दिल्ली वायु प्रदूषण: क्या फिर से लागू होगा वर्क फ्रॉम होम और ऑड-ईवन फॉर्मूला?

दिल्ली में बढ़ता वायु प्रदूषण: क्या फिर से लागू होगा वर्क फ्रॉम होम और ऑड-ईवन फॉर्मूला?

दिल्ली और आसपास के इलाकों में वायु प्रदूषण का संकट लगातार गहराता जा रहा है। जहरीली हवा के कारण सुप्रीम कोर्ट ने 12वीं तक के सभी स्कूल बंद करने और ऑनलाइन कक्षाएं शुरू करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने दिल्ली सरकार को वायु गुणवत्ता सुधारने के लिए ठोस कदम उठाने का निर्देश दिया है। इस गंभीर स्थिति में सवाल उठता है कि क्या दिल्ली में एक बार फिर वर्क फ्रॉम होम और ऑड-ईवन फॉर्मूला लागू होगा?

दिल्ली में फिर शुरू होगा वर्क फ्रॉर्म होम? कब लागू करेंगे Odd-Even फॉर्मला? जानें गोपाल

सुप्रीम कोर्ट का सख्त रुख

सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर में ग्रैप-4 की पाबंदियों को लागू करने में देरी पर दिल्ली सरकार को फटकार लगाई। कोर्ट ने कहा कि बढ़ते प्रदूषण स्तर (AQI) को देखते हुए तुरंत ठोस कदम उठाने की जरूरत है। इसके बाद, पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस मुद्दे पर अपनी प्रतिक्रिया दी।

दिल्ली सरकार का बयान

पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि पूरा उत्तर भारत गंभीर वायु प्रदूषण की चपेट में है। उन्होंने बताया कि बुजुर्गों और बच्चों पर प्रदूषण का बुरा असर पड़ रहा है। राय ने कहा, “बहादुरगढ़ में AQI 477, भिवानी में 468 और गुरुग्राम में 448 दर्ज किया गया।” उन्होंने केंद्र सरकार पर इस मुद्दे पर गंभीर न होने का आरोप लगाते हुए कहा कि BS-4 गाड़ियों का संचालन और केंद्र की गलत नीतियां इस संकट का कारण हैं।

वर्क फ्रॉम होम और ऑड-ईवन पर गोपाल राय का बयान

गोपाल राय ने बताया कि दिल्ली में ग्रैप-4 को सख्ती से लागू किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के आधार पर वर्क फ्रॉम होम का फैसला जल्द लिया जाएगा। वहीं, ऑड-ईवन फॉर्मूला लागू करने पर उन्होंने कहा कि स्थिति की मॉनिटरिंग की जा रही है और जरूरत पड़ने पर इसे लागू किया जाएगा।

क्या कृत्रिम वर्षा है समाधान?

प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कृत्रिम वर्षा के सवाल पर गोपाल राय ने कहा, “यह समाधान नहीं है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि यह काफी महंगा और जटिल है।” उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार को इस पर अंतिम फैसला लेना होगा।

केंद्र सरकार पर आरोप

गोपाल राय ने केंद्र सरकार की नीतियों पर सवाल उठाते हुए कहा कि सही योजना के अभाव में दिल्ली और आसपास के राज्यों को प्रदूषण का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा, “यह समय सभी सरकारों को मिलकर काम करने का है। लेकिन केंद्र की निष्क्रियता हालात को और खराब कर रही है।”

दिल्ली में वायु प्रदूषण की स्थिति

वर्तमान में दिल्ली और एनसीआर के अधिकांश हिस्सों में AQI खतरनाक स्तर पर पहुंच चुका है। बच्चों और बुजुर्गों के लिए यह स्थिति बेहद खतरनाक साबित हो रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि ठोस और तुरंत लागू किए जाने वाले कदम ही इस संकट को कम कर सकते हैं।

दिल्ली में वायु प्रदूषण का बढ़ता संकट एक बड़ी चुनौती है। वर्क फ्रॉम होम और ऑड-ईवन जैसे कदम इस दिशा में कुछ राहत दे सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट और दिल्ली सरकार के आगामी फैसले से यह स्पष्ट होगा कि राजधानी के लोग इस जहरीली हवा से कैसे राहत पाएंगे।

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