पिछले साल का टूटा रिकॉर्ड, 7.28 लाख मीट्रिक टन से अधिक हुई धान खरीद

उत्तर प्रदेश में धान खरीद प्रक्रिया ने एक नया रिकॉर्ड कायम किया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर किसानों को तेजी से भुगतान मिल रहा है, जिससे उनका भरोसा बढ़ा है। इस वर्ष अब तक 7.28 लाख मीट्रिक टन से अधिक धान की खरीद हो चुकी है। आइए इस सफलता की कहानी और योगी सरकार की योजनाओं पर विस्तार से चर्चा करते हैं।

धान खरीद में नया रिकॉर्ड
धान खरीद में नया रिकॉर्ड

धान खरीद में नया रिकॉर्ड: पिछले साल की तुलना में 1.49 लाख मीट्रिक टन अधिक खरीद

पिछले साल (2023-24) 25 नवंबर तक 5.79 लाख मीट्रिक टन धान खरीदा गया था। वहीं, इस वर्ष यह आंकड़ा बढ़कर 7.28 लाख मीट्रिक टन हो गया है, जो कि 1.49 लाख मीट्रिक टन अधिक है। यह बढ़ोतरी दिखाती है कि राज्य सरकार ने किसानों को सही मंच और सुविधाएं प्रदान की हैं। इस बार 105439 किसानों ने अपनी फसलें बेचीं, जो कि पिछले वर्षों के मुकाबले काफी अधिक है।

सीएम योगी के निर्देश पर 48 घंटे में भुगतान, 1464 करोड़ किसानों के खाते में भेजे गए

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने धान खरीद प्रक्रिया को पारदर्शी और तेज़ बनाने पर जोर दिया है। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि किसानों को 48 घंटे के भीतर भुगतान सुनिश्चित किया जाए।
अब तक किसानों को 1464 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है। इस व्यवस्था ने किसानों को वित्तीय सुरक्षा प्रदान की है। राज्य सरकार के इस कदम की किसानों ने सराहना की है, क्योंकि समय पर भुगतान उन्हें अपनी जरूरतें पूरी करने में मदद करता है।

पश्चिमी और पूर्वी उत्तर प्रदेश में धान खरीद की अलग-अलग अवधि

उत्तर प्रदेश सरकार ने क्षेत्रीय जरूरतों को ध्यान में रखते हुए धान खरीद की अलग-अलग तिथियां तय की हैं।

पश्चिमी यूपी में 31 जनवरी व पूर्वी उप्र में 28 फरवरी तक होगी धान खरीद
पश्चिमी उत्तर प्रदेश में पहली अक्टूबर से धान खरीद शुरू हुई थी जो 31 जनवरी 2025 तक चलेगी। इस अवधि में बरेली, मुरादाबाद, सहारनपुर, आगरा, अलीगढ़, मेरठ, झांसी तथा लखनऊ संभाग के हरदोई, सीतापुर व लखीमपुर खीरी में भी धान खरीद की जा रही है। वहीं पूर्वी उत्तर प्रदेश में पहली नवंबर से धान खरीद प्रारंभ हुई थी जो 28 फरवरी तक चलेगी। इस अवधि में अयोध्या, गोरखपुर, बस्ती, देवीपाटन, आज़मगढ़, वाराणसी, विंध्याचल, प्रयागराज, कानपुर, चित्रकूट व लखनऊ संभाग के लखनऊ, रायबरेली व उन्नाव जनपद में खरीद सुचारू रूप से चल रही है।

  • पश्चिमी उत्तर प्रदेश: यहां धान खरीद प्रक्रिया 1 अक्टूबर से शुरू हुई, जो 31 जनवरी 2025 तक चलेगी। इसमें बरेली, मुरादाबाद, सहारनपुर, आगरा, अलीगढ़, मेरठ, झांसी और हरदोई जैसे जिलों को शामिल किया गया है।
  • पूर्वी उत्तर प्रदेश: यहां धान खरीद 1 नवंबर से शुरू हुई, जो 28 फरवरी 2025 तक जारी रहेगी। इसमें अयोध्या, गोरखपुर, वाराणसी, प्रयागराज, और लखनऊ जैसे जिले शामिल हैं।

धान का समर्थन मूल्य और अतिरिक्त सुविधाएं

किसानों का भुगतान
किसानों का भुगतान

धान का समर्थन मूल्य 2300 रुपये व ग्रेड ए का 2320 रुपये प्रति कुंतल की दर से हो रहा भुगतान
सरकार ने धान का समर्थन मूल्य 2300 रुपये व ग्रेड ए का 2320 रुपये प्रति कुंतल तय किया है। किसानों को धान की उतराई, छनाई व सफाई की मद में 20 रुपये प्रति कुंतल की दर से प्रतिपूर्ति भी की जा रही है। उत्तर प्रदेश के सभी जनपदों में किसानों द्वारा धान बिक्री के लिए खाद्य-रसद विभाग व अन्य क्रय एजेंसियों के कुल 4215 क्रय केंद्र निर्धारित किए गए हैं। क्रय केंद्र सुबह 9 से शाम 5 बजे तक संचालित हो रहे हैं। इस वर्ष बटाईदार किसानों द्वारा भी पंजीकरण-नवीनीकरण कराते हुए धान की बिक्री जा रही है।

कुल 4215 क्रय केंद्र किसानों की सुविधा के लिए संचालित

प्रदेशभर में किसानों की सुविधा के लिए 4215 क्रय केंद्र स्थापित किए गए हैं। ये केंद्र सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक खुले रहते हैं।
सरकार ने बटाईदार किसानों को भी पंजीकरण की सुविधा दी है, जिससे वे अपनी उपज को सही दाम पर बेच सकें।

धान खरीद की निगरानी: सीएम योगी की पारदर्शिता पर जोर

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को क्रय केंद्रों का नियमित निरीक्षण करने के निर्देश दिए हैं।

  • मुख्यालय से निगरानी की जा रही है।
  • किसानों के लिए पेयजल, छाया और बैठने की सुविधाएं सुनिश्चित की जा रही हैं।
  • किसानों की शिकायतों का समाधान तुरंत किया जा रहा है।

धान खरीद में पारदर्शिता: टोल-फ्री नंबर पर शिकायत का विकल्प

किसानों की समस्याओं के समाधान के लिए राज्य सरकार ने टोल-फ्री नंबर 18001800150 जारी किया है।
किसान इस नंबर पर संपर्क कर अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं। इसके अलावा, वे संबंधित क्षेत्रीय विपणन अधिकारी या ब्लॉक स्तर के निरीक्षकों से भी संपर्क कर सकते हैं।

किसानों के लिए सरकार का समर्पण

धान खरीद प्रक्रिया में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का सीधा हस्तक्षेप दिखाता है कि सरकार किसानों के प्रति कितनी प्रतिबद्ध है। उनके प्रयासों से न केवल धान खरीद प्रक्रिया में तेजी आई है, बल्कि किसानों को उनकी फसलों का उचित मूल्य भी मिला है।

सरकार के प्रयासों से बढ़ा किसानों का विश्वास

उत्तर प्रदेश में धान खरीद का यह आंकड़ा बताता है कि योगी सरकार ने किसानों के जीवन को सुधारने और उनकी समस्याओं का समाधान करने में महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। किसानों को 48 घंटे में भुगतान, उचित समर्थन मूल्य और पारदर्शी प्रक्रिया जैसे कदम उन्हें आर्थिक स्थिरता प्रदान कर रहे हैं।
धान खरीद प्रक्रिया में तेजी और पारदर्शिता ने यह साबित कर दिया है कि अगर सरकार ठान ले, तो किसानों के जीवन में बड़ा बदलाव संभव है।

 

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