मिल्कीपुर उपचुनाव विवाद: अखिलेश यादव के आरोपों से गरमाई सियासत

उत्तर प्रदेश के मिल्कीपुर उपचुनाव विवाद ने तूल पकड़ लिया है। समाजवादी पार्टी (सपा) प्रमुख अखिलेश यादव ने इस चुनाव में धांधली के गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग निष्पक्षता से काम नहीं कर रहा है और सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को फायदा पहुंचाने के लिए पुलिस और प्रशासन की मदद ली जा रही है।
अखिलेश यादव ने चुनाव आयोग पर साधा निशाना
बीजेपी पर लगाया धांधली का आरोप
अखिलेश यादव ने मिल्कीपुर उपचुनाव विवाद को लेकर कहा कि यह चुनाव निष्पक्ष नहीं था। उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी सरकार प्रशासन का दुरुपयोग कर रही है और चुनाव आयोग इस पर कोई कार्रवाई नहीं कर रहा। अखिलेश ने कहा,
“चुनाव आयोग मर चुका है, हमें उसे सफेद कपड़ा गिफ्ट करना पड़ेगा।”
उनके इस बयान ने सियासी हलकों में हलचल मचा दी है।
राम गोपाल यादव का आरोप – पुलिस ने दिया धमकी
समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता राम गोपाल यादव ने भी मिल्कीपुर उपचुनाव विवाद पर कड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि पुलिस सपा कार्यकर्ताओं को धमका रही थी और कह रही थी,
“तुमको बर्बाद कर देंगे।”
उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि पुलिस मतदाताओं को डराने के लिए जबरन उनके पहचान पत्र चेक कर रही थी।
फर्जी वोटिंग का आरोप और स्टिंग ऑपरेशन
सोशल मीडिया पर वायरल हुआ स्टिंग ऑपरेशन
अखिलेश यादव ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल से एक स्टिंग ऑपरेशन का ऑडियो क्लिप शेयर किया। इसमें कथित तौर पर पीठासीन अधिकारियों को फर्जी वोटिंग में मदद करते हुए सुना जा सकता है। उन्होंने कहा कि मिल्कीपुर उपचुनाव विवाद में चुनाव आयोग और सुप्रीम कोर्ट को संज्ञान लेना चाहिए।
एसएसपी ने आरोपों को किया खारिज
अयोध्या के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राज करण नैय्यर ने इन आरोपों को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि पुलिस मतदाताओं को धमका नहीं रही थी और पहचान पत्रों की जांच करने की खबरें गलत हैं।
बीजेपी ने किया पलटवार
बीजेपी सांसद रवि किशन ने अखिलेश यादव के बयान पर पलटवार करते हुए कहा,
“लोकसभा चुनाव के बाद ये लोग संसद में बम-बम हो गए थे, तब इन्हें चुनाव आयोग याद नहीं आया।”
उन्होंने सपा पर हार का ठीकरा चुनाव आयोग पर फोड़ने का आरोप लगाया।
मिल्कीपुर उपचुनाव विवाद को लेकर समाजवादी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी के बीच तकरार तेज हो गई है। जहां एक ओर अखिलेश यादव और उनकी पार्टी धांधली के आरोप लगा रही है, वहीं बीजेपी और प्रशासन इन आरोपों को सिरे से खारिज कर रही है। इस विवाद का असर यूपी की आगामी राजनीति पर भी देखने को मिल सकता है।
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