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Wednesday, March 26, 2025

अमेरिका और रूस के बीच परमाणु परीक्षण की नई होड़

अमेरिका और रूस के बीच परमाणु परीक्षण की नई होड़, क्या युद्ध की स्थिति बन रही है?

अमेरिका और रूस के बीच परमाणु परीक्षण की नई होड़
अमेरिका और रूस के बीच परमाणु परीक्षण की नई होड़

अमेरिका और रूस, जो दुनिया की दो सबसे बड़ी परमाणु ताकतें हैं, के बीच परमाणु परीक्षण को लेकर तनाव बढ़ता जा रहा है। डोनाल्ड ट्रंप के फिर से राष्ट्रपति बनने के बाद, अमेरिका परमाणु परीक्षण की तैयारी कर रहा है। रूस ने अमेरिका को चेतावनी देते हुए कहा है कि उसके पास सभी विकल्प खुले हैं। यह परमाणु परीक्षण की होड़ सिर्फ एक युद्ध की शुरुआत का संकेत हो सकता है।

परमाणु परीक्षण की बढ़ती संभावना

परमाणु परीक्षण (Nuclear Test) से जुड़ी स्थिति में ताज़ा बदलाव ने वैश्विक राजनीति में हलचल मचा दी है। 1945 के बाद से, अमेरिका और रूस दुनिया के सबसे बड़े परमाणु हथियार रखने वाले देशों में शामिल हैं। दोनों देशों के पास करीब 88% परमाणु बम हैं। यह बम उनके सैन्य शक्ति को बढ़ाने का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं और इनका परीक्षण भविष्य में किसी बड़े सैन्य संघर्ष का कारण बन सकता है।

1992 के बाद परमाणु परीक्षण नहीं हुआ था

अमेरिका ने 1992 में आखिरी बार परमाणु परीक्षण किया था। वहीं रूस ने सोवियत संघ के विघटन के बाद 1990 में आखिरी परमाणु परीक्षण किया था। हालांकि, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के पिछले कार्यकाल में इस विषय पर विचार-विमर्श हुआ था, और अब वह फिर से इस दिशा में कदम बढ़ाने की योजना बना रहे हैं।

रूस का कड़ा रुख

रूस ने अमेरिका को सीधे तौर पर चेतावनी दी है कि अगर अमेरिका परमाणु परीक्षण करता है तो मॉस्को भी इस दिशा में कदम बढ़ा सकता है। रूस के उप विदेश मंत्री सर्गेई रयाबकोव ने कहा कि ट्रंप के कार्यकाल के दौरान परमाणु परीक्षण प्रतिबंध संधि (CTBT) पर कड़ा रुख अपनाया गया था। अब यदि अमेरिका इस दिशा में कदम बढ़ाता है, तो रूस भी अपने विकल्पों पर विचार करेगा। रयाबकोव का कहना था कि सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए रूस के पास कई विकल्प हैं और किसी भी संभावित उपाय से इनकार नहीं किया जा सकता।

CTBT से रूस का बाहर आना

2023 में, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने औपचारिक रूप से व्यापक परमाणु परीक्षण प्रतिबंध संधि (CTBT) से रूस को बाहर कर दिया। 1996 में रूस ने इस संधि पर हस्ताक्षर किए थे, लेकिन पुतिन ने इस संधि से बाहर निकलने का निर्णय लिया। इसके बाद अमेरिका के साथ परमाणु परीक्षण की होड़ शुरू हो सकती है।

परमाणु हथियारों का विशाल भंडार

वर्तमान में, रूस और अमेरिका के पास दुनिया के सबसे अधिक परमाणु हथियार हैं। फेडरेशन ऑफ अमेरिकन साइंटिस्ट्स के अनुसार, रूस के पास 5,580 परमाणु वारहेड हैं और अमेरिका के पास 5,044 हैं। दोनों देशों के पास दुनिया के कुल परमाणु हथियारों का 88% हिस्सा है। इन हथियारों के परीक्षण से पूरी दुनिया में खलबली मच सकती है और वैश्विक सुरक्षा पर गंभीर प्रभाव डाल सकता है।

परमाणु परीक्षण की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि

1945 से लेकर 1996 तक, दुनिया में 2,000 से अधिक परमाणु परीक्षण किए गए। इनमें से 1,032 परीक्षण अमेरिका ने किए थे, जबकि 715 परीक्षण सोवियत संघ ने किए थे। सोवियत संघ के बाद, रूस ने परमाणु परीक्षण नहीं किया, लेकिन अब एक बार फिर इस दिशा में कदम बढ़ाने की चर्चा हो रही है।

परमाणु परीक्षण को लेकर विशेषज्ञों की चिंता

विशेषज्ञों का मानना है कि अमेरिका परमाणु परीक्षण शुरू कर सकता है ताकि वह रूस और चीन को एक संदेश भेज सके। ऐसा किया तो इसका वैश्विक राजनीति और सैन्य संतुलन पर गहरा असर पड़ेगा।

परमाणु परीक्षण पर वैश्विक प्रतिक्रिया

सभी परमाणु शक्तियों के लिए परमाणु परीक्षण करना एक संवेदनशील और गंभीर कदम है। यदि अमेरिका और रूस दोनों परमाणु परीक्षण करते हैं, तो इसका वैश्विक समुदाय पर गहरा प्रभाव पड़ेगा। परमाणु परीक्षणों को लेकर संयुक्त राष्ट्र और अन्य वैश्विक संगठन भी चिंता व्यक्त कर रहे हैं। ऐसे में पूरी दुनिया की नजर इन दोनों देशों पर होगी।

2020 में परमाणु परीक्षण की चर्चा

2020 में वाशिंगटन पोस्ट ने रिपोर्ट किया था कि राष्ट्रपति ट्रंप ने अपने पहले कार्यकाल में परमाणु परीक्षण पर चर्चा की थी। उन्होंने 1992 के बाद पहला परमाणु परीक्षण करने की संभावना पर विचार किया था। अब, उनके फिर से राष्ट्रपति बनने के बाद, इस दिशा में एक नई हलचल शुरू हो गई है।

परमाणु परीक्षण और युद्ध की संभावना

अगर अमेरिका और रूस परमाणु परीक्षण करते हैं, तो इसे युद्ध की ओर बढ़ते हुए एक गंभीर संकेत माना जा सकता है। हालांकि, इस विषय पर विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह के परीक्षण के बाद युद्ध की स्थिति पैदा हो सकती है, लेकिन इसके बावजूद कई अन्य वैश्विक मुद्दों पर चर्चा और विचार-विमर्श भी जरूरी है।

रूस और अमेरिका के परमाणु हथियारों का इतिहास

अमेरिका और रूस

अमेरिका और रूस के पास दुनिया के सबसे बड़े परमाणु हथियार हैं, और दोनों देशों का इतिहास भी परमाणु परीक्षणों से भरा पड़ा है। सोवियत संघ के समय से लेकर अब तक, दोनों देशों ने कई बार परमाणु परीक्षण किए हैं। हालांकि, इन परीक्षणों के बाद दोनों देशों ने हथियार नियंत्रण समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं।

भविष्य में परमाणु परीक्षण की संभावना

अगर ट्रंप और पुतिन दोनों देशों के साथ मिलकर परमाणु परीक्षण करते हैं, तो इससे वैश्विक स्थिति पर गहरा प्रभाव पड़ेगा। परमाणु परीक्षण की तैयारी से साफ है कि अमेरिका और रूस दोनों परमाणु युद्ध की ओर बढ़ने के लिए कदम उठा सकते हैं, जो पूरे वैश्विक समुदाय के लिए चिंता का विषय है।

अमेरिका और रूस के बीच परमाणु परीक्षण की होड़ शुरू होने के संकेत मिल रहे हैं। रूस की खुली धमकी और अमेरिका के परमाणु परीक्षण की तैयारी से यह साफ है कि वैश्विक सुरक्षा पर खतरा मंडरा सकता है। इन दोनों देशों के पास दुनिया के 88% परमाणु हथियार हैं, और यदि यह परीक्षण होते हैं तो पूरी दुनिया में इसकी गूंज होगी। इस पर वैश्विक समुदाय की नजरें टिकी होंगी, और यह जानना जरूरी होगा कि इसका असर वैश्विक राजनीति और सुरक्षा पर क्या पड़ेगा।

 

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