कानपुर मेडिकल कॉलेज रैगिंग मामला: फर्जी इंस्टाग्राम ID से जूनियर छात्रों को किया गया परेशान

कानपुर के गणेश शंकर विद्यार्थी मेमोरियल मेडिकल कॉलेज में रैगिंग का एक गंभीर मामला सामने आया है। कानपुर मेडिकल कॉलेज रैगिंग मामले में आठ सीनियर छात्रों को दोषी पाए जाने पर छह महीने के लिए निलंबित कर दिया गया है। इसके अलावा, इन छात्रों को सेमेस्टर परीक्षा में बैठने से भी रोक दिया गया है और 10,000 रुपये का जुर्माना लगाया गया है।
फर्जी इंस्टाग्राम ID से किया गया मानसिक उत्पीड़न
कानपुर मेडिकल कॉलेज रैगिंग मामला – साइबर क्राइम का सहारा
जांच में सामने आया कि कानपुर मेडिकल कॉलेज रैगिंग मामले में आरोपी छात्रों ने फर्जी इंस्टाग्राम ID बनाई और जूनियर छात्रों को मैसेज भेजकर मानसिक उत्पीड़न किया।
हॉस्टल में की गई साइबर रैगिंग
मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल में रहने वाले जूनियर छात्रों को सीनियर छात्रों ने फर्जी सोशल मीडिया अकाउंट और कॉल के जरिए परेशान किया।
प्रशासन ने की कड़ी कार्रवाई
मेडिकल कॉलेज प्रशासन और साइबर सेल ने इस मामले की गहन जांच की। जांच में यह साबित हुआ कि आरोपी छात्रों ने फर्जी इंस्टाग्राम ID बनाकर रैगिंग की थी।
CCTV फुटेज और साइबर सेल जांच से हुआ खुलासा
कानपुर मेडिकल कॉलेज रैगिंग मामले में CCTV फुटेज बना सबूत
मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने जब इस मामले की गहराई से जांच की, तो CCTV फुटेज और इंस्टाग्राम चैट से सीनियर छात्रों की करतूतों का खुलासा हुआ।
आरोपी छात्रों ने मानी अपनी गलती
मेडिकल कॉलेज प्रशासन और साइबर सेल की जांच में जब सबूत सामने आए, तो आरोपी छात्रों ने अपनी गलती स्वीकार कर ली और माफी मांगी।
कॉलेज प्रशासन ने दी कड़ी सजा
कॉलेज प्रशासन ने कानपुर मेडिकल कॉलेज रैगिंग मामले में कड़ा रुख अपनाते हुए सभी आरोपी छात्रों को छह महीने के लिए सस्पेंड कर दिया।
रैगिंग के खिलाफ सख्त कार्रवाई जारी
कानपुर मेडिकल कॉलेज रैगिंग मामला – भविष्य के लिए कड़ा संदेश
यह मामला अन्य छात्रों के लिए एक सबक है कि रैगिंग एक गंभीर अपराध है, जिस पर कॉलेज प्रशासन और सरकार सख्ती से कार्रवाई कर रही है।
भविष्य में कड़ी सजा का प्रावधान
कॉलेज प्रशासन ने यह भी साफ कर दिया है कि भविष्य में इस तरह की घटना दोबारा होने पर और भी कड़ी सजा दी जाएगी।
कानपुर मेडिकल कॉलेज रैगिंग मामले में आठ सीनियर छात्रों को दोषी ठहराते हुए सजा दी गई है। फर्जी इंस्टाग्राम ID से जूनियर छात्रों को परेशान करना साइबर क्राइम की श्रेणी में आता है, और इस मामले में प्रशासन की कड़ी कार्रवाई ने अन्य छात्रों को सतर्क कर दिया है।
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