ग्रामीणों के साथ राइफल लेकर गश्त पर निकले क्षेत्रीय विधायक, डीएफओ भेड़िए के हमले से कर रहे इनकार
बहराइच। मुख्यमंत्री के दौरे के बाद भी जिले के गांवों में भेड़िया का आतंक जारी है। रविवार की रात एक बालक को घायल करने के बाद सोमवार की रात भेड़िया एक बकरी उठा ले गया। ग्रामीणों तथा वन विभाग की टीम ने क्षेत्रीय विधायक सुरेश्वर सिंह के साथ खेत को घेर लिया। सर्च आपरेशन में बकरी का शव मिला।लेकिन भेड़िया अंधेरे का लाभ उठाकर भाग गया। मालूम हो कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जिले के भेड़िया प्रभावित गांव सिसैया चूड़ामणि का दौरा किया था और अधिकारियों को जल्द से जल्द आदमखोर को पकड़ने का निर्देश दिया था। मगर इस बीच भेड़िये ने एक बालक को घायल कर दिया और एक बकरी को मार डाला। दूसरी तरफ बहराइच के डीएफओ अजीत सिंह का कहना है कि बालक को घायल करने वाला जानवर भेड़िया नहीं है। यदि डीएफओ की बात पर भरोसा किया जाए तो क्या क्षेत्र में कोई और भी जानवर सक्रिय हैं। क्योंकि हमले थम नहीं रहे हैं। कभी बालक तो कभी बकरी जानवर की चपेट में आ रहे हैं। गौरतलब हो कि बहराइच में करीब तीन महीने से भेड़ियों का आतंक जारी है। आदमखोर भेड़िये अब तक 9 लोगों को अपना शिकार बना चुके हैं। दर्जनों को घायल कर चुके हैं। इंसान के साथ-साथ वे पालतू जानवरों पर भी हमला कर रहे हैं। फिलहाल, 5 भेड़िये पकड़े जा चुके हैं। मगर छठा (लंगड़ा भेड़िया) फरार है। जिसके चलते महसी तहसील समेत करीब 50 गांवों में खौफ का माहौल है। बीती रात (16 अगस्त) को भेड़िया महसी के उसी गांव सिसैया चूड़ामणि से एक बकरी को उठा ले गया, जहां दो दिन पहले सीएम योगी आदित्यनाथ ने दौरा किया था। सीएम योगी ने यहां भेड़ियों के हमले के पीड़ित परिवारों से सामूहिक मुलाकात की थी। इस घटना की जानकारी मिलते ही बीजेपी विधायक सुरेश्वर सिंह सैकड़ों ग्रामीणों के साथ बंदूक लेकर सर्च ऑपरेशन के लिए निकल पड़े और घने गन्ने के खेतों में गश्त करने लगे। सूचना पाते ही आनन-फानन में डीएफओ अजीत सिंह भी ड्रोन कैमरे व जाल के साथ मौके पर पहुंच गए। बड़ी संख्या में वन कर्मी और ग्रामीण पूरी रात गश्त करते रहे। लेकिन भेड़िया नहीं मिला। हालांकि, वो बकरी जिसे लेकर भेड़िया भागा था वह मृत अवस्था में पड़ी जरूर मिल गई। लोगों का कहना है कि गनीमत रही कि भेड़िया बकरी की जगह किसी बच्चे को उठाकर नहीं ले गया। ऑपरेशन भेड़िया के तहत वन विभाग ने प्रभावित इलाके को तीन सेक्टर में बांट रखा है। यहां वन विभाग, राजस्व, ग्राम विकास समेत पुलिस की 100 से अधिक टीमें लगातार कॉम्बिंग व सर्च ऑपरेशन चला रही हैं। लेकिन लंगड़ा भेड़िया पकड़ से दूर है। वह बेहद चालाक है और पिछले एक सप्ताह से वन विभाग को चकमा दे रहा है। पिछले दिनों घाघरा नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ा जिसके चलते महसी क्षेत्र के नदी से सटे निचले इलाकों में बाढ़ आ गई थी, जो वन विभाग के लिए सिरदर्द बन गई है। फिलहाल गांवों में भरा पानी अब लगभग समाप्त हो चुका है। लेकिन घाघरा के कछार के उन इलाकों व खेतों में अभी भी पानी भरा हुआ है जहां भेड़िया छुपा हुआ हो सकता है। डीएफओ ने भेड़िया के हमले में किसी प्रकार की जनहानि होने से इनकार किया है। वह यह भी मानने से इनकार कर रहे हैं कि हमला भेड़िए का नहीं है।