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Tuesday, July 8, 2025
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कुंभ में ट्रैफिक जाम: अखिलेश यादव ने योगी सरकार पर साधा निशाना, कहा- अव्यवस्थाओं ने जनता को किया परेशान

कुंभ में ट्रैफिक जाम
कुंभ में ट्रैफिक जाम

कुंभ में ट्रैफिक जाम पर अखिलेश यादव का हमला

कुंभ में ट्रैफिक जाम

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में चल रहे कुंभ में ट्रैफिक जाम को लेकर समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने योगी सरकार पर कड़ा प्रहार किया है। उन्होंने कहा कि सरकार ने 100 करोड़ लोगों के आगमन का दावा किया था, लेकिन ट्रैफिक अव्यवस्थाओं ने श्रद्धालुओं को मुश्किल में डाल दिया है।

योगी सरकार की तैयारियों पर उठाए सवाल

अखिलेश यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार को कुंभ में ट्रैफिक जाम की समस्या से निपटने के लिए उचित व्यवस्था करनी चाहिए थी। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर निशाना साधते हुए कहा कि वह हर काम में खुद को विशेषज्ञ मानते हैं, चाहे वह ट्रैफिक हो, पुलिस प्रशासन हो या स्वास्थ्य सेवाएं। लेकिन इस बार की ट्रैफिक अव्यवस्था ने सरकार की पोल खोल दी है।

IAS और IPS अधिकारियों की भूमिका पर सवाल

अखिलेश यादव ने आगे कहा कि उत्तर प्रदेश में प्रशासनिक अधिकारियों की कोई कमी नहीं है, फिर भी कुंभ में ट्रैफिक जाम की स्थिति क्यों बनी? उन्होंने सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि जब विपक्ष के नेताओं पर कार्रवाई करनी होती है या किसी प्रदर्शन को रोकना होता है, तो सरकार के पास पर्याप्त पुलिस बल होता है, लेकिन जनता को राहत देने के लिए कोई ठोस योजना नहीं बनाई जाती।

डिजिटल मैनेजमेंट और सुविधाओं की कमी

सपा अध्यक्ष ने कहा कि सरकार डिजिटल इंडिया की बात करती है, लेकिन कुंभ में ट्रैफिक जाम को नियंत्रित करने के लिए कोई तकनीकी समाधान नहीं अपनाया गया। उन्होंने पूछा कि ड्रोन और अन्य आधुनिक तकनीकों का उपयोग क्यों नहीं किया गया? यात्रियों को पानी, भोजन और अन्य बुनियादी सुविधाएं तक उपलब्ध नहीं कराई गईं।

डीजल-पेट्रोल की किल्लत पर भी साधा निशाना

अखिलेश यादव ने कहा कि खबरें आ रही हैं कि कई बसें और गाड़ियां डीजल-पेट्रोल की कमी के कारण रास्ते में फंसी हैं, जिससे श्रद्धालुओं को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार सिर्फ अपनी छवि चमकाने में लगी है, जबकि जनता ट्रैफिक जाम में फंसी हुई है।

प्रयागराज के स्थानीय लोगों की परेशानी

अखिलेश यादव ने कहा कि प्रयागराज के स्थानीय लोग भी कुंभ में ट्रैफिक जाम की वजह से घरों में कैद होने को मजबूर हैं। सरकार ने बेहतर यातायात प्रबंधन नहीं किया, जिसके कारण आम लोगों को भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

बीजेपी सरकार पर लोकतंत्र को ठेस पहुंचाने का आरोप

अखिलेश यादव ने आरोप लगाया कि बीजेपी लोकतंत्र को कमजोर करने में लगी है। उन्होंने मिल्कीपुर चुनाव का उदाहरण देते हुए कहा कि सरकार चुनावों में गड़बड़ी कर रही है और प्रशासन का दुरुपयोग कर रही है।

कुंभ में ट्रैफिक जाम को लेकर अखिलेश यादव ने योगी सरकार की तैयारियों पर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार की नाकामी के कारण श्रद्धालुओं को भारी परेशानी हो रही है। उन्होंने मांग की कि सरकार को तुरंत यातायात प्रबंधन में सुधार कर जनता को राहत देनी चाहिए।

 

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FIITJEE कोचिंग सेंटर बंद: नोएडा पुलिस की बड़ी कार्रवाई, 11 करोड़ रुपये सीज

FIITJEE कोचिंग सेंटर बंद
FIITJEE कोचिंग सेंटर बंद

FIITJEE कोचिंग सेंटर बंद: नोएडा पुलिस की बड़ी कार्रवाई, 11 करोड़ रुपये के खाते सीज

FIITJEE कोचिंग सेंटर बंद

इंजीनियरिंग और मेडिकल प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी कराने वाला प्रतिष्ठित कोचिंग संस्थान FIITJEE कोचिंग सेंटर बंद होने की खबरों से सुर्खियों में है। नोएडा पुलिस ने संस्थान के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए इसके बैंक खातों को सीज कर दिया है।

FIITJEE कोचिंग सेंटर बंद होने के पीछे क्या कारण?

नोएडा स्थित FIITJEE के कई सेंटर अचानक बंद हो गए, जिससे छात्रों और अभिभावकों में चिंता बढ़ गई है। पुलिस ने संस्थान के संस्थापक दिनेश गोयल के 12 खातों को सीज कर लिया है, जिनमें कुल 11 करोड़ 11 लाख रुपये जमा थे। अब तक 172 करेंट अकाउंट और 12 सेविंग अकाउंट की जानकारी पुलिस को मिली है।

पुलिस जांच में क्या हुआ खुलासा?

नोएडा के सेक्टर 58 थाना में FIITJEE के संचालकों के खिलाफ आपराधिक साजिश (क्रिमिनल कॉन्सपिरेसी) और विश्वासघात (क्रिमिनल ब्रीच ऑफ ट्रस्ट) जैसे गंभीर आरोपों के तहत मामला दर्ज किया गया है। छात्रों और अभिभावकों की शिकायतों के बाद पुलिस ने जांच तेज कर दी है।

FIITJEE कोचिंग सेंटर बंद होने से छात्रों की परेशानी बढ़ी

FIITJEE कोचिंग सेंटर बंद होने की वजह से इंजीनियरिंग और मेडिकल की तैयारी कर रहे छात्रों का भविष्य अधर में लटक गया है। कई छात्रों ने लाखों रुपये की एडवांस फीस जमा कर रखी थी, लेकिन अब संस्थान द्वारा पढ़ाई जारी रखने को लेकर कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया गया है।

मैनेजमेंट ने दी सफाई, कहा- स्थिति जल्द होगी सामान्य

FIITJEE के मैनेजमेंट ने 13 पॉइंट्स का एक बयान जारी कर यह बताया कि कोचिंग सेंटर बंद होने की स्थिति अस्थायी है। उन्होंने छात्रों और अभिभावकों को आश्वस्त किया है कि उनकी पढ़ाई को प्राथमिकता दी जाएगी और जल्द ही संचालन दोबारा शुरू करने का प्रयास किया जाएगा।

छात्रों और अभिभावकों की चिंता बढ़ी

FIITJEE कोचिंग सेंटर बंद होने से हजारों छात्रों और उनके अभिभावकों में असमंजस की स्थिति बनी हुई है। संस्थान की स्थिरता पर सवाल उठने लगे हैं और इस पूरे मामले में पुलिस की जांच अभी जारी है।

 

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BJP की चुनावी रणनीति 2025: 2020 की गलतियों से मिली सीख से कैसे मिली जीत?

BJP की चुनावी रणनीति 2025
BJP की चुनावी रणनीति 2025

BJP की चुनावी रणनीति 2025: 2020 की गलतियों से मिली सीख से कैसे मिली जीत?

BJP की चुनावी रणनीति 2025

भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने 2025 के विधानसभा चुनावों में ऐतिहासिक जीत दर्ज की। इस सफलता के पीछे पार्टी की बदली हुई चुनावी रणनीति थी, जिसमें 2020 की गलतियों से सबक लिया गया। अब यह रणनीति बिहार और पश्चिम बंगाल चुनावों में भी अपनाई जा सकती है। आइए जानते हैं कि BJP की चुनावी रणनीति 2025 में किन बिंदुओं पर केंद्रित रही।

BJP की चुनावी रणनीति 2025 में 2020 की गलतियों से मिली सीख

1. ध्रुवीकरण वाली बयानबाजी पर रोक

2020 के विधानसभा चुनावों में बीजेपी के कई नेताओं ने भड़काऊ बयान दिए थे, जिससे विपक्ष को मुस्लिम वोटों को एकजुट करने का मौका मिला। BJP की चुनावी रणनीति 2025 में इस गलती को सुधारते हुए पार्टी ने हिंदू-मुस्लिम ध्रुवीकरण से बचाव किया और सकारात्मक चुनावी मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया।

2. अपना एजेंडा सेट करना

2020 में बीजेपी, अरविंद केजरीवाल के एजेंडे के जवाब में चुनाव लड़ रही थी। लेकिन BJP की चुनावी रणनीति 2025 में पार्टी ने अपना खुद का मजबूत नैरेटिव सेट किया। इस बार पार्टी ने फ्री बिजली, जल संकट, और लोकल गवर्नेंस से जुड़े मुद्दों को प्रमुखता दी।

3. स्थानीय मुद्दों को प्राथमिकता देना

2020 में राष्ट्रीय मुद्दों पर अधिक फोकस करने से बीजेपी को नुकसान हुआ था। लेकिन BJP की चुनावी रणनीति 2025 में लोकल इश्यू जैसे जल संकट, प्रदूषण, ट्रैफिक, और भ्रष्टाचार जैसे विषयों को प्रमुखता दी गई। इससे जनता के बीच बेहतर प्रभाव पड़ा और पार्टी को जीत हासिल हुई।

4. अल्ट्रा माइक्रो मैनेजमेंट रणनीति

BJP की चुनावी रणनीति 2025 में माइक्रो मैनेजमेंट को और विस्तार दिया गया। 100-200 वोटों पर भी फोकस किया गया और कार्यकर्ताओं को ग्राउंड लेवल पर मजबूती से तैनात किया गया। यह रणनीति बिहार और बंगाल में भी लागू की जा सकती है।

BJP की चुनावी रणनीति 2025: बिहार और बंगाल में भी होगी प्रभावी

BJP ने 2025 में दिल्ली विधानसभा चुनावों में शानदार प्रदर्शन किया। अब यही रणनीति आगामी बिहार और पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों में भी दोहराई जा सकती है। पार्टी का ध्यान लोकल मुद्दों, पॉजिटिव कैंपेनिंग और बूथ-लेवल मैनेजमेंट पर रहेगा।

BJP की चुनावी रणनीति 2025 में 2020 की गलतियों को सुधारते हुए एक नई रणनीति अपनाई गई, जिसने पार्टी को शानदार जीत दिलाई। अब यही फॉर्मूला बिहार और बंगाल के आगामी चुनावों में भी सफलता दिला सकता है।

 

 

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सीमावर्ती जनपदों में औद्यानिक खेती को बढ़ावा, किसानों की आय में होगी बढ़ोतरी

सीमावर्ती जनपदों में औद्यानिक खेती
सीमावर्ती जनपदों में औद्यानिक खेती

सीमावर्ती जनपदों में औद्यानिक खेती को बढ़ावा, किसानों की आय में होगी बढ़ोतरी

सीमावर्ती जनपदों में औद्यानिक खेती
सीमावर्ती जनपदों में औद्यानिक खेती

बहराइच। भारत-नेपाल अंतरराष्ट्रीय सीमावर्ती जनपदों में औद्यानिक खेती को बढ़ावा देने के लिए सरकार नई योजनाओं पर काम कर रही है। हाल ही में आयोजित एक अंतर्जनपदीय औद्यानिक गोष्ठी में विशेषज्ञों और किसानों ने खेती के नए तरीकों पर चर्चा की। इस पहल से किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने और उनकी फसलों को विदेशी बाजारों तक पहुंचाने की योजना बनाई गई है।

हाईलाइट्स:

  • सीमावर्ती जनपदों में औद्यानिक खेती के विस्तार पर जोर।
  • किसानों को फलों, शाकभाजी, औषधीय और पुष्पीय फसलों की खेती के लिए अनुदान।
  • वैज्ञानिक तरीकों से खेती कर आय में वृद्धि के सुझाव।
  • नेपाल और अन्य देशों में भारतीय फसलों के निर्यात की संभावनाओं पर चर्चा।

सीमावर्ती जनपदों में औद्यानिक खेती पर जोर

प्रदेश के राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) उद्यान, कृषि विपणन और कृषि निर्यात दिनेश प्रताप सिंह ने कहा कि सरकार सीमावर्ती क्षेत्रों में औद्यानिक खेती को बढ़ावा देने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। उन्होंने किसानों से आग्रह किया कि वे अधिक से अधिक फल, फूल, मसाले और शाकभाजी की खेती करें, जिससे उनकी आय में गुणात्मक वृद्धि हो सके।

किसानों को मिलेगी सरकारी सहायता

गोष्ठी में मौजूद उद्यान निरीक्षक पंकज वर्मा ने बताया कि सीमावर्ती जनपदों में औद्यानिक खेती को प्रोत्साहित करने के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही हैं। किसानों को वर्मी कंपोस्ट, पॉली हाउस, शेडनेट और ड्रिप इरिगेशन जैसी आधुनिक तकनीकों पर सब्सिडी मिलेगी। इसके अलावा, स्प्रे मशीन, गार्डेन ट्रैक्टर और अन्य उपकरणों पर भी अनुदान दिया जाएगा।

नेपाल को होगा निर्यात, किसानों की बढ़ेगी आय

सीमावर्ती जिलों में उगाई गई केला, स्ट्रॉबेरी और हल्दी जैसी फसलें नेपाल में ऊंची कीमतों पर बिक सकती हैं। गोष्ठी में बताया गया कि सरकार किसानों को सीधे निर्यात की सुविधा देने के लिए नीतियां तैयार कर रही है। इससे सीमावर्ती जनपदों में औद्यानिक खेती से किसानों को अधिक लाभ होगा और उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी।

वैज्ञानिक तरीकों से खेती करने पर जोर

गोष्ठी में कृषि विशेषज्ञों ने बताया कि वैज्ञानिक तकनीकों का उपयोग कर सीमावर्ती जनपदों में औद्यानिक खेती को और अधिक लाभकारी बनाया जा सकता है। ड्रिप सिंचाई, उन्नत बीज, जैविक खेती और परागण विधियों का उपयोग करने से उत्पादन कई गुना बढ़ सकता है।

सीमावर्ती जनपदों में औद्यानिक खेती किसानों की आय बढ़ाने का एक प्रभावी जरिया बन सकता है। सरकार की योजनाओं और सब्सिडी का लाभ उठाकर किसान अपनी खेती को और अधिक उन्नत बना सकते हैं। जल्द ही इन फसलों को विदेशी बाजारों तक पहुंचाने की नीति तैयार की जाएगी, जिससे किसानों को सीधा लाभ मिलेगा।

 

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अज्ञात कारणों से लगी आग से तीन फूस के मकान जलकर राख, प्रशासन ने दिया मदद का आश्वासन

अज्ञात कारणों से लगी आग
अज्ञात कारणों से लगी आग

मिहींपुरवा में अज्ञात कारणों से लगी आग, ग्रामीणों में हड़कंप

अज्ञात कारणों से लगी आग

उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले के मिहींपुरवा तहसील क्षेत्र में सोमवार को एक बड़ा अग्निकांड हुआ। ग्राम पंचायत गोपिया में अज्ञात कारणों से लगी आग ने तीन फूस के मकानों को जलाकर राख कर दिया। इस घटना से गांव में अफरा-तफरी मच गई। ग्रामीणों के शोर मचाने पर आग बुझाने की कोशिश की गई, लेकिन तब तक हजारों का नुकसान हो चुका था।

ग्रामीणों ने आग बुझाने के लिए किया संघर्ष

ग्राम पंचायत गोपिया के मजरा साजिदपुरवा निवासी कृपाराम पुत्र मंशाराम का फूस का मकान था। उनके घर के पास ही अन्य तीन फूस के मकान स्थित थे। सोमवार शाम करीब 4:15 बजे अज्ञात कारणों से लगी आग ने इन मकानों को अपनी चपेट में ले लिया। देखते ही देखते तीनों मकान धू-धू कर जलने लगे।

घटना के बाद गांव के लोग मौके पर पहुंचे और पानी डालकर आग पर काबू पाने की कोशिश की। ग्रामीणों की मदद से आग को और ज्यादा फैलने से रोक लिया गया, लेकिन तब तक घरों में रखा अनाज, कपड़े, बर्तन और अन्य सामान जलकर राख हो गया।

प्रशासन ने आग की घटना पर जताई संवेदना

घटना की सूचना मिलते ही हल्का लेखपाल को मौके पर बुलाया गया। प्रशासन ने आश्वासन दिया कि पीड़ितों को मदद प्रदान की जाएगी।

मोतीपुर के उपजिलाधिकारी अश्विनी कुमार पांडेय ने कहा कि अज्ञात कारणों से लगी आग की जानकारी उन्हें प्राप्त हुई है और लेखपाल को रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं। रिपोर्ट के आधार पर प्रभावित परिवारों को सहायता राशि प्रदान की जाएगी।

हर साल होती हैं ऐसी घटनाएं

गांवों में अज्ञात कारणों से लगी आग की घटनाएं अक्सर देखने को मिलती हैं, जिससे गरीब परिवारों को भारी नुकसान उठाना पड़ता है। गर्मियों के मौसम में आग लगने की घटनाएं और बढ़ जाती हैं। प्रशासन को इस प्रकार की घटनाओं को रोकने के लिए विशेष उपाय करने की जरूरत है ताकि भविष्य में ऐसी त्रासदियों से बचा जा सके।

इस घटना में तीन परिवारों ने अपने आशियाने खो दिए हैं। अज्ञात कारणों से लगी आग से हुई इस क्षति की भरपाई के लिए प्रशासन से त्वरित सहायता की उम्मीद की जा रही है। ग्रामीणों ने सरकार से मांग की है कि ऐसे मामलों में त्वरित राहत प्रदान की जाए ताकि गरीब परिवारों को दोबारा अपना घर बनाने में मदद मिल सके।

 

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संदिग्ध हालत में मिला शव, पुलिस जांच में जुटी, परिजनों ने जताई हत्या की आशंका

संदिग्ध हालत में मिला शव
संदिग्ध हालत में मिला शव

बहराइच में संदिग्ध हालत में मिला शव, पुलिस जांच में जुटी

संदिग्ध हालत में मिला शव
संदिग्ध हालत में मिला शव

बहराइच जिले के मिहींपुरवा क्षेत्र में एक युवक का संदिग्ध हालत में शव मिलने से सनसनी फैल गई। मृतक गेहूं के खेत की रखवाली करने गया था, लेकिन अगली सुबह उसका शव खेत में पड़ा मिला। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और जांच शुरू कर दी। परिजनों ने हत्या की आशंका जताई है।

परिवार ने जताई हत्या की आशंका

मिली जानकारी के अनुसार, संदिग्ध हालत में मिला शव पत्थर पूरवा गांव निवासी सुंदर मौर्य का है। मृतक के परिजन रविवार की रात से ही उसकी तलाश कर रहे थे। सुबह जब वह नहीं लौटा तो खोजबीन के दौरान गेहूं के खेत में शव पड़ा मिला। शव देखते ही परिजनों में कोहराम मच गया।

मौके पर पहुंची पुलिस, जांच जारी

सूचना मिलते ही थाना मोतीपुर पुलिस मौके पर पहुंच गई और शव को कब्जे में लेकर जांच शुरू कर दी। पुलिस ने घटनास्थल से साक्ष्य इकट्ठा किए और शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है।

क्या यह हत्या का मामला है?

परिजनों ने आरोप लगाया कि सुंदर मौर्य की हत्या कर शव को खेत में फेंका गया है। हालांकि, पुलिस का कहना है कि मामले की जांच जारी है और पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद ही स्थिति स्पष्ट होगी।

गांव में फैली सनसनी, ग्रामीणों में आक्रोश

संदिग्ध हालत में शव मिलने के बाद से गांव में दहशत का माहौल है। ग्रामीणों का कहना है कि क्षेत्र में कानून व्यवस्था की स्थिति बिगड़ती जा रही है। पुलिस प्रशासन से जल्द से जल्द कार्रवाई की मांग की जा रही है।

पुलिस क्या कर रही है?

  • शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है।
  • परिजनों से पूछताछ की जा रही है।
  • आस-पास के लोगों से जानकारी जुटाई जा रही है।
  • पुलिस मामले की हर एंगल से जांच कर रही है।
जल्द हो सकता है खुलासा

संदिग्ध हालत में मिला शव पुलिस के लिए एक चुनौती बन गया है। अधिकारी जल्द से जल्द मामले का खुलासा करने की कोशिश कर रहे हैं। पुलिस का कहना है कि जांच के बाद उचित कार्रवाई की जाएगी।

 

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सहारनपुर जेल में फर्जी पत्र से रिहाई की साजिश, राष्ट्रपति भवन के नाम पर हुआ बड़ा खुलासा

सहारनपुर जेल फर्जी पत्र
सहारनपुर जेल फर्जी पत्र

सहारनपुर जेल फर्जी पत्र मामले में बड़ा खुलासा

सहारनपुर जेल फर्जी पत्र
सहारनपुर जेल फर्जी पत्र

उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जेल में एक फर्जी पत्र भेजकर हत्या के आरोपी बंदी की रिहाई की साजिश रची गई। यह पत्र राष्ट्रपति भवन के नाम से जारी किया गया था, लेकिन जांच में इसे पूरी तरह फर्जी पाया गया। इस घटना से जेल प्रशासन में हड़कंप मच गया, और पुलिस ने अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

फर्जी पत्र में राष्ट्रपति भवन का इस्तेमाल

पत्र में क्या लिखा था?

सूत्रों के अनुसार, सहारनपुर जेल प्रशासन को एक पत्र मिला, जिसमें हत्या के आरोपी बंदी अजय की समय पूर्व रिहाई का आदेश दिया गया था। यह पत्र राष्ट्रपति भवन के आधिकारिक पत्र की तरह दिखाया गया था, लेकिन जेल अधीक्षक को इसमें गंभीर गड़बड़ियां नजर आईं

जांच में हुआ बड़ा खुलासा

जेल अधीक्षक सत्य प्रकाश सिंह ने जब इस पत्र की प्रामाणिकता की जांच करवाई, तो पता चला कि राष्ट्रपति भवन की ओर से ऐसा कोई आदेश जारी ही नहीं किया गया। इसके अलावा, पत्र में जिस राष्ट्रीय विशेष अदालत का जिक्र था, वह अस्तित्व में ही नहीं है

पुलिस जांच में जुटी, FIR दर्ज

फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा गया पत्र

जेल प्रशासन की शिकायत के बाद पुलिस ने थाना जनकपुरी में अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ धोखाधड़ी और फर्जीवाड़े का मामला दर्ज किया। पुलिस अब इस पत्र की फॉरेंसिक जांच करवा रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि इसे कौन और कहां से भेजा गया था

बंदी अजय के साथी पर शक

पुलिस को संदेह है कि यह पत्र बंदी अजय के किसी साथी या करीबी ने जेल प्रशासन को गुमराह करने के इरादे से भेजा होगा। अधिकारी इस फर्जीवाड़े की गहराई से जांच कर रहे हैं और जल्द ही आरोपी की पहचान कर उसे गिरफ्तार किया जा सकता है

सहारनपुर जेल में सुरक्षा व्यवस्था पर उठे सवाल

इस घटना के बाद सहारनपुर जेल प्रशासन की सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल उठने लगे हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर यह फर्जी पत्र पकड़ में नहीं आता, तो एक बड़ा अपराधी जेल से रिहा हो सकता था। इस मामले ने जेल प्रशासन को अधिक सतर्क रहने की चेतावनी दी है।

सहारनपुर जेल फर्जी पत्र मामला यूपी की कानूनी व्यवस्था के लिए एक बड़ी चुनौती बन गया है। पुलिस इस फर्जी पत्र के मास्टरमाइंड को जल्द से जल्द पकड़ने की कोशिश में जुटी हुई है। यह मामला साबित करता है कि कैदियों की रिहाई को लेकर जेल प्रशासन को अतिरिक्त सतर्कता बरतने की जरूरत है

 

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दिल्ली का अगला मुख्यमंत्री कौन? बीजेपी के अंदर तेज हुई चर्चाएं, महिला विधायक को भी मिल सकता है मौका!

दिल्ली का अगला मुख्यमंत्री
दिल्ली का अगला मुख्यमंत्री

दिल्ली का अगला मुख्यमंत्री कौन? बीजेपी के अंदर तेज हुई चर्चाएं

दिल्ली का अगला मुख्यमंत्री
दिल्ली का अगला मुख्यमंत्री

दिल्ली विधानसभा चुनाव में बीजेपी को बड़ी जीत मिली है, जिससे राजधानी में दिल्ली का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा, इस पर चर्चा तेज हो गई है। बीजेपी ने बिना किसी मुख्यमंत्री चेहरे के चुनाव लड़ा था, ऐसे में अब पार्टी के अंदर संभावित नामों पर मंथन जारी है।

बीजेपी विधायकों में से चुना जाएगा दिल्ली का अगला मुख्यमंत्री

सूत्रों के मुताबिक, दिल्ली का अगला मुख्यमंत्री बीजेपी विधायकों में से ही चुना जाएगा। इस बार बीजेपी की रणनीति सोशल इंजीनियरिंग को ध्यान में रखते हुए नए चेहरों को मौका देने की हो सकती है। पार्टी की योजना में एक महिला विधायक को भी मुख्यमंत्री बनाने का विकल्प शामिल किया गया है।

महिला विधायक को मिल सकता है मौका?

बीजेपी से इस बार चार महिलाएं विधानसभा में पहुंची हैं –

  • रेखा गुप्ता
  • शिखा राय
  • पूनम शर्मा
  • नीलम पहलवान

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यदि पार्टी महिला सशक्तिकरण के संदेश के रूप में कोई बड़ा फैसला लेती है, तो इनमें से किसी को दिल्ली का अगला मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है।

मुख्यमंत्री पद की रेस में शामिल बड़े नाम

1. प्रवेश साहिब सिंह वर्मा

प्रवेश वर्मा, पूर्व मुख्यमंत्री साहिब सिंह वर्मा के बेटे हैं। उन्होंने नई दिल्ली सीट से आम आदमी पार्टी के प्रमुख अरविंद केजरीवाल को हराकर बड़ी जीत दर्ज की है। उनकी लोकप्रियता और अनुभव को देखते हुए वे दिल्ली के अगले मुख्यमंत्री की रेस में मजबूत उम्मीदवार हैं।

2. विजेंद्र गुप्ता

विजेंद्र गुप्ता दिल्ली बीजेपी के वरिष्ठ नेता हैं। उन्होंने लगातार तीन बार रोहिणी सीट से जीत दर्ज की है और विधानसभा में विपक्ष के नेता की भूमिका भी निभा चुके हैं।

3. सतीश उपाध्याय

सतीश उपाध्याय बीजेपी के ब्राह्मण चेहरे के रूप में जाने जाते हैं। वे दिल्ली बीजेपी के अध्यक्ष भी रह चुके हैं और संगठनात्मक अनुभव के मामले में आगे हैं।

4. आशीष सूद

बीजेपी के पंजाबी समुदाय के प्रतिनिधि आशीष सूद भी इस रेस में शामिल हो सकते हैं।

5. जितेंद्र महाजन

जितेंद्र महाजन, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से जुड़े हुए हैं और वैश्य समुदाय से आते हैं।

बीजेपी की रणनीति – डिप्टी सीएम भी हो सकता है?

राजनीतिक समीक्षकों का मानना है कि इस बार बीजेपी दिल्ली में डिप्टी सीएम का फॉर्मूला भी लागू कर सकती है। इससे अलग-अलग वर्गों को प्रतिनिधित्व देने की कोशिश की जाएगी।

अगले 48 घंटे में हो सकता है ऐलान

बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व की ओर से जल्द ही दिल्ली के अगले मुख्यमंत्री के नाम की घोषणा हो सकती है। पार्टी सभी संभावनाओं पर विचार कर रही है, और जनता के बीच सही संदेश देने के लिए सबसे उपयुक्त उम्मीदवार का चयन किया जाएगा।

 

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कटक वनडे फ्लड लाइट विवाद: ओडिशा सरकार ने OCA को थमाया नोटिस, जानिए पूरा मामला

कटक वनडे फ्लड लाइट विवाद
कटक वनडे फ्लड लाइट विवाद

कटक वनडे फ्लड लाइट विवाद: OCA पर गिरी गाज, ओडिशा सरकार ने मांगा जवाब

कटक वनडे फ्लड लाइट विवाद
कटक वनडे फ्लड लाइट विवाद

भारत और इंग्लैंड के बीच खेले गए दूसरे वनडे मैच में कटक वनडे फ्लड लाइट विवाद चर्चा का विषय बन गया। बाराबती स्टेडियम में खेले गए इस मैच के दौरान अचानक फ्लड लाइट खराब होने से खेल 30 मिनट तक रुका रहा, जिससे खिलाड़ियों और दर्शकों को काफी असुविधा हुई। इस घटना पर ओडिशा सरकार ने ओडिशा क्रिकेट एसोसिएशन (OCA) को कारण बताओ नोटिस जारी किया है।

फ्लड लाइट खराब होने से रुका मैच

मैच के दौरान भारतीय पारी के छठे ओवर के बाद एक फ्लड लाइट टावर में खराबी आ गई। खेल को कुछ समय के लिए रोका गया, लेकिन जब मैच दोबारा शुरू हुआ तो पूरी लाइट टावर बंद हो गई, जिससे मुकाबला 30 मिनट तक बाधित रहा।

ओडिशा सरकार का कड़ा रुख

फ्लड लाइट की इस समस्या को लेकर ओडिशा सरकार ने सख्त कदम उठाया है। खेल निदेशक सिद्धार्थ दास द्वारा जारी नोटिस में ओसीए (OCA) से स्पष्टीकरण मांगा गया है और उन एजेंसियों की पहचान करने को कहा गया है जो इस घटना के लिए जिम्मेदार थीं।

OCA को 10 दिनों में देना होगा जवाब

नोटिस में साफ तौर पर कहा गया है कि ओसीए (OCA) को 10 दिनों के भीतर विस्तृत रिपोर्ट सौंपनी होगी। इस देरी के कारण दर्शकों और खिलाड़ियों को असुविधा हुई, जिससे सरकार ने मामले की गंभीरता को देखते हुए कड़ा कदम उठाया है।

खेल मंत्री का बयान

ओडिशा के खेल मंत्री सूर्यवंशी सूरज ने पहले ही संकेत दिया था कि कटक वनडे फ्लड लाइट विवाद को लेकर ओसीए से जवाब मांगा जाएगा। उन्होंने कहा कि इतनी बड़ी तकनीकी समस्या होने के बावजूद ओसीए ने मैच की सही व्यवस्था नहीं की, जो बेहद चिंताजनक है।

OCA सचिव की सफाई

ओसीए के सचिव संजय बेहरा ने बताया कि फ्लड लाइट टावर दो जनरेटर से जुड़े थे, लेकिन जब एक जनरेटर फेल हुआ, तो दूसरा चालू करने में समय लग गया। उन्होंने यह भी बताया कि खिलाड़ियों का वाहन टावर और दूसरे जनरेटर के बीच खड़ा था, जिससे समस्या और बढ़ गई।

विधायकों की प्रतिक्रिया

कटक के कांग्रेस विधायक सोफिया फिरदौस ने इस घटना की निंदा करते हुए इसे “बेहद दुर्भाग्यपूर्ण” बताया और निष्पक्ष जांच की मांग की। उन्होंने कहा कि ओडिशा क्रिकेट एसोसिएशन को भविष्य में इस तरह की लापरवाही से बचने के लिए सख्त कदम उठाने चाहिए।

कटक वनडे फ्लड लाइट विवाद के बाद ओडिशा सरकार का यह सख्त कदम ओसीए के लिए एक बड़ा झटका साबित हो सकता है। अब देखना होगा कि ओसीए इस पर क्या स्पष्टीकरण देता है और सरकार आगे क्या कदम उठाती है। इस घटना ने भारतीय क्रिकेट में स्टेडियम सुविधाओं को लेकर कई सवाल खड़े कर दिए हैं।

 

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शेयर बाजार की गिरावट के कारण: 4 गुड न्यूज के बावजूद क्यों नहीं दिखा उछाल?

शेयर बाजार की गिरावट के कारण
शेयर बाजार की गिरावट के कारण

शेयर बाजार की गिरावट के कारण: बड़ी खबरों के बावजूद बाजार क्यों सुस्त?

शेयर बाजार की गिरावट के कारण
शेयर बाजार की गिरावट के कारण

देश में हाल ही में कई बड़ी आर्थिक घोषणाएं हुईं, जिनमें बजट 2025, आरबीआई की रेपो रेट कटौती, और दिल्ली चुनावों में बीजेपी की जीत शामिल हैं। इसके बावजूद शेयर बाजार की गिरावट के कारण निवेशकों को चिंता में डाल रहे हैं। आखिर क्या वजह है कि ये पॉजिटिव खबरें भी बाजार को उछाल नहीं दे पाईं? आइए विस्तार से समझते हैं।

शेयर बाजार की गिरावट के कारण क्या हैं?

1. अमेरिकी टैरिफ वॉर का असर

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में स्टील और एल्युमिनियम आयात पर 25% अतिरिक्त शुल्क लगाया है। इससे भारतीय कंपनियों पर दबाव बढ़ा है, जिससे शेयर बाजार प्रभावित हुआ है।

2. रुपये में गिरावट जारी

भारतीय रुपया लगातार कमजोर हो रहा है और हाल ही में 87.94 के ऑल-टाइम लो पर पहुंच गया। मुद्रा के अवमूल्यन से निवेशकों का भरोसा डगमगा रहा है और यह भी शेयर बाजार की गिरावट के कारण में से एक है।

3. विदेशी निवेशकों की बिकवाली

विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (FPI) भारतीय बाजारों से लगातार पैसे निकाल रहे हैं। इस बिकवाली का असर सेंसेक्स और निफ्टी पर साफ देखा जा सकता है।

4. कंपनियों के खराब तिमाही नतीजे

ITC, Tata Chemicals, Adani Enterprises जैसी बड़ी कंपनियों के तिमाही नतीजे उम्मीद के अनुरूप नहीं रहे। इससे बाजार में मंदी का माहौल बन गया है।

बड़ी आर्थिक घोषणाएं भी नहीं बचा सकीं बाजार को

बजट 2025 का असर नहीं दिखा

इस साल के बजट में 12 लाख रुपये तक की इनकम टैक्स फ्री की गई, लेकिन इसका बाजार पर कोई सकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ा।

आरबीआई की रेपो रेट कटौती भी बेअसर

पांच साल बाद RBI ने रेपो रेट में 25 बेसिस पॉइंट की कटौती की, लेकिन इससे भी बाजार में कोई तेजी नहीं आई।

दिल्ली चुनावों में बीजेपी की जीत भी बेअसर

दिल्ली विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की, लेकिन शेयर बाजार में इस जीत का कोई सकारात्मक संकेत नहीं दिखा।

निवेशकों को क्या करना चाहिए?

अगर आप शेयर बाजार में निवेश कर रहे हैं, तो मौजूदा शेयर बाजार की गिरावट के कारण को ध्यान में रखते हुए सतर्कता बरतें। लॉन्ग टर्म निवेशक घबराएं नहीं, लेकिन शॉर्ट टर्म में बाजार की चाल को समझकर निर्णय लें।

बड़ी आर्थिक घोषणाओं के बावजूद शेयर बाजार में उछाल नहीं दिख रहा है। अमेरिकी टैरिफ वॉर, रुपये की कमजोरी, विदेशी निवेशकों की बिकवाली और कमजोर तिमाही नतीजों ने बाजार को दबाव में डाल दिया है। निवेशकों को इस समय सोच-समझकर निवेश करने की जरूरत है।

 

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