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Wednesday, February 5, 2025

“प्रधानमंत्री मोदी ने जताया जाकिर हुसैन के निधन पर शोक, भारतीय संगीत के क्रांति दूत थे”

जाकिर हुसैन के निधन पर पीएम मोदी और राष्ट्रपति मुर्मू का शोक संदेश

प्रधानमंत्री मोदी ने जताया जाकिर हुसैन के निधन पर शोक
प्रधानमंत्री मोदी ने जताया जाकिर हुसैन के निधन पर शोक

महान तबला वादक उस्ताद जाकिर हुसैन का निधन भारतीय संगीत जगत के लिए अपूरणीय क्षति है। 73 वर्ष की आयु में उनका निधन सैन फ्रांसिस्को, कैलिफोर्निया में हुआ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू समेत कई प्रमुख हस्तियों ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया और उनके योगदान को सराहा।

प्रधानमंत्री मोदी का शोक संदेश

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उस्ताद जाकिर हुसैन के निधन पर गहरी संवेदना व्यक्त की। उन्होंने अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स पर लिखा, “महान तबला वादक उस्ताद जाकिर हुसैन जी के निधन से बहुत दुख हुआ। वे भारतीय शास्त्रीय संगीत के क्रांति दूत थे।” पीएम मोदी ने जाकिर हुसैन को एक सच्चे प्रतिभाशाली कलाकार के रूप में याद किया, जिन्होंने तबले को वैश्विक मंच पर पहचान दिलाई।

प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि उस्ताद हुसैन के प्रतिष्ठित प्रदर्शन और उनके बेजोड़ लय ने लाखों लोगों को मंत्रमुग्ध किया और भारतीय शास्त्रीय संगीत को वैश्विक संगीत से जोड़ने में उनकी भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण रही।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का संवेदना संदेश

प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति मुर्मू ने दिग्गज तबला वादक उस्ताद जाकिर हुसैन के निधन पर शोक

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भी उस्ताद जाकिर हुसैन के निधन पर गहरी संवेदना व्यक्त की। उन्होंने उन्हें “तबला के जादूगर” के रूप में याद किया और उनकी असाधारण रचनात्मकता की सराहना की। राष्ट्रपति मुर्मू ने यह भी कहा कि जाकिर हुसैन की संगीत रचनाएं दुनियाभर के संगीत प्रेमियों को प्रेरित करती रहेंगी और वे भारतीय और पश्चिमी संगीत परंपराओं के बीच एक सेतु थे।

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे का शोक संदेश

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी उस्ताद जाकिर हुसैन के निधन पर शोक व्यक्त किया। उन्होंने कहा, “भारत और दुनिया ने एक संगीत सम्राट को खो दिया है। उनकी धुनों ने सीमाओं और पीढ़ियों को एक-दूसरे से जोड़ा था।” खड़गे ने अपने शोक संदेश में जाकिर हुसैन के परिवार और उनके प्रशंसकों के प्रति संवेदनाएं व्यक्त की।

जाकिर हुसैन के योगदान और उनके पुरस्कार

जाकिर हुसैन का संगीत जीवन

उस्ताद जाकिर हुसैन का संगीत जीवन बेहद समृद्ध और प्रेरणादायक था। उनकी बेजोड़ तबला वादन की शैली ने उन्हें एक अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाई। उन्होंने भारतीय शास्त्रीय संगीत को पश्चिमी दुनिया में लोकप्रिय बनाया और इसके प्रति वैश्विक सराहना पैदा की।

प्रमुख पुरस्कार और सम्मान

अपने शानदार करियर में उस्ताद जाकिर हुसैन को कई महत्वपूर्ण पुरस्कार और सम्मान मिले। उन्हें 1990 में संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से नवाजा गया था, और 2018 में रत्ना सदस्य फेलोशिप भी मिली थी। इसके अलावा, 1999 में उन्हें यूनाइटेड स्टेट्स नेशनल हेरिटेज फेलोशिप से सम्मानित किया गया, जो पारंपरिक कलाकारों के लिए सबसे बड़ा सम्मान माना जाता है।

ग्रैमी पुरस्कारों की उपलब्धि

उस्ताद जाकिर हुसैन ने अपनी कला के माध्यम से भारतीय शास्त्रीय संगीत को वैश्विक मंच पर स्थापित किया। उन्हें सात बार ग्रैमी पुरस्कार के लिए नामांकित किया गया, जिसमें से उन्होंने चार बार इस प्रतिष्ठित पुरस्कार को अपने नाम किया। यह उनकी संगीत की महानता और विश्वभर में संगीत प्रेमियों के दिलों पर उनके प्रभाव का प्रमाण है।

उस्ताद जाकिर हुसैन का प्रभाव और विरासत

भारतीय शास्त्रीय संगीत का वैश्विक चेहरा

उस्ताद जाकिर हुसैन की विशेषता यह थी कि उन्होंने भारतीय शास्त्रीय संगीत को न केवल भारत में बल्कि पूरी दुनिया में सम्मान दिलाया। उनके तबला वादन की लय और तकनीकी कौशल ने उन्हें दुनिया के सबसे महान तबला वादकों में शुमार किया। उन्होंने भारतीय और पश्चिमी संगीत परंपराओं के बीच एक सेतु का कार्य किया, जिससे दोनों संस्कृतियों के बीच आदान-प्रदान को बढ़ावा मिला।

सांस्कृतिक एकता और प्रेरणा का प्रतीक

उस्ताद जाकिर हुसैन की कला सांस्कृतिक एकता का प्रतीक बनी। उन्होंने भारतीय संगीत को एक अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाई और भारतीय संगीतकारों को वैश्विक मंच पर प्रतिष्ठित किया। उनकी संगीत रचनाओं ने लाखों संगीत प्रेमियों और कलाकारों को प्रेरित किया।

भविष्य की पीढ़ियों के लिए प्रेरणा

उस्ताद जाकिर हुसैन के योगदान का मूल्यांकन केवल उनके समय तक सीमित नहीं है। उनकी कृतियां आने वाली पीढ़ियों के लिए एक प्रेरणा बनेंगी और भारतीय शास्त्रीय संगीत की धारा को सशक्त बनाएंगी। उनका संगीत और कला हमेशा जीवित रहेगा, और वे हमेशा संगीत के क्षेत्र में एक आदर्श के रूप में याद किए जाएंगे।

उस्ताद जाकिर हुसैन के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, और अन्य प्रमुख नेताओं द्वारा व्यक्त की गई संवेदनाएं दर्शाती हैं कि उनका प्रभाव कितना गहरा और व्यापक था। वे भारतीय शास्त्रीय संगीत के एक महत्वपूर्ण स्तंभ थे, और उनकी संगीत यात्रा ने न केवल भारत, बल्कि पूरे विश्व को एक नई दिशा दिखाई। उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा और उनकी विरासत आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेगी।

 

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