सीमावर्ती गांव में कंप्यूटर प्रशिक्षण: एसएसबी ने युवाओं को डिजिटल साक्षर बनाने की पहल
बहराइच। नेपाल सीमा से लगे गांवों में डिजिटल साक्षरता को बढ़ावा देने के लिए एसएसबी 59वीं बटालियन ने सीमावर्ती गांव में कंप्यूटर प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया। इस प्रशिक्षण में युवाओं को आधुनिक तकनीक की जानकारी देकर उन्हें डिजिटल युग के लिए तैयार किया गया।
एसएसबी का सीमावर्ती गांव में कंप्यूटर प्रशिक्षण कार्यक्रम
एसएसबी 59वीं बटालियन ने बहराइच जिले के बलई गांव में एक माह का कंप्यूटर प्रशिक्षण शिविर आयोजित किया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता बटालियन कमांडेंट कैलाश चंद रमोला ने की, जबकि मुख्य अतिथि प्रभागीय वनाधिकारी अजीत प्रताप सिंह रहे।
कार्यक्रम के दौरान एसएसबी के उप-कमांडेंट अभिनव कश्यप ने कहा कि एसएसबी न केवल सीमाओं की सुरक्षा करता है बल्कि समाज कल्याण और युवाओं के सशक्तिकरण के लिए भी प्रतिबद्ध है। इस प्रशिक्षण का उद्देश्य सीमावर्ती युवाओं को डिजिटल साक्षरता प्रदान कर तकनीकी रूप से सशक्त बनाना था।
सीमावर्ती गांव में कंप्यूटर प्रशिक्षण से युवाओं को क्या मिला?
इस 30 दिनों के प्रशिक्षण में कुल 40 प्रतिभागियों ने भाग लिया, जिन्हें निम्नलिखित विषयों पर ट्रेनिंग दी गई:
- कंप्यूटर संचालन
- टाइपिंग और माइक्रोसॉफ्ट ऑफिस का उपयोग
- इंटरनेट ब्राउज़िंग और ईमेल संचालन
- साइबर सुरक्षा की जानकारी
इस प्रशिक्षण के बाद, प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र प्रदान किए गए। इसके अलावा, ग्राम सलारपुर के अनुराग सिंह को उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए एक कंप्यूटर सेट भी भेंट किया गया, जिसे प्रभागीय वनाधिकारी अजीत प्रताप सिंह ने प्रदान किया।
सीमावर्ती गांव में कंप्यूटर प्रशिक्षण पर विशेषज्ञों की राय
प्रभागीय वनाधिकारी अजीत प्रताप सिंह ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि “सीमावर्ती गांव में कंप्यूटर प्रशिक्षण” डिजिटल क्रांति लाने में सहायक होगा और यहां के युवाओं को नई तकनीकों से परिचित कराएगा। उन्होंने युवाओं से सीखने की प्रक्रिया को निरंतर जारी रखने और अपने ज्ञान का उपयोग राष्ट्र निर्माण में करने का आह्वान किया।
समारोह में मौजूद गणमान्य अतिथि
इस अवसर पर कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे, जिनमें शामिल थे:
- विजय कुमार मिश्रा (रेंजर)
- नसीम खान (जिला कौशल विकास अधिकारी)
- विजेंद्र लाकरा (सीमा शुल्क निरीक्षक, मिहींपुरवा)
- कृष्ण कुमार (पोस्ट मास्टर, उप-डाकघर मिहींपुरवा)
- ग्राम प्रधान, दिव्यांशु मिश्रा (संस्कार एजुकेशनल एंड वेलफेयर सोसाइटी के डायरेक्टर)
एसएसबी का सीमावर्ती गांव में कंप्यूटर प्रशिक्षण युवाओं को डिजिटल युग में आगे बढ़ने में मदद करेगा। इस तरह के कार्यक्रम सीमावर्ती क्षेत्रों में डिजिटल क्रांति लाने और युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
और पढ़ें: बहराइच में एसएसबी कंप्यूटर प्रशिक्षण का समापन, सीमावर्ती क्षेत्र में कौशल विकास को बढ़ावा