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Toggleलखनऊ में हुआ दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के उप-मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के निर्देशो के क्रम में राज्य ग्राम्य विकास संस्थान द्वारा विभिन्न
विकासपरक व अन्य शासकीय योजनाओं को मुकम्मल अन्जाम देने के उद्देश्य से विभिन्न विषयों पर सतत् रूप से प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में दीनदयाल उपाध्याय राज्य ग्राम्य विकास संस्थान द्वारा 25 व 26 नवम्बर को दो दिवसीय आवासीय, ‘‘जल जीवन मिशन के अन्तर्गत आईएएस एवं आईईसी एजेन्सी हेतु क्षमतासंवर्धन’’ विषयक प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में 48 प्रतिभागियों ने प्रशिक्षण प्राप्त किया।
प्रशिक्षण के प्रथम दिवस सोमवार को उद्घाटन सत्र के आयोजन के अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में अच्छेलाल यादव, वरिष्ठ सलाहकार, राज्य पेयजल एवं स्वच्छता मिशन, उत्तर प्रदेश की गरिमामयी उपस्थिति में संस्थान के उपनिदेशक, राजेश कुमार मल्ल, प्रशिक्षण सत्र प्रभारी डॉ. अशोक कुमार, सहायक निदेशक, विशिष्ट अतिथि वार्ताकार डॉ. मजहर रसीदी, प्रतिनिधि इण्डिया एवं हेमेन्द्र शर्मा, सलाहकार, संस्थान इत्यादि ने प्रतिभागियों को सम्बोधित करते हुए विषयगत प्रासंगित विचारों को व्यक्त किया।
उत्तर प्रदेश में जल जीवन मिशन को प्रभावी ढंग से लागू करने और इसकी सफलता सुनिश्चित करने के लिए राज्य स्तर पर विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में दीनदयाल उपाध्याय राज्य ग्राम्य विकास संस्थान द्वारा 25 और 26 नवंबर को आईईसी और आईएसए एजेंसी के कार्मिकों के लिए दो दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम का उद्देश्य मिशन से जुड़ी तकनीकी और प्रबंधन संबंधी क्षमताओं को बढ़ाना था।
इस कार्यशाला में 48 प्रतिभागियों ने भाग लिया, जिसमें जल जीवन मिशन की विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की गई। उद्घाटन सत्र में वरिष्ठ अधिकारियों और विशेषज्ञों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।
उद्घाटन सत्र में विशेषज्ञों का मार्गदर्शन
कार्यक्रम का उद्घाटन सत्र 25 नवंबर को आयोजित किया गया, जिसमें मुख्य अतिथि अच्छेलाल यादव, वरिष्ठ सलाहकार, राज्य पेयजल एवं स्वच्छता मिशन, उत्तर प्रदेश, उपस्थित थे। उनके साथ संस्थान के उपनिदेशक राजेश कुमार मल्ल, प्रशिक्षण प्रभारी डॉ. अशोक कुमार, और अन्य विशिष्ट अतिथि भी शामिल थे।
मुख्य अतिथि अच्छेलाल यादव ने प्रतिभागियों को जल जीवन मिशन की अहमियत समझाते हुए कहा कि यह मिशन 2024 तक हर ग्रामीण परिवार को उनके घर में नल से स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने का लक्ष्य लेकर चल रहा है। उन्होंने कहा, “शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने से न केवल बीमारियों में कमी आएगी, बल्कि ग्रामीण महिलाओं और बच्चों का जीवन भी आसान होगा। वे पानी लाने में समय बर्बाद करने के बजाय शिक्षा और अन्य गतिविधियों में हिस्सा ले सकेंगे।”
प्रशिक्षण के मुख्य विषय और उद्देश्य
प्रशिक्षण कार्यक्रम में विभिन्न विषयों पर चर्चा हुई, जिनमें निम्नलिखित प्रमुख थे:
- ग्राम पेयजल एवं स्वच्छता समिति का सशक्तिकरण
- संदूषित जल प्रबंधन की अवधारणा और बचाव के उपाय
- भूगर्भ जल का संरक्षण और संवर्धन
- जल जीवन मिशन के संचालन एवं अनुरक्षण की प्रक्रिया
विशेषज्ञों ने प्रतिभागियों को बताया कि जल जीवन मिशन न केवल ग्रामीण क्षेत्रों में जीवन स्तर सुधारने का एक प्रयास है, बल्कि यह शहरी और ग्रामीण जीवन के बीच के अंतर को भी कम करेगा। दूषित पानी के कारण होने वाली बीमारियों में कमी लाने के लिए यह मिशन अत्यंत प्रभावी साबित हो रहा है।
ग्रामीण महिलाओं और बच्चों को मिल रही राहत
मुख्य वक्ता ने इस बात पर जोर दिया कि जल जीवन मिशन के अंतर्गत घर-घर नल से जल पहुंचाने से ग्रामीण महिलाओं और बेटियों को पानी लाने के लिए दूर-दूर तक नहीं जाना पड़ता। इससे उन्हें शिक्षा और अन्य घरेलू कार्यों में अधिक समय मिल रहा है। इसके अलावा, शुद्ध जल की आपूर्ति से ग्रामीण क्षेत्रों में बीमारियों का प्रकोप भी कम हो रहा है।
दूसरे दिन प्रशिक्षण का समापन
प्रशिक्षण कार्यक्रम के दूसरे दिन समापन सत्र का आयोजन किया गया। इस अवसर पर संस्थान के अपर निदेशक बीडी चौधरी ने प्रतिभागियों को धन्यवाद ज्ञापित किया। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार हर घर नल से जल सुनिश्चित करने के लिए मिशन को प्राथमिकता दे रही है। उन्होंने यह भी बताया कि गांव में गठित ‘ग्रामीण जल एवं स्वच्छता समिति’ मिशन की स्थिरता बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।
आईईसी और आईएसए एजेंसियों का योगदान
आईईसी और आईएसए एजेंसियां जल जीवन मिशन को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। इन एजेंसियों के माध्यम से लोगों को न केवल स्वच्छ जल की महत्ता समझाई जा रही है, बल्कि जल संरक्षण और प्रबंधन पर भी जागरूक किया जा रहा है।
इन एजेंसियों के कार्यों में निम्नलिखित शामिल हैं:
- जल आपूर्ति से जुड़े सभी कार्यों का समुचित क्रियान्वयन।
- प्रचार-प्रसार के माध्यम से लोगों को जागरूक करना।
- जल संचयन, संवर्धन और संरक्षण पर बल देना।
मिशन से ग्रामीण जीवन में सकारात्मक बदलाव
विशेषज्ञों के अनुसार, जल जीवन मिशन ग्रामीण जीवन में एक क्रांतिकारी बदलाव ला रहा है। यह मिशन न केवल बीमारियों को रोकने में मदद कर रहा है, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छता के स्तर को भी बढ़ा रहा है। इसके तहत उपभोक्ता शुल्क की व्यवस्था की गई है, जिससे मिशन से जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर का रख-रखाव किया जा रहा है।
कार्यक्रम में विशेषज्ञों और प्रतिभागियों का योगदान
प्रशिक्षण कार्यक्रम के संचालन में इंजी. मोहित यादव, यूपी सिंह, यशवीर सिंह चौधरी, आशाराम मौर्या, और मो. शहंशाह का विशेष योगदान रहा। इनकी मेहनत और समर्पण से कार्यक्रम सफलतापूर्वक संपन्न हुआ।
जल जीवन मिशन: 2024 तक का लक्ष्य
जल जीवन मिशन का मुख्य उद्देश्य 2024 तक हर ग्रामीण परिवार को नल से जल की सुविधा प्रदान करना है। इससे न केवल ग्रामीण जीवन में सुधार होगा, बल्कि शहरी और ग्रामीण जीवन के बीच का अंतर भी कम होगा। दूषित जल के सेवन से होने वाली बीमारियों में कमी लाकर यह मिशन स्वस्थ समाज के निर्माण में सहायक बन रहा है।
जल जीवन मिशन एक ऐसी योजना है, जो ग्रामीण क्षेत्रों में शुद्ध पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित करके जीवन स्तर को सुधारने की दिशा में मील का पत्थर साबित हो रही है। इस मिशन से न केवल ग्रामीण स्वास्थ्य में सुधार हो रहा है, बल्कि सामाजिक और आर्थिक विकास को भी बल मिल रहा है। प्रशिक्षण कार्यक्रम के माध्यम से मिशन से जुड़े सभी कार्मिकों को इस दिशा में जागरूक किया गया, जिससे योजना का क्रियान्वयन और भी प्रभावी हो सके।
यह योजना ग्रामीण भारत को आत्मनिर्भर और स्वस्थ बनाने में अहम भूमिका निभा रही है। हर घर नल से जल के सपने को साकार करने की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम है।
प्रशिक्षण कार्यक्रम का संचालन इंजी. मोहित यादव, संकाय सदस्य ने किया। प्रशिक्षण प्रबन्धन व आयोजन के दृष्टिगत आईईसी विशेषज्ञ, यूपी सिंह, यशवीर सिंह चौधरी, आशाराम मौर्या, ओम प्रकाश तथा मो.शहंशाह, प्रचार सहायक का सराहनीय योगदान रहा।