नेपालगंज से उत्तराखंड जा रही थी महिला

रुपईडीहा, बहराइच। 42वीं वाहिनी सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) की सक्रियता के चलते एक बड़ी कार्रवाई में 2.3 किलोग्राम चरस के साथ एक नेपाली महिला को गिरफ्तार किया गया। यह घटना उस समय हुई जब 42वीं वाहिनी एसएसबी के डिप्टी कमांडेंट (प्रचालन) दिलीप कुमार को गुप्त सूचना मिली कि एक नेपाली महिला सवारी बस से नेपालगंज आईसीपी, रुपईडीहा के रास्ते उत्तराखंड जाने की फिराक में है। महिला के पास नशीला पदार्थ होने की सूचना थी।
एसएसबी और पुलिस की संयुक्त टीम ने की जांच
सूचना के आधार पर, 42वीं बटालियन के कार्यवाहक कमांडेंट राज रंजन के पर्यवेक्षण में, दिलीप कुमार और यूपी पुलिस की संयुक्त टीम ने आईसीपी चेक पोस्ट पर चेकिंग अभियान शुरू किया। जांच के दौरान एक नेपाली महिला को रोककर एसएसबी की महिला कार्मिकों द्वारा उसकी तलाशी ली गई।
कमर में छिपाया गया था चरस
तलाशी में महिला की कमर में बंधे कपड़े के फेटे से तीन प्लास्टिक की रंगीन पोटलियां बरामद हुईं, जिनमें संदिग्ध वस्तु पाई गई। इसे डॉग हैंडलर के कुत्ते से सुंघाया गया, जिसने प्रशिक्षित तरीके से संकेत दिया कि यह चरस है। इलेक्ट्रॉनिक बाट से इसका वजन किया गया, जो 2.3 किलोग्राम निकला।
महिला का परिचय और अन्य बरामदगी
गिरफ्तार महिला ने अपना नाम मनमाली घर्ती, पति गन बहादुर घर्ती, उम्र 52 वर्ष बताया। वह नेपाल के घर्तिगौन गाँव पालिका, वार्ड नं. 3, जिला राल्पा की निवासी निकली। तलाशी में महिला के पास से रु 26,000 (500 के भारतीय नोटों में) और एक रेडमी मोबाइल भी बरामद हुआ। महिला ने यह भी स्वीकार किया कि बरामद वस्तु चरस है।
सुपुर्द किया गया पुलिस को
मानवाधिकार और न्यायालय के निर्देशों का पालन करते हुए महिला को गिरफ्तार कर रुपईडीहा पुलिस थाना को सौंप दिया गया। एसएसबी ने यह सुनिश्चित किया कि पूरी कार्रवाई विधिवत और मानवीय तरीके से की जाए।
सीमा पर बढ़ाई गई चौकसी
42वीं वाहिनी के कार्यवाहक कमांडेंट राज रंजन ने बताया कि भारत-नेपाल सीमा पर अवैध तस्करी और नशीले पदार्थों की आवाजाही को रोकने के लिए चौकसी बढ़ा दी गई है। जवान 24 घंटे सतर्क रहकर अपने कर्तव्यों का पालन कर रहे हैं।
सघन अभियान से मिली सफलता
राज रंजन ने बताया कि सीमा पर लगातार सघन अभियान चलाए जा रहे हैं। जवान अपनी जिम्मेदारी ईमानदारी से निभा रहे हैं और नशे के कारोबार पर अंकुश लगाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने आम जनमानस से भी सहयोग की अपील की ताकि इस प्रकार की गतिविधियों को पूरी तरह से रोका जा सके।
नशीले पदार्थों की तस्करी पर अंकुश के प्रयास
भारत-नेपाल सीमा पर नशीले पदार्थों की तस्करी का मामला नया नहीं है। सीमावर्ती इलाकों में एसएसबी और स्थानीय पुलिस लगातार तस्करों के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर रही हैं।
अवैध तस्करी के खिलाफ कार्रवाई
यह मामला सिर्फ नशीले पदार्थों तक सीमित नहीं है। सीमा पर नकली मुद्रा, हथियार और मानव तस्करी जैसी गतिविधियों को रोकने के लिए भी सुरक्षाबल पूरी तरह से सतर्क हैं।
चरस की तस्करी का बढ़ता खतरा
नेपाल और भारत के बीच खुले बॉर्डर का फायदा उठाकर तस्कर नशीले पदार्थों की तस्करी में लिप्त रहते हैं। चरस की तस्करी एक बड़ा मुद्दा है, जिससे समाज पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
चरस तस्करी के सामाजिक प्रभाव
चरस जैसे नशीले पदार्थ न केवल स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं, बल्कि यह अपराध और सामाजिक अस्थिरता को भी बढ़ावा देते हैं। ऐसे में सुरक्षाबलों की सतर्कता से इन गतिविधियों पर अंकुश लगाना आवश्यक है।
आम जनता से सहयोग की अपील
एसएसबी ने स्थानीय नागरिकों से अपील की है कि वे किसी भी संदिग्ध गतिविधि की जानकारी तुरंत पुलिस या एसएसबी को दें। इस प्रकार का सहयोग न केवल सीमा की सुरक्षा को मजबूत करेगा, बल्कि तस्करी के नेटवर्क को भी खत्म करने में मदद करेगा।
सूचना देने वालों की पहचान रहेगी गुप्त
राज रंजन ने भरोसा दिलाया कि किसी भी सूचना देने वाले की पहचान गुप्त रखी जाएगी और उसे हर संभव सुरक्षा प्रदान की जाएगी।
नशीले पदार्थों के खिलाफ जागरूकता अभियान
एसएसबी और पुलिस प्रशासन नशीले पदार्थों के खिलाफ जागरूकता अभियान भी चला रहे हैं। इन अभियानों का उद्देश्य लोगों को नशे के खतरों के बारे में जागरूक करना और तस्करी को रोकने में उनका सहयोग प्राप्त करना है।
2.3 किलोग्राम चरस के साथ नेपाली महिला की गिरफ्तारी ने भारत-नेपाल सीमा पर नशीले पदार्थों की तस्करी की गंभीरता को उजागर किया है। इस घटना ने एसएसबी और पुलिस की सतर्कता और उनके प्रयासों की प्रशंसा को बढ़ाया है। तस्करी को रोकने के लिए सीमावर्ती क्षेत्रों में सुरक्षा बलों और आम नागरिकों का संयुक्त प्रयास आवश्यक है।
जानें अगली खबर के लिए जुड़े रहें और हमारे Website Sampurn Hindustan को फॉलो करें।