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Friday, June 27, 2025

बीपीएससी अभ्यर्थियों को सुप्रीम कोर्ट से झटका

बीपीएससी अभ्यर्थियों को सुप्रीम कोर्ट से झटका, याचिका पर सुनवाई से इनकार; HC जाने को कहा

बीपीएससी अभ्यर्थियों को सुप्रीम कोर्ट से झटका
बीपीएससी अभ्यर्थियों को सुप्रीम कोर्ट से झटका

बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC Protest) के अभ्यर्थियों को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने उनकी याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया है। यह याचिका बिहार पुलिस की कार्रवाई और 13 दिसंबर, 2024 को आयोजित बीपीएससी परीक्षा (BPSC Exam) में कथित अनियमितताओं को लेकर दायर की गई थी। अदालत ने याचिकाकर्ता से पटना हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाने को कहा है।

सुप्रीम कोर्ट का फैसला और याचिकाकर्ताओं को निर्देश

मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार तथा न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन की पीठ ने स्पष्ट किया कि याचिकाकर्ताओं को अपनी शिकायतों के समाधान के लिए पटना उच्च न्यायालय जाना चाहिए।

याचिकाकर्ता आनंद लीगल एड फोरम ट्रस्ट की ओर से पेश वकील ने कहा कि बिहार पुलिस ने शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों पर क्रूरता दिखाई, जिसे पूरे देश ने देखा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा, “हम समझते हैं कि इससे आपकी भावनाएं जुड़ी हुई हैं, लेकिन हम इसे सीधे तौर पर नहीं देख सकते।”

बीपीएससी परीक्षा में कथित अनियमितताओं पर विवाद

13 दिसंबर, 2024 को आयोजित BPSC Exam को लेकर अनियमितताओं की शिकायतें सामने आई थीं। इसके बाद, बिहार लोक सेवा आयोग ने पुनर्परीक्षा के लिए 4 जनवरी को पटना के 22 केंद्रों पर परीक्षा आयोजित की। पुनर्परीक्षा के लिए पात्र 12,012 उम्मीदवारों में से 5,943 ने परीक्षा दी।

पटना हाई कोर्ट का रुख अपनाने की सलाह

सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को संविधान के अनुच्छेद 226 के तहत पटना उच्च न्यायालय में जाने को कहा। सीजेआई ने कहा, “हम समझते हैं कि आपकी चिंताएं महत्वपूर्ण हैं, लेकिन यह उचित होगा कि आप उच्च न्यायालय में अपनी शिकायत दर्ज करें।”

बिहार पुलिस की कार्रवाई और प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज

बिहार पुलिस ने BPSC Protest के दौरान प्रदर्शनकारियों को नियंत्रित करने के लिए बल प्रयोग किया। प्रदर्शनकारियों ने परीक्षा रद्द करने की मांग की थी। यह घटना पटना उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के आधिकारिक आवास के पास हुई, जिसे लेकर स्वत: संज्ञान लेने की भी बात कही गई।

अनशन और प्रशांत किशोर की भूमिका

BPSC Protest के समर्थन में जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर (पीके) गांधी मैदान में अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठे थे। उन्हें पुलिस ने गिरफ्तार किया और बाद में जमानत पर रिहा कर दिया। स्वास्थ्य जटिलताओं के कारण उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया।

प्रदर्शनकारियों की मांग और परीक्षा का भविष्य

प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि BPSC Exam में अनियमितताएं हुईं और पेपर लीक की घटनाएं सामने आईं। उनका कहना है कि परीक्षा को रद्द कर नई प्रक्रिया के तहत आयोजित किया जाए।

पटना हाई कोर्ट में याचिका का रास्ता

सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं से हाई कोर्ट जाने को कहा है। यह याचिका BPSC परीक्षा रद्द करने और प्रदर्शनकारियों पर पुलिस की कार्रवाई की जांच के लिए दायर की गई थी।

बीपीएससी विवाद से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्य

  • BPSC Exam की पुनर्परीक्षा: 4 जनवरी, 2025 को पटना के 22 केंद्रों पर पुनर्परीक्षा आयोजित की गई।
  • पुनर्परीक्षा में भागीदारी: 12,012 पात्र उम्मीदवारों में से 5,943 परीक्षा में उपस्थित हुए।
  • प्रदर्शनकारियों की मांग: परीक्षा रद्द कर नए सिरे से आयोजित की जाए।

सुप्रीम कोर्ट का स्पष्ट संदेश

सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि यह मामला उच्च न्यायालय में बेहतर तरीके से निपटाया जा सकता है। पटना हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कर उचित कार्रवाई की मांग की जा सकती है।

बीपीएससी आंदोलन पर भविष्य की कार्रवाई

BPSC Protest को लेकर छात्रों और प्रदर्शनकारियों ने अपनी आवाज बुलंद की है। अब यह देखना होगा कि पटना हाई कोर्ट में इस मामले को लेकर क्या निर्णय लिया जाता है। प्रदर्शनकारी परीक्षा की पारदर्शिता और निष्पक्षता की मांग कर रहे हैं।

BPSC

BPSC Protest ने बिहार में प्रशासनिक परीक्षाओं की पारदर्शिता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने मामले पर सुनवाई से इनकार करते हुए प्रदर्शनकारियों को पटना हाई कोर्ट का रुख अपनाने की सलाह दी है। अब यह देखना होगा कि उच्च न्यायालय इस मामले को कैसे संभालता है और प्रदर्शनकारियों की मांगों पर क्या निर्णय लिया जाता है।

 

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