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Toggleटीम इंडिया के प्रदर्शन पर सवालिया निशान

पिछले कुछ समय से टीम इंडिया का प्रदर्शन टेस्ट क्रिकेट में निराशाजनक रहा है। ऑस्ट्रेलिया दौरे पर मिली हार और न्यूजीलैंड के खिलाफ घरेलू ‘व्हाइटवॉश’ ने भारतीय क्रिकेट प्रशंसकों को निराश किया। पिछले 8 टेस्ट मैचों में से 6 में हार के बाद सवाल उठ रहा है कि फ्यूचर की टीम इंडिया कैसी होगी?
फ्यूचर की टीम इंडिया: बल्लेबाजों की भरमार
भारतीय क्रिकेट में हमेशा से ही बल्लेबाजी की गहराई रही है। भविष्य की टीम इंडिया के बल्लेबाजों की सूची देखें तो इसमें तमिलनाडु के साई सुदर्शन और देवदत्त पडिक्कल जैसे नाम उभरकर सामने आते हैं।
साई सुदर्शनयह युवा खब्बू बल्लेबाज हाल ही में ऑस्ट्रेलिया-ए के खिलाफ भारत-ए के लिए खेलते हुए चर्चा में आया। हालांकि, फिलहाल वह स्पोर्ट्स हर्निया के कारण रिहैबिलिटेशन में हैं।
देवदत्त पडिक्कल
बाएं हाथ के इस बल्लेबाज को टेस्ट क्रिकेट का अनुभव है और वह घरेलू क्रिकेट में लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं।
अन्य विकल्प
ऋतुराज गायकवाड़, रजत पाटीदार, और श्रेयस अय्यर जैसे नाम भी फ्यूचर की टीम इंडिया के बल्लेबाजी क्रम को मजबूती देने की क्षमता रखते हैं। हालांकि, अय्यर की शॉर्ट गेंदों के खिलाफ कमजोरी और पाटीदार की कंसिस्टेंसी टीम के लिए चिंता का विषय है।
तेज गेंदबाजी: कमजोर कड़ी
फ्यूचर की टीम इंडिया की सबसे बड़ी कमजोरी तेज गेंदबाजी में नजर आती है। मौजूदा तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह और मोहम्मद शमी के प्रदर्शन का स्तर हासिल करने में नाकाम रहे हैं।
जसप्रीत बुमराह की कमी
ऑस्ट्रेलिया दौरे पर बुमराह को दूसरे छोर से सपोर्ट नहीं मिला, जिससे उनका वर्कलोड काफी बढ़ गया। उनकी गैरमौजूदगी में टीम की गेंदबाजी कमजोर दिखी।
मोहम्मद सिराज और प्रसिद्ध कृष्णा
- सिराज ने अब तक 36 टेस्ट खेले हैं, लेकिन वह मैच का रुख बदलने वाले गेंदबाज साबित नहीं हो पाए।
- प्रसिद्ध कृष्णा के पास गति तो है, लेकिन वह कंसिस्टेंट लाइन और लेंथ पर गेंदबाजी करने में असफल रहे हैं।
बाएं हाथ के गेंदबाजों की कमी
भारतीय क्रिकेट में बाएं हाथ के तेज गेंदबाजों की कमी लंबे समय से महसूस की जा रही है।
- अर्शदीप सिंह: सीमित ओवरों के क्रिकेट में सफल, लेकिन टेस्ट में प्रभाव नहीं डाल सके।
- यश दयाल और खलील अहमद: दोनों ही निरंतर प्रदर्शन करने में असफल रहे हैं।
घरेलू क्रिकेट में संभावनाएं
घरेलू क्रिकेट, खासकर रणजी ट्रॉफी, में तेज गेंदबाजों की खोज जारी है। हालांकि, चयनकर्ताओं के पास विकल्प सीमित हैं।
रोहित शर्मा और विराट कोहली का भविष्य
टीम इंडिया के दिग्गज बल्लेबाज रोहित शर्मा और विराट कोहली के टेस्ट करियर पर भी सवाल उठ रहे हैं।
- रोहित शर्मा: खराब फॉर्म ने उनके टेस्ट भविष्य को अधर में डाल दिया है।
- विराट कोहली: लंबे समय से शतक न बनाने की वजह से उनकी स्थिति भी टीम में कमजोर हुई है।
राष्ट्रीय चयन समिति के पास इन दोनों खिलाड़ियों की जगह लेने के लिए साई सुदर्शन, देवदत्त पडिक्कल, और अभिमन्यु ईश्वरन जैसे खिलाड़ी मौजूद हैं।
फ्यूचर की टीम इंडिया को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा।
- गेंदबाजी में निरंतरता: तेज गेंदबाजों को तैयार करने के लिए घरेलू स्तर पर काम करना होगा।
- अनुभवी खिलाड़ियों का विकल्प: रोहित और कोहली जैसे अनुभवी खिलाड़ियों का विकल्प तैयार करना जरूरी है।
- AI और डेटा का उपयोग: क्रिकेट में आधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल कर प्रदर्शन में सुधार किया जा सकता है।
बदलाव की शुरुआत
फरवरी में घरेलू सीजन खत्म होने और जून में इंग्लैंड दौरे से पहले भारतीय चयन समिति को बड़े फैसले लेने होंगे। टीम इंडिया को बेहतर बनाने के लिए युवा खिलाड़ियों को अधिक मौके देने की जरूरत है।
बल्लेबाजी मजबूत, गेंदबाजी सुधार की जरूरत

फ्यूचर की टीम इंडिया बल्लेबाजी के मामले में मजबूत दिख रही है, लेकिन गेंदबाजी, खासकर तेज गेंदबाजी, को लेकर गंभीर चिंताएं हैं। अगर चयनकर्ता सही दिशा में काम करें और युवा प्रतिभाओं को तराशें, तो टीम इंडिया भविष्य में फिर से अपनी बादशाहत कायम कर सकती है।
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