उत्तर प्रदेश में मनरेगा कार्यों की ड्रोन तकनीक से निरंतर निगरानी का महत्व
उत्तर प्रदेश में मनरेगा कार्यों की ड्रोन तकनीक से निगरानी के लिए एक नई शुरुआत की गई है। इस पहल से जहां मनरेगा योजना के तहत किए गए कार्यों की गुणवत्ता पर सख्त नजर रखी जा रही है, वहीं यह सरकार के डिजिटल इंडिया मिशन को भी आगे बढ़ाता है। सरकार की यह पहल मनरेगा योजना 2023-24 में कार्यों की पारदर्शिता और गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया एक महत्वपूर्ण कदम है।
ड्रोन तकनीक से निगरानी: एक नई दिशा
मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम) के तहत चलने वाले कार्यों में पारदर्शिता और गुणवत्ता की निगरानी बहुत आवश्यक होती है। उत्तर प्रदेश सरकार ने इस समस्या का समाधान ड्रोन तकनीक के जरिए किया है। यह नई तकनीकी पहल, जहां कार्यों की वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी के जरिए निगरानी की जाती है, ने उत्तर प्रदेश ड्रोन तकनीक निगरानी के क्षेत्र में एक नया आयाम जोड़ा है।
क्यों जरूरी है ड्रोन तकनीक?
मनरेगा योजनाओं में वित्तीय सहायता का प्रबंधन और कार्यों का कार्यान्वयन बड़े पैमाने पर होता है, और अक्सर यह देखा जाता है कि इन योजनाओं में गुणवत्ता संबंधी समस्याएं आती हैं। ड्रोन तकनीक से इन कार्यों की नियमित निगरानी की जाती है, जिससे यह सुनिश्चित किया जाता है कि सभी कार्य सही तरीके से और समय पर पूरे हों।
ड्रोन का उपयोग भी योजनाओं में भ्रष्टाचार और गड़बड़ियों को रोकने के लिए एक प्रभावी उपाय के रूप में देखा जा रहा है। मनरेगा कार्यों की ड्रोन तकनीक से निगरानी से अब अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने में मदद मिलती है कि सभी परियोजनाएं सही दिशा में चल रही हैं और किसी भी प्रकार की गड़बड़ी का पता तुरंत लगाया जा सकता है।
यूपी में ड्रोन तकनीक का इस्तेमाल
उत्तर प्रदेश में मनरेगा योजना 2023-24 के तहत विशेष रूप से बाराबंकी और रायबरेली जनपदों में ड्रोन टीमों की तैनाती की गई है। इन टीमों द्वारा मनरेगा कार्यों की ड्रोन तकनीक से निगरानी करते हुए योजनाओं की गुणवत्ता का मूल्यांकन किया जा रहा है।
बाराबंकी और रायबरेली में ड्रोन टीम की तैनाती
आयुक्त, ग्राम्य विकास जीएस प्रियदर्शी द्वारा बाराबंकी और रायबरेली जनपद की चिन्हित की गईं 20-20 ग्राम पंचायत में वर्ष 2023-24 में मनरेगा के अन्तर्गत करायें गये सभी कार्यों की ड्रोन टीम से वीडियोग्राफी/ फोटोग्राफी कर निरीक्षण /निगरानी करने के निर्देश दिए गए हैं। इस सम्बन्ध में बाराबंकी और रायबरेली जनपद के मुख्य विकास अधिकारी को निर्देश दिए गए हैं कि वह ड्रोन टीम को सहयोग प्रदान करने हेतु अधीनस्थ अधिकारियों व कर्मचारियों की ड्यूटी लगाना सुनिश्चित करें। बता दें कि निर्धारित रोस्टर के अनुसार बाराबंकी और रायबरेली जनपद के अलग-अलग विकास खण्डों की 20-20 ग्राम पंचायतों में 08 नवंबर से 17 नवंबर तक ड्रोन टीम सौंपे गये दायित्वों का निर्वहन करेगी।
बाराबंकी और रायबरेली जनपदों में ड्रोन तकनीक का उपयोग और निगरानी करने के लिए विशेष टीमें भेजी गई हैं। इन टीमों को निर्देश दिया गया है कि वे 2023-24 के दौरान 20-20 ग्राम पंचायतों में मनरेगा कार्यों का निरीक्षण करें। ड्रोन तकनीक से वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी करके अधिकारियों को समय पर रिपोर्ट प्रदान की जाएगी।
यह पहल उत्तर प्रदेश ड्रोन तकनीक निगरानी को एक नई दिशा देती है और यह सुनिश्चित करती है कि मनरेगा योजना के तहत किए गए कार्यों में कोई समझौता न हो।
ड्रोन तकनीक से निगरानी के फायदे
ड्रोन तकनीक का इस्तेमाल मनरेगा कार्यों की ड्रोन तकनीक से निगरानी में कई महत्वपूर्ण फायदे प्रदान करता है, जो इस प्रकार हैं:
- सटीकता और पारदर्शिता: ड्रोन के जरिए निगरानी में कोई भी कार्य छूटता नहीं है और पूरी प्रक्रिया पारदर्शी होती है। यह तकनीकी रूप से सभी गतिविधियों का रिकॉर्ड रखती है, जिससे किसी भी प्रकार की गड़बड़ी या धोखाधड़ी का पता चल सकता है।
- समय और संसाधनों की बचत: पूर्व में, कार्यों की गुणवत्ता की जांच के लिए अधिकारियों को बहुत समय और संसाधनों का उपयोग करना पड़ता था। ड्रोन तकनीक से यह प्रक्रिया तेज और सरल हो गई है।
- फील्ड रिपोर्टिंग में मदद: ड्रोन टीमों के जरिए किए गए निरीक्षण के परिणाम तत्काल प्राप्त होते हैं, जिससे फील्ड रिपोर्टिंग में मदद मिलती है। अधिकारियों को योजनाओं के बारे में जल्दी से जानकारी मिलती है और यदि कोई गड़बड़ी पाई जाती है तो तुरंत कार्रवाई की जा सकती है।
- निगरानी में दक्षता: ड्रोन से निगरानी के द्वारा योजना के कार्यों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने में दक्षता बढ़ी है। इससे योजनाओं के समुचित और कुशल कार्यान्वयन को सुनिश्चित किया जा रहा है।
मनरेगा कार्यों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए सख्त निर्देश
उत्तर प्रदेश के ग्रामीण विकास विभाग द्वारा मनरेगा कार्यों की ड्रोन तकनीक से निगरानी के लिए कई सख्त निर्देश दिए गए हैं। विभाग ने सभी अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं कि ड्रोन टीम को सभी आवश्यक सहयोग प्रदान किया जाए। साथ ही, यह भी सुनिश्चित किया गया है कि मनरेगा योजना 2023-24 के अंतर्गत किए गए कार्यों की गुणवत्ता पर लगातार निगरानी की जाए।
अधिकारियों की भूमिका
अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं कि वे ड्रोन टीम को पूरी सहायता प्रदान करें और कार्यों की निगरानी के लिए उनकी तैनाती को सुनिश्चित करें। बाराबंकी और रायबरेली जनपदों के अधिकारियों को यह जिम्मेदारी दी गई है कि वे अपने अधीनस्थ कर्मचारियों की ड्यूटी लगाकर ड्रोन टीम का समर्थन करें।
ड्रोन टीम का रोस्टर और निरीक्षण कार्य
बाराबंकी और रायबरेली जनपद में 08 नवंबर से 17 नवंबर तक ड्रोन टीम द्वारा मनरेगा कार्यों की ड्रोन तकनीक से निगरानी का कार्य किया जाएगा। इन टीमों को निर्धारित रोस्टर के अनुसार ग्राम पंचायतों में निरीक्षण करने का कार्य सौंपा गया है।
यह कार्य सुनिश्चित करेगा कि मनरेगा के तहत किए गए कार्य सही तरीके से चल रहे हैं और किसी भी प्रकार की अनियमितताएँ सामने नहीं आ रही हैं।
भविष्य में ड्रोन तकनीक का प्रभाव
उत्तर प्रदेश में मनरेगा कार्यों की ड्रोन तकनीक से निगरानी का प्रयोग केवल एक शुरुआत है। आने वाले समय में, यदि यह तकनीक सफल होती है, तो इसे अन्य योजनाओं में भी लागू किया जा सकता है। सरकार की योजना है कि इस प्रकार के तकनीकी उपायों से सभी योजनाओं की पारदर्शिता और कार्यान्वयन को और बेहतर बनाया जाए।
डिजिटल इंडिया के तहत सुधार
उत्तर प्रदेश ड्रोन तकनीक निगरानी का यह कदम सरकार की डिजिटल इंडिया पहल के तहत बहुत महत्वपूर्ण है। यह न केवल सरकारी योजनाओं में पारदर्शिता लाने में मदद करेगा, बल्कि ग्रामीण विकास योजनाओं को तकनीकी दृष्टिकोण से मजबूत भी बनाएगा।
मनरेगा कार्यों की ड्रोन तकनीक से निगरानी का यह कदम उत्तर प्रदेश में ग्रामीण विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। यह न केवल कार्यों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने में मदद करता है, बल्कि सरकारी योजनाओं में भ्रष्टाचार और अनियमितताओं को रोकने के लिए भी एक प्रभावी कदम है। मनरेगा योजना 2023-24 के तहत इस तकनीक का प्रयोग निश्चित रूप से कार्यान्वयन में सुधार करेगा और योजनाओं की सफलता सुनिश्चित करेगा।
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