महाकुंभ की तैयारियों पर CM योगी का बयान
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रयागराज में आयोजित धर्म संसद के मंच से महाकुंभ 2025 की तैयारियों पर अपनी बात रखी। सीएम योगी ने स्पष्ट रूप से कहा कि कुंभ की भूमि पर किसी भी प्रकार का अवैध कब्जा नहीं होने दिया जाएगा। वक्फ बोर्ड की जमीन पर महाकुंभ के आयोजन को लेकर उठाए गए सवालों पर उन्होंने बेबाकी से जवाब देते हुए कहा कि वक्फ बोर्ड भूमाफिया बोर्ड बन चुका है। ऐसी दुष्प्रवृत्तियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
वक्फ बोर्ड को बताया ‘भूमाफिया बोर्ड’
सीएम योगी ने कहा कि वक्फ बोर्ड द्वारा की जा रही भूमि पर कब्जे की गतिविधियों पर रोक लगाना बेहद जरूरी है। उन्होंने घोषणा की कि वक्फ से जुड़े सभी मामलों की जांच होगी। उन्होंने कहा, “1363 फसली के रिकॉर्ड को चेक किया जाएगा। यदि किसी जमीन पर वक्फ का दावा है, तो उसकी पूरी जांच होगी।” मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि सार्वजनिक उपयोग की जमीन, हिंदू आस्था से जुड़े पवित्र स्थलों की जमीन या सरकारी जमीन पर वक्फ बोर्ड का कोई अधिकार नहीं है।
कुंभ की जमीन पर अवैध कब्जे पर सख्त रुख
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि कुंभ की जमीन पर किसी भी प्रकार का कब्जा बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि कुंभ का आयोजन साधु-संतों और श्रद्धालुओं के लिए होता है, और यह सुनिश्चित किया जाएगा कि इस भूमि का पवित्र उद्देश्य पूरा हो। योगी ने कहा, “हम कुंभ की भूमि को पूरी तरह संरक्षित करेंगे और किसी भी अवैध गतिविधि को रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाएंगे।”
वक्फ से जुड़े मामलों की जांच के लिए उठाए गए कदम
सीएम योगी ने कहा कि उनकी सरकार ने वक्फ से जुड़ी जमीनों की जांच और पुनर्मूल्यांकन के लिए नए संशोधन किए हैं। उन्होंने कहा, “अगर किसी भूमि पर वक्फ का दावा है, तो उस भूमि का रिकॉर्ड देखा जाएगा और जमीन को उसके असली मालिक को वापस दिलाने का काम किया जाएगा।” उन्होंने यह भी कहा कि वक्फ से जुड़े दावों पर अब कानूनी प्रक्रिया के तहत कार्रवाई होगी।
गंगा के जल की गुणवत्ता पर योगी का दावा
महाकुंभ की तैयारियों के बीच सीएम योगी ने गंगा नदी की स्वच्छता पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि गंगा का पानी अब स्नान के योग्य हो चुका है। उन्होंने इसे “नमामि गंगे” योजना की सफलता बताया और कहा कि “हमारी सरकार ने गंगा की सफाई के लिए जो प्रयास किए हैं, उससे इसका जल अब स्वच्छ और पवित्र हो चुका है।”
कुंभ: दुनिया का सबसे बड़ा अस्थायी शहर
सीएम योगी ने कुंभ मेले की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह दुनिया का सबसे बड़ा अस्थायी शहर है। उन्होंने कहा, “2025 के कुंभ मेले में करीब 40 करोड़ लोग आने वाले हैं। यह आयोजन न केवल भारत की आस्था और संस्कृति को दर्शाता है, बल्कि ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ का भी संदेश देता है।” योगी ने यह भी कहा कि कुंभ मेले में जाति, धर्म और मतभेदों से ऊपर उठकर लोग संगम में एक साथ डुबकी लगाते हैं।
वक्फ बोर्ड की भूमिका पर सवाल
मुख्यमंत्री ने कहा कि वक्फ बोर्ड ने कई स्थानों पर अवैध कब्जे किए हैं। उन्होंने इसे रोकने के लिए सख्त कदम उठाने का ऐलान किया। सीएम योगी ने कहा, “हमने देखा है कि वक्फ बोर्ड ने कई सार्वजनिक स्थलों और धार्मिक स्थलों पर अवैध कब्जे किए हैं। अब इन मामलों की गहन जांच की जाएगी और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी।”
साधु-संतों का समर्थन
सीएम योगी ने साधु-संतों और श्रद्धालुओं की भूमिका को महत्व देते हुए कहा कि कुंभ मेले के आयोजन में उनकी भागीदारी अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि साधु-संत हमारे सांस्कृतिक धरोहर के संरक्षक हैं और कुंभ मेले में उनकी उपस्थिति से आयोजन की गरिमा बढ़ती है।
विपक्ष पर निशाना
मुख्यमंत्री ने विपक्ष पर भी हमला बोला। उन्होंने कहा कि कुछ लोग धार्मिक आयोजनों को बाधित करने की कोशिश कर रहे हैं। “विपक्ष को धार्मिक आयोजनों से कोई सरोकार नहीं है। वे केवल अपने स्वार्थ सिद्ध करने में लगे रहते हैं। लेकिन हमारी सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि ऐसे आयोजनों में कोई बाधा न आए,” उन्होंने कहा।
कुंभ की तैयारियों पर विशेष जोर
सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कुंभ 2025 की तैयारियों को लेकर सरकार ने बड़े स्तर पर योजना बनाई है। उन्होंने कहा, “कुंभ मेले में आने वाले करोड़ों श्रद्धालुओं के लिए सभी सुविधाओं का ध्यान रखा जाएगा। स्वच्छता, सुरक्षा और अन्य आवश्यक सेवाओं की व्यवस्था की जाएगी।” उन्होंने यह भी बताया कि सरकार ने कुंभ के आयोजन के लिए आधुनिक तकनीक और संसाधनों का उपयोग करने का निर्णय लिया है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के इस बयान ने स्पष्ट कर दिया है कि उनकी सरकार कुंभ मेले की पवित्रता और गरिमा को बनाए रखने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। वक्फ बोर्ड के अवैध कब्जों पर कार्रवाई से लेकर गंगा की सफाई और कुंभ की तैयारियों तक, योगी सरकार ने अपने इरादे साफ कर दिए हैं। कुंभ मेले का यह आयोजन न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि भारत की संस्कृति और परंपरा का भी महत्वपूर्ण हिस्सा है।
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