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Monday, July 7, 2025
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BPSC 70th परीक्षा 2025: खान सर ने किया प्रदर्शन, कहा री-एग्जाम जरूर होगा

BPSC 70th परीक्षा
BPSC 70th परीक्षा

BPSC 70th परीक्षा पर Khan Sir का बड़ा बयान: “री-एग्जाम होकर रहेगा”

BPSC 70th परीक्षा
BPSC 70th परीक्षा

Bihar Public Service Commission (BPSC) की 70वीं परीक्षा को लेकर विवाद अब और तूल पकड़ता जा रहा है। खान सर, जो बिहार के प्रसिद्ध शिक्षक और कोचिंग संस्थान के मालिक हैं, अब इस विवाद में खुलकर कूद पड़े हैं। उनका कहना है कि बीपीएससी 70वीं परीक्षा को रद्द कराकर फिर से री-एग्जाम कराया जाएगा। इस प्रदर्शन के दौरान खान सर ने यह भी कहा कि अगर परीक्षा रद्द होती है, तो इसका सबसे अधिक फायदा सरकार को ही होगा।

BPSC 70th परीक्षा में धांधली के आरोप

खान सर और प्रदर्शन कर रहे छात्रों का कहना है कि बीपीएससी 70वीं परीक्षा में धांधली की गई है। छात्रों ने 13 दिसंबर और 4 जनवरी को आयोजित हुई परीक्षा को रद्द करने की मांग की है। उनके अनुसार, परीक्षा में कई जगहों पर गलतियां और गड़बड़ियां हुई हैं। यही नहीं, इस विरोध प्रदर्शन में कई प्रमुख नेता जैसे पप्पू यादव, प्रशांत किशोर और राहुल गांधी भी छात्रों के समर्थन में आए हैं। अब खान सर भी इस मामले में शामिल हो गए हैं और उनका कहना है कि परीक्षा रद्द कराए बिना चैन से नहीं बैठेंगे।

क्या है परीक्षा का अपडेट?

इस मामले में बीपीएससी 70वीं परीक्षा का मामला फिलहाल पटना हाईकोर्ट में है। 28 फरवरी को मामले में अगली सुनवाई होनी है। बीपीएससी ने 23 जनवरी को परीक्षा के परिणाम घोषित किए थे। इस परीक्षा में कुल 328,990 परीक्षार्थी शामिल हुए थे, जिनमें से 21,581 परीक्षार्थी पास हुए थे। इस परीक्षा में 4,83,000 अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था।

प्रदर्शन और राजनीतिक बयानबाजी

खान सर ने प्रदर्शन के दौरान बीपीएससी के खिलाफ नारेबाजी की और कहा, “अगर यह परीक्षा रद्द होती है, तो सरकार को फायदा होगा क्योंकि चुनाव के दौरान छात्रों का गुस्सा कम होगा।” इसके अलावा उन्होंने कहा, “हम गारंटी देते हैं कि री-एग्जाम होकर रहेगा, क्योंकि बिहार के कई इलाकों में बच्चों के भविष्य को खतरे में डाल दिया गया है।”

BPSC 70th परीक्षा के भविष्य पर नजरें

अब यह देखना है कि बीपीएससी इस मामले में क्या कदम उठाता है। अगर कोर्ट के आदेश के बाद परीक्षा रद्द होती है तो छात्रों को राहत मिल सकती है, लेकिन अगर पुनः परीक्षा होती है तो यह और भी तनावपूर्ण हो सकता है। इस पूरे घटनाक्रम पर सरकारी अधिकारियों की भी प्रतिक्रिया आनी बाकी है।

BPSC 70th परीक्षा को लेकर छात्रों का गुस्सा दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है, और अब इसमें खान सर जैसे प्रमुख व्यक्तित्व भी शामिल हो गए हैं। उनका कहना है कि इस परीक्षा में हुई धांधली के खिलाफ कोई ना कोई कदम उठाना होगा, और जब तक री-एग्जाम नहीं होता, वे शांत नहीं बैठेंगे। इस स्थिति को लेकर सभी की नजरें पटना हाईकोर्ट और बीपीएससी पर बनी हुई हैं।

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विक्की कौशल की ‘छावा’ ने बॉक्स ऑफिस पर तोड़ा रिकॉर्ड: ‘पद्मावत’ और ‘तानाजी’ से आगे बढ़ी फिल्म के कलेक्शन में

विक्की कौशल छावा बॉक्स ऑफिस कलेक्शन
विक्की कौशल छावा बॉक्स ऑफिस कलेक्शन

विक्की कौशल की ‘छावा’ ने तोड़ा बॉक्स ऑफिस पर रिकॉर्ड

विक्की कौशल छावा बॉक्स ऑफिस कलेक्शन
विक्की कौशल छावा बॉक्स ऑफिस कलेक्शन

विक्की कौशल की ऐतिहासिक फिल्म ‘छावा’ ने बॉक्स ऑफिस पर एक बड़ा रिकॉर्ड कायम किया है। यह फिल्म इतिहास पर आधारित है और विक्की ने इसमें छत्रपति संभाजी महाराज का किरदार निभाया है। ‘छावा’ ने रिलीज के पहले ही दिन शानदार कलेक्शन के साथ शुरुआत की और बाद में यह फिल्म तगड़े कलेक्शन के साथ बॉक्स ऑफिस पर राज कर रही है।

‘छावा’ की रिलीज के पहले ही दिन की बड़ी सफलता

‘छावा’ को एडवांस बुकिंग में ही अच्छा रिस्पॉन्स मिलने लगा था। फिल्म के प्री-रिलीज प्रमोशन और विक्की की दमदार परफॉरमेंस ने फिल्म के लिए दर्शकों के बीच काफी उत्सुकता बढ़ाई थी। पहले दिन फिल्म ने 33.10 करोड़ रुपये का कलेक्शन किया, जो कि एक जबरदस्त शुरुआत थी। इसके बाद फिल्म ने शनिवार को 39 करोड़ रुपये और रविवार को 49 करोड़ रुपये का कलेक्शन किया। इस प्रकार ‘छावा’ ने सिर्फ तीन दिनों में 121 करोड़ रुपये की कमाई की, जो विक्की कौशल की अब तक की सबसे बड़ी ओपनिंग वीकेंड कलेक्शन है।

‘छावा’ का ‘पद्मावत’ से बड़ा प्रदर्शन

इतिहास पर आधारित फिल्मों के कलेक्शन के मामले में ‘छावा’ ने ‘पद्मावत’ और ‘तानाजी’ जैसी बड़ी फिल्मों को भी पीछे छोड़ दिया। ‘पद्मावत’ ने पहले वीकेंड में 114 करोड़ रुपये का कलेक्शन किया था, जबकि ‘छावा’ ने सिर्फ तीन दिन में 121 करोड़ रुपये का कलेक्शन कर लिया। यह फिल्म ‘पद्मावत’ से बेहतर प्रदर्शन कर रही है, जिसने गुरुवार को रिलीज होकर चार दिन का कलेक्शन किया था।

विक्की कौशल के करियर की सबसे बड़ी फिल्म

‘छावा’ ने न केवल विक्की कौशल के करियर में एक नया मुकाम हासिल किया, बल्कि यह फिल्म उनके लिए अब तक की सबसे बड़ी हिट बन गई है। ‘उरी: द सर्जिकल स्ट्राइक’ के पहले वीकेंड कलेक्शन को पीछे छोड़ते हुए, ‘छावा’ ने 121 करोड़ रुपये का कलेक्शन किया है, जो विक्की के करियर में अब तक का सबसे बड़ा ओपनिंग वीकेंड कलेक्शन है।

क्या ‘छावा’ 2025 की पहली ब्लॉकबस्टर बनेगी?

फिल्म ‘छावा’ की बॉक्स ऑफिस पर शानदार सफलता को देखते हुए यह कहा जा सकता है कि यह फिल्म 2025 की पहली ब्लॉकबस्टर साबित हो सकती है। फिल्म का बजट लगभग 130 करोड़ से 150 करोड़ रुपये के बीच बताया जा रहा है और अगर यह फिल्म इसी तरह बॉक्स ऑफिस पर अच्छा प्रदर्शन करती रही, तो यह 300 करोड़ क्लब में भी प्रवेश कर सकती है।

‘छावा’ का जनता के बीच जबरदस्त क्रेज

फिल्म के बॉक्स ऑफिस कलेक्शन को देखकर यह साफ है कि ‘छावा’ को जनता से जबरदस्त रिस्पॉन्स मिल रहा है। विक्की कौशल की परफॉरमेंस, फिल्म के गाने और प्रमोशनल एक्टिविटीज़ ने इस फिल्म को एक हिट बना दिया है। ‘छावा’ का वर्ड ऑफ माउथ भी इसे और सफल बना रहा है और इसकी कमाई में लगातार वृद्धि हो रही है।

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समाजवादी पार्टी पीडीए चौपाल: गोपालपुर ग्राम में आयोजित कार्यक्रम में भाजपा पर निशाना

Samajwadi Party PDA Chaupal
Samajwadi Party PDA Chaupal

समाजवादी पार्टी पीडीए चौपाल का आयोजन गोपालपुर ग्राम में

Samajwadi Party PDA Chaupal
समाजवादी पार्टी पीडीए चौपाल

बहराइच में समाजवादी पार्टी के तत्वधान में चल रही पीडीए चौपाल का आयोजन विधानसभा नानपारा के गोपालपुर ग्राम में किया गया। इस कार्यक्रम का आयोजन सपा विधानसभा नानपारा के उपाध्यक्ष प्रहलाद वर्मा ने किया। चौपाल में समाजवादी पार्टी के पदाधिकारियों और स्थानीय लोगों ने भाग लिया, जिससे यह कार्यक्रम और भी महत्वपूर्ण बन गया।

कार्यक्रम के मुख्य वक्ता और अतिथियों ने क्या कहा?

कार्यक्रम के मुख्य वक्ता पूर्व विधायक रमेश गौतम रहे, जबकि मुख्य अतिथि के रूप में सपा जिलाध्यक्ष रामहर्ष यादव एडवोकेट उपस्थित थे। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता विधानसभा अध्यक्ष अयोध्या प्रसाद सोनी ने की, जबकि संचालक के रूप में एडवोकेट कृपाराम यादव ने कार्यक्रम का संचालन किया।

रामहर्ष यादव ने अपने संबोधन में भाजपा पर जमकर हमला बोला और कहा कि बाबा साहब के संविधान में दिए गए मौलिक अधिकार, धार्मिक स्वतंत्रता और शिक्षा, रोजगार के साथ सरकारी नौकरियों में आरक्षण को भाजपा समाप्त करने पर तुली है। उन्होंने आगे कहा, “उत्तर प्रदेश में 69000 शिक्षकों की भर्ती में आरक्षण घोटाला हुआ है, जिसमें 19000 पिछड़े वर्ग के लोगों को नौकरी से वंचित किया गया है।”

आरक्षण घोटाला और उच्च न्यायालय का फैसला

सपा जिलाध्यक्ष ने कहा कि उच्च न्यायालय और उच्चतम न्यायालय ने इस आरक्षण घोटाले की पुष्टि की है, लेकिन इसके बावजूद भाजपा सरकार पिछड़े वर्ग की आवाज नहीं सुन रही है। इसके अलावा, थानों से लेकर डीएम/एसपी तक की पोस्टिंग में दलित और पिछड़े समाज के अधिकारियों की अनदेखी की जा रही है।

पूर्व विधायक रमेश गौतम ने क्या कहा?

पूर्व विधायक रमेश गौतम ने कहा कि अखिलेश यादव ने लोकसभा की अनारक्षित सीटों पर दलितों को टिकट देकर विधायक बनाने का काम किया है। इसके अलावा, लोकसभा में बाबा साहब के अपमान के खिलाफ उन्होंने जबरदस्त आंदोलन भी चलाया था, जिसे समाज में व्यापक समर्थन मिला।

भाजपा की नीतियों पर सवाल उठाते हुए समाजवादी पार्टी का विरोध

जिला उपाध्यक्ष हरीश वर्मा ने भाजपा की नीतियों पर सवाल उठाए और कहा कि भाजपा हिन्दुत्व के नाम पर पिछड़ों को उकसाने का काम कर रही है। उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा समाज के कमजोर वर्गों को अधिकार के नाम पर छलावा दे रही है और सामाजिक न्याय के साथ धोखा कर रही है।

कार्यक्रम में उपस्थित अन्य महत्वपूर्ण व्यक्तित्व

कार्यक्रम में सपा के अन्य महत्वपूर्ण नेताओं और कार्यकर्ताओं ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। इनमें प्रताप अलबेला, घनश्याम वर्मा, राम सूरत गौतम, पप्पू यादव, ब्लाक अध्यक्ष गुड्डू आर्य, जगतराम सोनकर, पंकज यादव, और कई अन्य लोग शामिल थे। इन सभी नेताओं ने समाज के विकास और सशक्तिकरण के लिए सपा के कामकाज पर अपने विचार साझा किए।

समाजवादी पार्टी पीडीए चौपाल का महत्व

इस कार्यक्रम से स्पष्ट है कि समाजवादी पार्टी पीडीए चौपाल का आयोजन केवल एक चर्चा का विषय नहीं, बल्कि एक आंदोलन का रूप ले चुका है, जिसमें पार्टी अपनी नीतियों को लोगों तक पहुंचाने का काम कर रही है। इस कार्यक्रम में शामिल हुए सैकड़ों लोगों ने भाजपा की नीतियों के खिलाफ आवाज उठाई और समाज के कमजोर वर्गों के अधिकारों की रक्षा के लिए सपा के समर्थन का संदेश दिया।

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नाजायज गांजा बरामद बहराइच: पुलिस ने 21 किलो 469 ग्राम गांजा के साथ तीन तस्करों को किया गिरफ्तार

नाजायज गांजा बरामद बहराइच
नाजायज गांजा बरामद बहराइच

बहराइच में नाजायज गांजा बरामद, तीन तस्करों को किया गिरफ्तार

नाजायज गांजा बरामद बहराइच
नाजायज गांजा बरामद बहराइच

उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले में पुलिस अधीक्षक द्वारा महाकुम्भ-2025 के दृष्टिगत भारत-नेपाल अन्तर्राष्ट्रीय सीमा क्षेत्र में अपराध एवं अपराधियों की रोकथाम एवं मादक पदार्थो की तस्करी की रोकथाम व तस्करी करने वाले अपराधियो की गिरफ्तारी हेतु चलाये जा रहे अभियान के क्रम में अपर पुलिस अधीक्षक के निर्देशन में व क्षेत्राधिकारी नानपारा प्रद्युम्न सिंह के निकट पर्यवेक्षण में थाना रुपईडीहा पुलिस टीम को मिली सफलता, 21 किलो 469 ग्राम नाजायज गांजा बरामद कर 03 अभियुक्त गण को गिरफ्तार कर थाना स्थानीय पर अभियोग मु.अ.सं. 43/2025 धारा 8/20 NDPS ACT पंजीकृत किया गया ।

कैसे हुई नाजायज गांजा की बरामदगी?

बहराइच जिले के थाना रुपईडीहा पुलिस टीम को गुप्त सूचना मिली कि कुछ तस्कर नाजायज गांजा लेकर कहीं जा रहे हैं। इस सूचना पर पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए उप निरीक्षक यतीन्द्र सिंह और उप निरीक्षक अनिल कुमार यादव के नेतृत्व में एक टीम बनाई। पुलिस ने खान पुलिया के पास घेराबंदी की और तीन अभियुक्तों को गिरफ्तार किया, जिनके पास से कुल 21 किलो 469 ग्राम नाजायज गांजा बरामद हुआ।

गिरफ्तार अभियुक्तों की पहचान

पुलिस ने गिरफ्तार अभियुक्तों के नाम चन्द्र प्रकाश (32 वर्ष), रामसमुझ (27 वर्ष), और सोनू उर्फ दुर्गेश कुमार वर्मा (25 वर्ष) के रूप में की है। ये सभी अभियुक्त बहराइच जिले के गोपिया गांव के निवासी हैं। अभियुक्तों के पास से एक मोटरसाइकिल भी बरामद की गई, जिसका नंबर था UP40AJ2212।

मूल्य और मात्रा का विवरण

पुलिस द्वारा बरामद नाजायज गांजे का अनुमानित मूल्य ₹50 लाख से अधिक बताया जा रहा है। यह मामला न सिर्फ मादक पदार्थों की तस्करी का है, बल्कि समाज में बढ़ते अपराधों और नशे की समस्या को लेकर भी एक बड़ा संकेत है।

पुलिस की सख्त कार्रवाई जारी

बहराइच पुलिस ने न केवल इन तीनों तस्करों को गिरफ्तार किया, बल्कि उन्हें न्यायिक हिरासत में भेजने के लिए माननीय न्यायालय में पेश किया। इसके अलावा पुलिस द्वारा इस मामले की आगे की जांच जारी है। इस कार्रवाई के बाद पुलिस प्रशासन ने क्षेत्र में अपराध की रोकथाम और मादक पदार्थों की तस्करी पर नकेल कसने के लिए और सख्त कदम उठाने की योजना बनाई है।

खान पुलिया के पास दूरी करीब 15 किमी दिशा दक्षिण बहद ग्राम अड़गोडवा थाना रूपइडीहा

गिरफ्तारी पुलिस टीमः-

1. प्रभारी निरीक्षक ददन सिंह
2. उप निरीक्षक यतीन्द्र सिंह
3. उप निरीक्षक अनिल कुमार यादव
4. आरक्षी आशीष सिंह
5. आरक्षी सन्दीप चौहान
6. आरक्षी अभिषेक सिंह

महाकुम्भ-2025 के दृष्टिगत सुरक्षा व्यवस्था

उत्तर प्रदेश पुलिस के अधिकारियों का कहना है कि महाकुम्भ-2025 के आयोजन के दौरान सुरक्षा और अपराधों पर नियंत्रण रखने के लिए यह अभियान और भी सख्त किया जाएगा। पुलिस ने इलाके में विशेष चौकसी बरतते हुए इस तरह के अपराधों पर लगाम लगाने की कड़ी योजना बनाई है।

यह बरामदगी बहराइच पुलिस की सतर्कता और तस्करों के खिलाफ उनकी मजबूत कार्रवाई का प्रतीक है। पुलिस अधिकारियों ने कहा कि वे इस तरह की तस्करी और अपराधों को रोकने के लिए लगातार काम करेंगे ताकि जिले में कानून व्यवस्था बनाए रखी जा सके।

 

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सड़क दुर्घटना सुल्तानपुर: तेज रफ्तार पिकअप वैन ने चाय पी रहे दो लोगों को मारी टक्कर, एक की मौत

सड़क दुर्घटना सुल्तानपुर
सड़क दुर्घटना सुल्तानपुर

सड़क दुर्घटना सुल्तानपुर में: पिकअप वैन ने चाय पी रहे दो लोगों को मारी टक्कर

सड़क दुर्घटना सुल्तानपुर
सड़क दुर्घटना सुल्तानपुर

उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर जिले में अयोध्या-प्रयागराज हाईवे पर एक दर्दनाक सड़क दुर्घटना घटित हुई, जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई और दूसरा गंभीर रूप से घायल हो गया। यह घटना सुल्तानपुर के कूरेभार क्षेत्र में हुई, जब दो लोग सड़क किनारे चाय पी रहे थे और अचानक एक तेज़ रफ्तार पिकअप वैन ने उन्हें टक्कर मार दी।

हादसा: तेज़ रफ्तार पिकअप वैन से चाय पी रहे लोग घायल

सोमवार को दो लोग, नारायण गुप्ता (48) और अजीत जायसवाल (40), सुल्तानपुर के अयोध्या-प्रयागराज हाईवे पर ट्रैफिक जाम में फंसने के बाद चाय पीने के लिए एक छोटी सी दुकान पर रुक गए थे। इस दौरान, एक तेज़ रफ्तार पिकअप वैन अनियंत्रित होकर सड़क किनारे चाय पी रहे दोनों व्यक्तियों को टक्कर मार देती है। टक्कर इतनी ज़ोरदार थी कि दोनों सड़क पर गिर गए और गंभीर रूप से घायल हो गए।

एक की मौत, दूसरा गंभीर रूप से घायल

घटना के बाद पिकअप वैन के चालक ने घायलों को तुरंत अस्पताल पहुंचाया। सरकारी मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर एस. के. गोयल के मुताबिक, नारायण गुप्ता को अस्पताल पहुंचने से पहले ही मृत घोषित कर दिया गया। वहीं, अजीत जायसवाल की स्थिति गंभीर बनी हुई है और उनका इलाज जारी है।

स्थानीय लोगों का गुस्सा: तेज रफ्तार और लापरवाह ड्राइविंग का विरोध

सड़क दुर्घटना के बाद, स्थानीय लोग सड़कों पर उतर आए और प्रशासन से हाईवे पर यातायात नियमों का पालन कराने की मांग की। उनका कहना था कि सड़क दुर्घटना सुल्तानपुर जैसी घटनाएं आम हो गई हैं और इसका मुख्य कारण तेज रफ्तार वाहनों का आना है। स्थानीय लोगों ने प्रशासन से यह अपील की कि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए सख्त कदम उठाए जाएं।

पुलिस और प्रशासन की कार्रवाई

घटना के बाद पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है और प्रशासन ने इस दुर्घटना को गंभीरता से लेते हुए कार्रवाई करने का वादा किया है। हालांकि, स्थानीय लोग अब भी प्रशासन की कार्रवाई में विश्वास नहीं जताते हुए इसके प्रभावी होने की उम्मीद कर रहे हैं।

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अनंतपुर यूनिवर्सिटी टॉयलेट विवाद: लड़कों का घुसना और छात्राओं का विरोध, प्रशासन पर उठे सवाल

अनंतपुर यूनिवर्सिटी टॉयलेट विवाद
अनंतपुर यूनिवर्सिटी टॉयलेट विवाद

अनंतपुर यूनिवर्सिटी में हुआ टॉयलेट विवाद

अनंतपुर यूनिवर्सिटी टॉयलेट विवाद
अनंतपुर यूनिवर्सिटी टॉयलेट विवाद

आंध्र प्रदेश के अनंतपुर में स्थित एक सेंट्रल यूनिवर्सिटी में महिलाओं के शौचालय में लड़कों के घुसने से हड़कंप मच गया। यह घटना रविवार रात लगभग 9 बजे हुई, जब एक ग्रुप के लड़के कथित तौर पर लेडीज टॉयलेट में घुस गए। इससे छात्राओं में दहशत फैल गई और वे तुरंत कॉलेज प्रशासन और पुलिस से मदद की मांग करने लगीं।

छात्राओं का विरोध और प्रदर्शन

घटना के बाद, छात्राओं ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। उनका आरोप था कि विश्वविद्यालय प्रशासन ने सुरक्षा उपायों की उचित व्यवस्था नहीं की है। छात्राओं ने सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन किया और पुलिस से सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की। प्रदर्शनकारी छात्राओं ने कहा कि जब उन्हें इस घटना के बारे में प्रशासन से प्रतिक्रिया नहीं मिली, तो उन्होंने अपनी सुरक्षा के लिए आंदोलन करने का निर्णय लिया।

सुरक्षा की कमी पर सवाल

अनंतपुर यूनिवर्सिटी में महिलाओं के लिए टॉयलेट में इस तरह के घटनाक्रम को लेकर सुरक्षा पर बड़ा सवाल उठ रहा है। प्रदर्शनकारी छात्राओं ने आरोप लगाया कि विश्वविद्यालय प्रशासन ने महिला सुरक्षा को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठाए हैं। उनका कहना था कि अगर समय रहते उचित कदम उठाए जाते, तो ऐसी घटना से बचा जा सकता था।

क्या यह पहली बार है?

महिला टॉयलेट में घुसने का यह कोई पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी सार्वजनिक स्थलों पर महिलाओं के टॉयलेट में पुरुषों के घुसने के मामले सामने आए हैं। इसके अलावा, महिला टॉयलेट में कैमरा लगाना या वीडियो बनाना जैसी घटनाएं भी सामने आती रही हैं, जो महिला सुरक्षा को लेकर चिंताएं पैदा करती हैं।

पुलिस और प्रशासन की कार्रवाई

घटना के बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया और जांच शुरू कर दी है। हालांकि, छात्राओं का कहना है कि उन्हें प्रशासन और पुलिस पर विश्वास नहीं रहा है और वे अपनी सुरक्षा के लिए आगे भी आंदोलन करती रहेंगी। छात्राओं का मानना है कि यदि इस तरह की घटनाओं पर गंभीरता से कार्रवाई नहीं की जाती, तो यह उनका भविष्य खतरे में डाल सकता है।

छात्रों का दहशत में होना और प्रशासन पर नाराजगी

इस घटना ने न केवल छात्राओं को बल्कि अन्य छात्रों को भी दहशत में डाल दिया है। उनका कहना है कि विश्वविद्यालय प्रशासन ने सुरक्षा इंतजामों में लापरवाही दिखाई है। छात्राओं का कहना है कि उनके लिए शैक्षिक माहौल में अपनी सुरक्षा सबसे पहले आनी चाहिए, और इसके लिए विश्वविद्यालय को जरूरी कदम उठाने चाहिए।

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चैम्पियंस ट्रॉफी 2025 विवाद: कराची स्टेडियम में भारत के झंडे को लेकर बढ़ा विवाद!

चैम्पियंस ट्रॉफी 2025 विवाद
चैम्पियंस ट्रॉफी 2025 विवाद

नई दिल्ली: आईसीसी चैम्पियंस ट्रॉफी 2025 को लेकर एक नया विवाद सामने आया है। पाकिस्तान में आयोजित होने वाले इस टूर्नामेंट से पहले कराची और लाहौर स्टेडियम में भारत का झंडा न लगाने की खबरें चर्चा का विषय बन गई हैं। आईसीसी के नियमों के अनुसार, मेजबान देश को टूर्नामेंट में भाग लेने वाले सभी देशों के झंडे लगाने होते हैं, लेकिन कराची के नेशनल स्टेडियम में भारत का तिरंगा गायब है।

चैम्पियंस ट्रॉफी 2025 विवाद

कराची स्टेडियम में भारत का झंडा क्यों नहीं लगाया गया?

कराची के नेशनल स्टेडियम का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें चैम्पियंस ट्रॉफी में भाग लेने वाले 7 देशों के झंडे तो दिख रहे हैं, लेकिन भारत का तिरंगा नजर नहीं आ रहा है। इसको लेकर क्रिकेट प्रशंसकों में नाराजगी देखी जा रही है।

कुछ लोगों का कहना है कि चूंकि भारतीय टीम पाकिस्तान में कोई मैच नहीं खेलेगी, इसलिए वहां झंडा नहीं लगाया गया। हालांकि, आईसीसी के नियमों के मुताबिक, किसी भी मल्टीनेशन टूर्नामेंट की मेजबानी करने वाले देश को सभी भाग लेने वाले देशों के झंडे लगाने होते हैं। ऐसे में चैम्पियंस ट्रॉफी 2025 विवाद और गहराता जा रहा है।

आईसीसी के नियमों का उल्लंघन?

आईसीसी टूर्नामेंट में भाग लेने वाले सभी देशों के झंडे लगाना अनिवार्य होता है। लेकिन पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) द्वारा इस नियम का पालन नहीं करने पर सवाल उठ रहे हैं।

  • राजनीतिक तनाव और सुरक्षा कारणों से भारत सरकार ने टीम को पाकिस्तान भेजने की अनुमति नहीं दी।
  • इसके कारण आईसीसी ने इस टूर्नामेंट के लिए ‘हाइब्रिड मॉडल’ अपनाया है, जिसके तहत भारतीय टीम अपने सभी मैच दुबई में खेलेगी।
  • भारत चैम्पियंस ट्रॉफी 2025 में ग्रुप ए में है, जहां उसका सामना पाकिस्तान, बांग्लादेश और न्यूजीलैंड से होगा।

चैम्पियंस ट्रॉफी 2025 का कार्यक्रम

चैम्पियंस ट्रॉफी 2025 विवाद के बीच टूर्नामेंट का शेड्यूल जारी कर दिया गया है।

  • 19 फरवरी: पाकिस्तान बनाम न्यूजीलैंड (कराची)
  • 20 फरवरी: भारत बनाम बांग्लादेश (दुबई)
  • 23 फरवरी: भारत बनाम पाकिस्तान (दुबई)
  • 2 मार्च: भारत बनाम न्यूजीलैंड (दुबई)
  • 4 मार्च: सेमीफाइनल-1 (दुबई)
  • 5 मार्च: सेमीफाइनल-2 (लाहौर)
  • 9 मार्च: फाइनल (लाहौर, लेकिन भारत के फाइनल में पहुंचने पर दुबई में खेला जाएगा)
क्या PCB पर होगी कार्रवाई?

इस पूरे विवाद के बाद आईसीसी और बीसीसीआई की ओर से अब तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। हालांकि, अगर पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने जानबूझकर भारत का झंडा नहीं लगाया है, तो यह आईसीसी के नियमों का सीधा उल्लंघन है। अब देखना होगा कि इस पर क्या कार्रवाई होती है।

चैम्पियंस ट्रॉफी 2025 विवाद ने टूर्नामेंट शुरू होने से पहले ही सुर्खियां बटोर ली हैं। कराची स्टेडियम में भारत के झंडे को शामिल न करने से कई सवाल खड़े हो रहे हैं। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि आईसीसी इस मामले पर क्या कदम उठाती है और क्या पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड पर कोई कार्रवाई होती है या नहीं।

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राहुल गांधी महाकुंभ दौरा: क्या चुनावी रणनीति का हिस्सा है संगम स्नान?

राहुल गांधी महाकुंभ दौरा
राहुल गांधी महाकुंभ दौरा

राहुल गांधी महाकुंभ दौरा: क्या आस्था या चुनावी रणनीति का हिस्सा?

राहुल गांधी महाकुंभ दौरा
राहुल गांधी महाकुंभ दौरा

लोकसभा चुनाव 2024 से पहले राहुल गांधी महाकुंभ दौरा चर्चा का विषय बना हुआ है। राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा के प्रयागराज कुंभ में स्नान करने की संभावना जताई जा रही है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भी इस दौरे की पुष्टि कर चुके हैं, लेकिन अभी तक तारीख को लेकर असमंजस बना हुआ है।

राम मंदिर उद्घाटन से दूरी, लेकिन महाकुंभ में स्नान क्यों?

जनवरी 2024 में अयोध्या में हुए राम मंदिर उद्घाटन समारोह से कांग्रेस और INDIA गठबंधन के नेताओं ने दूरी बना ली थी। राहुल गांधी ने भी इसमें शामिल होने से इनकार कर दिया था। हालांकि, आम आदमी पार्टी के अरविंद केजरीवाल और भगवंत मान ने परिवार समेत रामलला के दर्शन किए थे।

अब राहुल गांधी और प्रियंका गांधी का महाकुंभ में संगम स्नान करने की योजना एक बड़ा राजनीतिक संकेत दे रही है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि कांग्रेस, हिंदू वोटरों को साधने की कोशिश कर रही है।

महाकुंभ स्नान पर बीजेपी और कांग्रेस आमने-सामने

राहुल गांधी महाकुंभ दौरा को लेकर कांग्रेस और बीजेपी में जुबानी जंग तेज हो गई है। उत्तर प्रदेश कांग्रेस प्रभारी अजय राय ने कहा, “कुंभ आस्था का प्रतीक है। कांग्रेस नेता पहले भी कुंभ में जाते रहे हैं, प्रियंका गांधी भी स्नान कर चुकी हैं।”

वहीं, बीजेपी नेता और यूपी के पूर्व डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा ने तंज कसते हुए कहा, “राहुल गांधी महाकुंभ में स्नान कर लें, शायद उनकी गृहस्थी बस जाए और कांग्रेस को नया वारिस मिल जाए।”

क्या राहुल गांधी का महाकुंभ दौरा महज चुनावी रणनीति है?

राजनीतिक विशेषज्ञ मानते हैं कि राहुल गांधी का महाकुंभ दौरा 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले एक सोची-समझी रणनीति का हिस्सा है। इससे कांग्रेस हिंदू मतदाताओं को साधने की कोशिश कर सकती है।

कांग्रेस के कुछ नेताओं ने यह भी संकेत दिया है कि राहुल गांधी प्रयागराज में महाकुंभ भगदड़ में मारे गए लोगों के परिवारों से मिल सकते हैं। इससे कांग्रेस जनता के बीच अपनी संवेदनशील छवि पेश करने की कोशिश करेगी।

राहुल गांधी के महाकुंभ दौरे का संभावित असर

  1. हिंदू वोटरों को साधने की कोशिश – राम मंदिर उद्घाटन से दूरी बनाने के बाद, कांग्रेस महाकुंभ के जरिए संत समाज और हिंदू वोटरों तक पहुंच बनाना चाहती है।
  2. बीजेपी को जवाब देने की रणनीति – बीजेपी लगातार कांग्रेस पर हिंदू विरोधी राजनीति करने का आरोप लगाती रही है। महाकुंभ दौरा, कांग्रेस को इस धारणा से उबार सकता है।
  3. राजनीतिक संदेश – राहुल गांधी का यह दौरा यह संकेत देगा कि कांग्रेस भी धार्मिक आयोजनों में हिस्सा ले सकती है।

राहुल गांधी महाकुंभ दौरा केवल आस्था का मामला नहीं है, बल्कि इसका गहरा राजनीतिक अर्थ भी है। कांग्रेस, चुनाव से पहले धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भाग लेकर अपनी छवि बदलने की कोशिश कर रही है। अब देखना दिलचस्प होगा कि बीजेपी इस पर क्या रणनीति अपनाती है और क्या राहुल गांधी का यह कदम कांग्रेस के पक्ष में फायदेमंद साबित होगा या नहीं।

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दिल्ली के नए मुख्यमंत्री का शपथ ग्रहण: 20 फरवरी को ले सकते हैं शपथ, बीजेपी की तैयारियां तेज

दिल्ली के नए मुख्यमंत्री का शपथ ग्रहण
दिल्ली के नए मुख्यमंत्री का शपथ ग्रहण

दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने 27 साल बाद सरकार बनाने की तैयारी शुरू कर दी है। दिल्ली के नए मुख्यमंत्री का शपथ ग्रहण 20 फरवरी को होने की संभावना है। पार्टी सूत्रों के मुताबिक, 19 फरवरी को बीजेपी विधायक दल की बैठक होगी, जिसमें मुख्यमंत्री के नाम पर अंतिम मुहर लगाई जाएगी।

दिल्ली के नए मुख्यमंत्री का शपथ ग्रहण

बीजेपी विधायक दल की बैठक 19 फरवरी को

दिल्ली में बीजेपी की ऐतिहासिक जीत के बाद नई सरकार के गठन की तैयारियां जोरों पर हैं। दिल्ली के नए मुख्यमंत्री का शपथ ग्रहण समारोह को लेकर आज शाम बीजेपी की बड़ी बैठक होगी। इस बैठक में विधायक दल की बैठक की तारीख, शपथग्रहण समारोह की जगह और अन्य व्यवस्थाओं पर चर्चा होगी।

दिल्ली के नए मुख्यमंत्री का शपथ ग्रहण कहां होगा?

शपथ ग्रहण समारोह को लेकर अभी स्थान तय नहीं हुआ है, लेकिन कयास लगाए जा रहे हैं कि यह रामलीला मैदान में हो सकता है। इससे पहले आम आदमी पार्टी (AAP) के प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने भी इसी जगह शपथ ली थी। बीजेपी इस बार बड़े स्तर पर समारोह आयोजित करने की तैयारी कर रही है।

कौन बनेगा दिल्ली का नया मुख्यमंत्री?

बीजेपी की जीत के बाद मुख्यमंत्री पद को लेकर कई नामों की चर्चा हो रही है। दिल्ली के नए मुख्यमंत्री की रेस में कई दिग्गज नेता शामिल हैं—

  1. प्रवेश वर्मा – जिन्होंने नई दिल्ली सीट पर अरविंद केजरीवाल को हराया।
  2. आशीष सूद – बीजेपी के महासचिव और जनकपुरी से विधायक।
  3. रेखा गुप्ता – शालीमार बाग से महिला विधायक।
  4. विजेंदर गुप्ता – वरिष्ठ भाजपा नेता और पूर्व विपक्ष के नेता।
  5. सतीश उपाध्याय – मालवीय नगर से विधायक और बीजेपी के ब्राह्मण चेहरा।
  6. जितेंद्र महाजन – आरएसएस के मजबूत प्रतिनिधि और वैश्य समुदाय से आते हैं।

15 विधायकों को मंत्री पद के लिए किया गया शॉर्टलिस्ट

बीजेपी ने दिल्ली सरकार में मंत्रिमंडल के गठन की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है। सूत्रों के मुताबिक, 15 विधायकों को प्रमुख मंत्री पदों के लिए शॉर्टलिस्ट किया गया है। वहीं, इस बार दिल्ली सरकार में उपमुख्यमंत्री पद नहीं होगा।

बीजेपी ने 27 साल बाद बनाई सरकार

इस बार बीजेपी ने दिल्ली में ऐतिहासिक जीत दर्ज की है। 70 में से 48 सीटों पर कब्जा जमाकर बीजेपी ने आम आदमी पार्टी को सत्ता से बाहर कर दिया। दिल्ली के नए मुख्यमंत्री का शपथ ग्रहण समारोह को लेकर कार्यकर्ताओं में उत्साह है।

दिल्ली के नए मुख्यमंत्री का शपथ ग्रहण

दिल्ली के नए मुख्यमंत्री का शपथ ग्रहण 20 फरवरी को होने की संभावना है। 19 फरवरी को बीजेपी विधायक दल की बैठक में मुख्यमंत्री के नाम की घोषणा होगी। राजधानी में 27 साल बाद बीजेपी की सरकार बनने जा रही है, जिससे पार्टी कार्यकर्ताओं और समर्थकों में उत्साह है।

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महाकुंभ 2025 श्रद्धालुओं की भीड़: संगम रेलवे स्टेशन बंद, ट्रैफिक अपडेट जानें

महाकुंभ 2025 श्रद्धालुओं की भीड़
महाकुंभ 2025 श्रद्धालुओं की भीड़

महाकुंभ 2025 में श्रद्धालुओं की भारी भीड़

महाकुंभ 2025 श्रद्धालुओं की भीड़
महाकुंभ 2025 श्रद्धालुओं की भीड़

महाकुंभ 2025 में उमड़ने वाली श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के कारण प्रयागराज संगम रेलवे स्टेशन (दारागंज) को 28 फरवरी तक बंद कर दिया गया है। यह निर्णय प्रशासन द्वारा लिया गया है, ताकि यात्री सुविधाओं को बेहतर तरीके से संभाला जा सके और किसी प्रकार की अप्रिय घटना से बचा जा सके।

संगम रेलवे स्टेशन बंद होने का कारण

प्रयागराज संगम रेलवे स्टेशन (दारागंज) को बंद करने का मुख्य कारण महाकुंभ 2025 के दौरान तीर्थयात्रियों की अत्यधिक संख्या है। डीएम रविन्द्र कुमार मांदड़ ने मंडल रेल प्रबंधक को पत्र लिखकर 17 फरवरी से 28 फरवरी तक इस स्टेशन को बंद करने की मांग की। यदि श्रद्धालुओं की संख्या और बढ़ती है, तो स्टेशन को आगे भी बंद रखा जा सकता है।

ट्रैफिक व्यवस्था की स्थिति

महाकुंभ 2025 के दौरान, प्रयागराज शहर के भीतर और बाहर वाहनों की लंबी कतारें लग रही हैं। हालांकि, वर्तमान में ट्रैफिक व्यवस्था सुचारू रूप से चल रही है। रविवार को छुट्टी होने के कारण शहर में थोड़ी जाम की स्थिति बनी थी, लेकिन फिर भी यातायात नियंत्रण में है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे निर्धारित पार्किंग क्षेत्रों का ही उपयोग करें, ताकि सड़क पर जाम की स्थिति से बचा जा सके।

मुख्यमंत्री की अपील

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने श्रद्धालुओं से स्वच्छता बनाए रखने और यातायात को सुचारू रखने में सहयोग करने की अपील की है। उन्होंने कहा, “महाकुंभ 2025 एक भव्य धार्मिक उत्सव है, जिसमें लाखों श्रद्धालु शामिल होंगे। हमें इसे सफल और सुरक्षित बनाने के लिए सामूहिक रूप से योगदान देना होगा।”

सीएम ने यह भी कहा कि श्रद्धालुओं को अपने वाहनों को सड़कों पर न पार्क करने की सलाह दी गई है। इसके बजाय, निर्धारित पार्किंग क्षेत्रों का उपयोग करना चाहिए, जिससे यात्रा को अधिक सहज और सुविधाजनक बनाया जा सके।

महाकुंभ 2025: रेलवे स्टेशन पर विशेष ट्रेन सेवाएं

महाकुंभ के दौरान, संगम रेलवे स्टेशन पर भारी भीड़ को देखते हुए यात्रियों को प्रयागराज और फाफामऊ स्टेशन से स्पेशल ट्रेनों का संचालन किया जा रहा है। उत्तर रेलवे के अधिकारियों ने बताया कि यात्रियों को इन स्टेशनों से ट्रेनों में यात्रा करने की सलाह दी जा रही है, ताकि संगम रेलवे स्टेशन पर अधिक भीड़ ना हो।

महाकुंभ 2025 में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने संगम रेलवे स्टेशन को 28 फरवरी तक बंद करने का निर्णय लिया है। ट्रैफिक व्यवस्थाओं और स्वच्छता को बनाए रखने के लिए सभी से सहयोग की अपील की गई है।

 

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