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Toggleपंडित दीनदयाल उपाध्याय पशु आरोग्य मेला
मिहींपुरवा, बहराइच। तहसील क्षेत्र के ग्राम परवानीगौढ़ी में पशुपालन विभाग द्वारा पंडित दीनदयाल उपाध्याय पशु आरोग्य मेले का आयोजन किया गया। इस मेले में पशुपालकों को पशु चिकित्सा, बीमारियों की रोकथाम और उनके इलाज से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी दी गई। इसके अलावा, निशुल्क दवाओं का वितरण भी किया गया, जिससे बड़ी संख्या में पशुपालक लाभान्वित हुए।
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पशुपालकों को दी गई पशु चिकित्सा संबंधी जानकारी
पशु बीमारियों की रोकथाम पर जोर
पशु चिकित्साधिकारी जेपी वर्मा ने उपस्थित पशुपालकों को पशुओं में होने वाली आम बीमारियों और उनके बचाव के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सही देखभाल और समय पर इलाज से पशुओं को गंभीर बीमारियों से बचाया जा सकता है।
मुख्यमंत्री जन सहभागिता योजना की जानकारी
उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री जन सहभागिता योजना के तहत गौशाला से अधिकतम चार पशु लेकर प्रति पशु ₹1500 प्रतिमाह की आर्थिक सहायता प्राप्त की जा सकती है। यह योजना किसानों और पशुपालकों के लिए फायदेमंद साबित हो रही है।
पशुपालन विभाग ने किया निशुल्क दवा वितरण
सैकड़ों पशु लाभान्वित
मेले के दौरान पशुपालन विभाग द्वारा 135 बड़े पशुओं और 387 छोटे पशुओं को निशुल्क कीड़े की दवा, मिनरल मिक्सर और अन्य आवश्यक दवाएं वितरित की गईं।
पशु चिकित्सा एंबुलेंस सेवा की सलाह
पशु चिकित्सा एंबुलेंस सेवा के अधिकारी डॉ. जय प्रकाश मौर्य ने पशुपालकों को सलाह दी कि वे अपने पशुओं को समय-समय पर कीड़ों से बचाने की दवा दें, जिससे उनकी सेहत अच्छी बनी रहे।
पशुपालन में आधुनिक तकनीकों का महत्व
कृत्रिम गर्भाधान के फायदे
पशुधन प्रसार अधिकारी संतोष चौहान ने कृत्रिम गर्भाधान से होने वाले लाभों के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि इस तकनीक से उन्नत नस्ल की बछिया प्राप्त की जा सकती है, जिससे पशुपालकों को अधिक मुनाफा हो सकता है।
नर पशुओं के बधियाकरण की सलाह
पशुधन प्रसार अधिकारी मनोहर लाल ने बताया कि नर पशुओं का समय पर बधियाकरण (नसबंदी) करवाने से उनकी कार्यक्षमता बढ़ती है और वे अधिक उपयोगी बनते हैं। उन्होंने पशुपालकों को समय पर यह प्रक्रिया कराने की सलाह दी।
पशुपालकों के लिए मेले का महत्व
गांव-गांव तक पहुंचाई जा रही सेवाएं
पशुपालन विभाग के अधिकारी इस तरह के मेले आयोजित कर ग्रामीण पशुपालकों को आधुनिक पशु चिकित्सा और देखभाल से जोड़ने का प्रयास कर रहे हैं। यह पशुपालन व्यवसाय को मजबूत करने और पशुपालकों की आय बढ़ाने में मददगार साबित हो रहा है।
पशुपालकों ने मेले की सराहना की
मेले में आए ग्रामीण पशुपालकों ने निशुल्क दवा वितरण और पशु चिकित्सा सेवाओं को लेकर प्रशासन की सराहना की। उनका कहना था कि इस तरह के आयोजनों से पशुपालकों को न केवल जागरूकता मिलती है बल्कि उनके पशुओं के स्वास्थ्य की भी बेहतर देखभाल संभव होती है।
मेले में शामिल अधिकारी और पशुपालक
इस अवसर पर कई पशुपालन अधिकारी, पैरावेट और ग्रामीण पशुपालक उपस्थित रहे। प्रमुख रूप से सुनील कुमार, संदीप कुमार, सुग्रीव कुमार, विद्या प्रकाश, नंद कुमार और ओमकार ने कार्यक्रम में अपनी भूमिका निभाई।
पंडित दीनदयाल उपाध्याय पशु आरोग्य मेला पशुपालकों के लिए एक महत्वपूर्ण पहल साबित हुआ, जिससे उन्हें पशु चिकित्सा, रोग रोकथाम और आधुनिक पशुपालन तकनीकों की जानकारी प्राप्त हुई। ऐसे आयोजनों से पशुपालन को और भी बढ़ावा मिलेगा और ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत होगी।