर्ट की माने तो इस ऑपरेशन में सिर्फ पाकिस्तान और PoK में स्थित उन आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाया गया, जहां से भारत के खिलाफ आतंकी हमलों की प्लानिंग की जा रही थी और उन्हें अंजाम दिया जा रहा था।

ये भी पढ़ें: उत्तर प्रदेश बजट 2025-26: सीएम योगी आदित्यनाथ का बजट में विकास की नई योजनाओं का खुलासा

फैंस नहीं जानते होंगे Shahrukh Khan के ये Dark Secrets!

shahrukh khan dark side

जैसे हर सिक्के के दो पहलू होते हैं, ठीक उसी तरह फिल्म इंडस्ट्री के भी दो पहलू है। एक वो जो हमें पर्दे पर दिखाया जाता है और एक वो जो पर्दे के पीछे रहता है जो कम ही निकल कर आता है, और जब-जब यह निकल कर आता है इंडस्ट्री में बवाल हो जाता है। यही वजह है कि लोग कैमरे के सामने खुद को बड़ी खूबसूरती से पेश करते हैं, लेकिन परदे की पीछे की कहानी कुछ और ही होती है।

अब आप शाहरुख खान को ही देख लीजिए जिन्हें ‘किंग ऑफ रोमांस’ कहा जाता है। वहीं लड़कियों में तो उनको लेकर एक अलग ही तरह की दीवानगी है लेकिन उनका असली चेहरा कुछ और ही है। जी हाँ… दोस्तों आपने अभी तक केवल शाहरुख़ खान की अच्छाई ही देखी होगी, लेकिन आज हम आपको बताएंगे शाहरुख़ खान से जुड़े कुछ ऐसे फैक्ट्स और डार्क सीक्रेट्स जिन्हें जानने के बाद आप दांतों तले उंगली दबा लेंगे। तो चलिए जानते हैं एक्टर के बारे में..

अभिनेता का रहा सीक्रेट अफेयर
दरअसल, शाहरुख खान शादीशुदा होने के बावजूद बॉलीवुड की पापुलर एक्ट्रेस प्रियंका चोपड़ा को डेट करने लगे थे। जी हां।। शाहरुख को लेकर हमेशा ही कहा जाता है कि वह अपनी बीवी को लेकर काफी ईमानदार रहे लेकिन एक वक्त वो भी आया जब उन्होंने भी एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर रखा। कहा जाता है कि कई बार शाहरुख और प्रियंका को एक साथ देखा गया। हद तो तब हो गई जब प्रियंका को शाहरुख खान की जैकेट पहने भी देखा गया।

shahrukh khan dark side

इस दौरान प्रियंका और शाहरुख की एक तस्वीर काफी वायरल हुई थीं जो इनका अफेयर साबित करने के लिए काफी थी। हालाँकि इस मामले में ना तो कभी शाहरुख खान ने कुछ कहा और ना ही प्रियंका चोपड़ा ने कुछ बोलना ठीक समझा। वक्त के साथ-साथ इनका अफेयर खत्म होता चला गया और प्रियंका चोपड़ा विदेश शिफ्ट हो गई।

गुस्से में किए कांड, सलमान से लिया पंगा
शाहरुख खान अपने गुस्से के लिए भी जाने जाते हैं। कई बार ऐसे मौके आए जब शाहरुख खान अपने आपे से बाहर हो गए। फिर चाहे वो वानखेड़े स्टेडियम की बात हो या फिर वह फराह खान के पति शिरीष कुंदर को थप्पड़ मारने की बात हो। इतना ही नहीं बल्कि उन्होंने बॉलीवुड इंडस्ट्री के भाईजान सलमान खान से भी पंगे ले लिए। हालांकि वक्त के साथ सलमान और शाहरुख के रिश्ते सुधर गए लेकिन शाहरुख का नाम कंट्रोवर्सी में हमेशा रहा।

shahrukh khan dark side

कई रिपोर्ट्स में ये दावा किया गया कि, शाहरुख खान ने मशहूर सिंगर अभिजीत भट्टाचार्य का कैरियर बर्बाद करने में भी कोई कसर नहीं छोड़ी। हालांक, इसमें कितनी सच्चाई है यह तो कोई नहीं जानता लेकिन कहा जाता है कि अभिजीत भट्टाचार्य का इंडस्ट्री में ना दिखने के पीछे का हाथ शाहरुख खान ही है। खैर इस मामले में ना तो कभी अभिजीत भट्टाचार्य ने कुछ कहा और ना ही शाहरुख खान ने।

रह चुके चैन स्मोकर
बहुत कम लोग जानते हैं कि शाहरुख खान चेन स्मोकर भी रह चुके हैं। जी हां… उन्हें सिगरेट पीने की बहुत गंदी लत थी। कई बार सेट पर हीरोइन उनकी सिगरेट के चलते उनसे चिढ़ने लगी थी। यहां तक कि उनके करीब जाने से भी डरती थी। हालांकि वक्त के साथ-साथ शाहरुख ने सिगरेट को थोड़ा कम कर दिया।

shahrukh khan dark side

ये भी पढ़ें: शाहरुख खान धमकी मामला: फैजान खान गिरफ्तार, मुंबई पुलिस ने रायपुर से किया अरेस्ट

IPL 2025 ऑरेंज और पर्पल कैप विजेता: कौन बनाएगा रिकॉर्ड, जानें पूरी लिस्ट

IPL 2025 ऑरेंज और पर्पल कैप विजेता
IPL 2025 ऑरेंज और पर्पल कैप विजेता

IPL 2025 ऑरेंज और पर्पल कैप विजेता: कौन बनेगा टॉप स्कोरर और बेस्ट बॉलर?

IPL 2025 ऑरेंज और पर्पल कैप विजेता

इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) 2025 का आगाज 22 मार्च से होने जा रहा है, और क्रिकेट प्रेमियों में जबरदस्त उत्साह देखने को मिल रहा है। इस सीजन में कौन से खिलाड़ी IPL 2025 ऑरेंज और पर्पल कैप विजेता बनेंगे, इस पर सभी की नजरें टिकी हैं। ऑरेंज कैप बल्लेबाजों को सबसे ज्यादा रन बनाने पर दी जाती है, जबकि पर्पल कैप सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज को मिलती है।

IPL 2025 का कार्यक्रम और टीमें

IPL 2025 का पहला मुकाबला 22 मार्च को कोलकाता नाइट राइडर्स (KKR) और रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) के बीच खेला जाएगा। इस सीजन में कुल 10 टीमें हिस्सा लेंगी और 65 दिनों तक 74 रोमांचक मुकाबले खेले जाएंगे। फाइनल मैच 25 मई को होगा, जिसमें सर्वश्रेष्ठ टीम चैंपियनशिप ट्रॉफी उठाएगी।

IPL के इतिहास में ऑरेंज कैप विजेता

IPL 2025 ऑरेंज और पर्पल कैप विजेता की चर्चा करने से पहले आइए जानते हैं कि अब तक किन बल्लेबाजों ने ऑरेंज कैप जीती है।

ऑरेंज कैप जीतने वाले खिलाड़ी (2008-2024)

साल खिलाड़ी टीम रन
2008 शॉन मार्श पंजाब किंग्स 616
2016 विराट कोहली RCB 973
2023 शुभमन गिल गुजरात टाइटन्स 890
2024 विराट कोहली RCB 741

IPL 2025 में कौन बनेगा ऑरेंज कैप विजेता?

पिछले सीजन में विराट कोहली ने शानदार प्रदर्शन किया था और 741 रन बनाकर दूसरी बार ऑरेंज कैप अपने नाम की थी। इस बार ऋतुराज गायकवाड़, शुभमन गिल और ट्रेविस हेड जैसे बल्लेबाज भी इस रेस में शामिल हो सकते हैं।

IPL के इतिहास में पर्पल कैप विजेता

अब तक के IPL 2025 ऑरेंज और पर्पल कैप विजेता पर नजर डालें तो कई दिग्गज गेंदबाज इस लिस्ट में शामिल हैं।

पर्पल कैप जीतने वाले खिलाड़ी (2008-2024)

साल खिलाड़ी टीम विकेट
2013 ड्वेन ब्रावो चेन्नई सुपर किंग्स 32
2021 हर्षल पटेल RCB 32
2023 मोहम्मद शमी गुजरात टाइटन्स 28
2024 हर्षल पटेल पंजाब किंग्स 24

IPL 2025 में कौन बनेगा पर्पल कैप विजेता?

हर्षल पटेल 2024 में सबसे ज्यादा विकेट लेकर पर्पल कैप विजेता बने थे। इस बार जसप्रीत बुमराह, वरुण चक्रवर्ती और हर्षित राणा जैसे गेंदबाज मजबूत दावेदार हो सकते हैं।

IPL 2025 ऑरेंज और पर्पल कैप विजेता को लेकर फैंस काफी उत्साहित हैं। क्या विराट कोहली फिर से ऑरेंज कैप जीत पाएंगे? क्या हर्षल पटेल लगातार दूसरी बार पर्पल कैप हासिल करेंगे? यह सब जानने के लिए IPL 2025 के मैचों का इंतजार करना होगा।

और पढ़ें: ICC Rankings Updates: कुलदीप-जडेजा की रैंकिंग में जबरदस्त उछाल, रोहित को फायदा, कोहली नीचे फिसले

अडानी ग्रुप मुंबई प्रोजेक्ट: ₹36,000 करोड़ की बोली जीतकर मोतीलाल नगर में करेगा पुनर्विकास

अडानी ग्रुप को मिला बड़ा प्रोजेक्ट

अडानी ग्रुप (Adani Group) ने मुंबई के मोतीलाल नगर पुनर्विकास प्रोजेक्ट के लिए सबसे बड़ी बोली जीतकर एक और बड़ी सफलता हासिल की है। यह ₹36,000 करोड़ का अडानी ग्रुप मुंबई प्रोजेक्ट महाराष्ट्र के सबसे बड़े पुनर्विकास प्रोजेक्ट्स में से एक है, जिसे अडानी प्रॉपर्टीज प्राइवेट लिमिटेड (Adani Properties Pvt Ltd) पूरा करेगी।

मुंबई में मोतीलाल नगर पुनर्विकास के लिए अडानी की सबसे बड़ी बोली

अडानी ग्रुप की कंपनी अडानी प्रॉपर्टीज ने 143 एकड़ भूमि में फैले इस प्रोजेक्ट के लिए सबसे बड़ी बोली लगाई है। इस परियोजना के तहत:

  • 3,372 आवासीय इकाइयों का पुनर्विकास होगा।
  • 328 वाणिज्यिक इकाइयों का नवीनीकरण किया जाएगा।
  • 1,600 झुग्गी बस्तियों को पुनर्वासित किया जाएगा।

बॉम्बे हाई कोर्ट (Bombay High Court) ने हाल ही में महाराष्ट्र आवास एवं क्षेत्र विकास प्राधिकरण (MHADA) को इस परियोजना को आगे बढ़ाने की अनुमति दी थी, जिसके बाद इसे एक स्पेशल प्रोजेक्ट घोषित किया गया।

अडानी ग्रुप मुंबई प्रोजेक्ट क्यों है खास?

अडानी ग्रुप मुंबई प्रोजेक्ट कंपनी के लिए एक बड़ी उपलब्धि है क्योंकि यह उनके लिए धारावी पुनर्विकास परियोजना के बाद दूसरा सबसे बड़ा प्रोजेक्ट है। धारावी प्रोजेक्ट को अडानी ग्रुप ने 610 मिलियन डॉलर की बोली लगाकर जीता था। अब, मोतीलाल नगर प्रोजेक्ट जीतने के बाद कंपनी मुंबई में अपनी पकड़ और मजबूत कर रही है।

पारदर्शिता को लेकर उठे सवाल

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, कुछ स्थानीय निवासियों को इस प्रोजेक्ट की जानकारी नहीं थी कि इसे निजी डेवलपर को सौंपा गया है। शिवसेना नेता आदित्य ठाकरे ने भी इस प्रोजेक्ट को लेकर पारदर्शिता की मांग की और कहा कि यदि किसी भी प्रकार की अनियमितता होगी तो वे इस मुद्दे को उठाएंगे।

अडानी ग्रुप का बढ़ता दबदबा

मुंबई में यह ₹36,000 करोड़ का अडानी ग्रुप मुंबई प्रोजेक्ट रियल एस्टेट क्षेत्र में अडानी ग्रुप की ताकत को दर्शाता है। पिछले कुछ वर्षों में समूह ने कई बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर और रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स को अपने नाम किया है।

इस प्रोजेक्ट से मुंबई को क्या लाभ मिलेगा?

  • झुग्गी पुनर्विकास से हजारों लोगों को बेहतर आवास मिलेगा।
  • आधुनिक आवासीय और वाणिज्यिक इन्फ्रास्ट्रक्चर का निर्माण होगा।
  • मुंबई की रियल एस्टेट इंडस्ट्री को मजबूती मिलेगी।
  • स्थानीय अर्थव्यवस्था और रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे।

अडानी ग्रुप मुंबई प्रोजेक्ट

अडानी ग्रुप ने एक बार फिर अपनी ताकत साबित करते हुए ₹36,000 करोड़ का अडानी ग्रुप मुंबई प्रोजेक्ट जीत लिया है। इस परियोजना से मुंबई के पुनर्विकास में तेजी आएगी और लोगों को नए एवं बेहतर आवास मिलेंगे। हालांकि, स्थानीय निवासियों और राजनीतिक दलों ने परियोजना की पारदर्शिता को लेकर सवाल उठाए हैं। अब देखना होगा कि अडानी ग्रुप इस मेगा प्रोजेक्ट को कितनी सफलता के साथ पूरा करता है।

और पढ़ें: IndusInd Bank शेयर गिरावट: 20% टूटा शेयर, भारतीय बाजार में हाहाकार

होली विवाद में हत्या: मुजफ्फरनगर में चाकू से हमला, पुलिस एनकाउंटर में आरोपी गिरफ्तार

होली विवाद में हत्या
होली विवाद में हत्या

होली विवाद में हत्या: चाकू से वार कर युवक की जान ली, पुलिस ने एनकाउंटर में आरोपी को दबोचा

होली विवाद में हत्या
होली विवाद में हत्या

मुजफ्फरनगर में होली के दौरान खूनी संघर्ष

उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले के जंधेडी जाटान गांव में होली के दिन एक मामूली विवाद ने बड़ा रूप ले लिया। होली विवाद में हत्या की यह घटना तब हुई जब दो युवकों के बीच किसी बात को लेकर झगड़ा हुआ और देखते ही देखते विवाद इतना बढ़ गया कि एक युवक ने चाकू निकालकर दो लोगों पर हमला कर दिया।

चाकू से हमला, एक की मौत, दूसरा घायल

इस घटना में गांव निवासी प्रवीण उर्फ गुड्डू और रोहित गंभीर रूप से घायल हो गए। आनन-फानन में उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने प्रवीण को मृत घोषित कर दिया, जबकि रोहित की हालत नाजुक बनी हुई है।

पुलिस ने घेराबंदी कर आरोपी को पकड़ा

घटना की सूचना मिलते ही पुलिस तुरंत हरकत में आई और होली विवाद में हत्या के आरोपी अरुण पुत्र ताराचंद को पकड़ने के लिए टीम गठित की। पुलिस ने आरोपी को फलावदा रोड पर चेकिंग के दौरान देखा, लेकिन पुलिस को देखते ही वह भागने लगा।

एनकाउंटर में आरोपी को लगी गोली

आरोपी ने पुलिस को देखकर तमंचे से फायरिंग कर दी, लेकिन पुलिस की जवाबी कार्रवाई में उसके पैर में गोली लग गई, जिससे वह घायल हो गया। इसके बाद पुलिस ने उसे दबोच लिया।

होली के त्योहार पर खून खराबे की वजह क्या थी?

पुलिस जांच में सामने आया कि होली विवाद में हत्या की वजह पुरानी रंजिश थी। आरोपी अरुण और मृतक प्रवीण के बीच पहले से ही तनाव था, जो इस विवाद में तब्दील हो गया और चाकूबाजी तक पहुंच गया।

आरोपी से बरामद हुआ हथियार

पुलिस ने मौके से तमंचा और चाकू बरामद किया है। मृतक के पिता की तहरीर पर पुलिस ने आरोपी अरुण के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर लिया है और आगे की कार्रवाई की जा रही है।

गांव में फैली सनसनी, पुलिस कर रही जांच

इस घटना के बाद पूरे गांव में सनसनी फैल गई है। पुलिस का कहना है कि आरोपी पर सख्त कार्रवाई की जाएगी, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हों।

  और पढ़े : ISI एजेंट गिरफ्तारी आगरा: यूपी एटीएस ने ऑर्डनेंस फैक्ट्री के दो जासूसों को पकड़ा

CBSE बोर्ड परीक्षा 2025: 15 मार्च को होली के कारण नहीं दे सकते एग्जाम? बोर्ड ने दी खास सुविधा

CBSE बोर्ड परीक्षा 2025
CBSE बोर्ड परीक्षा 2025

CBSE बोर्ड परीक्षा 2025: होली के कारण 15 मार्च को नहीं दे सकते एग्जाम? बोर्ड ने दी बड़ी राहत

CBSE बोर्ड परीक्षा 2025

CBSE का बड़ा फैसला, छात्रों को मिलेगा स्पेशल एग्जाम का मौका

केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने CBSE बोर्ड परीक्षा 2025 के छात्रों को एक बड़ी राहत दी है। होली के कारण यदि कोई छात्र 15 मार्च को 12वीं बोर्ड परीक्षा नहीं दे पाता है, तो उसे बाद में विशेष परीक्षा का अवसर मिलेगा। यह निर्णय उन छात्रों के लिए बड़ी राहत है, जिनके क्षेत्र में होली 14 और 15 मार्च को मनाई जाएगी।

CBSE बोर्ड परीक्षा 2025: परीक्षा की तारीख और छात्रों की चिंता

CBSE ने 12वीं हिंदी (कोर और ऐच्छिक) की परीक्षा 15 मार्च 2025 को तय की है। हालांकि, कुछ राज्यों में होली 14 मार्च को मनाई जाएगी, जबकि अन्य राज्यों में यह 15 मार्च तक जारी रहेगी। इस वजह से छात्रों और अभिभावकों में परीक्षा को लेकर असमंजस बना हुआ था।

CBSE ने छात्रों के लिए लिया अहम फैसला

CBSE ने छात्रों की चिंता को समझते हुए यह निर्णय लिया कि जो छात्र होली के कारण 15 मार्च को परीक्षा नहीं दे पाएंगे, उन्हें बाद में स्पेशल एग्जाम का अवसर मिलेगा।

स्पेशल एग्जाम की सुविधा पहले भी मिलती रही है

CBSE हर साल राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय खेल प्रतियोगिताओं में भाग लेने वाले छात्रों को परीक्षा का एक और मौका देता है। अब इसी नीति के तहत CBSE बोर्ड परीक्षा 2025 में होली के कारण परीक्षा न देने वाले छात्र भी इस विशेष परीक्षा में शामिल हो सकेंगे।

CBSE ने स्कूलों को दिए निर्देश

CBSE ने सभी स्कूलों को निर्देश दिया है कि वे इस फैसले की जानकारी 12वीं कक्षा के छात्रों तक पहुंचाएं, ताकि वे अपनी सुविधा के अनुसार परीक्षा देने का निर्णय ले सकें।

अभिभावकों और छात्रों को मिली राहत

  • इस फैसले से उन छात्रों को राहत मिलेगी जो होली और परीक्षा के बीच दुविधा में थे।
  • अभिभावकों को भी चिंता थी कि पढ़ाई और त्योहार के बीच संतुलन कैसे बनाया जाए।
  • अब छात्रों के पास यह विकल्प होगा कि वे मुख्य परीक्षा दें या बाद में स्पेशल एग्जाम का लाभ उठाएं।

CBSE बोर्ड परीक्षा 2025 से जुड़ी जरूरी जानकारी

  • परीक्षा की मूल तारीख 15 मार्च 2025 ही रहेगी।
  • यदि कोई छात्र होली के कारण परीक्षा नहीं दे पाता, तो उसे बाद में मौका मिलेगा।
  • इस सुविधा का लाभ लेने के लिए छात्रों को अपने स्कूल से संपर्क करना होगा।
  • अधिक जानकारी के लिए CBSE की आधिकारिक वेबसाइट पर नजर बनाए रखें।

CBSE का यह निर्णय छात्रों और अभिभावकों के लिए एक राहत भरी खबर है। CBSE बोर्ड परीक्षा 2025 को लेकर यदि कोई छात्र परेशान था, तो अब वह स्पेशल एग्जाम देकर अपना साल बचा सकता है।

जानें अगली खबर के लिए जुड़े रहें और हमारे Website Sampurn Hindustan को फॉलो करें।

होली के बाद डिटॉक्स टिप्स: इन आसान तरीकों से करें बॉडी को अंदर से शुद्ध

होली के बाद डिटॉक्स टिप्स
होली के बाद डिटॉक्स टिप्स

होली के बाद डिटॉक्स टिप्स: बॉडी को हेल्दी रखने के लिए अपनाएं ये उपाय

होली के बाद डिटॉक्स टिप्स

होली खुशियों, रंगों और स्वादिष्ट पकवानों का त्योहार होता है। इस दिन गुजिया, मठरी, पूड़ी-सब्जी, दही-वड़े जैसी चीजों का भरपूर सेवन किया जाता है। लेकिन अधिक तला-भुना और मीठा खाने से शरीर पर अतिरिक्त बोझ पड़ता है और पाचन तंत्र पर नकारात्मक असर होता है। ऐसे में शरीर को स्वस्थ और फिट रखने के लिए डिटॉक्स करना बहुत जरूरी हो जाता है। यहां हम आपको होली के बाद डिटॉक्स टिप्स बता रहे हैं, जिनकी मदद से आप अपने शरीर को फिर से ऊर्जावान बना सकते हैं।

1. पानी का सेवन बढ़ाएं

शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने का सबसे आसान तरीका है पानी पीना। होली के बाद डिटॉक्सिफिकेशन के लिए रोजाना कम से कम 8-10 गिलास पानी पिएं। इसके अलावा, नींबू पानी और नारियल पानी भी डिटॉक्सिफिकेशन को बढ़ावा देते हैं और शरीर को ठंडक पहुंचाते हैं।

2. फाइबर युक्त आहार लें

होली के दौरान तला-भुना और मीठा खाने से पाचन तंत्र पर असर पड़ सकता है। इसलिए अपनी डाइट में फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ शामिल करें, जैसे:

  • दलिया
  • ताजे फल
  • हरी सब्जियां
  • सलाद

ये खाद्य पदार्थ पाचन तंत्र को सुधारने और शरीर से विषाक्त पदार्थों को निकालने में मदद करते हैं।

3. हल्का और संतुलित भोजन करें

त्योहार के बाद ज्यादा तला-भुना और भारी भोजन न खाएं। इसके बजाय हल्का और पौष्टिक भोजन करें, जैसे:

  • खिचड़ी
  • दाल-चावल
  • उबली हुई सब्जियां
  • घर का बना सूप

इससे पाचन तंत्र को आराम मिलेगा और बॉडी जल्दी रिकवर कर सकेगी।

4. होली के बाद डिटॉक्स के लिए व्यायाम करें

होली के बाद शरीर को फिर से एक्टिव बनाना जरूरी है। इसके लिए हल्का व्यायाम करें, जैसे:

  • सुबह-शाम टहलना
  • योगाभ्यास
  • स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज

यह शरीर से टॉक्सिन्स निकालने, पाचन को सुधारने और एनर्जी को बनाए रखने में मदद करता है।

5. ग्रीन टी का सेवन करें

ग्रीन टी एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर होती है, जो शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करती है। होली के बाद डिटॉक्स के लिए रोजाना 1-2 कप ग्रीन टी पिएं। यह मेटाबॉलिज्म को भी बूस्ट करता है और वजन कम करने में सहायक होता है।

6. मीठे और तले-भुने खाने से बचें

होली के दौरान अत्यधिक मिठाई और तेलीय खाद्य पदार्थ खाने से शरीर में टॉक्सिन्स बढ़ जाते हैं। इसलिए त्योहार के बाद चीनी और ज्यादा तले हुए खाद्य पदार्थों से दूरी बनाएं। इससे शरीर को जल्दी डिटॉक्स करने में मदद मिलेगी।

होली के बाद शरीर को अंदर से साफ और स्वस्थ रखने के लिए डिटॉक्स टिप्स को अपनाना बेहद जरूरी है। पानी पीना, हल्का भोजन करना, व्यायाम करना और ग्रीन टी का सेवन करना कुछ ऐसे तरीके हैं, जिनसे आप अपने शरीर को फिर से फिट और ऊर्जावान बना सकते हैं। अगर आपने होली में जमकर मिठाइयां और तला-भुना खाया है, तो अब सही समय है कि इन होली के बाद डिटॉक्स टिप्स को अपनाएं और अपने शरीर को स्वस्थ बनाएं।

यह भी पढ़ेंकमर दर्द और पीसीओएस के लिए एक्सरसाइज: बैक पेन और इनफर्टिलिटी की समस्या से ऐसे मिलेगा आराम