फवाद खान और माहिरा खान की फिल्म ‘द लीजेंड ऑफ मौला जट्ट’ विवादों में घिरी

पाकिस्तानी फिल्म ‘द लीजेंड ऑफ मौला जट्ट’ को लेकर भारत में विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। फवाद खान (Fawad Khan) और माहिरा खान (Mahira Khan) की इस फिल्म की रिलीज के खिलाफ कई राज्यों में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया। इस बीच, भारतीय थिएटर एक्टर इमरान जाहिद ने फिल्म का समर्थन करते हुए सरकार से RTI फाइल कर दी है। उनका कहना है कि पाकिस्तानी आर्टिस्ट और फिल्मों को लेकर सरकार का रुख स्पष्ट होना चाहिए।
फिल्म की रिलीज और विरोध: क्या है मामला?
पाकिस्तानी फिल्म ‘द लीजेंड ऑफ मौला जट्ट’ 2022 में पाकिस्तान सहित विदेशों में शानदार प्रदर्शन कर चुकी है। इस फिल्म को भारतीय सिनेमाघरों में 10 साल बाद किसी पाकिस्तानी फिल्म की रिलीज के रूप में देखा जा रहा था। शुरुआत में इसे सिर्फ पंजाब में रिलीज करने की बात कही गई, लेकिन विरोध के चलते रिलीज रोक दी गई।
मुख्य विवाद के कारण:
- कई संगठनों ने पाकिस्तानी फिल्म की रिलीज का विरोध किया।
- सोशल मीडिया और अन्य प्लेटफॉर्म्स पर इसका कड़ा विरोध दर्ज किया गया।
- पंजाब सहित अन्य राज्यों में राजनीतिक दबाव के कारण रिलीज टाल दी गई।
भारतीय थिएटर एक्टर इमरान जाहिद का समर्थन
भारतीय थिएटर एक्टर इमरान जाहिद ने ‘मौला जट्ट 2’ के समर्थन में RTI फाइल की है। उनका उद्देश्य सरकार से यह जानना है कि:
- क्या पाकिस्तानी आर्टिस्ट और फिल्मों के काम करने पर भारत में कोई पाबंदी है?
- भारतीय निर्माता और कलाकार पाकिस्तानी ड्रामा के एडॉप्टेशन पर काम कर सकते हैं या नहीं?
इमरान जाहिद ने महेश भट्ट के साथ मिलकर पाकिस्तानी शो ‘हमसफर’ के भारतीय एडॉप्टेशन की घोषणा की थी। मौजूदा हालात को देखते हुए वह चिंतित हैं कि कहीं उनके प्रोजेक्ट पर भी रोक न लगा दी जाए।
इमरान जाहिद की RTI फाइलिंग पर उनका बयान

इमरान जाहिद ने एक इंटरव्यू में कहा:
“जब ‘द लीजेंड ऑफ मौला जट्ट’ की रिलीज की घोषणा की गई थी, तभी मैंने विदेश मंत्रालय और सूचना प्रसारण मंत्रालय में RTI फाइल की। हमारा मकसद यह जानना है कि क्या पाकिस्तानी फिल्मों और आर्टिस्ट पर भारत में बैन है। अगर बैन है, तो इसकी स्पष्ट जानकारी होनी चाहिए। हम पाकिस्तानी ड्रामा के एडॉप्टेशन पर काम कर रहे हैं, इसलिए हमें इस स्थिति की सही जानकारी चाहिए।”
इमरान का मानना है कि फिल्म इंडस्ट्री के कलाकारों और निर्माताओं को इस मामले की जानकारी होना बेहद जरूरी है।
‘मौला जट्ट 2’ पर क्यों हो रहा है विवाद?
- भारत-पाकिस्तान संबंध: पिछले कुछ वर्षों से दोनों देशों के बीच तनावपूर्ण संबंधों के कारण पाकिस्तानी कलाकारों पर प्रतिबंध लगा दिया गया था।
- स्थानीय संगठनों का विरोध: कुछ संगठनों का मानना है कि पाकिस्तान की फिल्में भारतीय संस्कृति के खिलाफ हैं।
- राजनीतिक बयानबाजी: कुछ राजनीतिक पार्टियों ने भी फिल्म की रिलीज को लेकर विरोध दर्ज कराया है।
‘मौला जट्ट 2’ की खासियत क्या है?
‘द लीजेंड ऑफ मौला जट्ट’ पाकिस्तानी सिनेमा की सबसे बड़ी ब्लॉकबस्टर फिल्म मानी जाती है। फिल्म में फवाद खान और माहिरा खान मुख्य भूमिकाओं में हैं।
- डायरेक्टर: बिलाल लशारी
- शैली: एक्शन-ड्रामा
- बजट: लगभग 80 करोड़ रुपये
- अंतरराष्ट्रीय सफलता: इस फिल्म ने पाकिस्तान के साथ-साथ विदेशों में भी शानदार कमाई की।
पाकिस्तानी कलाकारों पर बैन का इतिहास
भारत में 2016 के बाद से पाकिस्तानी कलाकारों पर अनौपचारिक रूप से बैन लगा दिया गया था। उरी हमले के बाद यह विवाद गहराया और कई भारतीय संगठनों ने पाकिस्तानी आर्टिस्ट्स के काम करने पर पाबंदी की मांग की। इसके बाद कई फिल्मों और टीवी शोज में पाकिस्तानी कलाकारों को रिप्लेस कर दिया गया।
प्रमुख उदाहरण:
- फवाद खान को ‘ऐ दिल है मुश्किल’ से बाहर करने की मांग हुई।
- माहिरा खान को ‘रईस’ में शाहरुख खान के साथ काम करने पर आलोचना का सामना करना पड़ा।
RTI से क्या जवाब आने की उम्मीद?
इमरान जाहिद की RTI के जरिए सरकार से कुछ स्पष्ट जवाब आने की उम्मीद है:
- क्या भारतीय सिनेमाघरों में पाकिस्तानी फिल्मों को बैन किया गया है?
- क्या पाकिस्तानी कलाकार भारत में काम कर सकते हैं?
- पाकिस्तानी कंटेंट के भारतीय वर्जन या एडॉप्टेशन पर क्या नियम लागू होंगे?
भारतीय कलाकारों की चिंता
इमरान जाहिद का कहना है कि पाकिस्तानी कलाकारों के साथ-साथ भारतीय निर्माताओं को भी इस स्थिति में नुकसान हो सकता है।
“फिल्में और कला सीमाओं से परे होती हैं। लेकिन यदि कोई बैन या प्रतिबंध है, तो उसे स्पष्ट करना जरूरी है। इससे भारतीय कलाकारों को सही दिशा मिल सकेगी।”
‘मौला जट्ट 2’ का भविष्य क्या होगा?

‘द लीजेंड ऑफ मौला जट्ट’ की रिलीज भले ही अभी टाल दी गई हो, लेकिन इसने भारत-पाकिस्तान के सांस्कृतिक संबंधों पर एक नई बहस छेड़ दी है। इमरान जाहिद की RTI से यह उम्मीद की जा रही है कि सरकार का रुख साफ हो सकेगा।
फिल्म इंडस्ट्री के लिए यह एक अहम मुद्दा है, क्योंकि कला और सिनेमा को सीमाओं से परे माना जाता है। अब देखना यह है कि सरकार की तरफ से इस RTI पर क्या जवाब आता है और इसका क्या असर भारतीय फिल्म इंडस्ट्री पर पड़ेगा।
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