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Thursday, February 6, 2025

सुशासन सप्ताह : बहराइच में गुड गवर्नेन्स कार्यशाला और महिला सशक्तिकरण की पहल

सुशासन और ग्रामीण विकास की दिशा में महत्वपूर्ण कदम

सुशासन सप्ताह अन्तर्गत गुड गवर्नेन्स की थीम पर आयोजित हुई कार्यशाला
सुशासन सप्ताह अन्तर्गत गुड गवर्नेन्स की थीम पर आयोजित हुई कार्यशाला

बहराइच। भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिवस के अवसर पर ‘सुशासन सप्ताह 2024’ के तहत जिले में ‘प्रशासन गांव की ओर’ अभियान की शुरुआत हुई। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य सुशासन के माध्यम से नागरिकों के जीवन स्तर को सुधारना है। जिलाधिकारी मोनिका रानी के निर्देशानुसार विकास भवन सभागार में ‘गुड गवर्नेन्स’ की थीम पर एक कार्यशाला आयोजित की गई। इस कार्यशाला की अध्यक्षता मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) मुकेश चंद्र ने की।

गुड गवर्नेन्स की भूमिका पर चर्चा

कार्यशाला में सीडीओ चंद्र ने सुशासन की महत्ता पर जोर देते हुए कहा, “सुशासन नागरिकों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने का एक प्रभावी माध्यम है। यह नवाचार और प्रभावी रणनीतियों के माध्यम से जनपद के विकास में योगदान देता है।” कार्यशाला के दौरान ग्रामीण विकास, महिला सशक्तिकरण, डिजिटल पहल और पर्यावरण संरक्षण जैसे क्षेत्रों में किए गए उत्कृष्ट कार्यों को डॉक्यूमेंट्री के माध्यम से प्रस्तुत किया गया।

डॉक्यूमेंट्री ने यह दिखाया कि नवाचार और प्रभावी नीतियों के जरिए जिले ने किस तरह उल्लेखनीय परिणाम हासिल किए। इसके माध्यम से अधिकारियों को नई रणनीतियों को अपनाने और सुशासन सुनिश्चित करने की प्रेरणा मिली।

प्रधानमंत्री आवास योजना और मुख्यमंत्री आवास योजना के लाभार्थी हुए सम्मानित

कार्यशाला के दौरान प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) और मुख्यमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के लाभार्थियों को स्वीकृति पत्र और चाभी वितरित किए गए। इसके अलावा स्वच्छ शौचालय योजना के लाभार्थियों को भी स्वीकृति पत्र प्रदान किए गए। इन योजनाओं के माध्यम से सरकार का उद्देश्य नागरिकों के जीवन स्तर में सुधार लाना है।

237 स्वयं सहायता समूहों को सामुदायिक निवेश निधि का वितरण

राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत 237 स्वयं सहायता समूहों को कुल ₹ 3,55,50,000.00 करोड़ की सामुदायिक निवेश निधि (सीआईएफ) प्रदान की गई। यह निधि समूहों को स्वरोजगार और आजीविका के बेहतर अवसर प्रदान करने के उद्देश्य से दी गई। इसके साथ ही, 67 स्वयं सहायता समूहों को कुल ₹ 20,10,000.00 लाख का रिवाल्विंग फंड वितरित किया गया।

महिला सशक्तिकरण की दिशा में बढ़ते कदम

कार्यशाला के दौरान महिला सशक्तिकरण को प्राथमिकता दी गई। सीडीओ चंद्र ने बताया कि कैसे स्वयं सहायता समूह महिलाओं को आत्मनिर्भर बना रहे हैं। सामुदायिक निवेश निधि और रिवाल्विंग फंड जैसे वित्तीय समर्थन से महिलाओं को छोटे उद्योगों और व्यवसायों में शामिल होने का अवसर मिला है।

डिजिटल पहल और पर्यावरण संरक्षण पर जोर

डिजिटल इंडिया अभियान के तहत जिले में डिजिटल पहल को बढ़ावा दिया गया है। ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल शिक्षा, ई-गवर्नेन्स और ऑनलाइन सेवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है। साथ ही, पर्यावरण संरक्षण के तहत वृक्षारोपण और जल संरक्षण जैसे अभियानों को विशेष महत्व दिया गया।

सुशासन की दिशा में अधिकारियों का योगदान

कार्यशाला के दौरान अधिकारियों ने जनपद स्तर पर सुशासन सुनिश्चित करने के लिए अपनाई जा रही रणनीतियों पर चर्चा की। सीडीओ चंद्र ने कहा, “सुनिश्चित सुशासन के लिए सभी विभागों के बीच समन्वय आवश्यक है।”

गुड गवर्नेन्स के तहत जिले में किए गए सराहनीय कार्य:

  1. ग्रामीण विकास: ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे के विकास पर ध्यान केंद्रित किया गया है।
  2. महिला सशक्तिकरण: महिलाओं के लिए स्वरोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए विभिन्न योजनाएं लागू की गई हैं।
  3. डिजिटल पहल: डिजिटल इंडिया के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में ई-गवर्नेन्स को बढ़ावा दिया गया।
  4. पर्यावरण संरक्षण: पर्यावरण संरक्षण के लिए वृक्षारोपण और जल संरक्षण अभियान चलाए गए।

सुशासन सप्ताह के तहत भविष्य की योजनाएं

कार्यशाला में अधिकारियों ने सुशासन को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए भविष्य की योजनाओं पर चर्चा की। इनमें ग्रामीण विकास, महिला सशक्तिकरण और डिजिटल पहल को प्राथमिकता देने की बात कही गई।

समाज के प्रति जागरूकता फैलाने की पहल

सुशासन सप्ताह के दौरान जिले में विभिन्न जागरूकता कार्यक्रम भी आयोजित किए गए। इन कार्यक्रमों का उद्देश्य नागरिकों को सरकारी योजनाओं और उनके लाभ के बारे में जागरूक करना था।

‘सुशासन सप्ताह 2024’ के तहत बहराइच में आयोजित कार्यशाला ने जिले के विकास की दिशा में एक नई ऊर्जा प्रदान की। गुड गवर्नेन्स, ग्रामीण विकास और महिला सशक्तिकरण जैसे विषयों पर ध्यान केंद्रित कर प्रशासन ने नागरिकों के जीवन में सुधार लाने की प्रतिबद्धता दिखाई है। सामुदायिक निवेश निधि और रिवाल्विंग फंड के माध्यम से स्वयं सहायता समूहों को वित्तीय समर्थन प्रदान कर सरकार ने महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है।

 

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